रविवार, 7 अगस्त 2022

hand writing से जान सकते है व्यक्ति की मानसिकता: राजेश जौहरी

डीएवी पीजी कॉलेज में कार्यशाला : देश भर से जुटे प्रतिभागी


Varanasi (dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग के तत्वावधान मे चल रहे "हस्तलेख निदान : मानसिक स्वास्थ्य एवं व्यक्तित्व का आंकलन" विषयक रास्त्री कार्यशाला के दूसरे दिन रविवार को विषय विशेषज्ञ राजेश जौहरी ने बताया कि लोगों की लिखावट, उनकी मानसिक परिपक्वता, कार्य करने की शैली, लोगों से संबंध, सकारात्मक एवं नकारात्मक सोच, विचार शैली, लक्ष्य प्राप्ति की उत्कंठा एवं मन में उपजे सारे विचारों को जानना ग्राफ़ोलॉजी पद्धति द्वारा संभव है। अलग-अलग प्रकार की राइटिंग भिन्न प्रकार की मानव मस्तिष्क को दर्शाती है । उन्होंने आगे कहा कि छोटे अक्षर लिखने वाले मनुष्य दूरदर्शी, सूक्ष्म, गहन अध्ययन करने वाले अस्पष्ट लिखने वाले दुविधाग्रस्त, अव्यवस्थित लिखने वाले दिशाभ्रमित तथा अन्य कई सारी चीजें एवं व्यवहार लिखावट के द्वारा जानी जा सकती है । उन्होंने कहा कि लोग कलम को कितना दबाकर लिखते हैं, इसका भी अपना अर्थ होता है । जो लोग कम दबाव के साथ लिखते हैं वह परिस्थितियों के साथ तेजी से समायोजन करने वाले, विचारों में अधिक लचीले, जल्दी थक जाने वाले होते हैं । जबकि भारी दबाव के साथ लिखने वाले लोग आक्रमक, अत्यंत कुंठित, अमाशय एवं आंत संबंधी समस्याओं से ग्रसित होते हैं तथा ध्यानाकर्षण चाहने वाले होते हैं।  सामान्य दबाव के साथ लिखने वाले लोग सामान्य, संतुलित, परिश्रमी तथा दायित्व निर्वहन करने वाले होते हैं। उन्होंने अक्षरों के झुकाव की विभिन्न शैलियों तथा उनके अर्थ के साथ साथ हस्तलेखन के परिक्षेत्रों के बारे में जानकारी दी। अक्षर का ऊपरी परिक्षेत्र का भविष्य, मध्यम परिक्षेत्र का वर्तमान तथा निचले परिक्षेत्र का संबंध बीते हुए कल से होता है । 

 कार्यशाला में देश भर से जुड़े प्रतिभागियों एवं अतिथि का स्वागत विभागाध्यक्ष प्रो. ऋचा रानी यादव ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन आयुष्मान ने दिया। कार्यक्रम में प्रो. सत्य गोपाल, डॉ. कल्पना सिंह, डॉ. अखिलेंद्र कुमार सिंह, डॉ. कमालुद्दीन शेख, प्रशांत राज, मनीष कुमार आदि उपस्थित रहे। हाइब्रिड मोड में आयोजित कार्यशाला में देश के विभिन्न भागों के लगभग 60 प्रतिभागी शामिल हो रहे है।

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