शुक्रवार, 27 अक्तूबर 2023

Desh Duniya में ‘ग्यारहवीं शरीफ’ का जश्न

दावते इस्लामी इंडिया के इज्तेमा में बड़े पीर साहब का चला जिक्र 

-बड़े पीर साहब के उर्स पर हुई घरों में फातेहा

-गौसे पाक का वलियों में सबसे ऊंचा है मर्तबा


Varanasi (dil India live). 27.10.2023. गौसे आज़म हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमां (बड़े पीर साहब) का उर्स-ए-पाक ‘ग्यारहवीं शरीफ’ के रूप में अदबो-एहतराम के साथ देश दुनिया के साथ ही बनारस में भी मनाया जा रहा है। फजर की नमाज़ के बाद से ही मदरसों, मस्जिदों व घरों में कुरानख्वानी, फातिहा व महफिल-ए-गौसुलवरा का आयोजन शुरु हो गया। इससे पहले जुमेरात को दावते इस्लामी इंडिया की ओर से मस्जिद रंगीले शाह दालमंडी में इज्तेमा का खास एहतमाम किया गया। इज्तेमा में बड़े पीर साहब का जिक्र चला। इस दौरान जुमे को सुबह फज्र की नमाज के बाद कुरआन ख्वानी, नियाज-फातिहा का जो सिलसिला शुरू हुआ वो अब पूरा महीना चलता रहेगा। इस दौरान जगह जगह गौस़े पाक का लंगर भी चलेगा। उधर शिवाला में खालिद कादरी के जेरे इंतेज़ाम दूल्हे वाली गली में लंगरे गौसिया का एहतमाम किया गया। लंगर चखने अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ पड़ा। समाचार लिखे जाने तक सैकड़ों लोग लंगर चखने जुटे हुए थे। खालिद कादरी ने बताया कि गौसे पाक की फातेहा के साथ ही लंगर का दौर शुरू हुआ जो देर रात तक चलता रहेगा।

मौलाना अज़हरूल कादरी कहते हैं कि अल्लाह के वलियों में सबसे ऊंचा मरतबा हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी यानी गौस-ए-आज़म का है। हमारे औलिया-ए-किराम व मशायख जिस रास्ते से गुजरे उन रास्तों में तौहीद व सुन्नत-ए-नबी का नूर व खुशबू फैल गई। हिन्दुस्तान में ईमान व दीन-ए-इस्लाम बादशाहों के जरिए नहीं आया बल्कि हमारे इन्हीं बुजुर्गों, औलिया व सूफिया के जरिए आया। ऐसे लोग जिनके चेहरों को देखकर और उनसे मुलाकात करके लोग ईमान लाने पर मजबूूर हो जाते थे। हमें भी इनकी तालीमात पर मुकम्मल अमल करना चाहिए। जिससे दुनिया व आखिरत की कामयाबी मिलेगी। मौलाना कादरी ने कहा कि हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमां अम्बिया अलैहिस्सलाम के सच्चे जानशीन हैं। इस्लाम व ईमान की रोशनी इन्हीं के जरिए से हम तक पहुंची है। हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी अपने मुरीदों के लिए फरमाते हैं कि जब तक मेरा एक-एक मुरीद जन्नत में नहीं चला जाएगा तब तक मैं भी जन्नत में नहीं जाऊंगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

फूलों की खेती और उससे बने उत्पाद आर्थिक दृष्टि से अत्यंत लाभकारी-भक्ति विजय शुक्ला

Sarfaraz Ahmad  Varanasi (dil India live). फूलों की बढ़ती मांग और ग्रामीण किसानों तथा महिलाओं में फूलों की खेती के प्रति रुचि को देखते हुए, ...