शुक्रवार, 6 अक्तूबर 2023

Hazrat Bahadur Shahid के उर्स में टूटी धर्म और मजहब की दीवारें







Mohd Rizwan 
Varanasi (dil India live).06.10.2023. किसी शायर ने क्या खूब लिखा है ''कोई हिंदू न मुसलमान न ईसाई है, गुलशन-ए-हिंद में मिलजुल कर बहार आई है...'' शायर के अशरार की तस्दीक हुई हज़रत बाबा बहादुर शहीद रहमतुल्लाह अलैह के उर्स में. हजरत सैयद बाबा बहादुर शहीद रहमतुल्लाह अलैह के कैंटोनमेंट स्थित आस्ताने पर उर्स के दौरान धर्म और मजहब की दीवारे टूटती दिखाई दी. क्या हिंदू क्या मुस्लिम, सभी मजहब के लोग बाबा के दर पर मन्नते और मुराद मांगते दिखाई दिए. दो दिनी उर्स में पहले रोज़ उलेमाओं ने नबी की जिंदगी और औलिया-ए- कराम के करामत पर रोशनी डाली, बाबा का दर नज़्म और हमदो सना से गूंज रहा था, नातिया शायर कलाम पेश करते नजर आए. इस दौरान चादर गागर का नजराना पेश किया गया. शाम में मगरिब की नमाज के बाद बाबू भाई के आवास से सरकारी चादर का जुलूस निकला जो अपने परम्परागत रास्तों से होते हुए बाबा के दर पर पहुंचा, जहां लोगों ने अकीदत और एहतराम के साथ बाबा की चादरपोशी की. समाचार लिखे जाने तक उर्स जारी था.

फैज और सुकुन पाने आते हैं अकीदतमंद

वाराणसी. छावनी स्थित हजरत बाबा बहादुर शहीद रहमतुल्लाह अलैह का दर लोगों की अकीदत का मरकज है. यह दर लोगों की बिगड़ी बनाने के लिए मशहूर है. जो परेशानहाल है या फिर भूत प्रेत ने जिन्हें घेर रखा है, या फिर जिसे औलाद नहीं हो रही है ऐसे लोग बाबा के सद्भावना पार्क स्थित आस्ताने पर दस्तक देते हैं और यहां से फैज और सुकुन पाकर वापस लौटते हैं. गद्दीनशी मो. सग़ोरुल्लाह खां बाबू व समीउल्लाह खां दावा करते हैं कि यह आस्ताना मिल्लत का मरकज है यहां सभी मजहब के लोग बिना किसी भेदभाव के हाजिरी लगाने उमड़ते हैं. आस्ताने के ख़ादिम दिखाते है कि ये देखिये भूतों से छुटकारा पाने के लिए झूमती औरतें, पुरुष और बुजुर्ग दिन भर यहां आते हैं और बाबा के फैज़ से ठीक हो कर यहां से जाते हैं. यहां आने वालों का भरोसा बाबा है, जो उन्हें इस आधुनिक युग में भी सुकून दे रहे हैं. आज साइंस भूत-प्रेत जैसी बातों को नहीं मानता, फिर भी तमाम लोग हज़ारों की संख्या में यहां आते हैं. पूर्वाचल के साथ ही बिहार, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मुंबई और विदेशों तक से लोग यहां अपनी परेशानी दूर करने पहुंचते है. बाबा के उर्स में तो यहां मेला लगा हुआ है. आम दिनों में भी यहां काफी भीड़ होती है. हर जुमेरात व नवचंदी जुमेरात को भूत, प्रेत से छुटकारे के लिए लोग दूर दराज से आने वालों की तादाद बढ़ जाती हैं. लोगों का दावा है कि शैतान (भूत) कितना भी शक्ति वाला हो बाबा के गुस्ल का पानी पड़ते ही वो पनाह मांगता है. यहां विगत चार दशक से आ रहे बुजुर्ग राम नाथ की माने तो बाबा के अंदर बहुत शक्ति है. वह भूत प्रेत सब खत्म कर देते है. बिहार के पटना से आए आए जामवंत ने बताया कि पत्नी कई सालों से बीमार थी. बाबा के दर पर हाजिरी लगयी तो अब वह पूरी तरह ठीक हो गई है. हाशिम ने बताया मां की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी काफी इलाज करवाया, वह कुछ साल पहले मजार पर दुआ करने आई थी. अब वह धीरे-धीरे ठीक हो गयी. मजार के सज्जादानशीन सगीरुल्लाह खां ने बड़ी सहजता से इसे गंगा जमुनी तहजीब का नायाब उदाहरण बताया. उन्होंने इस दरगाह के बारे में बताया कि जो लोग नजिस और नापाक होते है और हराम मौत मारे जाते है, उनको रूह भटकती रहती है। वह लोगों को अपना शिकार बनाती, साथ ही आज की दुनिया में लोग हसद और बदला लेने के लिए जादू टोना करवाते है. ऐसे लोगों को इन बिमारियों व जादू टोने से छुटकारा देते हैं हजरत बाबा बहादुर शहीद. तभी तो बाबा का दर हमेशा आबाद रहता है.

कोई टिप्पणी नहीं:

फूलों की खेती और उससे बने उत्पाद आर्थिक दृष्टि से अत्यंत लाभकारी-भक्ति विजय शुक्ला

Sarfaraz Ahmad  Varanasi (dil India live). फूलों की बढ़ती मांग और ग्रामीण किसानों तथा महिलाओं में फूलों की खेती के प्रति रुचि को देखते हुए, ...