करपात्र प्राकट्योत्सव में बोले मुरलीधर महाराज जीवन के सब रस रामकथा में समाहित
Varanasi (dil india live)। कथा तो सिर्फ हरि की है बाकी सब वृथा और व्यथा है। जीवन के सब रस रामकथा में समाहित है बस आवश्यकता है उसमें भक्ति भाव से गोते लगाने की। उक्त उदगार प्रख्यात मानस मर्मज्ञ संत मुरलीधर जी महाराज ने 115 वें करपात्र प्राकट्योत्सव के अवसर पर दुर्गाकुण्ड स्थित मणि मंदिर, धर्मसंघ प्रांगण में चल रहे 27 दिवसीय श्रीराम कथा के 22 वे दिन शनिवार को व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि भगवान राम के चरित्र को हर व्यक्ति अपने जीवन में उतार ले तो स्वतः ही राम राज्य स्थापित हो जाएगा, इसके लिए किसी क्रांति की आवश्यकता नही।
गुरु की महिमा का बखान करते हुए कहा कि गुरु के चरण नहीं वरन आचरण वंदनीय व अनुकरणीय होता है।
दूसरों का वंदन व सम्मान करने से स्वयं की सकारात्मक शक्ति में विकास होता है।
मुरलीधर जी महाराज ने कहा कि किसी स्थान पर जाने से हमारे मन में शान्ति तथा सकारात्मक शक्ति आए, इसका मतलब उस स्थान पर किसी साधु या संत ने रहकर भगवान का भजन किया होगा। भले ही दुनिया के कई स्थान अपने आप में स्वर्ग कहलाते होंगे लेकिन उस भारत भूमि पर सैकड़ों स्वर्ग भी न्यौछावर है जहाँ संतो, ऋषियों ने जन्म लिया और अपनी तपस्या साधना से इसे स्वर्ग बना दिया। हम बहुत सौभाग्यशाली है जो भारतभूमि में जन्म प्राप्त कर सके।
कथा के अंत मे धर्मसंघ पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज ने भी श्रद्धालुओं को आशीर्वचन दिया।
इससे पूर्व कथा का शुभारंभ व्यासपीठ का पूजन कर हुआ।पंडित जगजीतन पाण्डेय, रामस्वरूप शर्मा, राम गोपालानंद जी महाराज ने श्री राम चरित मानस व व्यास पीठ का पूजन किया। इस अवसर पर मनोज अग्रवाल, रतन लाल गुप्ता, शशि अग्रवाल, विजय मोदी, राजमंगल पाण्डेय, सुमित सराफ आदि शामिल रहे
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