शुक्रवार, 12 मार्च 2021

गेंहू की नई किस्म दूर करेगी आयरन की कमी

कुपोषण के खिलाफ ये आटा लड़ेगा ज़ंग

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। अब गेंहू की नई किस्म शरीर में आयरन और जिंक की कमी को दूर करेंगी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान के सहयोग से हाईजिंक व आयरन वाले इस गेहूं के आटे से बनी रोटी से पोषण मिलेगा। यह आटा खासकर बच्चों के विकास के लिए सर्वोत्तम है। आयरन और जिंक से भरपूर किस्म खासतौर पर महिलाओं में आयरन की कमी के साथ ही बच्चों को कुपोषण से बचाने में भी मददगार साबित होंगा। गेहूं की इस नई प्रजाति के विकास में कृषि विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों नेेे महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस नई किस्म को चंदौली व बनारस के आसपास के जिले के किसानों ने लगाया है। इससे तैयार आटा कुपोषण के विरूद्ध जंग को तैयार है। 
आर्गेनिक हाट करौंदी में यह आटा मौजूद हैं। इसके संचालक आनंद कुमार मिश्र बताते हैं कि हाईजिंक व आयरन वाला आटा के साथ ही करेले का स्पेशल अचार, गिर गाय का घी, अर्जुन छाल पाउडर, बेल चुर्ण, आंवला चूर्ण, कालमेघ, त्रिफला चूर्ण, शहद तथा जैविक जौ का आटा, मडुवा आटा, मल्टीग्रेन, तिल व सरसो का जैविक तेल, बाजरा, मूंगफली, च्यवनप्राश, सुगंधित चावल, गुड़ के साथ ही रसोइ में उपयोग के सभी सामान मिलते हैं। 

आयरन जिंक की कमी से यह नुकसान

भारत में आयन और जिंक की कमी के कारण सूक्ष्म पोषक तत्व एवं कुपोषण की कमी पाई जाती है। 80 फीसदी गर्भवती महिलाओं और 6 से 35 साल तक की उम्र के 74 फीसदी बच्चों में आयरन की कमी पाई जाती है। आयरन की कमी के कारण महिलाओं में गर्भधारण करने में परेशानी, गर्भधारण के दौरान बच्चे की मृत्यु होने के मामले सामने आते हैं। वहीं, जिंक की कमी के कारण बच्चों की शारीरिक वृद्धि रूकने के साथ ही दस्त, निमोनिया जैसी कई बीमारियों का शिकार उन्हें होना पड़ता है। 

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