गुरुवार, 11 नवंबर 2021

हुनर-ए-बनारस से चमकेगा माहिलाओं का प्रोडक्ट

फूल से मिलोगा रोज़गार, बनेगी पूजन सामाग्री

 

वाराणसी 11 नवम्बर(dil india live)। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत  प्रधानमन्त्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनके स्वछता अभियान को गति देते हुए एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर वाराणसी के मंदिरों पर चढ़ाए जाने वाले भारी मात्रा में फूलों को अब गंगा नदी में नहीं डाला जाएगा। ये फूल अब रोजगार का जरिया बनेंगे। उक्त को चरितार्थ करते हुए ग्रामीण महिलाओ को मंदिर में चढ़ाये गए फूलों से अगरबत्ती, धुप, हर्बल गुलाल, आदि सामग्री का प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से एस.बी.आई. जनरल इंश्योरेंस कम्पनी के सहयोग से एवं सी.एस.आई.आर. सीमैप एवं एफ.एफ.डी.सी. कन्नौज के तकनीकी सहयोग से तथा साई इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट, वाराणसी के तत्वाधान में “अगरबत्ती, धुप एवं हवन कप कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम” 15 नवम्बर से 30 नवम्बर (15 दिवसीय) का शुभारम्भ रूरल वीमेन टेक्नोलॉजी पार्क, बसनी विकास खंड बडागांव में किया जा रहा है। कार्यक्रम में 25 -25 महिलाओ के बैच में मंदिरों पर अर्पित फूलो से विभिन्न प्रकार के हर्बल प्रोडक्ट बनाने की विधि के साथ- साथ उनको उद्यमिता व् मार्केटिंग का हुनर सिखाया जायेग। जिससे  महिलाओं की आय में बढ़ोत्तरी हो सके और साथ ही महिलाओ को वेस्ट मेटेरियल से पैसा कमाने का हुनर भी सिखाया जायेगा। उक्त जानकारी संदेते हुए साई इंस्टिट्यूट के निदेशक अजय सिंह ने बताया कि इच्छुक महिलाओ का रजिस्ट्रेशन स्टार्ट हो गया है और महिलाओ के द्वारा बने सभी प्रोडक्ट को हुनर-ए-बनारस के ब्रांड नाम से उसके पोर्टल व् मोबाईल एप्प के माध्यम से बाज़ार उपलब्ध कराया जायेगा। ताकि उनके हुनर को लोकल से वोकल बनाया जा सके।

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