दरगाहें फातमान में शहनाई के शहंशाह की मनी 17 वीं बरसी
Varanasi (dil india live). Bharat Ratna Ustaad Bismillah Khan की यादें 17 बरस बाद भी लोगों के ज़ेहन में वैसे ही ताज़ा है जैसे पहले थी। वो और बात है कि बनारस का संगीत घराना, और यहां के संगीतकारों ने उन्हें पूरी तरह भूला दिया है। यही वजह है कि रविवार को भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की 17 वीं पुण्यतिथि दरगाहे फातमान में मनाई गई। घरवालों के साथ ही उस्ताद के चाहने वालों ने भी उनकी कब्र पर खिराज ए अकीदत पेश की मगर बनारस संगीत घराने का कोई भी कलाकार Bharat Ratna Ustaad Bismillah Khan को श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचा।
रविवार की सुबह से ही उनकी कब्र पर आने वालों का तांता लगा रहा। गुलपोशी के साथ ही शहनाई की धुन भी कब्र पर गूंजी। चाहने वालों ने फूल चढ़ाकर उस्ताद को नमन किया।गुलपोशी के बाद उस्ताद की कब्र पर सामूहिक दुआख्वानी की गई। मुल्क के अमनो-अमान के की दुआएं मांगी गईं। मकबरे पर फूल और माला अर्पित की। इस दौरान श्रद्धांजलि समारोह के संयोजक शकील अहमद जादूगर ने कहा कि इसी मुहर्रम के महीने में उस्ताद बिस्मिल्लाह खां यहां शहनाई भी बजाया करते थे। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि बिस्मिल्लाह खां के मकान को भव्य संग्रहालय में बदला जाए और पीएम मोदी जो बनारस के सांसद भी है उनके द्वारा खुद उस्ताद के परिवार की आर्थिक मदद भी की जाए। इस अवसर पर आफाक हैदर, नजमुल हसन, फिरोज़ हुसैन, फतेह अली खां, हादी हसन, प्रमोद वर्मा समेत काफी लोग मौजूद थे।
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