Varanasi (dil india live)। शहर के हृदय स्थल गोदौलिया चौराहे से चंद क़दम दूर स्थित अतिप्राचीन काशीराज काली मंदिर परिसर में तबेला चलाया जा रहा है जिसके चलते यहां दर्शन करने आने वाले दर्शनार्थियों और पर्यटकों को झमेलों से दो-चार होना पड़ रहा है। अवैध तरीके से तबेला चलाने वाले ने यहां गायों को रखा हुआ है जिससे मंदिर परिसर में गंदगी और बदबू फैली हुई है ।
इस परिसर में गौतमेश्वर महादेव का भी मंदिर स्थित है लगभग दो सौ साल पुराना ये मंदिर शिल्प कला की दृष्टि से बेजोड़ है पत्थरों पर की गई जालीदार नक्काशी देखने लायक है यहां आने वाले बस इसे देखते रह जाते है हेरीटेज सिटी के लहजे से देखें तो ये मंदिर शहर को एक पहचान देती है लेकिन परिसर में अवैध रूप से किए जा रहे पशुपालन के चलते मंदिर की गरिमा धूमिल हो रही है।
मंदिर में सूचना भी लगायी गई है जिसके तहत मंदिर परिसर में पशुपालन को अवैध माना गया है लेकिन सारे नियमों को किनारे रखकर यहां तबेला चलाया जा रहा है।
कहने को प्रदेश सरकार अवैध अतिक्रमण को लेकर बेहद सख्त है। अवैध अतिक्रमण कानून के तहत मठ-मंदिरों में कब्जा या अतिक्रमण करने वाले के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश देने के साथ ही स्पष्ट रूप से अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए कहा गया है लेकिन यहां अवैध तरीके से तबेला चलाया जा रहा है। देखना ये है कब प्रशासन की नजर इधर पड़ती है और अपने स्थापत्य कला में बेजोड़ सैकड़ों साल पुराना यह मंदिर अवैध अतिक्रमण से मुक्त होता है।
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