शाद अब्बासी मालती बाग कब्रिस्तान में होंगे सुपुर्द-खाक
Mohd Rizwan
Varanasi (dil India live). मशहूर शायर अबुल कासिम, शाद अब्बासी अब इस दुनिया में नहीं रहे। पूर्वांचल के मशहूर बुजुर्ग शायर शाद अब्बासी का आज तड़के इंतकाल हो गया। शाद अब्बासी के इंतकाल की पुष्टि मशहूर शायर व परिवार से जुड़े जमजम रामनगरी ने की। उन्होंने कहा कि बनारस शहर के बुजुर्ग शायर, लेखक सामाजिक चिंतक शाद अब्बासी साहब का बढ़ती उम्र के कारण आज देहांत हो गया है। उनकी मिट्टी आज शाम 6:00 बजे उनकी आबाई कब्रिस्तान मालती बाग रेवड़ी तालाब में पड़ेगी। जैसे ही शाद अब्बासी के इंतकाल की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई पूर्वांचल के उर्दू अदब और साहित्यकारों में अफसोस की लहर दौड़ गई। अजीज रिश्तेदार उनके दौलतखाने पर पुरसा करने जुटने लगे।
सुल्तान क्लब समेत कई संगठनों ने जताया अफसोस
मशहूर बुजुर्ग शायर, लेखक व सामाजिक चिंतक अबुल कासिम (शाद अब्बासी) का बढ़ती उम्र के कारण आज रविवार को सुबह 10 बजे, 88 वर्ष की अवस्था में देहांत हो गया है। उनके इंतेकाल से सामाजिक, अदबी, इल्मी हलकों में शोक की लहर दौड़ गई।
शाद अब्बासी साहब के निधन पर सामाजिक संस्था सुल्तान क्लब, उर्दू बीटीसी टीचर्स एसोसिएशन, जमीअतुल अंसार, जमीअत उलेमा आदि संस्थाओं ने शोक सभा आयोजित कर खिराजे अकीदत पेश की। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि शाद साहब बहुत ही नेक दिल और बेहतरीन अखलाक वाले इंसान थे, आखिरी सांस तक आपने उर्दू शिक्षा के लिए काम किया। आपके निधन से उर्दू दुनिया में बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। मरहूम को रविवार शाम उनके पैतृक कब्रिस्तान मालती बाग रेवड़ी तालाब में सैकड़ों लोगों के बीच सुपुर्द खाक किया गया।
शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातीन नोमानी, बीएचयू उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर आफताब अहमद अफ़ाक़ी, जमीयत उलेमा जिला बनारस के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल्लाह नासिर, सामाजिक संस्था सुल्तान क्लब के अध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक, जमाते इस्लामी जिला बनारस के सदर डॉक्टर एम. अकबर, उर्दू बीटीसी टीचर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी जफर अंसारी, जमीअतुल अंसार के जनरल सेक्रेटरी इशरत उस्मानी, आजाद हिंद रिलीफ सोसाइटी के जुल्फिकार अली, मरियम फाउंडेशन के शाहिद अंसारी, असलम खलीफा, सर सैयद सोसाइटी के हाजी इहतेयाक अंसारी,पूर्व प्रोफेसर नसीम अख्तर,संत अलहनीफ के हाजी वसीम,शायर ज़म ज़म रामनगरी, अहमद आजमी, निजाम बनारसी, आमिर शौकी, आलम बनारसी इत्यादि ने अफसोस का इज़हार किया है।
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