बुधवार, 31 मार्च 2021

बाहुबली को यूपी लाने की प्रक्रिया शुरु

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी व्हीलचेयर से पहुँचे कोर्ट

बीमार होने के चलते व्हील चेयर से पहुंचे कोर्ट



चंडीगढ़(दिल इंंडिया लाइव) मऊ के बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी की पंजाब की जेल से यूपी जेल लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पंजाब की रोपड़ जेल में बंद अंसारी को बुधवार को मोहाली जेल में लाया गया और उन्हें मोहाली की अदालत में पेश किया गया। मुख्तार अंसारी को फिरौती मांगने के मामले में चार्जशीट की कॉपी देने के लिए आज कोर्ट लाया गया था। मुख्तार अंसारी पर मोहाली के एक व्यापारी को धमकाने और फिरौती मांगने के आरोप हैं। पेशी के बाद मुख्तार अंसारी को फिर से रोपड़ जेल भेज दिया गया। बीमार होने के चलते मुख्तार अंसारी को व्हीलचेयर से अदालत में लाया गया। वहां पर पत्रकारों ने उनसे बात करने का भी प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें कुछ भी बोलने से रोक दिया।मोहाली पुलिस ने बताया कि मुख्तार अंसारी को आज कोर्ट की प्रक्रिया के मुताबिक लाया गया था और वह यहां चालान की कॉपी लेने आया था, जहां पर उसे चालान की कॉपी देकर वापस रोपड़ जेल भेज दिया गया है।अंसारी की 12 अप्रैल को दोबारा पेशी होगी।पंजाब जेल के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार या जेल विभाग जब भी उनसे मुख्तार अंसारी की कस्टडी मांगेगा, उन्हें तत्काल उन्हें सौंप दिया जाएगा।उल्लेखनीय है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल से यूपी की बांदा जेल भेजने का आदेश दिया था।*

प्रभु यीशु के अंतिम भोज्य का दिन थर्स डे

निभाई जायेगी परम्परा बिशप धोएंगे 12 शिष्यों के चरण

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। पाम संडे बीतने के बाद कल थर्स डे है। चर्चेज़ और गिरजाघरों में इस दिन विशेष आयोजन होगा। इस दौरान प्रभु भोज्य का जहां लोगों में प्रसाद मिलेगा वहीं दूसरी ओर बिशप अपने शिष्यों का चरण खुद धोते हैं।

दरअसल प्रभु यीशु अपने पकड़वाए जाने की पूर्व रात्रि को अपने शिष्यों के साथ अंतिम बार भोजन करने बैठे थे। इस दौरान यीशु ने एक रोटी के टुकड़े को उठाया और कहा ये मेरा शरीर है, इसके बाद रोटी को तोड़ा और अपने बारह शिष्यों में उसे बांट दिया। वहां पर उन्होंने नम्रता एवं दीनता के साथ लोगों की सेवा करने का संदेश दिया और अपने शिष्यों के पैरों को धोया। इसी रात्रि को कुछ समय के उपरान्त यीशु मसीह के ही चेलों में से एक यहूदा इस्करियोती ने यीशु मसीह को रोमी सैनिकों द्वारा पकड़वाया। यीशु मसीह को रोमी प्रशासन तंत्र एवं उस समय के धर्म गुरुओं ने क्रूस पर चढ़ाने का निर्णय लिया। ये सारी प्रक्रिया सेंट मेरीज़ महागिरजा में पवित्र वृहस्पतिवार के रुप में मनायी जाती है। जिसमें यीथु  अपने शिष्यों का पैर धोते है और प्रभु भोज्य का प्रसाद बांटते हैं।

गुड फ्राइडे को प्रभु चढ़ाये गए थे क्रूस पर

ये ही वो दिन है जिस दिन प्रभु यीशु मसीह को गोल्गथा नामक पहाड़ पर जो की कलवारी नमक स्थान पर स्थित है क्रुस पर चद़ाया गया। इस घटना से पूर्व प्रभु यीशु मसीह को रोमी सैनिकों एवं धर्मगुरुओं द्वारा अत्यंत वेदनाओं एवं दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा और अंत में क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह ने अपने प्राण त्याग दिए।

क्रूस पर दिए प्रभु ने सात वचन

क्रूस पर से यीशु ने सात दिव्य वचन कहे जिनको गुड फ्राईडे के दिन प्रार्थना सभाओं में स्मरण किया जाता है। यीशु मसीह के मानने वाले इन वचनों को आत्मसाध कर जीवन मैं अपनाने का संकल्प लेते हैं। मसीहियों का ये विश्वास है कि इस दिन को शुभ शुक्रवार इसलिए कहा जाता है क्यूंकि इस दिन प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाती को उनके पापों से बचाने के लिए अपने प्राण दिए और सभी को उद्धार का अवसर प्रदान किया।

ईस्टर पर जी उठे थे प्रभु यीशु

मसीहियों के विश्वास के अनुसार ईस्टर वो दिन है जिस दिन प्रभु यीशु मसीह मृतिकों में से जी उठे। यह दिन हर्ष एवं उल्लास का दिन है। इस दिन सभी गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभाओं का  आयोजन किया जाता है। कई जगहो पर इस दिन प्रभात फेरी भी निकाली जाती है और समस्त लोगों को पभु यीशु के जी उठने का संदेश दिया जाता है।

मंगलवार, 30 मार्च 2021

१२ वे इमाम मेहदी की शान मे हुई महफिलें


शायरो ने पेश किये कलाम, हुई तकरीर

दामन का हर एक दाग तो धोना ही पड़ेगा...

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। हज़रत मुहम्मद (स.) के १२ वे जानशीन जो आज भी दुनिया में मौजूद है, वक़्त आने पर वो सामने आएंगे और दुनिया से ज़ुल्म ओ सितम मिटाएंगे , ये बातें शिया मस्जिद कालीमहाल में हाजी सैयद फरमान हैदर ने इमाम के जश्न की तक़रीर के सिलसिले से ये बातें कही है। इस दौरान कई जगह मेहफिलें हुई, दालमंडी में शाही दानी के निवास पर आयोजित महफिल में मौलाना सैयद अक़ील हुसैन ने नूरानी तक़रीर पेश की। रेहान बनारसी, अंसार बनारसी, वफा अबुतुरबी, इमरान हैदरी, मेहदी बनारसी, अज़ा बनारसी, शराफत बनारसी आदि ने अपने उम्दा कलाम से लोगों को फैज़याब किया। दूसरी ओर मदनपुरा मे बाजार सदानंद में तौक़ीर रज़ा के निवास पर भी मजलिस का आयोजन हुआ जिसमें मौलाना अक़ील हुसैनी ने खितब् किया। इस अवसर पर रज़ा बनारसी , शब्बीर बनारसी, आदि ने कलाम पेश किये। हाजी सैयद फरमान हैदर ने बताया के इमाम की शान मे महफ़िलों का सिलसिला जारी रहेगा । २ अप्रिल को रामनगर गोलाघाट मे खवातीन महफिल सजाएंगी। वहीं ३ अप्रैल को मस्जिद नादे अली मे मेहफिलो का आयोजन होगा और ४अप्रैल को हक़ीम मोहम्मद काजिम् के निवास पर कदीमि महफिल का आयोजन होगा।

 इमाम का जन्म ११८७ साल पहले १५ शाबान २५५ हिजरी मे हुआ था। इमाम के चाहने वाले इमाम की सलामती की दुआएँ करते दिखाई दिए। शिया बिरादरी ने इमाम को याद करते हुए यू कहाँ के "हसीन पर्दो में वो बेनकाब बैठे है, हिजबे गैब में वो बेहिजाब बैठे है" और मशहूर शायर डा. नाज़िम का एक कलाम इमाम की खिदमत मे शायरों ने पेश किया के "रहमत का तलबगर तो होना ही पड़ेगा, दामन का हर एक दाग तो धोना ही पड़ेगा। "

अभी नहीं खुलेंगे स्कूल

बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण हुआ निर्णय

सोमवार से स्कूल खुलने की कर सकते हैं उम्मीद

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। स्कूल 31 मार्च तक के लिए बंद किए गए थे, मगर इतमीनान रखें, अभी स्कूल खुलने वाला नहीं है। प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने बताया कि अब कोरोना के मामले बढ़ते देख शासन ने कक्षा आठ तक के सभी स्कूल रव‍िवार तक बंद रखने का न‍िर्णय ल‍िया है।

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस एक बार फिर तेजी से  पैर पसार रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए उत्‍तर प्रदेश में फिर सतर्कता बढ़ा दी गई है। कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते देख शासन ने निर्णय लिया है कि कक्षा आठ तक के सभी स्कूल चार अप्रैल तक बंद रहेंगे। 

गौरतबल है क‍ि होली के पर्व को देखते हुए सभी स्कूल 31 मार्च तक के लिए बंद किए गए थे। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने बताया कि अब कोरोना के मामले बढ़ते देख शासन ने कक्षा आठ तक के सभी स्कूल रव‍िवार तक बंद रखने का न‍िर्णय ल‍िया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी कार्यक्रम के आयोजन पर रोक नहीं है, लेकिन जुलूस, कार्यक्रम और सार्वजनिक समारोह के लिए अब प्रशासन की अनुमति जरूर लेनी होगी।

रविवार, 28 मार्च 2021

शबे बरात: इबादत में डूबे मोमिनीन, अदा कि खास नमाज़े



अज़ीज़ो ने लगाई अपनों की कब्रों पर हाज़िरी

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ शबे बरात


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ शबे बरात पर इतवार को अपनों  बुजुर्गो की क्रबगाह पर अज़ीजों ने चिरागा किया, उनके नाम पर शमां रौशन किया।:इस दौरान फातेहा पढ़ कर अज़ीज़ो कि मगफिरत की दुआएं मांग कर उन पर सवाब पहुंचाया गया। इस दौरान देर रात तक घरों में भी तमाम लोगो ने इबादत  फातेहा किया  दुआए मगफिरत मांगी। शहर के प्रमुख बुजुर्गो के रौज़ों, आस्तानों और मस्जिदों में ज़ायरीन का हुजुम इस बार दिखाई दिया, लोग देर रात तक इबादत करते दिखे। इबादत गुज़ार रात भर इबादत के बाद सोमवार को सहरी करके नफ्ल रोज़ा रखेंगे।

यहाँ लगाई हाज़िरी, किया ज़ियारत

बनारस शहर के प्रमुख कब्रिस्तानों में तमाम लोग अपने पुरखो कि कब्रगाह पर हाज़िरी लगाई, कब्रो कि ज़ियारत कि खास कर टकटकपुरहुकुलगंज, भवनिया कब्रिस्तान गौरीगंजबहादर शहीद कब्रिस्तान रविन्द्रपुरीबजरडीहा का सोनबरसा कब्रिस्तानजक्खा कब्रिस्तानसोनपटिया कब्रिस्तानबेनियाबाग स्थित रहीमशाहदरगाहे फातमानचौकाघाटरेवड़ीतालाबसरैयाजलालीपुराराजघाट, अलईपुरा समेत बड़ी बाजारपीलीकोठीपठानीटोलापिपलानी कटराबादशाहबागफुलवरियालोहताबड़ागांवरामनगर आदि इलाक़ों की कब्रिस्तानों और दरगाहों में लोगों ने  हर साल पहुच कर शमां रौशन की। पिछ्ली बार लाक डाउन के चलते इन जगहो पर सन्नाटा पसरा थालोगो ने घरो में फातेहा पढ़कर अज़ीज़ों की बक्शीश के लिए दुआएं मगफिरत मांगी थी। घरो में शबे बरात पर रौशनी का भी खास इंतेज़ाम किया गया था।  

घरों में लौटती है पुरखों की रूह




मर्द ही नही घरों में ख्वातीन ने भी शबे बरात की रात इबादत की। इबादत में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे। सुबह से शाम तक घरों में ख्वातीन हलवा  शिरनी बनाने में जुटी हुई थी। शाम में वो भी इबादत में मशगूल हो गयीशबे बरात से ही रुहानी साल शुरू होता है। इस रात रब फरिश्तों की डय़ूटी लगाता है। लोगों के नामे आमाल लिखे जाते हैं। किसे क्या मिलेगाकिसकी जिंदगी खत्म होगीकिसके लिये साल कैसा होगापूरे साल किसकी जिन्दगी में क्या उतार-चढ़ाव आयेगा। ये इसी रात लिखा जाता है साथ ही पुरखों की रूह अपने घरों में लौटती है जिसके चलते लोग घरों को पाक साफ  रौशन रखते हैं।

हलवे की हुई घरों में फातेहा 

शबे बरात पर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में इस बार चहल-पहल दिखाई दी। सूरज डूबते ही घरों में लज़ीज़ हलवोंशर्बतशिरनी की फातेहा का जो दौर शुरू हुआ वो मगरिब की नमाज़ के बाद से इशा की नमाज़ तक चलता रहा। फातेहा के बाद लोगों ने सदका निकालागरीबों और मिस्कीनों को खैरात निकाला और तबरुक लोगों में तकसीम किया। शबे बरात का सबसे ज्यादा उत्साह बच्चों में दिखाई दे रहा था। सुबह से शाम तक घरों में ख्वातीन हलवा  शिरनी बनाने में जुटी हुई थी। शाम में वो भी इबादत में मशगूल हो गयीयह दौर दे रात तक चलता रहा।

पाम संडे को निकला खजूर की डालियों संग जुलूस


राजाओं का राजा आया हैं...

चर्च में बंटा खजूर, हुई आराधना

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। राजाओं का राजा आया है, यीशु राजा आया है...। कुछ ऐसे ही मसीही गीत पेश करते हुए खजूर इतवार को शहर भर में मसीही समुदाय ने जुलूस निकाला।

 मौका था पाम संडे का। दरअसल प्रभु ईसा मसीह की क्रूस पर पवित्र मौत के पूर्व पड़ने वाले इतवार को मसीही समुदाय पाम संडे (खजूर का इतवार) के रुप में धूमधाम से मनाता है। इसीलिए प्रभु यीशु को मानने वालों ने खजूर की डालियों के साथ इतवार को भव्य जुलूस निकाला। विशेष प्रार्थना सभाएं की और विश्व शांति व कोरोना के खात्मे की कामना की। इस दौरान बाइबिल का पाठ भी किया गया।

क्या है खजूर इतवार

आज से तकरीबन 2000 वर्ष पहले जब प्रभु यीशु मसीह यरुसलम में आये थे तब उनका स्वागत राजाओं की तरह वहाँ के जनमानस ने किया था। उनका स्वागत लोगों ने खजूर की डालिया हिला कर खुशी का इज़हार किया था। इसी की याद में खजूर इतवार शहर के सभी गिरिजाघरों में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने बताया की उनके चर्च में यह फेस्टिवल धूम धाम से हर साल मनाया जाता है। लोग चर्च को खजूर की डंडियों और पत्तियों से सजाते हैं। चर्च के पास जुलूस लोग जुलूस के रुप में पहुँचते है। चर्च ऑफ बनारस के पादरी बेन जॉन ने बताया कि प्रभु येशु मसीह जब यरुशलम में आये थे तब उनका स्वागत राजा की तरह उस जगह की जनता ने किया था। उनके स्वागत में लोगों ने खजूर की डालिया लहराई थी। तभी से खजूर इतवार मनाया जाता है।

इन चर्चेज़ में रही धूम

खजूर इतवार शहर के सभी गिरिजाघरों में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। खास कर सेंट मेरीज़ महागिरजा, लाल चर्च, सेंट पॉल चर्च,सेंट थामस चर्च, बेटलफुल गास्पल चर्च, तेलियाबाग सीएनआई चर्च, सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी चर्च, फातेमा चर्च, इसीआई चर्च, यीशु माता चर्च समेत तमाम जगहों पर खजूर इतवार धूमधाम से मनाया गया।

शनिवार, 27 मार्च 2021

नवागत पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बाबा कालभैरव और बाबा विश्वनाथ का किपा दर्शन

पारदर्शिता मेरी पहली प्राथमिकता :पुलिस कमिश्नर

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। नवागत पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने आज बाबा कालभैरव और काशी विश्वनाथ का दर्शन पूजन कर आशीर्वाद लिया। काशी विश्वनाथ मंदिर में भोग आरती के बाद वह गर्भगृह पहुंचे। बाबा काल भैरव  के मंदिर के पुजारी नवीन गिरि, सोनू उपाध्याय ने उनको 108 नाम वाले भैरव अष्टक के साथ कपूर की आरती करायी तथा मंदिर की ओर से नवागत पुलिस कमिश्नर को प्रसाद तथा रूद्राक्ष की माला भेंट किया। दर्शन-पूजन करने के बाद कार्यभार ग्रहण करते हुए अपने कैम्प कार्यालय में विभागीय टीम, मीडिया तथा प्रबुद्धजनों से कहा कि काशी में जो भी आता है समर्पण भाव से आता है, मैं भी उसी भाव से आया हूं। बाबा की ड्योढ़ी से जो भी समर्पित भाव से रहता है वह कभी असफल नहीं रहता। मैं विश्वास दिलाता हूं कि पूरी पारदार्शिता से कार्य करने में सफल रहूंगा।

कंप्यूटर साइंस से बैचलर आॅफ इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले ए. सतीश गणेश मूल रूप से बिलासपुर के रहने वाले हैं। इससे पहले वर्ष 2012 में ए. सतीश गणेश वाराणसी में डीआईजी रेंज के पद पर तैनात रह चुके हैं। उन्होनें कहा कि काशी मेरे लिए नयी नहीं है। यहां के प्रबुद्धजन, आम नागरिक, मीडियाकर्मी मेरे परिचित रहे हैं, मेरे कार्यों को देखते-सुनते रहे हैं। 

हर आम-खास को स्वच्छ, निष्पक्ष, पारदर्शी ढंग से हर सुविधा मिले यह मेरी प्रथम प्राथमिकता रहेगी। उन्होनें कहा कि आने वाले समय में त्यौहार व पंचायती चुनाव हमारे सामने हैं। इसे परम्परानुसार शांतिपूर्ण व सोल्लास ढंग से सम्पन्न कराने की जिम्मेदारी हम सबकी है। आवंछनीय तत्वों पर बराबर कड़ी निगाह रहेगी। उन्होनें पुलिस समेत जनता को सहयोग देने को कहा। चार्ज लेने से पूर्व पुलिस कमिश्नर को गार्ड आफ आॅनर देने वाले आरक्षी शिवमुनि यादव को उन्होनें शाबासी देते हुए पुलिस कर्मियों का मनोबल बढ़ाया। 

राष्ट्र के विकास के लिए लगन, श्रम और सेवा की जरुरत


डीएवी में सप्ताहव्यापी एनएसएस शिविर सम्पन्न

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। डीएवी पीजी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना की आठों इकाईयो द्वारा चल रहे सप्ताहव्यापी विशेष शिविर का शनिवार को समापन हुआ। आजादी के अमृत महोत्सव पर आधारित शिविर में मुख्य अतिथि बीएचयू के एनएसएस के समन्वयक डॉ. बाला लखेन्द्र ने स्वंयसेवकों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि छात्र जीवन के दौर में लक्ष्य प्राप्ति के लिए समय का सदुपयोग करना और अपने श्रम, ऊर्जा, शक्ति को सकारात्मक कार्यो के साथ नई दिशा में लगाये। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए लगन, श्रम और सेवा की आवश्यकता है। विशिष्ट वक्ता बीएचयू के सहायक कुलसचिव डॉ. शार्दूल चौबे ने कहा कि  आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे है, उस आजादी के लिए किए गए आंदोलन और बलिदान स्वंयसेवकों के लिए सदैव प्रेरणादायक रहेंगे। 

अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के उपाचार्य डॉ. शिव बहादुर सिंह ने सभी स्वयंसेवकों एवं कार्यक्रम अधिकारियों को शुभकामना दी। संयोजन डॉ. मीनू लाकड़ा एवं डॉ. अखिलेन्द्र कुमार सिंह ने किया। संचालन डॉ. सिद्धार्थ सिंह, शिविर रिपोर्ट डॉ. शशिकान्त यादव एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शिवनारायण ने दिया। इस अवसर पर डॉ. प्रतिमा गुप्ता, डॉ. नजमूल हसन, डॉ. राकेश कुमार मीना आदि जुड़े रहे।

शबे बरात पर मोमिनीन अदा करेंगे खास नमाज़

होगी पूरी रात इबादत, पढ़ी जायेगी फातेहा

-आस्तानों पर होगा चिरांगा, घरो में होगी हलवे की फातेहा


वाराणसी/(दिल इंडिया लाइव) कल शबे बरात कि अज़ीम रात है, इस बाबरकत रात रब के सभी नेक बंदे अपने पाक परवर दीगार कि इबादत में मशगुल रहेंगे सारी रात मोमिनीन खास नमाज़ अदा करेंगे शबे बरात पर अपनों व बुजुर्गो की क्रबगाह पर अज़ीज चिरागा करते हैं, घरों में रोशनी कि जाती है व शिरनी कि फातेहा होती हैं
घरो में लौटती है पुरखों की रूह 
शबे बरात से ही रुहानी साल शुरू होता है। इस रात रब फरिश्तों की डय़ूटी लगाता है। लोगों के नामे आमाल लिखे जाते हैं। किसे क्या मिलेगाकिसकी जिंदगी खत्म होगीकिसके लिये साल कैसा होगापूरे साल किसकी जिन्दगी में क्या उतार-चढ़ाव आयेगा। ये इसी रात लिखा जाता है साथ ही पुरखों की रूह अपने घरों में लौटती है जिसके चलते लोग घरों को पाक साफ व रौशन रखते हैं।
मर्द ही नही घरों में ख्वातीन भी शबे बरात की रात इबादत करती हैं। इबादत में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल होते हैं सुबह से शाम तक घरों में ख्वातीन हलवा व शिरनी बनाने में जुटती हैं। शाम में वो भी इबादत में मशगूल हो जाती हैंशबे बरात पर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में पिछली बार चहल-पहल नही दिखाई दी थी वजह लाक डाउन जो था मगर इस बार कुछ हालात सुधरे हुए हैं  
 
लाकडाउन में नही हुआ था चिरागा  
पिछ्ली बार लाकडाउन था उस साल न तो मज़ारों पर चिरागा हुआ था और न ही रमज़ान और ईद कि नमाज़े ही अदा की जा सकी थी, मगर बुज़ुर्गो के नाम पर घर में ही शबे बरात पर शमां जलाया गया था और फातेहा पढ़ कर उनकी मगफिरत की दुआएं मांगी गई थीऔर उन पर सवाब पहुंचाया गया था

बनारस में यहाँ लगाई जाती है हाज़िरी

बनारस शहर के प्रमुख कब्रिस्तान टकटकपुरहुकुलगंज, भवनिया कब्रिस्तान गौरीगंजबहादर शहीद कब्रिस्तान रविन्द्रपुरीबजरडीहा का सोनबरसा कब्रिस्तानजक्खा कब्रिस्तानसोनपटिया कब्रिस्तानबेनियाबाग स्थित रहीमशाहदरगाहे फातमानचौकाघाटरेवड़ीतालाबसरैयाजलालीपुराराजघाट समेत बड़ी बाजारपीलीकोठीपठानीटोलापिपलानी कटराबादशाहबागफुलवरियालोहताबड़ागांवरामनगर आदि इलाक़ों की कब्रिस्तानों और दरगाहों में लोग हर साल पहुच कर शमां रौशन करते हैं, फातेहा पढ़कर अज़ीज़ों की बक्शीश के लिए दुआएं मगफिरत मांगते हैं

शुक्रवार, 26 मार्च 2021

होली पर अपनी तस्वीर के साथ जारी करायें डाक टिकट

#होली#डाक विभाग#माई स्टैम्प#

डाक टिकटों पर भी दिखेगी होली: पोस्टमास्टर जनरल

300 रुपये के खर्च में बनेगे 12 टिकट

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। होली का त्यौहार नजदीक आते ही इसका रंग लोगों पर चढ़ने लगा है। हर कोई अपनी होली को यादगार बनाने के लिए कुछ अनूठा करना चाहता है। पर कभी आपने सोचा है कि आपकी होली पर डाक टिकट भी जारी हो सकता है। जी हॉ आपके इस सपने को साकार किया है डाक विभाग के अधिकारियों ने। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि  डाक विभाग की 'माई स्टैम्प' सेवा के तहत लोग होली पर अपनी तस्वीर के साथ यादगार रूप में डाक टिकट भी जारी करवा सकते हैं। श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि पाँच रूपये के डाक-टिकट, जिस पर होली के रंगों से सराबोर आपकी खूबसूरत तस्वीर होगी, वह देश भर में कहीं भी भेजी जा सकती है। इस डाक टिकट पर बाक़ायदा हिंदी और अंग्रेजी में ‘होली’ भी लिखा होगा और साथ में रंगों और अबीर-गुलाल के साथ गुझिया की डलिया भी। 

 कुछ नया चाहते है युवा

युवा पीढ़ी कुछ नया चाहती है,  ऐसे में नए जन्मे बच्चों की पहली होली हो या नवयुगल की पहली होली हो, अथवा होली में एक साथ इकट्ठा हुए संयुक्त परिवार की यादगार होली हो, इन सब पर 'माई स्टैम्प' के माध्यम से डाक टिकट जारी किया जा सकता है। वाराणसी पूर्वी मंडल के प्रवर अधीक्षक डाकघर श्री सुमीत कुमार गाट ने बताया कि, मात्र 300 रुपए के खर्च में 12 डाक-टिकटों की एक शीट बनवाई जा सकती है। विश्वेश्वरगंज स्थित प्रधान डाकघर, वाराणसी के फिलेटलिक ब्यूरो में इसके लिए संपर्क किया जा सकता है। 

गौरतलब है कि इससे पूर्व डाक विभाग ने शुभ विवाह, सालगिरह से लेकर बर्थडे तक के चित्रों पर 'माई स्टैम्प' के माध्यम से डाक टिकट जारी किये जाने की सुविधा प्रदान की है, जिसे लोगों ने भरपूर सराहा। अब होली पर डाक विभाग की इस नयी कोशिश को सभी पसंद कर रहे हैं।


शानदार मुकाबले में यूपी बना चैम्पियन

स्वर्गीय मूलचंद स्मारक फुटबॉल प्रतियोगिता

एजीयूपी ने रॉयल स्टार को टाई ब्रेकर में 5-3 से हराया

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। स्वर्गीय मूलचन्द स्मारक फुटबॉल प्रतियोगिता के फाइनल मैच मे  एजीयूपी ने रॉयल स्टार को टाई ब्रेकर में 5-3 से हराकर विजेता बनी।  मैच के 9वें मिनट में रॉयल स्टार के कमालुद्दीन ने ए जी यू पी के गोलकीपर अविनाश की गलती का  फायदा  उठाते हुए गोल कर रॉयल स्टार को 1-0 से आगे कर दिया। मध्यांतर तक रॉयल स्टार 1-0 से आगे थी। दूसरे हाफ में एवं मैच के 50वें मिनट में एजीयूपी के प्राती कनौजिया ने हेड से गोल कर टीम को बराबरी पर ला दिया। मैच 1-1 की बराबरी पर रहने से ट्राई बेकर का सहारा लेना पड़ा।

टाई ब्रेकर में ए जी यू पी के हिमांशु गुप्ता, अंकित, मनीष खत्री, प्राती कनौजिया एवं अविनाश राव और रॉयल स्टार से कमालुद्दीन,सद्दाम एवं हुसैन ने गोल किया। अंत मे एजीयूपी 6-4 से विजयी रही , विजेता टीम एजीयूपी के प्रशिक्षक शादाब रज़ा ने इस शानदार जीत का श्रेय अपने जाबाज़ खिलाड़ियों को दिया।

मैच से पूर्व  मुख्य अतिथि माननीय सिद्धार्थ नाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, और ओलिंपियन अभिन्न श्याम गुप्ता के पिता श्याम बाबू गुप्ता और पत्नी नलिनी गुप्ता ने खिलाडियों को पुरस्कार प्रदान किया। फाइनल मैच के बेस्ट डिफेंडर ए जी के अंकित पिल्लई और बेस्ट फारवर्ड रॉयल स्टार के कमालुद्दीन को दिया गया। रेफरी: शशी मोहन, सुनील कनौजिया, संतोष कुमार तथा अविनाश गोल्डी थे।

उक्त जानकारी आयोजक सचिव श्री संदीप ठाकुर द्वारा दी गई है। धन्यवाद ज्ञापन संजय भटटाचार्य एंव गणेश सिंह ने किया।

बुधवार, 24 मार्च 2021

पांच बार विधायक रहा फिर भी योगी सरकार ने हटा दी सुर्क्षा

अवधेश राय हत्याकांड के चश्मदीद गवाह हैं पूर्व मंत्री अजय राय

पत्रकारों से रूबरू हुए अजय राय ने सरकार को घेरा

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व विधायक/पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा हैं कि कितने दुःख और हैरत की बात है कि मै (अजय राय) वाराणसी के पिंडरा विधानसभा से लगातार 1996 से 2017 तक पांच बार विधायक रहा व प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुका हूँ।फिर भी मेरी सुरक्षा को लेकर वर्तमान की निक्कमी भाजपा सरकार घृणित मानसिकता से कार्य कर रही है।मेरे लगभग 3 दशक के राजनैतिक / सामाजिक जीवन मे एक भी ऐसा आरोप नही लगा जो की कानून की नजर में आपत्तिजनक व अलोकतांत्रिक हो।मैं सदैव जनहित के कार्य किया।साथ मै अपने बड़े भाई स्व.अवधेश राय जी की हत्या का चश्मदीद गवाह हु।जिसका मुकदमा इलाहाबाद एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रहा है।मेरी गवाही कुख्यात अपराधी मुख्तार अंसारी के खिलाफ है।

ऐसे में यह सरकार द्वारा मेरी सुरक्षा हटाना अफसोसजनक व दुर्भाग्यपूर्ण विषय है।यह सरकार चाहती है की मैं गलत का विरोध करना बंद कर दूँ,सड़को पर सँघर्ष करना बंद कर दूँ।जनता की लड़ाई न लडू व साथ ही सरकार की जनविरोधी नीतियों पर आवाज न उठाऊ।लेकिन अजय राय न कभी डरे है न कभी डरेंगे।डटकर लड़ेंगे और इस जनविरोधी सरकार के जमींदोज होने तक आवाज उठाते रहेंगे क्योंकि जनता की लड़ाई लड़ना हमारा कर्तव्य है जनता के लिए सँघर्ष करना मेरी नैतिकता है हम न बिके है न बिकेंगे।जनता के लिए सँघर्ष जारी रखेंगे।और हर मोर्चे पर मोदी-योगी सरकार को घेरेंगे चुप नही बैठेंगे। क्योंकि यह सरकार लोकतांत्रिक विरोधी सरकार है और हम सब लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था करने वाले लोग है। सरकार को मैं आगाह करता हूं की भविष्य में अगर मुझपर कोई घटना घटित होती है तो उसका सीधा जिम्मेवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उनकी सरकार होगी।

पत्रकार वार्ता में पूर्व विधायक अजय राय, जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल, महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे,ओमप्रकाश ओझा, मनीष मोरोलिया, शैलेन्द्र सिंह, अशफाक रिजवी, चंचल शर्मा, रोहीत दुबे, अनुभव राय आदि मौजूद थे।



अली अकबर की विलादत् पर सजी मेहफिलें

कई जगह हुई दुआख्वानी, दिलाई गयी फातेहा

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। शहीदे करबला इमाम हुसैन के बेटे जनाबे अली अकबर की विलादत् का जश्न शहर भर मे जोश ओ खरोश के साथ मनाया गया। उनकी जयंती का १४०० साल हुआ पुरा। जनाबे अली अकबर के बारे मे ये मशहूर है के उनकी शक्ल हज़रत मुहम्मद (स.) से मिलती थी। इमाम हुसैन कहा करते थे के जब मुझे मेरे नाना हज़रत मुहम्मद को देखना होता तो मैं अपने बेटे अली अकबर को देख लिया करता। ये वही अली अकबर है जिन्होंने करबला मे अपनी शहादत पेश की थी। केवल १८ वर्ष के थे अली अकबर। आज सुबह से ही मेहफ़िलों का सिलसिला शुरू हो गया। मदनपुर, भेलूपुरा, बजरडीहा, रामनगर, दोषीपुरा, दलमंडी, चौक, पठानी टोला, कच्चीबगा, लल्लापुरा, आदि शेत्रो मे महफ़िलों का दौर चला। कई शायरो ने कलाम पेश किये। जिसमे मुख्य रूप से प्रोफेसर अज़ीज़ हैदर बनारसी, रिजवान बनारसी, अथर बनारसी, रोशन बनारसी, मेहंदी बनारसी, अंसार बनारसी, वफा बनारसी, आदि लोग शामिल रहे। कई नए उभरते हुए नौजवानों ने भी कलाम पेश किया जिसमे आशूर बनारसी, नक़वी बनारसी, अमीर बनारसी, आदि लोग शामिल रहे। कई जगह ओल्मा ने तक़रीर भी की। जिसमे मुख्य रूप से मौलाना अक़ील हुसैनी, मौलाना ज़मीरुल हसन, मौलाना इकबाल हैदर, मौलाना ज़ाएर हुसैन, आदि लोग शामिल रहे। शिया मस्जिद के परोवक्ता हाजी फरमान हैदर करबालाई ने बताया के जनाबे अली अकबर  ९ रजब को सन ४२ हिजरी मदीने मे पैदा हुए थे। उनकी माँ का नाम उम्मे लैला था। इस दौरान सभी लोगों ने आज उन्हे याद किया और फातेहा दिलाई, और लोगों मे फल, मेवा, मिठाई, आदि का तबर्रूक तकसीम किया गया।

कुपोषण के दर्द को पोस्टर में किया अभिव्यक्त

डीएवी का ऑनलाइन एनएसएस शिविर 

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। डीएवी पीजी काॅलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना की आठों इकाईयों द्वारा चल रहे सप्ताहव्यापी विशेष शिविर के चौथे दिन पोषण आहार पर केन्द्रित रहा। आनलाइन चल रहे शिविर में बुधवार को स्वयंसेवकों ने पोषण आहार और सरकार द्वारा चलायें जा रहे पोषण कार्यक्रम पर पोस्टर एवं स्लोगन के जरियें कुपोषण से बचाने का संदेश दिया। इसके साथ ही भाषण प्रतियोगिता में भी बच्चों और महिलाओं को कुपोषण से बचाने के तरीकों पर प्रकाश डाला गया। विभिन्न सत्रों में आयोजित शिविर में पहले सत्र में बीएचयू के डेयरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. विनोद कुमार पासवान ने सर्वोत्तम पोषण आहार का उल्लेख करते हुए स्वयंसेवकों को बतलाया कि प्रोटीन युक्त भोजन ही सबसे उपयुक्त है, जिससे शरीर की सभी पोषण सम्बन्धी आवश्यकताए पूरी हो पाती है। उन्होंने आहार में तले भूने पदार्थ को छोड़ने और फल, हरी सब्जियों के प्रयोग को बढ़ाने का भी सुझाव दिया। दूसरे सत्र में मुख्य वक्ता बीएचयू के ही नेशनल फैसिलिटी सेन्टर के वैज्ञानिक डाॅ. सत्य प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए गतिविधियों को सीमित करने की आवश्यकता है और ज्यादातर आयोजन सामाजिक दूरी को दृष्टिगत रखते हुए आनलाइन मंचों के माध्यम से ही करना चाहिए। तीसरे सत्र में स्वयंसेवकों ने पोषण आहार, कुपोषण से बचाव के तरीकों सहित कोविड-19 से बचाव एवं प्रभाव के तरीकों पर पोस्टर बनाया तथा भाषण प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। संचालन कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. प्रतिमा गुप्ता, डाॅ. शशिकान्त यादव, डाॅ. नजमूल हसन, स्वागत डाॅ. मीनू लाकड़ा, डाॅ. अखिलेन्द्र सिंह, डाॅ. शिवनारायण ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. सिद्धार्थ सिंह एवं डाॅ. राकेश कुमार मीना ने दिया।

मंगलवार, 23 मार्च 2021

गांधी जी भगत सिंह के मार्ग अलग लेकिन लक्ष्य एक था

युगों तक युवाओं को प्रेरणा देगा भगत सिंह का जीवन

एनएसएस का तीसरा दिन रहा शहीदों के नाम

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। डीएवी पीजी काॅलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना की आठों इकाईयों द्वारा चल रहे सप्ताहव्यापी विशेष शिविर के तीसरे दिन विभिन्न सत्रों में आनलाइन व्याख्यान आयोजित हुए, उसके साथ ही स्वयंसेवकों द्वारा काव्यपाठ एवं भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ। प्रथम सत्र में सामाजिक कार्यकर्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट डाॅ. धनंजय त्रिपाठी ने शहीद दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गांधी और भगत सिंह के मार्ग अवश्य अलग थे लेकिन दोनों का लक्ष्य एक ही था। दोनों ने देश को स्वाधीन देखने के लिए साधना की। भगत सिंह का जीवन युवाओं के लिए युगों युगों तक आदर्श और प्रेरणा प्रदान करने वाला रहेगा।

द्वितीय सत्र में हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. राकेश कुमार द्विवेदी ने स्वतंत्रता संघर्ष और हिन्दी पत्रकारिता विषय पर स्वयंसेवकों को विस्तृत जानकारी से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आजादी के पूर्व पत्रकारिता का मूल उद्देश्य ही स्वतंत्रता आन्दोलन का नेतृत्व करना था। महात्मा गांधी, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, प्रताप नारायण मिश्र, मुंशी प्रेमचन्द्र आदि विभूतियों ने साहित्य के साथ साथ पत्रकारिता को भी स्वाधीनता आन्दोलन का बड़ा हथियार बनाया। तीसरे सत्र में स्वयंसेवको द्वारा शहीदों को समर्पित काव्यपाठ एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम संयोजन कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. मीनू लाकड़ा ने किया। स्वागत डाॅ. अखिलेन्द्र कुमार सिंह, डाॅ. प्रतिमा गुप्ता एवं डाॅ. शिवनारायण ने किया। संचालन डाॅ. शशिकान्त यादव एवं राकेश कुमार मीना तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. सिद्धार्थ सिंह तथा डाॅ. नजमूल हसन ने दिया।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...