संविधान की मूल आत्मा मानवतावादी: संजय सिंह
सामाजिक सद्भाव से देश होगा खुशहाल: रणजीत कुमार
भारत की परिकल्पना विषयक संगोष्ठी सम्पन्न
Ambedkar Nagar (dil india live). जलालपुर तहसील अंतर्गत ग्राम हुसैनपुर में सेंटर फॉर हारमोनी एंड पीस द्वारा राइज एंड एक्ट के तहत राष्ट्रीय एकता, शान्ति, सद्भाव एवं न्याय के लिए "भारत की परिकल्पना " विषयक परिचर्चा आयोजित की गई। इस अवसर पर समता मूलक समाज निर्माण का संकल्प लिया गया।
मुख्य वक्ता कुशीनगर से आये आल इंडिया सेक्युलर फोरम से जुड़े हृदया नन्द शर्मा ने कहा कि आपसी मेल जोल व प्रेम से राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलेगा। भारत हजारों साल से विविध धर्म संस्कृतियों का देश रहा है। सदियों से लोग बेहतर तरीके से एक दूसरे के साथ भाईचारा के साथ रहते आये हैं। हमारे महापुरुषों की आईडिया ऑफ इंडिया की यह परिकल्पना थी जिसमें स्वतंत्रता, समता,बन्धुता और न्याय हो। राम, कृष्ण, बुद्ध, कबीर, गोरख नाथ, स्वामी विवेकानंद,गांधी,नेहरू अंबेडकर, भगत सिंह, को पढ़ेंगे व जानेंगे तभी मेल जोल और साझी संस्कृति को आगे बढ़ा सकेंगे।
बनारस से आये रणजीत कुमार ने कहा कि आपसी मेल जोल के लिए सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना होगा तभी एक सुंदर व खुशहाल भारत बनेगा। ऐसे वातावरण का निर्माण करें ताकि एकता व प्रेम कायम रहे। इस तरह के आयोजन होंने चाहिए जिसमें हम एक दूसरे को समझ सकें। सभी धर्म संस्कृति का सम्मान होगा तभी राष्ट्रीय एकता, शांति, सद्भाव व न्याय कायम होगा।
सामाजिक कार्यकर्ता संजय सिंह ने कहा कि संविधान की मूल अवधारणा लेकर चलें तो सर्वे सुखिना, सर्वे भवन्तु निरामया की उक्ति चरितार्थ होगी। हमारा संविधान मानवतावादी है और सभी के कल्याण और बराबरी के लिए है।उसे पूर्णरूपेण लागू करके बेहतर भारत बना सकते हैं।
डॉ अनिल उपाध्याय उर्फ मेला ने कहा कि सामाजिक एकता को कायम रखने के लिए संयम,जिम्मेदारी व मेल जोल आवश्यक है। इसी क्रम में ग्रामप्रधान रत्नेश मिश्रा, रामजस सिंह, राम बहाल सिंह, गणेश दुबे ने कहा कि अखंड भारत की बात की जाती है जैसे हमारा परिवार। हमें एकता, शांति, न्याय को अक्षुण बनाये रखना होगा। उसके लिए अपनी मानसिकता बदलनी होगी। वक्ताओं ने भारतीय संविधान को जानने समझने व सरकार द्वारा चल रही योजनाओं की चर्चा करते हुए अधिकारों के लिए सजग रहने का आह्वान किया।
स्वागत करते हुये स्थानीय आयोजक मनोज मिश्रा ने इस कार्यक्रम का मकसद बताया कि समाज मे बदलाव आये और सामाजिक न्याय सबको मिले इसी जागरूकता के लिए परिचर्चा रखी गयी है। आभार व्यक्त करते हुए गायत्री ने लिंग भेद, सुरक्षा, भागदारी पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की शुरूआत परिचय से हुआ। लर्निंग सर्किल संचालिका बच्चियों ने स्वागत गीत, राष्ट्रीय गीत प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर आसपास के क्षेत्रों में सद्भावना रैली भी निकाली गई। कार्यक्रम में मोहम्मद इस्माईल, बसन्तलाल, मनोज, शिवदास, दीपक, इमरान अली, सत्यम, श्रद्धा, मुस्कान, बबिता, अंजली, रागनी, आयुष, काजल, अंशिका, निर्मला, बदरुन्निशा सहित सैकड़ों महिला, पुरुष व छात्र - छात्राएं मौजूद रहे।
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