रविवार, 30 जनवरी 2022

गांधी जी की पुण्य तिथि पर अवकाश की उठी काशी से मांग

किया गया श्रद्धा सुमन अर्पित, सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलने की शपथ

वाराणसी 30 जनवरी (dil india live)। सत्य और अहिंसा रुपी हथियार के बूते हुकुमते बरतानिया की चूले हिला देने वाले राष्टÑपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि श्रद्धापूर्वक काशी में मनाई गई। इस दौरान कई जगहों पर गोष्ठी, सभा और बैठक का आयोजन किया गया। इसी क्रम में बापू के बेनियाबाग स्थित गांधी चौरा पर डर्बीशायर क्लब की ओर से पुण्य तिथि का आयोजन किया गया। इस दौरान क्लब के अध्यक्ष शकील अहमद जादूगर ने मांग किया कि पुण्य तिथि पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि आज ही के दिन गोडसे ने बापू की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिस इंसान को अंग्रेजों ने नहीं मारा उसे अपने देश के नागरिक ने मार दिया। यह अक्षम्य था। गांधी चौरा पर रौशनी डालते हुए वक्ताओं ने कहा कि ऐतिहासिक बेनियाबाग के इसी चौरा पर बापू का पवित्र अस्थि कलश लाकर रखा गया था। जिसक अंतिम दर्शन करने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दोस्त मोहम्मद, डा. सम्पूर्णानन्द व पं. कमलापति त्रिपाठी आदि भी दर्शन के दौरान मौजूद थे। आयोजन में प्रमोद वर्मा, हैदर मौलाई, कमालुद्दीन खां, चिंतित बनारसी आदि ने बापू के चित्र पर मार्ल्यापण कर नमन किया। उधर गौरीगंज में चांदक्रांतिकारी की अगुवाई में बापू की पुण्य तिथि मनाई गई। इस दौरान लोगों ने बापू के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने की लोगों से अपील की।  इस दौरान शपथ लिया गय कि बापू के बताये हुए रास्ते पर चलेंगे ताकि समाज में शांति स्थापित हो सके।

शहीद दिवस पर बरेका में  प्रात: 10:59 पर एक मिनट का सायरन बजा ठीक 11:00 बजे 2 मिनट का मौन रख बरेका महाप्रबंधक अंजली गोयल, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं उनके परिवार के सदस्यों ने अपने अपने आवासों अथवा कार्यस्थल पर ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सहित भारत की आजादी के लिए संघर्ष करने के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीद सपूतों को श्रद्धांजलि दी।  इस समारोह में सर्वप्रथम दो मिनट का मौन धारण कर शहिदों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धान्जलि दी गई ।  राजेश कुमार द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया, जिसमें विभिन्न वक्ताओं के द्वारा भारत के  स्वतंत्रता संघर्ष, राष्ट्रीय अखण्डता में योगदान देने वाले सेनानियों को याद करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त किया गया। इस समारोह में प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० देवेश कुमार  के अतिरिक्त वरिष्ठ मंडल चिकित्सा अधिकारी  डा. मिन्हाज अहमद, मंडल चिकित्सा अधिकारी  डा. एसके मौर्या,  सहायक कार्मिक अधिकारी श्री पियूष मिन्ज सहित राधावल्लभ तिवारी, श्याम मोहन तिवारी, कमलेश सिंह, रजनी, कमला निवासन, अनीता चंद्रा, कृष्णा उपाध्याय,प्रतिभा एवं अन्य कर्मचारियों ने अपना-अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया।  उक्त वक्ताओं के अतिरिक्त बरेका ओबीसी एसोसिएशन के पदाधिकारी कर्मचारी नेता राम नारायण, अरविंद यादव,रमेश प्रजापति एवं राजकुमार साव उपस्थित रहे। तथा नर्सिंग  चिकित्साकर्मी नितिर पूर्ति, आरती सिंह, अंजू सिह, उषा जैसल, चंदा यादव, कंचन मणि एवं हरीश ने भी शहीदो के प्रति तथा भारत की अखण्डता में योगदान देने वाले नायकों के योगदान को जनमानस में प्रसारित करने का संकल्प लिया।

शनिवार, 29 जनवरी 2022

जनपद में निःशुल्क इलाज की सुविधा, नहीं जाना पड़ेगा शहर से बाहर

 मेडिकल कॉलेज में सफलतापूर्वक हुआ कूल्हे का ऑपरेशन
गाजीपुर 29 जनवरी (dil india live)। गोरा बाजार स्थित महर्षि विश्वामित्र स्वशासी राज्य स्तरीय मेडिकल कॉलेज आमजन के लिए वरदान साबित हो रहा है। करीब एक सप्ताह पूर्व थाना करंडा के सिकंदरपुर निवासी कौशल्या देवी, उम्र 80 वर्ष के कूल्हे में फ्रैक्चर हो गया था। इसका सफलतापूर्वक इलाज कर, उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज के ऑर्थो सर्जन डॉ केके यादव बताते हैं कि इससे पहले किसी भी बड़े इलाज व सर्जरी के लिए लोगों को पड़ोस के जनपद का सहारा लेना पड़ता था। लेकिन अब गाजीपुर के मेडिकल कॉलेज (जिला अस्पताल) में भी बड़े व गंभीर ऑपरेशन शुरू हो चुके हैं। उनके द्वारा दो कूल्हे व दो घुटने के ऑपरेशन सहित 30 से 35 ऑपरेशन कर चुके हैं।

डॉ. केके यादव ने बताया कि करीब एक सप्ताह पूर्व कौशल्या देवी के कूल्हे में किसी कारण फ्रैक्चर आ गया था। जिसके बाद उनके परिजन उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। वहाँ मेरे द्वारा उनकी सम्पूर्ण जांच की गयी और फिर उनके ऑपरेशन की प्रक्रिया शुरू की गई। ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया। ऑपरेशन के करीब एक सप्ताह बाद किसी प्रकार की परेशानी न होने पर उन्हें शुक्रवार को डिस्चार्ज भी कर दिया गया। उनका दावा है कि अगले 15 से 20 दिनों में वह अपने पैरों पर खड़े होने लगेंगी।

डॉ. केके यादव ने बताया कि इससे पहले भी एक मरीज का कूल्हे का ऑपरेशन किया जा चुका है। इसके साथ ही साथ दो बच्चे जिनकी उम्र लगभग करीब 12 साल है, उनके दोनों घुटने में मवाद भर गया था। जिसका सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर उन्हें उनके पैरों पर चलाने का काम किया गया है। उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों के ऑपरेशन में निजी नर्सिंग होम में करीब एक से डेढ़ लाख रुपए खर्च आते हैं। जबकि जिला अस्पताल में नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था प्रदान की गई है। उन्होने बताया कि सभी ऑपरेशन में डॉ चंद्रशेखर का भी विशेष योगदान रहा।

मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत संचालित जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ राजेश सिंह ने बताया कि मौजूदा समय में मेडिकल कॉलेज में 50 जूनियर डॉक्टर, 17 सीनियर डॉक्टर और 45 शैक्षिणीक संकाय के डॉक्टर कार्यरत है। मौजूदा समय में जिला अस्पताल में सभी तरह के डॉक्टर की भरमार है। आर्थो की बात करें तो अब जिला अस्पताल में आर्थो से संबंधित गंभीर मरीजों का ईलाज एवं ऑपरेशन शुरू हो चुका है।

सपा ने इस नेता पर किया इतना भरोसा

सयुस के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद ज़ुबैर शहर दक्षिणी के "चुनाव प्रभारी" 

समाजवादी युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद फ़हद ने सौंपी अहम ज़िम्मेदारी


वाराणसी 29 जनवरी (dil india live)। समाजवादी युवजन सभा (सयुस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद फ़हद ने सयुस के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद ज़ुबैर को वाराणसी शहर दक्षिणी विधानसभा का "चुनाव प्रभारी" नियुक्त किया है। पार्टी द्वारा नई जिम्मेदारी सौंपे जाने पर मोहम्मद ज़ुबैर ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और सयुस अध्यक्ष मोहम्मद फ़हद के प्रति आभार व्यक्त किया है। शहर दक्षिणी विधानसभा के नवनियुक्त चुनाव प्रभारी मोहम्मद ज़ुबैर ने कहा कि पार्टी ने उनकी निष्ठा और कार्यों के मद्देनजर उन पर जो भरोसा जताया है उसपर खरा उतरूंगा। कहा कि पहले से ही मैं पार्टी हित और चुनावी जीत के लिए मेहनत करता रहा हूँ। अब जो महत्वपूर्ण दायित्व मिला है उसके "रिटर्न गिफ्ट" के तौर पर इस विधानसभा सीट से पार्टी को जीत दिलाने की मेरी शत-प्रतिशत कोशिश होगी। इस विधानसभा के लोगों को पार्टी के "घोषणा-पत्र" की बातों से वाकिफ कराते हुए उन्हें पार्टी के फेवर में करना ही मेरा लक्ष्य है। साथ ही लोगों को "मतदान" के लिए जागरूक भी करूँगा। 

अब दो अंकों में सिमट चुकी है कुष्ठ रोगियों की संख्या

 अंतर्राष्ट्रीय कुष्ठ रोकथाम दिवस (30 जनवरी) पर विशेष

घर-घर खोजने पर मिले सिर्फ 26 नये कुष्ठ रोगी 

जिले में नये-पुराने कुष्ठ रोगियों की कुल संख्या महज 79 

वाराणसी 29 जनवरी (dil india live)। जिले में कुष्ठ रोगियों की संख्या दो अंकों में सिमट चुकी है। कुष्ठ रोगियों को घर-घर खोजने के लिए पूरे देश भर चले अभियान में भी महज 26 नये कुष्ठ रोगी मिले हैं। नये और पुराने कुष्ठ रोगियों की संख्या भी अब सिर्फ 79 रह गयी है। इसे एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

कुष्ठ रोग से मुक्ति के लिए समय पर इलाज कराना जरूरी है। कुष्ठ रोग के उन्मूलन एवं रोगियों से भेदभाव को समाप्त करने के लिए हर साल कुष्ठ रोकथाम दिवस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (30 जनवरी) पर मनाया जाता है। जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. राहुल सिंह ने बताया कि वर्ष 2016-17 में जिले में कुष्ठ रोगियों की संख्या 303 थी। वर्ष 2017-18 में यह घटकर 226 हो गयी। वर्ष 2018-19 में 133 और वर्ष 2019-20 में 128 कुष्ठ रहे। वर्ष 2020-21 में यह संख्या सिमट कर महज 79 हो गयी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में अप्रैल से दिसंबर तक चले इस अभियान में 26 नये कुष्ठ रोगी मिले। इसमें विद्यापीठ ब्लाक में सात, चिरईगांव में चार, आराजी लाइन में तीन, सेवापुरी में पांच, हरहुआ में एक बड़ागांव में तीन, पिण्डरा में दो और शहरी क्षेत्र में एक नया कुष्ठ रोगी मिला। चोलापुर ब्लाक में एक भी नया कुष्ठ रोगी नहीं पाया गया।

बताते हैं कि कभी कुष्ठ को लाइलाज रोग माना जाता था। इसके रोगियों को लोग अछूत मानते हुए उनसे दूरी बना लेते थे। यहां तक कि कुष्ठ रोगियों को घर-परिवार से दूर कर उन्हें असहाय हालत में छोड़ दिया जाता था। इस गंभीर समस्या को देखते हुए ही सरकार ने इस रोग के खिलाफ अभियान चलाया। नतीजा रहा कि वर्ष 2005 में कुष्ठ रोग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया, लेकिन सरकार ने इस रोग से अपनी लड़ाई निरंतर जारी रखी। कुष्ठ के रोकथाम व नियंत्रण के लिए सरकार ने इसके रोगियों को खोजने के लिए अभियान शुरू किया। घर-घर कुष्ठ रोगियों को खोजने के लिए 86 टीमों ने जिले में सभी ऐसे क्षेत्रों में सर्वे शुरू किया गया ।  जहां इस रोग के मरीजों के पाये जाने की संभावना थी। 

शून्य हुआ बाल एवं दिव्यांग कुष्ठ रोगियों का प्रतिशत

 कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम में जिले को महत्वपूर्ण सफलता हासिल हुई है। वर्ष 2013-14 में बाल कुष्ठ रोगियों का प्रतिशत 4.17 था जो अब 2020-21 में शून्य हो चुका है । इसी तरह वर्ष 2013-14 में दिव्यांग कुष्ठ रोगियों का प्रतिशत 3.30 था, यह भी अब शून्य हो चला है। मतलब साफ है की नये कुष्ठ रोगियों में बाल एवं दिव्यांग कुष्ठ रोगी शून्य है।

कुष्ठ रोगियों को मिलती है आर्थिक सहायता

 जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डा. राहुल सिंह ने बताया कि द्वियांग कुष्ठ रोगियों को भरण-पोषण के लिए सरकार की ओर से हर माह 25 सौ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। दिव्यांग कुष्ठ रोगियों को यह सहायता आजीवन प्रदान की जाती है। जिले में 128 द्वियांग कुष्ठ रोगियों को यह सहायता प्रदान की जाती है।

क्या है कुष्ठ रोग

 जिला कुष्ठ रोग अधिकारी बताते हैं कि अन्य रोगों की तरह कुष्ठ रोग भी एक प्रकार के सुक्ष्म कीटाणु से होता है। इसके रोगी की त्वचा पर हल्के पीले, लाल अथवा तांबे के रंग के धब्बे हो जाते है। इसके साथ ही उस स्थान पर सुन्नपन होना, बाल का न होना, हाथ-पैर में झनझनाहट आदि कुष्ठ रोग के लक्षण  हो सकते हैं।

होती है मुफ्त जांच व उपचार 

 डॉ. राहुल सिंह कहते हैं कि कुष्ठ रोग अब असाध्य नहीं रहा। इससे भयभीत होने की जरूरत नहीं। प्रारम्भिक अवस्था में उपचार से ही इसके रोगी ठीक हो जाते है और उनमें दिव्यांगता  नहीं हो पाती। वह बताते हैं  कि सभी सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों में इसके जांच व उपचार की मुफ्त व्यवस्था है। इसके उपचार में यदि कहीं किसी को दिक्कत आ रही हों तो वह उनसे सीधे भी सम्पर्क कर सकता है। उन्होने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के कमरा नम्बर- 321 में प्रत्येक कार्यदिवस प्रातः 10 बजे से दोपहर दो  बजे तक निःशुल्क ओपीडी की जाती है। 

कुष्ठ रोग को हराने में रोल मॉडल बना काशी

कुष्ठ रोग को हराने में काशी रोल मॉडल बन चुका है। जिला कुष्ठ रोग अधिकारी राहुल सिंह बताते हैं कि सरकार ने वर्ष 2016 में कुष्ठ रोगियों को खोजने के लिए अभियान शुरू किया था। उस समय  सर्वे के दौरान चिरर्इगांव-कमौली के 42 घरों वाले पुरवे में 27 नये रोगी मिले। एक ही स्थान पर इतनी बड़ी संख्या में कुष्ठ रोगियों का मिलना एक चुनौती भी थी। तब हमने कुष्ठ रोगियों का उपचार शुरू करने के साथ ही एक नया प्रयोग भी किया। रोगी को कुष्ठ रोग की दवा खिलाने के साथ ही उसके परिवार और आस-पास  के घरों में तपेदिक (टीबी) के  उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवा की सिंगल खुराक दी। इसके सार्थक परिणाम आये। परिवार और पड़ोसियों का भी संक्रमित होना बंद हो गया। इस प्रयोग को पूरे जिले में उन सभी जगहों पर किया गया जहां-जहां सर्वे के दौरान कुष्ठ रोगियों का पता चलता था। नतीजा हुआ कि कुष्ठ रोग का संक्रमण पूरी तरह रुक गया। डा. राहुल सिंह बताते हैं कि काशी में हुए इस नव प्रयोग की प्रदेश भर में जमकर सराहना हुर्इ और और उप महानिदेशक (कुष्ठ) डा. अनिल कुमार ने अक्टूबर 2018 में इसे पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्देश दिया। अब बनारस ही नहीं पूरे प्रदेश में कुष्ठ के संक्रमण को रोकने के लिए इस मॉडल पर काम चल  रहा है।

गुरुवार, 27 जनवरी 2022

एनसीसी कैडेटों ने दी परेड की सलामी

डी.ए.वी में मनाया गया 73 वाँ गणतंत्र दिवस



वाराणसी, 26 जनवरी (dil india live)। डी.ए.वी. पी.जी. काॅलेज में बुधवार को 73 वाँ गणतंत्र दिवस समारोह बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रातःकाल महाविद्यालय के पी.एन. सिंह क्रीड़ा प्रांगण में प्राचार्य डाॅ. सत्यदेव सिंह एवं मंत्री/प्रबन्धक अजीत कुमार सिंह यादव ने ध्वजारोहण किया। राष्ट्रगान के उपरान्त महाविद्यालय के एन.सी.सी. प्रभारी कैप्टन डाॅ. सत्यगोपाल के नेतृत्व में प्राचार्य को परेड की सलामी दी गई। परेड में एनसीसी कैडेटों ने मार्चपास्ट कर कदम से कदम मिलाकर सलामी दी। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त अध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

ऐसे ही डीएवी इंटर कॉलेज में 73 वें गणतंत्र दिवस की धूम रही। डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह, प्रबंधक अजीत कुमार सिंह यादव, प्रधानाचार्य डॉ. दयाशंकर मिश्र ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर एनसीसी प्रभारी नरेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में एनसीसी कैडेटों ने परेड की सलामी दी। इस अवसर पर कॉलेज के कोषाध्यक्ष हरिबंश सिंह भी उपस्थित रहे। वहीं डीएवी काॅलेज परिसर में संचालित मानव शिक्षण संस्थान में भी गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। मुख्य अतिथि डाॅ. सत्यदेव सिंह एवं अजीत कुमार सिंह यादव ने ध्वजारोहण किया। 

बनारस पत्रकार एसोसिएशन ने मनाया गणतंत्र दिवस, किया ध्वजारोहण

बीपीए के सदस्यों ने देश की रक्षा के लिए ली शपथ 


वाराणसी 27 जनवरी (dil india live)। सारनाथ के तिलमापुर स्थित बनारस पत्रकार एसोसिएशन के प्रांतीय कार्यालय पर ध्वजारोहण धूमधाम से किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदेश अध्यक्ष सुधीर दुबे एवं सारनाथ प्रभारी अर्जुन सिंह ने ध्वजारोहण कर किया।उक्त अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष एवं जिला अध्यक्ष सहित संगठन के समस्त पषदाधिकारीयो एवं सदस्यों ने शपथ लिया कि हम भारत  माता की रक्षा व सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहेगे। इस दौरान संगठन को मजबूत बनाने पर भी ज़ोर दिया ग्या।कार्यक्रम मे मुख्य रूप से प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येंद्र प्रकाश उपाध्याय, माया शंकर दुबे, प्रदेश महामंत्री अनिल पाठक, जिला अध्यक्ष भारतेन्दु तिवारी, ज्ञान प्रकाश सिंह,  डा. रमेश कुमार सहित संगठन के सभी पदाधिकारी तथा सदस्य उपस्थित रहे।धन्यवाद ज्ञापन जिला अध्यक्ष भारतेन्दु तिवारी ने किया।

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मना गणतंत्र दिवस

सुल्तान क्लब में शान से लहराया तिरंगा


वाराणसी 27 जनवरी (dil india live)। सामाजिक संस्था " सुल्तान क्लब" की ओर से संजय गाँधी नगर कालोनी , बड़ी बाज़ार में कोविड -19 का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के वातावरण में मनाया गया। संस्थाध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक व समाजसेवी हाजी सलमान बशर ने संयुक्त रूप से ध्वजारोहण किया।ध्वजारोहण के पश्चात राष्ट्रगान पढ़ा गया, देश प्रेम से सरोबार नज्मे भी पढ़ी गई। स्वच्छता व मतदाता जागरूकता अभियान के लिए लोगों को जागरूक भी किया गया। इस अवसर पर अतिथियों ने खिताब करते हुए कहा कि देश की एकता एवम अखण्डता को कायम रखने के लिए सभी धर्मों का सम्मान व देश के कानून पर अमल करना होगा,मिल जुलकर रहने पर ही हमारा देश तरक्की करेगा यही हमारी गंगा जमनी तहजीब की पहचान है।हमें धार्मिक शिक्षा के साथ साथ दुनियावी व साइंस की तालीम भी लेनी होगी,देश की आजादी व सविधान में सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया,लाखों उलमा - ए - एकराम शहीद हुए।डॉ भीमराव अंबेडकर जी का बनाया हुआ संविधान पर सभी लोगों को चलना होगा तभी हमारा देश एक बार फिर सोने की चिड़िया कहलाएगा,आतंकवाद व भ्रष्टाचार के विरोध में हमेशा खड़ा रहना होगा।अध्यक्षीय सम्बोधन में डॉ. एहतेशामुल हक ने कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं देश में तरक्की व खुशहाली लाने के लिए हमे सत्य और अहिंसा के रास्ते पर हर हाल में चलना होगा। 

कार्यक्रम का संचालन कोषाध्यक्ष शमीम रियाज़ ने किया उपाध्यक्ष महबूब आलम ने लोगों का स्वागत किया। इस अवसर पर समाजसेवी हाजी सलमान बशर, अध्यक्ष डॉ. एहतेशामुल हक, सचिव जावेद अख्तर, महासचिव एच. हसन नन्हें, कोषाध्यक्ष शमीम रियाज़, उपाध्यक्ष अजय वर्मा, मुहम्मद इकराम, अब्दुर्रहमान, मौलाना अब्दुल्लाह, हाफिज़ मुनीर, इरफान इत्यादि ने भाग लिया।

सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा...

कम्पोज़िट विद्यालय खानपुर में गणतंत्र दिवस मनाया गया 



वाराणसी 26 जनवरी(dil india live)। कम्पोज़िट विद्यालय खानपुर विकासखंड चिरईगांव में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (पंजीकृत 1160) के जिलाध्यक्ष श्री महेंद्र बहादुर सिंह एवं चिरईगांव प्रधान संघ के ब्लॉक अध्यक्ष लाल बहादुर पटेल द्वारा संयुक्त रुप से झंडोत्तोलन का कार्यक्रम संपन्न किया गया ।इस अवसर पर आजादी के लिए अपना तन मन धन न्योछावर करने वाले महान पुरुषों को तथा संविधान का निर्माण किये जाने वाले महान पुरुष बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी के कृतित्व व व्यक्तित्त्व पर चर्चा करते हुए महान पुरुषो  को नमन किया गया तथा उनके रा बताए गए मार्ग  पर चलने का संकल्प लिया गया  उक्त अवसर पर कोविड प्रोटोकॉल का बाकायदा ध्यान रखते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम में सर्वश्री इंचार्ज प्रधानाध्यापिका श्रीमती इंदिरा सिंह श्रीमती मालती यादव श्रीमती सुनीता भट्ट श्रीमती नीलिमा प्रभाकर श्रीमती पार्वती राय श्रीमती पूजा तिवारी श्रीमती सरवरी खातून श्रीमती ममता देवी कु0 पूजा सहायिका  पंचायत भवन इत्यादि लोगो ने शिरकत किया।धन्यवाद प्रकाश इंचार्ज प्रधानाध्यापिका श्रीमती इंदिरा सिंह ने किया। अंत मे मिष्ठान वितरण के पश्चात कार्यक्रम का समापन किया गया।

बुधवार, 26 जनवरी 2022

गणतंत्र दिवस पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले डाककर्मी हुए सम्मानित

पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज

लोक कल्याणकारी योजनाओं से लोगों को जोड़ने में डाक विभाग की अहम भूमिका: पीएमजी कृष्ण कुमार यादव




वाराणसी 26 जनवरी (dil india live)। डाक विभाग द्वारा वाराणसी परिक्षेत्र में 26 जनवरी, 2022 को 73 वां  गणतंत्र  दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने  कैंट प्रधान डाकघर कैम्पस स्थित क्षेत्रीय कार्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और सराहनीय सेवाओं के लिए 20 डाककर्मियों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित भी किया। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग आम जन से जुड़ा हुआ है, ऐसे में गणतंत्र में इसकी भूमिका और भी अहम हो जाती है। इस बार 73वें गणतंत्र दिवस पर  राजपथ पर विभिन्न राज्यों और सरकारी मंत्रालयों/विभागों की निकली झाँकियों (Tableau) में 'आजादी का अमृत महोत्सव : भारतीय डाक' की झाँकी भी रही। महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित इस झाँकी में डाक सेवाओं में हुए तमाम बदलावों को भी प्रदर्शित किया गया।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि संविधान हमारे देश की आत्मा है। भारतीय संविधान की उद्देशिका में निहित शब्दों और उनमें निहितार्थ भाव को अंगीकार करने की जरूरत है, जिसकी शुरुआत 'हम भारत के लोग' से हुई है। यही हमारे लोकतंत्र और गणतंत्र का मूल है। भारतीय डाक विभाग भी समाज के अंतिम व्यक्ति तक अपनी पहुँच सुनिश्चित कर लोक कल्याणकारी योजनाओं से लोगों को जोड़ता है।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि आज ही के दिन हमने संविधान के तहत लोकतान्त्रिक व्यवस्था को अंगीकार कर देश के प्रत्येक नागरिक के कल्याण एवं सर्वोन्मुखी विकास का संकल्प लिया था। ऐसे में संविधान में प्रदत्त अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी विवेकपूर्ण अनुपालन आवश्यक है। एक जिम्मेदार नागरिक और सरकारी व्यवस्था के अंग दोनों रूप में, संविधान द्वारा स्थापित तंत्र की मजबूती हेतु कार्य करते हुए  हमारा दायित्व होना चाहिए कि सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाएं आम जन तक पहुंचें और इसके लिए हमें अधिक प्रभावी और प्रतिबद्ध रूप में कार्य करना होगा। गणतंत्र दिवस के दिन हम सभी को लोकतंत्र की उपलब्धियों का उत्सव मनाना चाहिए और एक शांतिपूर्ण, सौहार्दपूर्ण एवं प्रगतिशील भारत के निर्माण में स्वयं को समर्पित करने का संकल्प लेना चाहिए। 

इस अवसर पर प्रवर डाक अधीक्षक राजन राव, डाक अधीक्षक संजय वर्मा, सहायक निदेशक राम मिलन, सहायक अधीक्षक आर के चौहान, अजय कुमार, डाक निरीक्षक श्रीकांत पाल, वीएन द्विवेदी, संतोषी राय, पोस्टमास्टर कैंट प्रधान डाकघर रमाशंकर वर्मा सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।   

 20 लोगों का हुआ सम्मान 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने सराहनीय सेवाओं हेतु विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले डाककर्मियों को सम्मानित किया। इनमें वाराणसी (पूर्वी) मण्डल से सिटी महिला डाकघर की पोस्टमास्टर सी. अनिथा, सन्नी कुमार गुप्ता, कुलभूषण तिवारी, रवीन्द्र पासवान, अनिल कुमार शर्मा, ग्रामीण डाक सेवक संदीप सरोज, पोस्टमैन राजेश सिंह पटेल, डायरेक्ट एजेंट राम आशीष सिंह, मेल ओवरसियर राम प्रसाद तो 

वाराणसी (पश्चिम) मंडल से डाक सहायक सिद्धार्थी, शिव शंकर राम, ग्रामीण डाक सेवक दीपू शर्मा, मिथिलेश सिंह, हाफिज़ अहमद, कमलेश कुमार, पोस्टमैन कुमारी नीलम, पवन कुमार, डायरेक्ट एजेंट नीलेश जायसवाल और क्षेत्रीय कार्यालय से एमटीएस नागेंद्र यादव, इंद्रजीत गौतम को सम्मानित  किया गया।

मंगलवार, 25 जनवरी 2022

जानिए गणतंत्र दिवस क्यो मनाया जाता है

 




वाराणसी 25 जनवरी (dil india live)। भारत में दो राष्ट्रीय पर्व ऐसे हैं जिसके आने पर सब में देशभक्ति की भावना जागृत हो उठती है। वह हैं स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी। स्वतंत्रता दिवस के बारे में तो सभी जानते है कि यह 15 अगस्त को देश आज़ाद होने का जश्न का दिन है। इसके बावजूद काफी लोगों को यह नहीं पता है कि 26 जनवरी को मनाया जाने वाला भारतीय गणतंत्र दिवस आखिर क्यों मनाया जाता है? तो आइये हम आपको यहां बताने जा रहे हैं कि 26 जनवरी को आखिर हुआ क्या था? और इसे भारत में क्या राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है? भारतीय गणतंत्र दिवस के बारे में जानें विस्तार से।

गणतंत्र का अर्थ 

गणतंत्र शब्द दो शब्द के मिलने से बना है। गण और तंत्र, गण का अर्थ होता है पूरी जनता और तन्त्र का अर्थ होता है प्रणाली। इस तरह गणतंत्र का अर्थ हुआ पूरी जनता द्वारा नियंत्रित प्रणाली। 

  गणतंत्र की परिभाषा

सीधे शब्दों में गणतंत्र एक ऐसा तंत्र  है, जिसमें हर व्यक्ति का योगदान होता है। एक ऐसा तंत्र जहां हर व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा की जाती है। हर व्यक्ति को समान अधिकार दिए जाते हैं। वो भी बिना किसी भेदभाव के।  यानी गणतंत्र जहां भी है वहां किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता। जनता का प्रतिनिधि जनता द्वारा चुना जाता है। वह जनता के हित में काम करता है। ऐसा ही तंत्र गणतंत्र कहलाता है। यह देश के हर राज्य में एक समान होता है।

गणतंत्र और लोकतंत्र में अंतर

ज्यादातर लोग प्राय: गणतंत्र को ही लोकतंत्र मान लेते हैं। परन्तु दोनों में अंतर है। गणतंत्र में लोगों का प्रतिनिधि एक सामान्य व्यक्ति होता है लेकिन वो काम जनता की नहीं अपनी इच्छा के अनुसार करता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण जर्मनी का हिटलर है। जो पहले एक सामान्य व्यक्ति था राज्य उसके हाथ में आने के बाद वो अपनी इच्छा अनुसार काम करता था। वहीं लोकतंत्र में एक वंश राज करता है। जिसकी आगे वाली पीढ़ी को ही राज्य का शासन मिलता है। परन्तु उसका शासन लोगों द्वारा चलता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ब्रिटेन है। जहां कई सालों से एक ही वंश की पीढ़ियाँ राज कर रही हैं। वहां का शासन लोगों के अनुसार चलता है। भारत में गणतंत्र और लोकतंत्र दोनों हैं।जो दुनिया के तमाम मुल्कों से इसे अलग करता है।

 गणतंत्र दिवस का महत्व

गणतंत्र दिवस का भारतीय इतिहास में बहुत महत्त्व है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन ने जुलाई 1945 में एक कैबिनेट मिशन भारत भेजा। जिसमें 3 मंत्री थे। जिसमें 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता की घोषणा हुयी। देश आज़ाद हो गया। आज़ादी के बाद भारत का अपना संविधान बनाने के लिए संविधान सभा की घोषणा हुयी जिसमें जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि मुख्या सदस्य थे।

इस सभा ने इस संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में कुल 114 दिन की बैठकों के बाद 26 नवंबर 1949 को संविधान का निर्माण कार्य पूरा किया। इसी कारण 26 नवंबर का दिन संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। डा. भीमराव अंबेडकर की संविधान के इस निर्माण कार्य में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका थी। इसके चलते  उन्हें संविधान का निर्माता भी कहा जाता है। संविधान के निर्माण के बाद अंग्रेजों के कानून भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 में लागू किया गया। इसी दिन भारत में लोकतंत्र और गणतंत्र को अपनाया गया । भारत अंग्रेजों से तो 15 अगस्त को स्वतंत्र हो गया था परन्तु अपना कानून न होने के कारण मानसिक तौर पर अभी भी अंग्रेजों का गुलाम ही था। इस गुलामी की बेड़ियों से मुक्ति हमें 26 जनवरी 1950 को मिली। इसी कारण यह दिवस एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।

कैसे मनाये गणतंत्र दिवस

गणतंत्र दिवस पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हर तरफ बस राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा ही दिखता है। राजधानी दिल्ली में यह बहुत ज्यादा उत्साह के साथ मनाया जाता है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का भाषण सुनने के लिए लाल किले पर बहुत भरी भीड़ एकत्रित होती है। भारत के राष्ट्रपति इसी दिन भारतीय राष्ट्र ध्वज फहराते हैं। उसके बाद राष्ट्रीय गान गाया जाता है।

प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति पर पुष्प अर्पित करते हैं जो कि इंडिया गेट के पास है। फिर शहीदों की याद में 2 मिनट का मौन रखा जाता है। उसके बाद इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक परेड निकली जाती है। इस परेड में भिन्न-भिन्न प्रकार की झांकियां निकाली जाती हैं। भारतीय जल, थल और वायु सेना के जवान अपने जौहर का प्रदर्शन करते हैं। झांकियों में अलग-अलग राज्यों की कला और संस्कृति का प्रदर्शन किया जाता है। इस बार बनारस का विश्वनाथ धाम भी उत्तर प्रदेश की झांकी में शामिल किया गया है। इस तरह भारतीय गणतंत्र दिवस की अपने आप में बहुत महानता है। यदि हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत को आज़ाद कराने के लिए लड़ाई तेज न करते और अपनी कुर्बानी न देते तो   शायद हम आज भी अंग्रेजों के ही गुलाम होते। इसीलिए 15 अगस्त को हम लोग देश की आज़ादी की लड़ाई जीतने का जश्न और 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर संविधान पूरा होने की खुशी मनाते हैं। यह दोनों दिन हमारे लिए अति गर्व का दिन है।

राष्ट्रीय बालिका दिवस

बेटियों को कानूनी अधिकारों के प्रति किया जागरूक


वाराणसी, 25 जनवरी(dil india live)। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर सोमवार को जिले में जागरुकता कार्यक्रमों  का आयोजन किया गया। इनमें किशोरियों को उनके क़ानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करने के साथ ही हितकारी योजनाओं के बारे में  भी उन्हें अवगत कराया गया।

सारनाथ स्थित डेयर बालिका गृह में आयोजित जागरुकता शिविर में  बाल संरक्षण अधिकारी निरुपमा  सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस को मनाने का उद्देश समाज में लोगों को बेटियों के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि एक दौर ऐसा भी था, जब बेटियों को गर्भ में ही मार दिया जाता था। लड़कियों का बाल-विवाह भी करवाया जाता था। इसे रोकने के लिए ही सरकार ने कानून बनाया। अब समय बदल चुका है। आज बेटियों के गर्भ में आने से लेकर जन्म लेने और फिर बड़े होने तक, उनकी सुरक्षा के लिए कानून हैं। बेटियां अब बिना डरे ही समाज के हर क्षेत्र में मुकाबला कर रही हैं। उनको हर क्षेत्र में लड़कों के बराबर ही हक दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक किशोरी को इन कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी रखनी चाहिए ताकि उनका कोई शोषण न कर सके। उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम अवसर होते हैं  जब बच्चियां लोक-लाज के भय से अपने साथ हो रहे शोषण पर मौन रह जाती हैं । नतीजा होता है कि वह दलदल में फंसती जाती हैं  और एक समय ऐसा भी आता है कि उनका जीवन बर्बाद होने की स्थिति में आ जाता है। ‘गुड टच व बैड टच’ के बारे में समझाते हुए उन्होंने कहा कि यदि आप को लगता है कि ऐसा कर रहे व्यक्ति की मंशा ठीक नहीं है तो तत्काल विरोध करें। इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर कानून का सहारा लें।

उन्होंने शिविर में शामिल किशोरियों से कहा कि उन्हें अपनी पढ़ाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हम जितने ही शिक्षित होंगे, उतने ही अपने अधिकारों, कानूनों की जानकारी हासिल कर सकेंगे। शिविर में शामिल किशोरियों को उन्होंने पाक्सो एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह एक्ट किस तरह से उनकी सुरक्षा करता है। उन्होंने बाल कल्याण समिति और विभाग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह विभाग उनकी सुरक्षा के लिए खास तौर पर काम करता है और जरूरत  पड़ने पर वह कभी भी इसकी मदद ले सकती हैं।  शिविर में शामिल पंचक्रोशी की रहने वाली रीना ने बताया कि यहां आने से उसे कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं  । अकथा की सुनीता ने कहा कि शिविर में शामिल होने से उन्हें  अपने अधिकारों के बारे में पता चला। शिविर में फादर अभिसिक्तानंद व सिस्टर मंजू समेत अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किया।


सोमवार, 24 जनवरी 2022

जिले में सोमवार को 35,524 लाभार्थियों को लगा कोविड का टीका

10,218 को पहली, 24,125 लोगों को लगी दूसरी डोज़


वाराणसी, 24 जनवरी (dil india live)। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशन में जिले में कोविड-19 टीकाकरण का महा अभियान चरणबद्ध तरीके से चल रहा है। इस क्रम में जनपद में सोमवार को जिले में 35,524 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया। इसमें 2,520 किशोर-किशोरियों का टीकाकरण किया गया। इसके साथ ही 1,181 लोगों ने एहतियाती टीका लगवाया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी* ने बताया कि सोमवार को जिले के विभिन्न टीकाकरण केन्द्रों पर आयोजित 594 सत्रों में कुल 35,524 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया, जिसमें 10,218 लाभार्थियों को प्रथम डोज तथा 24,125 लाभार्थियों को दूसरी डोज एवं 1,181 लोगों को प्रीकाशनरी डोज़ का टीका लगाया गया। इस क्रम में 15 से 17 वर्ष के 2,520 लाभार्थियों को, 18 से 44 वर्ष के 23,346 लाभार्थियों को, 45 से 59 वर्ष के 5,575 लाभार्थियों एवं 60 वर्ष से ऊपर के 2,986 लाभार्थियों को कोरोना का टीका लगाया गया।

      सीएमओ ने बताया कि अभी तक जिले में कुल 52,24,672 कोरोना डोज़ लगाई जा चुकी हैं। इसमें से 30,06,757 (101.2%) पहली डोज़ व  20,06,436 (67.5%) दूसरी डोज़ एवं 16,814 प्रीकॉशनरी डोज़ लगाई जा चुकी हैं। इसके साथ ही अब तक 1,94,665 (75.5%) किशोरों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है।

कुष्ठ रोगियों में बांटा कंबल

इनरव्हील क्लब वाराणसी मित्रम का आयोजन

वाराणसी 24 जनवरी(dil india live)। प्रदेश में पड़ने वाली भयानक ठंड को देखते हुए इनरव्हील क्लब वाराणसी मित्रम की ओर से संकट मोचन स्थित कुष्ठ आश्रम में कुष्ठ रोगियों में कंबल का वितरण किया गया। साथ ही साथ खाने पीने की चीजें भी दी गई। इस नेक कार्य में अंजलि अग्रवाल, शत्रुपा केसरी, अमृता शर्मा, ममता तिवारी, नूतन रंजन, रीता कश्यप, शीला अग्रवाल, पल्लवी केसरी, चंद्रा शर्मा आदि सदस्यों ने हिस्सा लिया।


शिवपुर से लड़ेंगे ओम प्रकाश राजभर!

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर


वाराणसी 24 जनवरी(dil india live)। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर शिवपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। यह जानकारी सोमवार को सुभासपा के प्रदेश महासचिव चंदन विश्वकर्मा ने दी। उन्होंने कहा की शिवपुर विधानसभा में विकास कार्य न के बराबर हुए हैं सुभासपा कार्यकर्ताओं की मांग है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर इस बार शिवपुर विधानसभा 386 से चुनाव लड़े और क्षेत्र का विकास करें। प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर विधायक हैं। जिन्होंने ना के बराबर काम किया।
प्रदेश महासचिव चंदन विश्वकर्मा, जिलाध्यक्ष सुरेन्द कुमार राय, जोगेस्वर राजभर दसरत राजभर राममूरत राजभर गोपाल राजभर रमेश राजभर, विजेंद्र पाल आदि लोगों की मांग है कि ओपी राजभर चुनाव लड़े।

सुभाष घई अपनी निर्मित फिल्मों के जरिये दर्शकों के दिलों पर कर रहे राज

आज मनाया जा रहा सुभाष घई का जन्मदिन 

(24 जनवरी जन्म दिन पर खास)

मुंबई 24 जनवरी(dil india live)। बॉलीवुड में सुभाष घई को एक ऐसे फिल्मकार के तौर पर शुमार किया जाता है, जिन्होंने अपनी फिल्मों के जरिये दर्शकों के दिलों पर राज किया। नागपुर में 24 जनवरी 1945 को जन्में सुभाष घई बचपन के दिनों से हीं फिल्मो में काम करना चाहते थे। अपने इसी सपने को साकार करने के लिये सुभाष घई ने पुणा के फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया में प्रशिक्षण लिया और अपने सपनो को पूरा करने के लिये मुंबई आ गये। 

अपने करियर के शुरूआती दौर में सुभाष घई ने कुछ फिल्मों में अभिनय किया लेकिन बतौर अभिनेता अपनी पहचान बनाने में कामयाब नहीं हो सके। बतौर निर्दशक सुभाष घई ने अपने करियर की शुरूआत वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म ‘कालीचरण’ से की। इस फिल्म में शत्रुध्न सिन्हा की दोहरी भूमिका थी। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी।

वर्ष 1978 में सुभाष घई ने एक बार फिर से शत्रुध्न सिन्हा को लेकर ‘विश्वनाथ’ बनायी। इस फिल्म में शत्रुध्न सिन्हा ने एक तेज तर्रार वकील की भूमिका निभायी थी। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी। इस फिल्म में शत्रुध्न सिन्हा का बोला गया यह संवाद ..जली को आग कहते है बुझी को राख बनते है जिस राख से बारूद बने उसे विश्वनाथ कहते है..दर्शको के बीच आज भी लोकप्रिय है।

वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म ‘कर्ज’ सुभाष घई के करियर की एक और सुपरहिट पिल्म साबित हुयी। पुनर्जन्म पर आधारित इस फिल्म में ऋषि कपूर, टीना मुनीम, सिमी ग्रेवाल,प्राण, प्रेम नाथ और राज किरण ने मुख्य भूमिकायें निभायी थी। इस फिल्म में सिमी ग्रेवाल ने नेगेटिव किरदार निभाकर दर्शको को रोमांचित कर दिया था। कर्ज टिकट खिड़की पर सुपरहिट फिल्म साबित हुयी।वर्ष 1982 में प्रदर्शित फिल्म विधाता सुभाष घई के करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है। इस फिल्म के जरिये सुभाष घई ने अभिनय सम्राट दिलीप कुमार, शम्मी कपूर, संजीव कुमार और संजय दत्त जैसे मल्टी सितारों को एक साथ पेश किया। फिल्म ने सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किये।

वर्ष 1982 में सुभाष घई ने अपनी प्रोडक्शन कंपनी मुक्ता आटर्स की स्थापना की जिसके बैनर तले उन्होंने वर्ष 1983 में प्रदर्शित फिल्म ‘हीरो’ का निर्माण-निर्देशन किया। इस फिल्म के जरिये सुभाष घई ने फिल्म इंडस्ट्री को जैकी श्राफ और मीनाक्षी शेषाद्री के रूप में नया सुपरस्टार दिया।

वर्ष 1986 में सुभाष घई ने सुभाष घई ने दिलीप कुमार को लेकर अपनी महात्वाकांक्षी फिल्म ‘कर्मा’ का निर्माण किया। दिलीप कुमार, नूतन, जैकी श्राफ, अनिल कपूर, नसीरउद्दीन साह, श्रीदेवी, पूनम ढिल्लो और अनुपम खेर जैसे सुपर सितारों से सजी इस फिल्म के जरिये सुभाष घई ने दर्शको के बीच देशभक्ति की भावना का संचार किया।

वर्ष 1989 में प्रदर्शित फिल्म ‘रामलखन’ भी सुभाष घई के करियर की सुपरहिट फिल्मों में शामिल की जाती है। वर्ष 1991 में सुभाष घई ने दिलीप कुमार और राजकुमार को लेकर अपनी महात्वकांक्षी फिल्म ‘सौदागर’ का निर्माण किया। दिलीप कुमार और राजकुमार वर्ष 1959 मे प्रदर्शित फिल्म ‘पैगाम’ के बाद दूसरी बार एक दूसरे के आमने सामने थे। सौदागर में अभिनय की दुनिया के इन दोनों महारथियों का टकराव देखने लायक था। इसी फिल्म के जरिये सुभाष घई ने मनीषा कोइराला और विवेक मुश्रान को फिल्म इंडस्ट्री में लांच किया। इस फिल्म के लिये सुभाष घई को सर्वश्रेष्ठ फिल्म निर्देशक का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया।

इसके बाद सुभाष घई ने वर्ष 1993 में संजय दत्त को लेकर ‘खलनायक’, वर्ष 1997 में शाहरूख खान को लेकर ‘परदेस’ और वर्ष 1999 में ऐश्वर्या राय को लेकर ‘ताल’ जैसी सुपरहिट फिल्मों का निर्माण किया। परदेस के जरिये सुभाष घई ने महिमा चौधरी को फिल्म इंडस्ट्री में लांच किया। 2000 का दशक सुभाष घई के करियर के लिये अच्छा साबित नहीं हुआ। इस दौरान बतौर निर्देशक उनकी यादें, किसना और युवराज जैसी फिल्में प्रदर्शित हुयी जो टिकट खिड़की पर बेअसर साबित हुयी।

वर्ष 2008 में प्रदर्शित फिल्म युवराज की असफलता के बाद सुभाष घई ने फिल्मों का निर्देशन करना बंद कर दिया। सुभाष घई ने वर्ष 2014 में प्रदर्शित फिल्म ‘कांची’ के जरिये बतौर निर्देशक कमबैक किया लेकिन यह फिल्म टिकट खिड़की पर सफल नहीं हुयी। सुभाष घई इन दिनों फिल्म '36 फार्महाउस' को लेकर चर्चा में हैं।यह फिल्म सुभाष घई की ओटीटी पर एक कहानीकार और म्यूजिक कम्पोज़र के रूप में उनकी डेब्यू फिल्म

कांग्रेस के अफसर खां प्रदेश सचिव

 भदोही प्रभारी बनाये जाने पर हर्ष

वाराणसी (निष्पक्ष लोकवाणी)। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग का प्रदेश सचिव व भदोही का अफसर खां को प्रभारी बनाया गया है। 

युवा कांग्रेसी नेता अफसर खां को भदोही का प्रमारी बनाये जाने पर कांग्रेस के पूर्व सांसद डा. राजेश मिश्रा, पूर्व विधायक अजय राय, रामनगर की चेयरमैन रेखा शर्मा, वाराणसी के जिला अध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल, महानगर अध्यक्ष राधवेद्र चौबे, फसाहत हुसैन बाबू, ओकास अंसारी, डा. जफरुल्ला जफर, हसन मेहन्दी कब्बन, विजय उपाध्याय, ओम शुक्ला, ओम प्रकाश ओझा, दुर्गा प्रसाद गुप्ता, विपिन सिंह, जावेद खान, राजेन्द्र गुप्ता, शमशान खान, शान्तनु त्रिपाठी, हरीश पान्डेय आदि  ने हर्ष व्यक्त किया है।

रविवार, 23 जनवरी 2022

निःशुल्क किया मोतियाबिंद का आपरेशन

रोगी की सेवा भगवान की सेवा

वाराणसी 23 जनवरी(dil india live)। कहा जाता है कि रोगी की सेवा ही भगवान की सेवा है। इसे ही जिन्दगी का मूलमंत्र मानकर डा. अनुराग टंडन लम्बे समय से मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं। यही वजह है कि रविवार को मौसम खराब होने के बावजूद भी पंजाबी अस्पताल  सलारपुर मे सैकड़ो की संख्या में मरीज़ों को दवा व चश्मा  के साथ 12 लोगो का नि:शुल्क मोतियाबिन्द का आपरेशन अत्याधुनिक विधि से सफलतापूर्वक  सम्पन्न हुआ। इस कार्य में डा. अनुराग टंडन और उनके सहयोगी डाक्टर प्रियंका सेठ व सत्यनारायण आदि शामिल थे।

स्वातंत्र्य आंदोलन में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का अहम स्थान -पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

डाक विभाग ने मनाई नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती


वाराणसी 23 जनवरी (dil india live)। विभाग द्वारा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती क्षेत्रीय कार्यालय, वाराणसी में मनाई गई। इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश के स्वातंत्र्य आंदोलन में उनके अवदान को याद किया।    पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, देश के स्वातंत्र्य आंदोलन में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का अहम स्थान रहा है। साहस और पराक्रम के परिचायक, देशभक्ति की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले, आजाद हिंद फौज के संस्थापक, स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस सदैव युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे। 'तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा' का आह्वान करके नेताजी ने आजादी को नए आयाम दिए। महात्मा गाँधी जी को पहली बार राष्ट्रपिता के नाम से नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने ही संबोधित किया था। मातृभूमि के लिए उनका अद्वितीय त्याग, तप, एवं संघर्ष समस्त देशवासियों का सदैव मार्गदर्शन करता रहेगा। इस अवसर पर वाराणसी (पश्चिमी) मंडल के अधीक्षक डाकघर संजय वर्मा, सहायक निदेशक राम मिलन, पोस्टमास्टर वाराणसी कैंट आर एस वर्मा, डाक निरीक्षक वी एन द्विवेधी, श्रीकांत पाल, राजेंद्र यादव सहित तमाम अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

नेताजी की जयंती पर पुष्पांजालि


वाराणसी (dil india live) । आज़ादी संग्राम में अद्वितीय योगदान देने वाले शेर-ए-हिन्द आज़ाद हिन्द फ़ौज के संस्थापक महान नेताजी सुभाष चंद बोस की १२५वी जयंती के अवसर पर आज़ाद संस्था द्वारा सिगरा स्थित नेताजी की प्रतिमा पर माला एवं पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन भेंट की इस अवसर पर सी आर पी ऍफ़ के जवान पुरे अस्त्र शस्त्र के साथ नेताजी को सलामी प्रदान की। संस्था के प्रदेश अध्यक्ष अखिल आनंद ने बताया की नेतृत्व और देशभक्ति की सच्ची प्रेरणा किसी से मिलती है तो वह नेताजी ही हैं।

इस अवसर पर संस्था ने जिला उपाध्यक्ष के पद पर डॉ. सुभाष चंद्र जी व जिला युथ सचिव व संयोजक के रूप में शशिशंकर पटेल जी को मनोनीत किया। जिला सचिव प्रवीण वर्मा ने बताया की हर वर्ष संस्था द्वारा नेताजी के जन्म जयंती के अवसर पर हम सबके द्वारा पार्क व प्रतिमा की साफ़ सफाई व बच्चो के बीच नेताजी की वीर गाथाएँ सुनाई जाती आई है। इस वर्ष सैनिको के साथ हम आज यह पराक्रम दिवस मना रहे जिला संरक्षक प्रकाश कुमार श्रीवास्तव, डॉ. मनोज श्रीवास्तव, डॉ. पंकज सिंह, अंजलि माहेश्वरी, रवि कुमार, आदि लोग ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि प्रकट की।

हसरत जयपुरी अवॉर्ड फॉर कॉन्ट्रिब्यूशन इन सिनेमा" से नवाज़े जाएंगे सईद कादरी

मशहूर गीतकार हसरत जयपुरी की याद में दिया जाता है अवार्ड

अनिल बेदाग़



मुम्बई (dil india live)। रिफ फिल्म क्लब द्वारा राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (रिफ) का आठवां संस्करण 25 से 30 मार्च 2022 को आयोजित किया जाएगा और राजस्थान दिवस का जश्न भी मनाएगा। राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (रिफ) के संस्थापक सोमेन्द्र हर्ष ने बताया कि इस वर्ष राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (रिफ) में हसरत जयपुरी अवॉर्ड फॉर कॉन्ट्रिब्यूशन इन सिनेमा का अवार्ड लेखक और गीतकार सईद कादरी को दिया जाएगा। हसरत जयपुरी अवॉर्ड फॉर कॉन्ट्रिब्यूशन इन सिनेमा का अवार्ड  हर वर्ष रिफ में जयपुर के जन्मे मशहूर गीतकार हसरत जयपुरी की याद में फिल्मी दुनिया की ऐसी शख्सियत को दिया जाता है जिसने अपना पूरा जीवन संगीत को समर्पित किया है।।       

               जोधपुर , राजस्थान के जन्मे सईद कादरी एक भारतीय कवि और गीतकार हैं। सईद कादरी के करियर की शुरुआत निर्देशक महेश भट्ट की फिल्म जिस्म से हुई थी।  उन्होंने फिल्म जिस्म के काफी बेहतरीन गाने लिखे थे, जो काफी हिट भी हुए थे। सईद कादरी साहिर लुधियानवी को अपना प्रेरक मानते हैं। सर्वश्रेष्ठ गीतकार के लिए उन्हें आईफा, स्टारडस्ट, एमटीवी और टाटा इन्फो अवार्ड मिल चुके हैं। सईद कादरी ने  "जादू है नशा है" (जिस्म 2003) "भीगे होंठ तेरे" (मर्डर 2004) "अगर तुम मिल जाओ"( ज़हर 2005) और "तू ही मेरी शब है" (गैंगस्टर 2006) जैसे एक से एक बढ़कर नायाब गीत लिखे हैं। सईद कादरी ने इक्कीस वे दशक की शुरुवात की नई पीढ़ी को उर्दू शायरी के नए रंग दिखाए जो युवाओं ने खूब पसंद किए। उनके गीतों में सादगी है, गहराई है और वे सीधे दिल में उतरते हैं। सईद कादरी का मानना है की गीत वही पसंद किए जाते हैं जो जिंदगी से सीधा कनेक्शन रखते हैं। याद भी वहीं गीत रखे जाते हैं जिनमें सुनने वाले को अपनी कहानी नजर आती है।

        शुरू में जब सईद कादरी को निराशा हाथ लगी तो कुछ साल मुम्बई में बिताने के बाद वापस जोधपुर लौट आया। जिम्मेदारियां बढ़ी तो जोधपुर में ही एलआईसी एजेंट बन गए। लेकिन एक बार जोधपुर में महेश भट्ट आए तो उन्होंने अपनी बेटी पूजा भट्ट की फिल्म में अवसर दिया और उनका पहला गीत "आवारापन " आया। इसके बाद सफर चलता रहा। कादरी अब तक 150+ के करीब गीत लिख चुके हैं जिसमे अरिजीत सिंह द्वारा गाया हुआ गीत "फिर मोहब्बत करने चला है तू" (मर्डर 2) , आतिफ़ असलम का "वो लम्हे" (ज़हर) और "तेरे बिन मैं यूँ कैसे जियां" (बस एक पल) , रूप कुमार राठौड़ की आवाज़ में "आँखें तेरी" (अनवर), राहत फ़तेह अली खान का "जिया धड़क धड़क जाए" जैसे गाने शामिल है।

          रिफ फिल्म क्लब की मैनेजिंग ट्रस्टी अंशु हर्ष ने बताया की "पाँच दिवसीय आयोजन में फिल्म स्क्रीनिंग, सेमीनार, वर्कशॉप, टॉक शो , नॉलेज सीरिज एवं कल्चरल इवनिंग का आयोजन होगा। इस आयोजन में फीचर फिल्म , शॉर्ट फिल्म, डाक्यूमेंट्री  फिल्म , ऐनिमशिन फिल्म एवं रीजनल फिल्म की स्क्रीनिंग होगी जिनकी सबमिट करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2022 है। फिल्ममेकर एवम स्टूडेंट्स राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की वेबसाइट  डब्लू डब्लू डब्लू डॉट रिफजयपुर डॉट ओआरजी पर जाकर एवं फ़िल्मफ्रीवे पर अपनी फिल्म सबमिट कर सकते है"

शनिवार, 22 जनवरी 2022

रविवार को जिले के 10 केंद्रों पर होगा टीकाकरण

जिले में शनिवार को 36,831 लाभार्थियों को लगा कोविड का टीका

11,061 लोगों को पहली व 24,640 लोगों को लगी दूसरी डोज़

वाराणसी, 22 जनवरी (dil india live)। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशन में जिले में कोविड-19 टीकाकरण का महा अभियान चरणबद्ध तरीके से चल रहा है। इस क्रम में जनपद में शनिवार को जिले में 36,831 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया। इसमें 3,129 किशोर-किशोरियों का टीकाकरण किया गया। इसके साथ ही 1,130 लोगों ने एहतियाती टीका लगवाया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि शनिवार को जिले के विभिन्न टीकाकरण केन्द्रों पर आयोजित 570 सत्रों में कुल 36,831 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया, जिसमें 11,061 लाभार्थियों को प्रथम डोज तथा 24,640 लाभार्थियों को दूसरी डोज एवं 1,130 लोगों को प्रीकाशनरी डोज़ का टीका लगाया गया। इस क्रम में 15 से 17 वर्ष के 3,129 लाभार्थियों को, 18 से 44 वर्ष के 23,781 लाभार्थियों को, 45 से 59 वर्ष के 5,731 लाभार्थियों एवं 60 वर्ष से ऊपर के 3,021 लाभार्थियों को कोरोना का टीका लगाया गया।

      सीएमओ ने बताया कि अभी तक जिले में कुल 51,79,794 कोरोना डोज़ लगाई जा चुकी हैं। इसमें से 29,97,246 (100.9%) पहली डोज़ व  19,75,312 (66.5%) दूसरी डोज़ एवं 15,468 प्रीकॉशनरी डोज़ लगाई जा चुकी हैं। इसके साथ ही अब तक 1,91,768 (74.4%) किशोरों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है।

      जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ वीएस राय ने बताया कि रविवार को जिले में 10 टीकाकरण केंद्रों पर लोगों को कोविड टीका लगाया जाएगा। इसमें समस्त आठों ब्लॉकों के ब्लॉक स्तरीय प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित दो विशेष टीकाकरण केंद्र सिगरा स्टेडियम एवं एलटी कॉलेज में टीकाकरण सत्र चलाये जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिन्होंने पहली डोज़ लगवा ली है वह समय से दूसरी डोज़ भी अवश्य लगवा लें। इसके साथ ही जिन्होंने दोनों डोज़ लगवा ली हैं वह समय से प्रीकॉशनरी डोज़ लगवा लें।

‘चुप’ में काम कर खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रही है पूजा




मुंबई, 22 जनवरी (dil india live) बॉलीवुड अभिनेत्री पूजा भट्ट फिल्म ‘चुप’ में काम कर खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रही है।

पूजा भट्ट फिल्मकार आर.बाल्मीकी की फिल्म चुप से लंबे वक्त बाद फिल्मों में वापसी कर रही है। इस साइकोलॉजिकल थ्रिलर में पूजा भट्ट के साथ सनी देओल, दुलकर सलमान और श्रेया धनवंतरी भी मुख्य किरदार में नजर आने वाली हैं। इस फिल्म को लेकर पूजा भट्ट बेहद उत्साहित नजर आ रही हैं।

पूजा भट्ट ने कहा, “मैं खुद को सौभाग्यशाली महसूस करती हूं कि मैं इस युवा जुनूनी दुनिया और उद्योग में स्क्रीन पर अपनी वापसी कर रही हूं। वर्ना 49 साल की उम्र में किसको इतना दमदार किरदार निभाने को मिल सकता है। मुझे लगता है कि वक्त बदल रहा है और आज 90 के दशक की तुलना में कहीं ज्यादा अवसर हैं। हम डिजिटल के माध्यम से एक नई भाषा बोलते है और बॉलीवुड के इसे पकड़ने की जरूरत है।”


पूजा भट्ट ने कहा, “आर बाल्की अपने शानदार निर्देशन के लिए जाने जाते हैं और उनकी एक अलग तरह की निगाहें है। इसी लिए जब ये प्रोजेक्ट मेरे पास आया, तो मैंने इसके लिए हां कर दिया।”

शुक्रवार, 21 जनवरी 2022

संभावना कला मंच के इस चित्रकार को जानिये क्या मिला एवार्ड



राजीव "स्टार गोल्डेन अवार्ड-2021" से सम्मानित

गाज़ीपुर 21 जनवरी (dil india live)। सम्भावना कला मंच के ख्यातिलब्ध चित्रकार व एम.जे.आर.पी. पब्लिक स्कूल, गाज़ीपुर के कला शिक्षक राजीव कुमार गुप्ता को कला के क्षेत्र में विशेष योगदान व उपलब्धियों के लिए 'सुमन आर्ट थियेटर सोसायटी, हैदराबाद' के द्वारा "स्टार गोल्डन अवार्ड-2021" से पुरस्कृत किया गया है। इसमें राजीव को गोल्डेन स्टार ट्रॉफी व सम्मान पत्र देकर पुरस्कृत किया गया है। सु मन आर्ट थियेटर की तरफ से बीते 15 अगस्त 2021 को कला का अमृत महोत्सव के तहत पूरे भारतवर्ष से ललित कला के सभी क्षेत्र से कलाकारों का पोर्टफोलियो आमंत्रित किया गया था। इस अमृत महोत्सव में राजीव गुप्ता की भी पोर्टफोलियो चयनित हुई जिसमें कला के क्षेत्र में विशेष योगदान व उपलब्धियों पर राजीव को यह पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार भारतीय डाक द्वारा कल ही मिला है। राजीव कुमार गुप्ता ने इस पुरस्कार का श्रेय अपने गुरुजनों के कुशल मार्गदर्शन को दिया जिसकी वजह से आज ये इन उपलब्धियों को हासिल कर पा रहे हैं। इस पुरस्कार को राजीव गुप्ता अपने कला गुरु डॉ. राज कुमार सिंह के हाथों प्राप्त कर खुशी जाहिर की है। इनके इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए प्रख्यात चित्रकार व कला गुरु डॉ. राज कुमार सिंह का कहना है कि सम्भावना कला मंच के कलाकार आज पूरे विश्व में अपनी कला के जनपक्षीय रुप को विस्तारित कर रहे हैं। राजीव ने अपनी कला के साथ साथ नवकलाकारों को भी प्रशिक्षित कर रहे हैं जिससे कला के प्रति आम जन में धारणा बदली है। राजीव कुमार गुप्ता अपनी कलाकृति व अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड व इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज करा चुके हैं। 
इससे पहले भी इनको राजा रवि वर्मा पुरस्कार, इंटरनेशनल आइकॉन अवॉर्ड, रिसर्च एक्सीलेंस अवॉर्ड, रेड डायमंड एचीवर अवॉर्ड, कलारत्नम पुरस्कार आदि प्राप्त हो चुका है व इनके चित्र देश, विदेश के कई जगहों पर प्रदर्शित हो चुकी है। इनके इस उपलब्धि पर एम.जे.आर.पी. स्कूल के चेयरमैन व पूर्व सांसद जगदीश कुशवाहा, प्रबंधक राजेश कुशवाहा, पूर्व ब्लाक प्रमुख रामायण सिंह यादव, सूर्यनाथ पाण्डेय, दिनेश वर्मा, राम जी गिरी, साहित्य चेतना समाज के संस्थापक अमर नाथ तिवारी 'अमर', सम्भावना के संरक्षक आलोक श्रीवास्तव, प्रभाकर त्रिपाठी, आनन्दी त्रिपाठी, गोपाल जी यादव, राजेश गुप्ता, 'पवनसुत' विशाल गुप्ता, संदीप गुप्ता 'दीपू', सभासद संगीता गुप्ता, पंकज शर्मा, सुधीर सिंह आदि क्षेत्र वासियों ने बधाई व शुभकामनाएं दी।

घर-घर जाकर चिन्हित किये जाएंगे कोविड-19 के लक्षण युक्त व्यक्ति

जिले में सोमवार से चलेगा विशेष सर्वेक्षण अभियान

सूचीबद्ध होंगे नियमित टीकाकरण से छूटे दो वर्ष से कम आयु के बच्चे

 • चिन्हित होंगे कोविड टीके की पहली खुराक न लेने वाले 60 से अधिक आयु के लोग

वाराणसी, 21 जनवरी (dil india live)। पोलियो की तर्ज पर जिले में 24 से 29 जनवरी तक विशेष सर्वेक्षण अभियान चलाया जाएगा। इसमें घर-घर जाकर आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा कोविड-19 के लक्षण युक्त व्यक्ति, नियमित टीकाकरण से छूटे हुए दो  वर्ष से कम आयु के बच्चे, 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में कोविड टीके की पहली खुराक न प्राप्त करने वाले व्यक्ति को चिन्हित कर सूचीबद्ध किया जाएगा । इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों को निर्देशित किया है कि इस अभियान की सफलता के लिए आशा और आंगनवाड़ी को प्रशिक्षण दिया जाय, इस बात पर विशेष ध्यान रखा जाए कि इस सर्वेक्षण में एक भी घर न छूटे । साथ ही स्वास्थ्य विभाग की जो योजनाएं चल रही हैं उसकी पहुँच आमजन तक जरूर हो इस पर विशेष ध्यान दिया जाए ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने बताया कि सर्वेक्षण के साथ-साथ कोविड टीकाकरण का कार्य यथावत चलता रहेगा । कोविड टीकाकरण में मोबलाइजेशन का कार्य निगरानी समिति द्वारा संपादित किया जाएगा । सर्वेक्षण के दौरान प्रत्येक घर पर स्टीकर चस्पा तथा पोलियो की तर्ज पर हाउस मार्किंग का कार्य भी होगा । प्रत्येक पांच टीमों पर एक सुपरवाइजर तथा जोनल अधिकारी नियुक्त होंगे। प्रतिदिन ब्लॉक तथा जनपद स्तर पर समीक्षा की जायेगी। एएनएम एवं सीएचओ को उक्त सर्वेक्षण से मुक्त रखा जाएगा। समस्त गतिविधियों हेतु प्रशिक्षण तथा सहयोगात्मक पर्यवेक्षण डब्ल्यूएचओ तथा यूनिसेफ द्वारा किया जाएगा। 26 जनवरी को अवकाश के कारण उस रोज सर्वेक्षण नहीं होगा लेकिन 27 जनवरी से पुनः यह अभियान  29 जनवरी तक जारी रहेगा। इस अभियान में पंचायतीराज विभाग, ग्राम्य विकास,आई सी डी एस, नगर -पालिका, वन विभाग, कृषि विभाग, गैर-सरकारी संगठनों, डब्ल्यू एच ओ तथा यूनीसेफ आदि से सहयोग लिया जाएगा। 

 निम्न बिन्दुओं पर एकत्रित होगी सूचना

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सर्वेक्षण में निम्न बिन्दुओं पर सूचना एकत्रित की जाएगी ।

60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के कोविड टीका करण के प्रथम डोज से छूटे हुए व्यक्तियों का चिन्हांकन एवं उन्हें सूचीबद्ध करना ।

0 से 2 वर्ष की आयु के नियमित टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों का चिन्हांकन एवं उन्हें सूचीबद्ध करना ।

टीडी टीकाकरण से छूटे हुए गर्भवती महिलाओं का सर्वेक्षण ।

आई एल आई /सारी से प्रभावित व्यक्तियों का चिन्हकांन एवं मेडिसिन किट का वितरण।

 • सूचीबद्ध होंगे नियमित टीकाकरण से छूटे दो वर्ष से कम आयु के बच्चे

 • चिन्हित होंगे कोविड टीके की पहली खुराक न लेने वाले 60 से अधिक आयु के लोग।

टीडी टीकाकरण से छूटे हुए गर्भवती महिलाओं का सर्वेक्षण ।

आई एल आई /सारी से प्रभावित व्यक्तियों का चिन्हकांन एवं मेडिसिन किट का

वितरण ।

आप के सांसद संजय सिंह ने जारी किया तीसरी सूची

सेवापुरी से कैलाश पटेल को मिला टिकट


वाराणसी 21 जनवरी(dil india live) आम आदमी पार्टी के उत्तर-प्रदेश प्रभारी व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आज 33 उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी की। सुयोग्य और शिक्षित को वरीयता दी गयी हैं।

आप के प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह ने बताया कि इसके पूर्व दो लिस्ट के माध्यम से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के लिये 170 नाम जारी कर दियें गयें थे और आज तीसरी लिस्ट में 33 उम्मीदवारों की सूची जारी की गयी, इस अब तक 203 प्रत्याशियों के नाम घोषित किये जा चुके हैं। जल्दी ही शेष 200 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जायेंगी। आज के लिस्ट में वाराणसी के सेवापुरी सीट से आप के जिलाध्यक्ष कैलाश पटेल जी को टिकट दिया गया हैं। इस प्रकार अबतक वाराणसी में 05 प्रत्याशियों को टिकट दिया गया हैं।

गुरुवार, 20 जनवरी 2022

कायाकल्प कार्यक्रम के तहत चौकाघाट शहरी सीएचसी का किया गया मूल्यांकन

वाराणसी, 18 जनवरी (dil india live) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित कायाकल्प कार्यक्रम के अंतर्गत शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) चौकाघाट का मंगलवार को बाह्य मूल्यांकन (एक्सटर्नल असेस्मेंट) किया गया। शासन से कायाकल्प अवार्ड योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 के लिए वाराणसी सहित 42 जिलों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का एक्सटर्नल असेस्मेंट राज्य स्तर से गठित टीम के द्वारा किए जाने दिशा-निर्देश प्राप्त हुये थे। इस क्रम में मंगलवार को चौकाघाट सीएचसी का मूल्यांकन जिला समन्वयक क्वालिटी एश्योरेंस (प्रयागराज) डॉ शुंबेंद्र, जिला सलाहकार (बहराइच) डॉ शैलेंद्र तिवारी एवं जिला महिला अस्पताल (बाराबंकी) के हॉस्पिटल क्वालिटी मैनेजर डॉ एसपी तिवारी ने किया। 

मूल्यांकन के दौरान प्रसव कक्ष, टीकाकरण कक्ष और प्रगति, परिवार नियोजन कार्यक्रम, लैब, बायो मेडिकल वेस्ट, मेडिसिन स्टोर, साफ-सफाई एवं अन्य चिकित्सीय सुविधाओं को देखा गया जिसमें सभी सुविधाएं सुव्यवस्थित पायी गईं । इस दौरान प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ मनमोहन शंकर तथा इनके अधीनस्त समस्त स्टाफ ड्रेसकोड में पाये गए। इस दौरान मौजूद अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके मौर्य ने स्वास्थय केंद्र के सभी चिकित्सीय स्टाफ को उनके बेहतर कार्यों के लिए प्रोत्साहित किया। इस मौके पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव, मण्डल स्तर से निरीक्षण के दौरान मंडलीय सलाहकार क्वालिटी एश्योरेंस डॉ आरपी सोलंकी और मंडलीय शहरी सलाहकार मयंक राय एवं अन्य लोग मौजूद रहे। 

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण वाराणसी मण्डल के अपर निदेशक डॉ एसके उपाध्याय एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी द्वारा टीम को स्वास्थ्य केंद्र की सफल मूल्यांकन के लिए धन्यवाद दिया गया।

लक्ष्य के मुताबिक हर किसी को लगी कोविड टीके की पहली डोज

कोविड की पहली डोज़ का आंकड़ा पहुंचा 100 प्रतिशत

एक साल में 50 लाख से अधिक डोज लग चुकी है टीके की  

जिले में गुरुवार को 43,176 लाभार्थियों को लगा टीका

गुरुवार को 13,136 लोगों को पहली व 28,348 लोगों को लगी दूसरी डोज़

वाराणसी, 20 जनवरी (dil india live) जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशन में जिले में कोविड-19 टीकाकरण का महा अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है। इसी कड़ी में  जनपद कोरोना की पहली डोज़ लगाने में 100 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल कर चुका है। कुछ दिवस पूर्व जनपद ने टीके की 50 लाख  डोज़ लगाने की उपलब्धि हासिल की थी। 

इस उपलब्धि के लिए जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों की सराहना की है। उनका कहना है कि लगातार प्रयास कर दूसरी डोज़ की  भी जल्द से जल्द शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल करें। जिलाधिकारी ने  इस बात पर भी ज़ोर दिया है कि 15 से 17 वर्ष के किशोर-किशोरियों के टीकाकरण लक्ष्य को भी जल्द से जल्द हासिल करना है, इसके लिए सभी लोग हरसंभव प्रयास करें |        

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि जिले में गुरुवार को कोरोना की पहली डोज़ का आंकड़ा 100 फीसदी पहुँच चुका है। जनपद में गुरुवार को 43,176 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया। *इसके साथ ही जिले में एक साल में 29,79,345 (100.3%) पहली डोज़ एवं 19,20,499 (64.6%) दूसरी डोज़ लग चुकी है। इस तरह से जिले में टीके की कुल 50,96,707 डोज़ लग चुकी हैं। एक साल में 26,71,064 पुरुषों व 24,12,542 महिलाओं को कोविड टीके की डोज़ लगाई गईं। अब वाराणसी जनपद कोरोना की पहली डोज़ से शत-प्रतिशत प्रतिरक्षित हो चुका है। 

इस उपलब्धि के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों, हेल्थ केयर व फ्रंटलाइन वर्कर सहित अन्य विभागों और संस्थाओं द्वारा दिये गए अहम योगदान की प्रशंसा की और उन्हें धन्यवाद दिया है । इसके साथ ही उन्होने उम्मीद जताई है कि इसी तरह उत्साहपूर्वक कार्य करते हुये टीकाकरण के अन्य लक्ष्य को भी जल्द ही प्राप्त करेंगे। 

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ वीएस राय ने बताया कि गुरुवार को जिले के विभिन्न टीकाकरण केन्द्रों पर आयोजित 596 सत्रों में कुल 43,176 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया, जिसमें 13,136 लाभार्थियों को प्रथम डोज तथा 28,348 लाभार्थियों को दूसरी डोज एवं 1,692 लोगों को प्रीकाशनरी डोज़ का टीका लगाया गया। इस क्रम में 15 से 17 वर्ष के 4,254 लाभार्थियों को, 18 से 44 वर्ष के 27,236 लाभार्थियों को, 45 से 59 वर्ष के 6,459 लाभार्थियों एवं 60 वर्ष से ऊपर के 3,481 लाभार्थियों को कोरोना का टीका लगाया गया।

इसके साथ ही जिले में एक साल में 18 से 44 वर्ष के 31,66,270 व 45 से 59 वर्ष के 10,19,093 एवं 60 वर्ष से ऊपर के लोगों में कुल 5,62,820 कोरोना डोज़ लग चुकी हैं। तीन जनवरी से अब तक 15 से 17 वर्ष के 1,83,810 (71.3%) किशोर-किशोरियों को पहली डोज़ लग चुकी हैं। वहीं 10 जनवरी से अब तक 13,053 प्रीकॉशनरी डोज़ लगाई जा चुकी हैं।

मंगलवार, 18 जनवरी 2022

वाराणसी ने हासिल की 50 लाख कोविड डोज़ लगाने की बेमिसाल उपलब्धि

जिले में 38,576 लाभार्थियों को लगा कोविड का टीका

15,431 लोगों को पहली व 21,711 लोगों को लगी दूसरी डोज़

वाराणसी, 18 जनवरी (dil india live)।  मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल एवं जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशन में जिले में कोविड-19 टीकाकरण का महा अभियान चरणबद्ध तरीके से चल रहा है। इस क्रम में जनपद मे मंगलवार को जिले में करीब 38,576 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया। इसी के साथ वाराणसी ने मंगलवार को 50 लाख से अधिक कोविड डोज़ लगाने की बेमिसाल उपलब्धि हासिल कर ली है। इस उपलब्धि के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों और संस्थाओं ने अपना अहम योगदान दिया है, जो काफी सराहनीय है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि मंगलवार को जिले के विभिन्न टीकाकरण केन्द्रों पर आयोजित 613 सत्रों में कुल 38,576 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया, जिसमें 15,431 लाभार्थियों को प्रथम डोज तथा 21,711 लाभार्थियों को दूसरी डोज एवं 1,434 लोगों को प्रीकाशनरी डोज़ का टीका लगाया गया। इस क्रम में 15 से 17 वर्ष के 5,841 लाभार्थियों को, 18 से 44 वर्ष के 23,545 लाभार्थियों को, 45 से 59 वर्ष के 5,187 लाभार्थियों एवं 60 वर्ष से ऊपर के 2,511 लाभार्थियों को कोरोना का टीका लगाया गया।

      सीएमओ ने बताया कि अभी तक जिले में कुल 50,03,423 कोरोना डोज़ लगाई जा चुकी हैं। इसमें से 29,58,872 (99.6%) पहली डोज़ व  18,60,259 (62.6%) दूसरी डोज़ एवं 1,0,065 प्रीकॉशनरी डोज़ लगाई जा चुकी हैं। इसके साथ ही अब तक 1,74,228 (67.6%) किशोरों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है।

घर पर ही सही देखभाल से कोरोना को दें मात

इंटीग्रेटेड कमांड व कंट्रोल सेंटर से रखी जा रही निगरानी, मिल रहा परामर्श

Himanshu Rai 

गाजीपुर 18 जनवरी (dil india live)। कोविड-19 के मामले बढ़ जरूर रहें हैं लेकिन पहली दो लहर जैसी गंभीर स्थिति संक्रमितों में इस बार नहीं देखी जा रही है । बहुत से लोगों में तो कोई खास लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, फिर भी उनकी रिपोर्ट पाजिटिव आ रही है । ऐसी स्थिति में घर पर ही रहकर कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए और स्वास्थ्य महानिदेशालय से जारी दवाओं का सेवन करते हुए कोरोना को आसानी से मात दिया जा सकता है । इसके साथ ही सरकार द्वारा कोविड की जांच, उपचार और रेफर के लिए बनाए गए इंटीग्रेटेड कमांड व कंट्रोल सेंटर से संक्रमितों की निगरानी की जा रही है और जरूरी परामर्श भी दिए जा रहे हैं।

डॉ. के के वर्मा ने बताया की स्वास्थ्य महानिदेशालय ने इस बार कोविड को मात देने के लिए समिति द्वारा निर्धारित दवाओं की सूची जारी करने के साथ ही कोरोना से निपटने के लिए की गईं तैयारियों और बरती जाने वाली सावधानियों का भी जिक्र किया है । पत्र के मुताबिक इंटीग्रेटेड कमांड व कंट्रोल सेंटर से होम आइसोलेशन के पात्र मरीजों के स्वास्थ्य की स्थिति की निरंतर निगरानी की जा रही है । किसी होम आइसोलेटेड मरीज के लक्षण युक्त हो जाने या उसे चिकित्सकीय सहायता की जरूरत होने पर इलाज व संदर्भन की सुविधा मिल रही है । इसके अलावा जन सामान्य को कोविड से बचाव के उपायों और प्रदेश में उपलब्ध कोविड की जांच व इलाज की उपलब्ध सेवाओं के बारे में अवगत कराया जा रहा है । चिकित्सीय सलाह की सुविधा पूरे समय के लिए उपलब्ध है। ई-संजीवनी एप के माध्यम से घर पर ही अनुभवी चिकित्सकों द्वारा मुफ्त कंसल्टेंसी की सुविधा दी जा रही है । सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर मुफ्त कोविड टीकाकरण किया जा रहा है । नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त कोविड जांच और लक्षण युक्त व्यक्तियों के लिए उपचार की सुविधा मौजूद है । विशेष परिस्थितियों में हेल्पलाइन नंबर- 1800-180-5145 और 104 नंबर की भी मदद ली जा सकती है । ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि परिवार में कोई व्यक्ति कोविड पाजिटिव है तो होम आइसोलेशन के नियमों का पालन करें और घर से बाहर न निकलें । इसके अलावा यदि खुद कोविड के लक्षणों से ग्रसित हैं तो खुद को परिवार के अन्य सदस्यों से दूर रखें और घर से बाहर न निकलें ।

 होम आइसोलेशन में रहने वाली 40 वर्षीया कलावती (बदला हुआ नाम)  ने बताया कि कोविड पाजिटिव की रिपोर्ट आने के बाद उन्हें घर पर ही मेडिकल किट मुहैया करा दी गई थी और दिन में तीन-चार बार इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर से फोन पर हालचाल ली जाती है और आक्सीजन लेवल की भी जानकारी ली जाती है । 

इन परिस्थितियों में हेल्पलाइन या डाक्टर से संपर्क करें : 


लगातार कई दिनों तक 101 डिग्री से अधिक का बुखार 

सांस फूलना और सांस लेने में परेशानी होना 

पल्स आक्सीमीटर से नापने पर आक्सीजन का स्तर 94 फीसद से कम आना 

भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने पर  


छोटे बच्चों में कोविड के लक्षण : 


बुखार, खांसी, जुकाम 

लगातार रोना 

दूध/खुराक लेना बंद कर देना 

दस्त लगना 

पसली चलना 

निढाल पड़ जाना 


12 वर्ष से अधिक के लोगों में कोविड के लक्षण : 


बुखार, खांसी, जुकाम व थकावट 

सिर दर्द व बदन दर्द 

स्वाद या गंध की चेतना का चला जाना 

बुखार के साथ दस्त 

बुखार के साथ त्वचा पर चकत्ते


कोविड से बचाव एवं सावधानियाँ : 


हमेशा मास्क का इस्तेमाल करें 

मास्क को ठीक तरह से पूरे मुंह व नाक को ढकते हुए लगाएं 

सोशल डिस्टेंसिंग (छह फुट की दूरी) का पालन करें 

अनावश्यक घर से बाहर न निकलें 

लक्षण आने पर खुद को परिवार के अन्य सदस्यों से अलग रखें और जांच कराएं 

बार-बार साबुन-पानी से अच्छी तरह से हाथों को धुलते रहें 

समय से कोविड टीकाकरण जरूर कराएं  


दवाओं के साथ इन बातों का भी रखें ख्याल : 


सांस संबंधी व्यायाम, योग व प्राणायाम दिन में 20 से 30 मिनट तक करें (सहज महसूस करने पर ही) 

दिन में तीन से चार बार श्वसन दर (रेस्परेटरी रेट) व आक्सीजन सेचुरेशन (पल्स आक्सीमीटर से) अवश्य नापें, यह 94 फीसद अथवा इससे अधिक होना चाहिए 

पर्याप्त मात्रा में हल्का गर्म/गुनगुना पानी पियें 

उच्च रक्तचाप व किसी पुरानी बीमारी का उपचार चल रहा है तो उसे डाक्टर के परामर्श से जारी रखें

कोविड काल में क्लीनिक करेगा जरुरतमंदों का उपचार


वाराणसी 18 जनवरी(dil india live)। साईं वंदना वेलफेयर एंड रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा चिकित्साकीय क्लीनिक 'रोशनी क्लिनिक एंड चाइल्ड केयर' का उद्घाटन संस्था की संस्थापक वंदना सिंह ने किया। इस क्लीनिक का उद्घाटन संस्था द्वारा कोविड-19 कि तीसरी लहर को देखते हुए किया गया है। ऐसे समय में जब तीसरी लहर अपने उठान पर है। लोग डरे हुए हैं, ऐसे समय में गरीब व जरूरतमंद लोगों का उपचार करना संस्था द्वारा खोली गई इस क्लीनिक का खास मकसद है। यहां डा. यस कुमार लोगों को चिकित्सा सुविधा  देंगे। यह क्लिनिक पहाड़ी गेट बीएलडब्लू में खोला गया है। संस्था की संस्थापक वंदना सिंह ने कहा कि कोई बच्चा या बड़ा उपचार से वंचित ना हो इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। इस मौके पर वंदना सिंह ने डा. यस. कुमार का आभार प्रकट किया और कहा कि इस नेक कार्य के लिए आगे आए हैं उनका हम सब आभार व्यक्त करते हैं। संस्था उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने सभी का स्वागत किया।

कथक सम्राट बिरजू महाराज का काशी से था खास जुडाव

2019 में अंतिम बार आये थे काशी, बच्चों को दिया था कथक की टिप्स

नटराज संगीत एकेडमी के प्रोग्राम में करना था उन्हें मार्च में शिरकत 





वाराणसी 17 जनवरी (dil india live)। लखनऊ घराने के मशहूर कथक कलाकार पंडित बिरजू महाराज का अंतिम बार मार्च में बनारस आने का ख्वाब अधूरा ही रह गया। वो 2003 से लगतार हर साल बनारस आते थे और यहां बच्चों को कथक की बारिकियों से रुबरु कराते थे, मगर कोविड के चलते 2019 के  बाद बनारस आना उनके लिए ख्वाब सरीखा हो गया। बनारस से पं बिरजू महाराज का गहरा लगाव था। उनकी बनारस में एक मात्र शिष्या संगीता सिन्हा कहती वो भले ही लखनऊ में पैदा हुए मगर वो बनारस से हमेशा जुड़े रहे। वह हर साल नटराज संगीत एकेडमी में आकर संगीत की नई पौध को कथक की बरीकियों से रुबरु कराते थे। पिछले दिनों लखनऊ और दिल्ली में मैं उनके साथ थी। बच्चों को कथक की बरीकियों से रुबरु कराने के लिए मार्च में उन्हें नटराज संगीत एकेडमी आने के लिए मैं तैयार करके आयी थी मगर ईश्वार को तो कुछ और ही मंजूर था। यह अनहोनी हो गई।, यह कहते हुए संगीता सिन्हा की आंखे भर आयी। उन्होने कहा कि कथक के जादूगर थे गुरुजी। उनका बनारस आने का सपना अधूरा ही रह गया।  

पंडित बिरजू महाराज का भले ही लखनऊ के कालिका-बिन्दादिन घराने से रिश्ता रहा हो, लेकिन धर्म और संगीत की नगरी बनारस से उनका संगीत के अलावा पारिवारिक रिश्ता भी था। पहले ससुराल फिर समधियाना दोनों उन्होंने बनारस में ही बनाया। यही वजह है कि उनके निधन की खबर से बनारस स्तब्ध है। कथक सम्राट बिरजू महाराज के आंखों की मुद्रा से राधा-रानी की कलाओं की पेशकश हो या फिर तबले की थाप संग पैरों की जुगलबंदी, इसका जैसा अद्भुत मिलन पंडित बिरजू महाराज के नृत्य में देखने को मिलता था, वो खुद में बेहद खास था। गिरिजा देवी के गुरु पंडित श्रीचंद्र मिश्र की बेटी अन्नपूर्णा देवी बिरजू महाराज की पत्नी थीं। कबीरचौरा संगीत घराने वाली गली में पंडित बिरजू महाराज का ससुराल है। वहीं, ख्यात सारंगीवादक पंडित हनुमान प्रसाद मिश्र के पुत्र पंडित साजन मिश्र के साथ बिरजू महाराज की बेटी कविता का विवाह हुआ है। उनके एक भाई ने बनारस घराने के ख्यात पंडित रामसहाय की शागिर्दी में तबला वादन सीखा था। पंडित बिरजू महाराज का खुद बनारस से बहुत गहरा जुड़ाव था। बनारस के राजेन्द्र प्रसाद घाट, अस्सी घाट पर होने वाले कार्यक्रम हो या फिर देश भर के संगीतकारों की जुटान का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण संकट मोचन संगीत समारोह। इन आयोजनों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पंडित बिरजू महाराज बनारस जरूर पहुंचते थे। काशी में होने वाले ध्रुपद मेले में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहता था। यही वजह है कि प्रतिष्ठित अवार्ड पद्म विभूषण से सम्मानित 83 वर्षीय बिरजू महाराज ने दिल्ली के साकेत हॉस्पिटल में अंतिम सांस लेने की खबर काशी पहुंचते ही मानो संगीत घराने में कोहराम मच गया। 

सीखने और सीखाने की अदभूत ललक

संगीत सिन्हा बताती है कि बिरजू महाराज में सीखने और सीखाने की अदभूत ललक थी। वो एक शानदार ड्रमर भी थे, जो आसानी और सटीकता के साथ लगभग सभी ड्रम बजाते थे। उन्हें खासतौर पर तबला और नाल बजाने का शौक था। वह  सितार वाद्य, सितार, सरोद, वायलिन, सारंगी आसानी से बजा लेते थे। उन्होंने इन सबका किसी औपचारिक प्रशिक्षण नहीं लिया। वो सदैव कथक के प्रमोशन के लिए परेशान रहते थे। यही वजह है कि छोटे-छोटे बच्चों के प्रोग्राम में भी मेरे बुलाने पर काशी हर साल आते थे।

 अच्छन महाराज थे बिरजू महाराज के गुरु

बिरजू महाराज के अच्छन महाराज व लच्छू महाराज थे। अच्छन महराज कोईऔर नहीं बल्कि उनके पिता थे, तो लच्छू महाराज चाचा। उनकी मां भी उनकी गुरु की श्रेणी में ही आती थीं। यूं तो इनके पिता का नाम जगन्नाथ महाराज था, जो लखनऊ घराने से थे और अच्छन महाराज के नाम से जाने जाते थे। पिता ने बचपन से ही अपने यशस्वी पुत्र को कला दीक्षा देनी शुरू कर दी थी। ठुमरी सम्राट महादेव प्रसाद मिश्र के पुत्र पं. गणेश मिश्र कहते है कि बिरजू महाराज को कथक विरासत में मिली थी। अच्छन महाराज के निधन के बाद उन्होने कथक नृत्य प्रशिक्षण लेना शुरू किया। आज बिरजू महाराज भले ही हम लोगोें के बीच नहीं है मगर उनकी कला और उनके काम सदैव हम लोगों को उनकी याद दिलाती रहेगी। उनका जाना वास्तव देश दुनिया के संगीत प्रेमियों के लिए सदमे जैसा है।


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बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...