हर तरफ जश्न का माहौल, ख्वातीन ने भी सजाई महफ़िल
Varanasi (dil India live). 03.10.2023. हिजरी कैलेंडर के तीसरे महीने रबीउल अव्वल की 17 तारीख, को शिया मुस्लिमों ने आख़िरी नबी पैग़म्बर मोहम्मद का और छठे इमाम हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ के जन्म दिवस के उपलक्ष्य पर शहर भर में महफिले सजाई. पहली महफ़िल हाजी अफ़सर हुसैन और हाजी अनवर हुसैन के संयोजन में भेलुपुरा की मस्जिद क़ायम में आयोजित हुई तो मदरसा इमानिया में मौलाना ज़फर हुसैनी के संयोजन में क़दीमी महफिल हुई जिसमें दिल्ली से आये मौलाना मुमताज़ अली ने नूरानी तक़रीर पेश की. इसके अतिरिक्त प्रो. अज़ीज़ हैदर, रेहान बनारसी, अतश बनारसी, मेहंदी बनारसी, रिज़वान बनारसी ने बेहतरीन कलाम पेश किया.
पितरकुण्ड में अफाक हैदर बबलू के निवास पर ख्वातीन ने महफ़िल का आयोजन किया, पैग़म्बर मोहम्मद साहब और इमाम जाफ़र सादिक की शान में इस दौरान कसीदे पढ़े गये.
शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने बताया कि शिया समुदाय आख़िरी पैग़म्बर मोहम्मद साहब का जन्मदिन 17 रबी उल अव्वल को मानता है. इनकी माता का नाम आमना और पिता का नाम अब्दुल्ला था. पैग़म्बर साहब का जन्म को हिजरी कैलेंडर के अनुसार 1494 साल है चुके हैं, ईसवी कैलेंडर के अनुसार इनका जन्म 22 अप्रैल 571 ई. में हुआ. इमाम जाफ़र सादिक़ जिनका जन्म 23 अप्रैल 702 ई० में हुआ था, हिजरी कैलेण्डर के अनुसार 17 रबीउल अव्वल 84 हिजरी में हुआ. इमाम जाफ़र सादिक़ शिया मुसलमानों के इतिहास और ईमान के लिए काफी महत्वपूर्ण स्थान रखते है इसलिए ही शिया मुलमानों को फ़िरक़ा जाफ़रिया के नाम से जाना जाता है. इमाम जाफ़र सादिक़ ने पहली यूनिवर्सिटी की नींव रखी थी, जहां दुनियाभर के छात्र आते थे.
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