आयशा आत्महत्या मामले में फिरंगी महली ने उलेमाओं को लिखा पत्र
शरीयत के खिलाफ है दहेज, न ले समझाया जाये
वाराणसी (दिल इंडिया लाइव/सरफराज अहमद)। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने आयशा खुदकुशी मामले को लेकर तमाम मस्जिदों के इमाम से हर किसी को इस्लामी शरीयत बताने और समझाने की अपील की है। मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने मस्जिदों के इमाम से आग्रह किया है कि इमाम सभी को कानूने शरीयत बताये। शौहर ख्वातीन के अधिकार बताएं और समझाएं कि इस्लाम में दहेज की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा है कि मुसलमान एक ऐसा समूह है जो दहेज के लेनदेन से परहेज करता है, किन्तु कुछ मुसलमानों के समूह में अभी भी गैर इस्लामी, गैर इंसानी रस्म, रिवाज कायम है, यही हमारी बर्बादी की वजह है।
फिरंगी महली ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि इसके कारण बहुत सी लड़कियां निकाह के बाद भी अभागी रहती हैं। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि मुसलमान इस बात का वादा करे कि निकाह में दहेज नहीं मांगेंगे। इससे लड़कियां आत्महत्या जैसा खतरनाक जुर्म नहीं करेंगी। बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद में आयशा नाम की शादीशुदा महिला ने अहमदाबाद रिवर फ्रंट से वीडियो बना परिजनों को भेजने के बाद साबरमती नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी। आयशा के ख़ुदकुशी कर लेने की घटना को लेकर देश भर के मुसिलम उलेमा ने दहेज के लेनदेन को पूरी तरह खत्म करने की मुहिम छेड़ रखी है। खास यह है कि इसमें सभी मसलक के उलेमा एक मंच पर साथ खड़े नज़र आ रहे हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें