शनिवार, 20 मार्च 2021

लम्बे दौर की मांग अंत में रेलवे ने माना

कैंट रेलवे स्टेशन पर पुनः उर्दू साइन बोर्ड लगाया गया

उर्दू प्रेमियों में दिखी खुशी की लहर


वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)।विगत 2 वर्ष पूर्व वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन की मुख्य बाहरी दीवार की मरम्मत के समय हिंदी अंग्रेजी और उर्दू के साइन बोर्ड को हटा दिया गया किन्तु मरम्मत कार्य पूर्ण होने पर केवल अंग्रेज़ी और हिंदी साइन बोर्ड लगाया जाना तथा प्रदेश की दूसरी राजकीय भाषा उर्दू की जान बूझकर उपेक्षा करना उर्दू प्रेमियों को खल रहा था। इसके परिणाम स्वरूप शहर की विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाएं लंबे समय से उर्दू में साइन बोर्ड को दोबारा स्थापित किए जाने के लिए संघर्षशील थी। रेलवे के उच्च अधिकारियों को इस संबंध में कई  बार मांग पत्र सौंपा गया मगर उनके द्वारा कोई सकारात्मक पहल ना होने से लोगों की यह बेचैनी आंदोलन का रूप ले रही थी। मगर सुखद यह है कि अन्ततः रेलवे ने इस मांग का संज्ञान लिया और उर्दू साइन बोर्ड स्थापित कर दिया गया।

व्याकरण की है गलती

इस संदर्भ में विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाओं की एक समीक्षा बैठक हुई जिसमें रेलवे विभाग के प्रति आभार व्यक्त किया गया तथा यह भी मांग की गई कि अभी उर्दू के इस साइन बोर्ड में व्याकरण की गलती(त्रुटि) है जिसको तत्काल दुरुस्त कराया जाए तथा ट्रेनों को पूर्ण रूप से चलाया जाए ताकि जन सामान्य के सुचारू आवागमन को सुनिश्चित किया जा सके। मीटिंग में सामाजिक कार्यकर्ता मनीष शर्मा, विशाल मौर्य, हाजी नासिर जमाल, सुल्तान क्लब के अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक़, जमीअतुल अंसार के महासचिव इशरत उस्मानी,  मरियम फाउंडेशन के महासचिव मोहम्मद शाहिद अंसारी, फन्ने सिपह गिरी एसोसिएशन के असलम खलीफा,उर्दू बी टी सी टीचर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष महबूब आलम, इकबाल कौसर बोदा,एच हसन नन्हे, मुस्लिम जावेद अख्तर, शमीम रियाज़, ताबिश अली, सुलेमान अख्तर आदि उपस्थित थे। 

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