गुरुवार, 12 अक्तूबर 2023

इसे ही तो कहते हैं "सौहार्द की काशी"

मुस्लिम समाजसेवी को शंकराचार्य ने किया सम्मानित 


Varanasi (dil India live). 12.10.2023. मेरी एक आंख गंगा, मेरी एक आंख यमुना, मेरा दिल है एक संगम, जिसे पूजना हो आए...। यह कलाम कभी नजीर बनारसी ने बनारस की गंगा जमुनी तहजीब से प्रभावित होकर लिखा था। दशकों बाद आज यह कलाम "सौहार्द की काशी" में मशहूर शायर नजीर बनारसी के अशरार की गवाही देता उस समय नज़र आया जब पूर्व शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की जन्म शताब्दी के उपलक्ष में श्री शंकराचार्य सेवा सम्मान से एक मुस्लिम समाज सेवी को सम्मानित किया गया। ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद 

सरस्वती 1008 द्वारा विद्यामठ में वरिष्ठ समाजसेवी अतहर जमाल लारी को सम्मानित किया। अतहर जमाल लारी जय प्रकाश नारायण के आंदोलनों में साथ रहे हैं और लगातार हिंदू मुस्लिम एकता के लिए काम करते रहे हैं। लारी पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के करीबी थे। चंद्रशेखर ने ही अतहर जमाल लारी को बनारस में जनता पार्टी से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा था।

एक ऐसे समय में जब जाति और धर्म को लेकर सियासत ने आपसी दूरियां बढ़ा दी है, हिंदू मुस्लिम के बीच सौहार्द के विपरित लगातार परस्पर विरोधी बयान आ रहे हैं। ऐसे समय में हिंदू धर्म गुरू द्वारा मुस्लिम का सम्मान शांति और सौहार्द के सेतु का काम करेगा।  

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