अल्पसंख्यक कल्याण विभाग करता है मदरसों का संचालन
शिक्षा विभाग के दखल से मदरसों में हो रही है़ असहजता की स्थिति
Varanasi (dil India live). 25.10.2023. मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा विभाग कि एक न्यूज ने प्रदेश भर के मदरसों की नींद उड़ा दी. मुजफ्फरनगर में बीएसए ने नोटिस जारी कर कहा है कि जिस मदरसों की मान्यता नहीं है वो हर दिन के हिसाब से दस हजार रुपए जुर्माना जमा कर दें. सोशल मीडिया पर बीएसए की न्यूज़ वायरल क्या हुई बनारस से लेकर बरेली, जौनपुर से लेकर देवबंद तक हड़कंप मच गया. हालांकि जब पड़ताल किया गया तो मामला उल्टा निकला, बेसिक शिक्षा विभाग को तो मदरसों के जांच का ही अधिकार नहीं है. इसकी पुष्टि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने की. कहा कि 1995 में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के गठन के बाद मदरसों का समस्त कार्य अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को हस्तानांतरित कर दिया गया। डॉ. जावेद ने कहा कि इसके बाद उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम 2004 प्रतिस्थापित किया गया जिसके माध्यम से उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी और फारसी मदरसा मान्यता, प्रशासन और सेवा विनियमावली 2016 बनाई गई. जिसके बाद से जिला मदरसा शिक्षा अधिकारी का तात्पर्य जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से हो गया. निरीक्षक अरबी मदरसा अथवा अध्यक्ष या निदेशक द्वारा नामित किसी अधिकारी द्वारा कभी भी मदरसों का निरीक्षण किया जा सकेगा. उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम 2004/ विनियमावली 2016 में दिए व्यवस्था के तहत अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अलावा किसी भी विभाग के अधिकारी द्वारा ना तो मदरसों का निरीक्षण किया जाएगा और ना ही किसी प्रकार की नोटिस दी जाएगी. डॉ. जावेद ने कहा कि अक्सर संज्ञान में आता है कि नियमों से हट कर शिक्षा विभाग के अधिकारी जो सक्षम प्राधिकारी ना होने के बावजूद उनके द्वारा जनपद में संचालित मदरसों का निरीक्षण किया जाता है और नोटिस भी दी जाती है जो अधिनियम के विपरीत है. उधर आल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के राष्ट्रीय महामंत्री वहीदुल्ला खान सईदी ने कहा है कि मान्यता प्राप्त अथवा गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच करने, मान्यता न होने की दशा में उन्हें किसी प्रकार की नोटिस अथवा जुर्माना वसूलने का कोई भी अधिकार बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा विभाग को नहीं है. यदि किसी जनपद में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा मदरसों की जांच अथवा जुर्माना की नोटिस दी जाती है तो वह मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम 2004 का सीधे-सीधे उल्लंघन होगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार/ निरीक्षक, उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा भी उत्तर प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को संबोधित दिनांक 3 नवंबर 2022 को प्रेषित पत्र में भी इस बात को स्पष्ट कर दिया गया था। यदि किसी जनपद के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जुर्माना की नोटिस दिया जाना अनियमित है. निदेशक बेसिक शिक्षा/ माध्यमिक शिक्षा को उपरोक्त प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया जाना न्यायोचित होगा.
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