सांस्कृतिक अध्ययन पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी
Varanasi (dil India live). 13.10.2023. वरिष्ठ टीवी पत्रकार सुमित अवस्थी ने शुक्रवार को डीएवी पीजी कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में कहा कि सामाजिक ताने बाने को बनाये रखने का दायित्व मीडिया का रहा है। धीरे धीरे सोशल मीडिया के बढ़ते दायरे ने उस ताने बाने को बिगाड़ने में ज्यादा भूमिका निभाई। वे डीएवी में अंग्रेजी विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय 'सांस्कृतिक अध्ययन : भाषा, साहित्य एवं मीडिया विषय पर आयोजित संगोष्ठी के समापन सत्र में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।
उन्होंने कहा की अपने व्यक्तित्व को उठाना है कि तो हमें व्यक्तिवादी सोच से ऊपर उठना होगा। भाषा, साहित्य और मीडिया तीनों एक दूसरे के पूरक है। मीडिया में बदलते दौर के साथ चुनौती और बढ़ गयी है, तकनीक के साथ हमे खुद को बदलना होगा। बदलती तकनीक का उपयोग हमें सकारात्मक रूप में कर समाज के लिए कुछ बेहतर करने की दिशा मे करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकारिता के गिरते मूल्यों को छोटे शहर के पत्रकारों ने अब भी बचा कर रखा है।
विशिष्ट वक्ता पौलेण्ड, अंग्रेजी भाषा विश्वविद्यालय से आये डॉ. लुकाज बरेंसकी ने कहा कि पोलिश साहित्य के अनुवाद से हमने सांस्कृतिक विभिन्नताओं को जाना और समझा। यह साहित्य और मीडिया का ही लाभ है जिसमें हम उन देशों की संस्कृति और विरासत को समझ पाते है जिनकी भाषा हमसे इतर है। विशिष्ट वक्ता काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर कृष्ण मोहन पाण्डेय ने कहा कि मीडिया के बढ़ते प्रभाव के दौर में विचारों की स्वतंत्रता अत्यंत आवश्यक है। स्वतंत्र विचारों से कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है। मीडिया को बंधन में रखना लोकतंत्र के लिए उचित नही है। अध्यक्षता महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य प्रो. सत्य गोपाल ने किया। इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत डॉ. इंद्रजीत मिश्रा ने किया। संचालन डॉ. महिमा सिंह ने किया।
वक्ताओं में ये भी रहे शामिल
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. अनुराग दवे ने भारतीय सिनेमा में हुए बदलाव पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। उनके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. वरुण गुलाटी ने भारत के संदर्भ में, मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रो. सुधीर नारायण सिंह ने सांस्कृतिक अध्य्यन के प्रारंभिक दौर, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के राहुल चतुर्वेदी ने प्रशंसक संस्कृति पर प्रकाश डाला।
इनकी रही सहभागिता
संगोष्ठी में देश विदेश के लगभग 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने सहभागिता की। नेपाल, रूस, यूक्रेन के अलावा ब्रिटेन के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में डीएवी कॉलेज के उपाचार्य प्रो. समीर पाठक, डॉ. राहुल, डॉ. विजय नाथ दुबे, डॉ. संगीता जैन, डॉ. वंदना बालचंदनानी, साकेत मिश्रा, संस्कृति पाण्डेय आदि सहित समस्त अध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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