मंगलवार, 11 फ़रवरी 2025

khumb श्रद्वालुओं का banaras में मुस्लिम कर रहे स्वागत

ये नज़ीर और कबीर का शहर है जनाब, चाहे जिस नाम से इसे पुकारों 

Varanasi (dil India live). हमारे बनारस में हमारे मुस्लिम समाज के कुछ भाई जो श्रद्धालु कुंभ से लौटकर वाराणसी में काशी विश्वनाथ का दर्शन और घूमने के लिए आए हैं, उनका तहे दिल से हमारे मुस्लिम समाज के लोग स्वागत कर रहे हैं स्वागत ही नहीं बल्कि अपने घरों में रहने का भी इंतजाम कर रहे हैं। कहीं-कहीं खाना भी खिलाया जा रहा है जो एक बहुत बड़ी आपसी भाईचारे की मिसाल है बनारस को गंगा जमुनी तहजीब का मरकज कहा जाता है जो हमेशा से रहा है और हमेशा रहेगा कुछ सांप्रदायिक लोग हमेशा माहौल खराब करने के लिए लगे रहते हैं आपसी भाईचारे को तहस नहस करने पर तुले रहते हैं ऐसे लोगों के लिए यह एक नसीहत है मुसलमानों के कुंभ  में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया इससे हमारे ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ता जरूरत इस बात की है कि आपसी भाईचारा बनी रहे हम अपने तमाम मुस्लिम समाज के लोगों से कहना चाहते हैं जिन लोगों के पास भी हमारे तीर्थ यात्री भाई आए उनका दिल खोलकर स्वागत करें उनको रखने का इंतजाम करें खाने पिलाने का इंतजाम करें इलाहाबाद में जिस तरीके से मस्जिदों और मदरसों खानकाओं का दरवाजा खोल दिया गया उनके स्वागत के लिए । और इसके साथ ही खाने पीने सोने ठहरने के इंतजाम किया गया वह काबिले तारीफ है और सांप्रदायिक ताकतों को एक नसीहत है इस्लाम हमेशा मोहब्बत का पैगाम देता है हमें मदरसों में पढ़ाया गया है और इस्लाम यह कहता है कि अगर आपका पड़ोसी भूखा है परेशान है चाहे वह किसी भी जात बिरादरी का हो तो हम उसकी मदद करें यही हमारे रसूल ने फरमाया है बहुत अच्छी बात है तमाम मुसलमान भाइयों को चाहिए कि जिसके घर में जगह हो ऐसे श्रद्धालुओं को ठहराने खाने पिलाने का इंतजाम करें और उनकी मुकम्मल सेवा करें अल्लाह इसका अजर देगा, धन्यवाद।

अतहर जमाल लारी

सामाजिक कार्यकर्ता वाराणसी 

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