मंगलवार, 30 नवंबर 2021

बेहतर भविष्य की सुखद उम्मीद

महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल रंगा रंग कार्यक्रम संग सम्पन्न




वाराणसी 30नवंबर (dil India live)। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से कबीर और उनकी शाश्वत शिक्षाओं को फिर से आत्मसात करते हुए तीन दिवसीय 'महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल' का भव्य समापन रविवार को गुलेरिया घाट पर हुआ. इस अनूठे उत्सव में ख्यातिलब्ध कलाकारों ने कबीर वाणी और आध्यात्मिक संगीत के माध्यम से जीवन दर्शन को समझाया और मन की सादगी में छिपे वैभव को जीने का रहस्य  उजागर किया. संगीत के साथ ही साहित्य, कला और आध्यात्म के सह-अस्तित्व की महत्ता का बखान किया।

फेस्टिवल पर अपने विचार साझा करते हुए महिंद्रा समूह के उपध्यक्ष और प्रमुख, सांस्कृतिक आउटरीच जय शाह ने कहा कि महिंद्रा समूह को इस महोत्सव के माध्यम से कलाकारों और दर्शकों को फिर से मिलने का मौका देने पर गर्व है। उन्होंने  इस बात पर राहत महसूस की कि कबीर के उत्सव के बहाने एक बार फिर जीवन की आशा और नई उम्मीदों के द्वार खुले हैं. उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य के लिए योजना बनाते समय हम आनंद और प्रतिबिंब से भरे इन पलों की ऊर्जा को अपने साथ रखेंगे।टीमव र्क आर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय के. रॉय ने कहा कि इस वर्ष महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल वैश्विक आपदा से जूझ रहे लोगों और कलाकारों के लिए नई ऊर्जा के रास्ते खोले हैं. उन्होंने कहा कि कबीर के दर्शन में मनुष्य की अनुकूलन और आगे बढ़ने की क्षमता समाहित है। क



बीर को याद रख कर हम इस क्षमता को अपने भीतर निरंतर प्रवाहित होने दे सकते हैं।

तीसरे दिन प्रातःकालीन संगीत सत्र का आरम्भ  वाराणसी के शास्त्रीय गायक और शिक्षक प्रतीक नरसिम्हा के गायन से हुआ. कलाकार ने राग नट भैरव और कबीर के भजन प्रस्तुत किये. तत्पश्चात 'द आहवान प्रोजेक्ट' के कलाकारों ने भावपूर्ण कार्यक्रम प्रस्तुत किया जिसका शीर्षक था, ''कबीर, तुम कहाँ हो ?' प्रेम, मानवता और दया के दर्शन को बढ़ावा देने के लिए कबीर दर्शन की जरूरत पर ज़ोर देते हुए 'द आहवान प्रोजेक्ट' की गायिका वेदी सिन्हा ने अपनी कबीराना अदायगी से सुनने वालों के मन को छू लिया. उन्होंने कहा, "किसी भी समाज में, कोई भी समय या युग हो, कबीर का दर्शन हमेशा प्रतिध्वनित होता है क्योंकि यह एक सार्वभौमिक दर्शन है।"

दोपहर के सत्र में संगीतकार, कहानीकार और लेखक रमन अय्यर ने,  दिल्ली स्थित बैंड 'मंतश' के कलाकारद्वय अंजलि सिंह पडियार और लाभ भारद्वाज के साथ  जीवन संतुलन को समझने के लिए कबीर के कुछ छंदों पर अपने विचार प्रस्तुत किये. अय्यर ने रोजमर्रा के जीवन में काम के दबाव पर चर्चा करते हुए कहा कि कबीर के छंदों ने हरेक व्यक्ति को उसके सवालों के जवाब खोजने में मदद की है. आधुनिक  वर्कहॉलिक जीवन शैली से अलग जीवन के सत्य के समक्ष समर्पण करने में कबीर का दर्शन कैसे सहायक है, इस बिंदु पर उन्होंने विस्तार से चर्चा की साथ ही  मिस्टर शिपली द्वारा रचित एक मेडले का प्रदर्शन करके दिवंगत संगीतकार मिस्टर वैलेंटाइन शिपली को भी श्रद्धांजलि दी।


तत्पश्चात, अगले सत्र 'तरन्नुम से कबीर' में अस्करी नकवी ने संगीतमय गायन की एक अनूठी शैली का प्रदर्शन किया, जो कबीर की प्रसिद्ध कविताओं का गुलदस्ता था. नक़वी ने कहा कि “कबीर का जीवन दर्शन सारे संशय से मुक्त है और किसी भी रूढ़ी में विश्वास नहीं करता. वैसे ही कबीर पर आधारित मेरी गायन शैली भी बिना किसी बंधन के मुक्त प्रवाह वाली है.' नकवी ने कबीर के दोहा 'पिंजर प्रेम प्रकाशिया' के साथ अपने प्रदर्शन की शुरुआत करते हुए जीवन और मृत्यु, प्रेम और ज्ञान को कबीर के संदर्भों के साथ व्याख्यायित किया.

संध्य्कालीन संगीत सत्र की शुरुआत डीपीएस वाराणसी के वाद्यवृन्द द्वारा प्रस्तुत 'निरंजलि' के साथ हुई। इस संगीतमय प्रदर्शनमें  सभी आयु समूहों के विद्यार्थियों कबीर के दोहे प्रस्तुत किये गये.  डीपीएस वाराणसी के प्रिंसिपल मुकेश शेलार ने कहा, "निरंजलि कबीर के दर्शन के अनुकूल है. इस मनोहारी प्रदर्शन में कबीर के पारंपरिक दोहे, कुछ फ्यूजन और कुछ सूफी शैली के संगीत शामिल थे.

समापन संध्या को और भी भव्य बनाते हुए अगली प्रस्तुति ने उपस्थित जनमानस को हृदय की गहराइयों तक भावमय कर दिया. यह प्रस्तुति थी एम.के.रैना की उत्कृष्ट कृति 'कबीरा खड़ा बाज़ार में' के माध्यम से कबीरवाणी की आधुनिक पुनर्व्याख्या, जिसने इस शाम को एक अलग ही ऊंचाइयों तक पहुँचा दिया.  दास्तानगोई शैली में पेश किया गया यह कार्यक्रम कबीर के कालजयी साहित्य को एक नया ही रंग दे रहा था. 

समारोह का समापन सुविख्यात शास्त्रीय गायिका कलापिनी कोमकली के सुमधुर गायन के साथ हुआ. गायन प्रस्तुत करने के साथ ही कलापिनी कोमकली ने कहा, ' मुझे इस अभिनव उत्सव में आमंत्रित करने के लिए मैं बहुत आभारी हूं. माँ गंगा के किनारे बैठ कर कबीर को गाना और सुनना, इससे अद्भुत जीवन-अनुभव कहीं नहीं मिल सकता.सी के साथ जन-जन के कबीर का आह्वान करते हुए अगले वर्ष फिर मिलने के वादे और एक सुखद भविष्य की सकारात्मक आशा के साथ 'महिंद्रा कबीरा महोत्सव' का 5 वां संस्करण संपन्न हुआ। निश्चित रूप से अपने तरह के सबसे अनूठे इस महोत्सव की मधुर स्मृतियाँ अगले संस्करण तक सबके मन में बनी रहेगी।

माहवारी जब हो पहली बार, किशोरियां रखें यह ख्याल

किशोर रखें यह जानकारी, रहें पूरी तरह सतर्क

माहवारी में स्वच्छता का रखें विशेष ध्यान, रहें सजग 

प्रजनन अंगों की नियमित रूप से करें सफाई

समस्या होने पर निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में स्त्री रोग विशेषज्ञ से लें सलाह  

वाराणसी 30 नवंबर(dil india live)। मासिक चक्र (माहवारी) एक प्राकृतिक तथा स्वाभाविक शारीरिक प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया एक किशोरी के शरीर को भविष्य में गर्भधारण के लिए तैयार करती है। किशोरियों से इस सामान्य शारीरिक प्रक्रिया के विषय में बात करना जरूरी होता है, क्योंकि अधिकांश किशोरियों के मन में प्रथम माहवारी (मीनार्की) के बारे में विभिन्न प्रकार की आशंकायें होती हैं। इस मनोस्थिति को परामर्श के द्वारा दूर किया जाता है। यह कहना है *जिला महिला चिकित्सालय की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका (एसआईसी) डॉ लिली श्रीवास्तव का। 

       डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि किशोरियों को प्रथम माहवारी (मीनार्की) के बारे में अवश्य जानकारी रखना चाहिये। माहवारी प्रजनन तंत्र के सही प्रकार से एवं स्वस्थ रूप से कार्य करने का संकेत हैं। माहवारी कम से कम 3 से 7 दिन तक रह सकती है, कभी-कभी 2 दिन कम ज्यादा हो सकती है। लेकिन किसी-किसी में यह अधिक दिन अथवा कम दिन भी रह सकती है। यदि माहवारी के दौरान शुरुआती 2-3 दिनों में वह 3 से 4 पैड प्रतिदिन प्रयोग करती हैं अथवा रक्तश्राव अधिक होता है तथा यदि माहवारी 7 दिनों से अधिक रहती है तो यह अधिक रक्तश्राव की स्थिति होती है। ऐसे में अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल के डाक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिये। 

     


 माहवारी (मीनार्की) की प्रक्रिया के बारे में बात करते हुये वरिष्ठ परामर्शदाता एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मधुलिका पांडे ने बताया कि माहवारी लड़कियों के यौन रूप से परिपक्व होने की शुरुआत का संकेत है। यह प्रायः यौन विकास के क्रम में शुरू होती है। तथा इस समय शारीरिक विकास चरम पर होता है। यह प्रक्रिया एक किशोरी के शरीर को भविष्य में गर्भधारण के लिए तैयार करती है। माहवारी स्त्री के प्रजनन अंग जोकि गर्भाशय कहलाता है से नियमित अंतराल पर रक्त तथा ऊतकों का श्राव है। प्रत्येक माह एक डिंब या अंडा हार्मोन के कारण किसी एक अंडाशय में परिपक्व होता है। यदि अंडा शुक्राणु के द्वारा निषेचित नहीं होता तो गर्भाशय कि आंतरिक परतें टूटना शुरू हो जाती हैं, यह टूटी हुई परतें मासिक रक्तश्राव के रूप में बाहर निकलती हैं। यह हर महीने चलता है तथा इसकी अवधि लगभग 20 से 30 दिन की होती है। 

       डा. पांडे ने कहा कि मासिक चक्र सामान्य रूप से लड़की के 10 से 14 वर्ष की आयु के बीच किशोरावस्था में पहुँचने पर आता है, और 45 से 55 वर्ष के बीच रजोनिवृत्ति (मेनोपाँज) होने तक आता रहता है। मासिक चक्र प्रत्येक 21 से 35 दिनों पर आता है आर 3 से 7 दिन तक रहता है जब तक दूसरी बार अंडा बनने की प्रक्रिया नहीं शुरू हो जाती है। मासिक चक्र औसतन 28 से 30 दिन का होता है।  

उन्होने बताया कि जिला महिला चिकित्सालय में चार डाक्टरों की ओपीडी होती है।  हमारी ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 150 मरीज आते हैं जिसमें 30 फीसदी मरीज अनियमित माहवारी के होते हैं। चिकित्सालय में पिछले तीन महीनों में कुल 33014 मरीजों की ओपीडी की गयी थी। जिसमें अक्टूबर माह में 11338, सितम्बर में 11582 तथा अक्तूबर में 10093 मरीज़ थे। 

माहवारी से पूर्व सामान्य बदलाव 

कुछ किशोरियाँ मासिक रक्तश्राव शुरू होने से कुछ दिन पहले असहज महसूस करती हैं। उनमें निम्न लक्षण हो सकते हैं जैसे स्तनों में दर्द, सिर दर्द, थकान, बदहजमी, कमर में दर्द तथा पेट का निचला हिस्सा भरा हुआ महसूस होना। किशोरियों को आश्वासन दें की चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि ये लक्षण हर महीने हार्मोन्स में परिवर्तन के कारण होते हैं। तथा एक बार मासिक चक्र शुरू होने पर स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं। उन्हें आराम करने की सलाह दें।  

मासिक चक्र से संबन्धित समस्यायें

इसमें मुख्यतः अधिक या अल्प रक्तश्राव, माहवारी के दौरान दर्द, आरटीआई/एसटी आई, पोलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओडी), 16 वर्ष तक माहवारी न आना, माहवारी हर माह न आना या ज्यादा दिन पर आना  इत्यादि हैं।

 उपाय

उपर्युक्त समस्या होने पर अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें। पीसीओडी (ओवरी में गांठ होना) की समस्या होने पर अल्ट्रासाउंड कराना चाहिये। डाक्टर की परामर्श के अनुसार किशोरियों को गर्भाशय के कैंसर से बचने के लिए ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) का टीका जरूर लगवाना चाहिए। किशोरियों को समझाएँ की मासिक चक्र का क्रम शुरुआती कुछ वर्षों के बाद सामान्य हो जायेगा। ज्यादा समस्या होने पर किशोरियों को अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर स्त्री रोग विशेषज्ञ को अवश्य दिखाना चाहिए। 

माहवारी के दौरान स्वास्थ्य एवं स्वच्छता

माहवारी के दौरान व्यक्तिगत स्वच्छता से किशोरियों को आराम एवं आत्मविश्वास महसूस होगा। इस दौरान नियमित स्नान करें। कब्ज से बचने के लिए नियमित ज्यादा पानी पिएँ तथा स्वास्थ्यवर्धक व पोषक आहार का सेवन करें। पौष्टिक आहार न लेने पर एनीमिया की संभावना बन सकती है। ऐसे में अपने ख़ून, सीरम प्रोलैक्टिन तथा टीएसएच की भी जांच करायें।   

स्वच्छता बनाए रखने के लिए किशोरियाँ मुलायम सूती पैड या सैनिटरी पैड का इस्तेमाल कर सकती हैं। सूती कपड़े में सोखने की अच्छी क्षमता होती है। कपड़े या पैड को दिन में 2 से 3 बार आवश्यकतानुसार बदलना चाहिए। कपड़े तथा अन्तः वस्त्रों को साबुन तथा पानी से अच्छी तरह से धोकर धूप में सुखाना चाहिए। पैड का प्रयोग करने के पश्चात उसे एक कागज में लपेटकर नष्ट करना चाहिए। प्रजनन अंगों को नियमित रूप से साफ करना चाहिये।      

शिवपुर निवासी लाभार्थी 27 वर्षीय रीता मौर्या ने बताया की हमें पिछले 4-5 महीनों से अनियमित माहवारी तथा सफ़ेद पानी आने की समस्या थी। डॉ पांडे को दिखाया, उन्होने सावधानी के बारे में बताया और ख़ून की जांच कराई तथा दवा लिखा। अब मुझे कोई समस्या नहीं है। कपसेटी निवासी 23 वर्षीय नेहा पाल ने बताया कि मुझे पिछले 3 महीनों से अनियमित माहवारी की समस्या थी। डाक्टर को दिखाकर दवा लिया। अब मुझे काफी आराम है।

सोमवार, 29 नवंबर 2021

दरिंदगी के विरोध में "आप" का जोरदार विरोध प्रदर्शन

फाफामऊ और सनबीम की छटना पर जताया विरोध


वाराणसी 28 नवम्बर (dil india live)। आम आदमी पार्टी ने वाराणसी में जहाँ एक ओर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए फाफामऊ की घटना के विरोध में ACM चतुर्थ के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा तो वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी आवास पर धरना देते हुए थाना कैंट प्रभारी राजेश सिंह के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन देते हुए वाराणसी के सनबीम स्कूल में हुए घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की।

आप के प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह ने प्रयागराज के फाफामऊ और वाराणसी में हुए घटना की जोरदार निंदा करते हुए कहा हैं कि उत्तर-प्रदेश में निरंतर बढ़ते अपराध ने आमजन को दहशत में डाल दिया हैं। फाफामऊ में जिस पर दरिंदगी की गयी हैं और उस घटना के पूर्व पीड़ित परिवार के प्रति प्रशासन का रवैया खेदपूर्ण हैं और मोदी जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी अपराधियों के हौसले बुलंद है। लहरतारा स्थित सनबीम स्कूल में मासूम के साथ हुए दरिंदगी ने सम्पूर्ण वाराणसी को कलंकित करने का काम किया हैं, इस पर स्कूल प्रबंधन पर  कठोर कार्यवाही करते हुए स्कूल की मान्यता रद्द की जाये और प्रबंधन पर मुकदमा दर्ज किया जाये, फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट में सुनवाई करते हुए 06 माह के अंदर दोषी को सजा और पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिये। प्रदेश सचिव कृष्ण कांत तिवारी ने कहा दलित परिवार के चार ब्यक्ति  की नृसंश हत्या कर दी गई जिसमे एक16 वर्ष की लड़की की बलात्कार कर हत्या कर दी गयी आगे से ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसकी व्यवस्था की जाएं। जिला अध्यक्ष कैलाश पटेल ने कहा कि योगी सरकार में वंचित शोषित समाज और गरीब तबके  के खिलाफ दरिंदगी हैवानियत और गुंडागर्दी की खुली छूट मिली है 24 नवम्बर की प्रयागराज के फाफामऊ की घटना वाराणसी सनबीम की घटना ताजा प्रमाण है

जिला मीडिया प्रभारी घनश्याम पांडे ,ने कहा कि प्रयागराज का फाफामऊ  कांड और वाराणसी की घटना हाथरस से भयभीत वीभत्स है अफसोस की बात है कि अब तक मुख्यमंत्री या उनके किसी मंत्री ने पीड़ित परिवार से मिलना जरूरी नहीं समझे। फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई करते हुए 6 माह के अंदर दोषी को सजा और पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए इसके साथ ही फाफामऊ कांड और वाराणसी के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए पार्टी रविवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया राज्यपाल महोदय को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा।

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला सचिव अखिलेश पांडे, दीनानाथ सिंह वीरेंद्र प्रताप , विजय कुमार, माया शंकर पटेल, गुलाब सिंह राठौर, रोशन कुमार बरनवाल ,रेखा जायसवाल, विनोद जायसवाल, अर्चना श्रीवास्तव, जेपी दुबे, मनीष गुप्ता,  अब्दुल रकीब एडवोकेट हैप्पी, महफूज, राजीव भारद्वाज, हुसैन, डा. आसिफ खान, सरोज शर्मा, रोहित मौर्य, पल्लवी वर्मा, सेतु पति त्रिपाठी, अमर सिंह पटेल, नियाज अहमद, सत्यपाल, रमेश पटेल, गोपाल पांडे, नियाज भाई आदि मौजूद थे।

रविवार, 28 नवंबर 2021

साहित्यिक संघ ने किया डा.गजाधर शर्मा 'गंगेश' का सम्मान

'गंगेश' 'सेवक साहित्यश्री' अलंकरण से विभूषित


वाराणसी 28 नवंबर (dil india live)। साहित्यिक संघ वाराणसी के 30 वें अधिवेशन के अवसर पर कमलाकर चौबे आदर्श इण्टर कालेज ईश्वरगंगी के सभागार में ख्यातिलब्ध कथाकार प्रो.कमलेश्वर के कर-कमलों से डा.गजाधर शर्मा 'गंगेश' को 'सेवक साहित्यश्री' अलंकरण से विभूषित किया गया। साथ में कथाकार धर्मेन्द्र कुशवाहा भी मौजूद थे। पता हो कि गाजीपुर के नंदगंज निवासी साहित्यकार डॉक्टर गजाधर शर्मा गंगेश मशहूर साहित्यकार हैं। उनकी साहित्यिक सेवा को देखते हुए कमलाकर चौबे आदर्श इंटर कॉलेज ईश्वरगंगी में उन्हें यह सम्मान दिया गया। साहित्यिक संघ वाराणसी के 30 अधिवेशन में उनका सम्मान होने पर गाजीपुर के साहित्यिक जगत में खुशी की लहर दिख रही।

जल्द पूरी होगी घर के पास मुफ़्त इलाज की आस

831 ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ में से 622 चालू

  • अन्य केंद्रों पर भी जल्द ही मिलने लगेंगी जरूरी सुविधाएं
  • चिकित्सीय  परामर्श, जांच व दवाएं मिलेंगी मुफ़्त
  • रोगों की  प्राथमिक स्तर पर पहचान व उपचार  होगा और आसान
  •   गंभीर बीमारियों के मरीज विशेषज्ञ चिकित्सकों के पास होंगे रेफर


वाराणसी 28  नवम्बर(dil india live)। सरकार का पूरा जोर समुदाय को घर के निकट ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने पर है | इसके लिए लगातार प्रयास भी जारी हैं। इसी  के तहत वाराणसी मण्डल में 831 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं जो मरीजों की सेहत सुधारने में बहुत ही मददगार साबित होंगे । इन केंद्रों पर बीमारियों की  शुरुआत में ही पहचान करने के साथ ही चिकित्सीय परामर्श, जांच, दवाएं व इलाज मुफ़्त मिलेगा |  वाराणसी मण्डल के इन 831 केंद्रों में से अप्रैल 2020 तक 496 केंद्र खोले  जा चुके थे, जबकि इस वर्ष 126 नये केंद्र खोले गये हैं। इस तरह कुल  622 ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ ने काम करना शुरू कर दिया है जबकि शेष में भी जल्द ही चिकित्सकीय सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। अपर निदेशक चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (वाराणसी-मण्डल) डा. एसके उपाध्याय ने बताया कि वाराणसी मण्डल में  831 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जाने थे | इनमें वाराणसी में 114, जौनपुर में 158, चंदौली में 165 व गाजीपुर में 185 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खुल चुके हैं और वहां मुफ़्त चिकित्सकीय सुविधाएं मिल रहीं  हैं । शेष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भी जल्द ही कार्य करने लगेंगे। उन्होंने बताया कि इन सभी केंद्रों पर  मातृत्व स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, किशोर स्वास्थ्य, मधुमेह, रक्तचाप की जांच, संचारी और गैर संचारी रोग प्रबंधन और उपचार की व्यवस्था होगी। टीकाकरण और इलाज के अलावा मौसमी बीमारी, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, टीबी, चेचक, कुष्ठ, मलेरिया, दिल व टायफाइड समेत अन्य बीमारियों की प्राथमिक स्तर पर पहचान  कर उपचार किया जायेगा । जरुरत पड़ने पर मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास रेफर भी किया जाएगा।

 कम्युनिटी हेल्थ आफिसर की तैनाती

स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर  अभी तक एएनएम बैठती थीं। अब हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कम्युनिटी हेल्थ आॅफिसर (सीएचओ) तैनात किए जा रहे है जो रोगों की प्राथमिक स्तर पर पहचान कर मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों के पास रेफर करेंगे।

जांच की व्यवस्था

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में हीमोग्लोबिन जांच, यूरिन द्वारा गर्भ की जांच, ब्लड ग्लूकोज, टीएलसी, डीएलसी, पेरिफेरल स्मेयर, ब्लड ग्रुपिंग, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, फाइलेरिया, कालाजार की जांच, रैपिड सिफलिस, टायफायड टेस्ट, हेपेटाइटिस आदि जांच की सुविधा उपलब्ध होगी, जिसका मरीज लाभ उठा सकते हैं।

 यह  भी मिलेंगी स्वास्थ्य सुविधाएं 

इन केन्द्रों पर  बाल व किशोरावस्था स्वास्थ्य देखभाल, संचारी रोगों का प्रबंधन, साधारण बीमारियों का उपचार, गर्भावस्था एवं शिशु जन्म देखभाल, परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक व प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल, गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग , रेफरल व फॉलोअप की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी जो आम नागरिकों के लिए बेहद लाभकारी होंगी। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सिकरौल (शिवपुर) में पत्नी कल्पना को टीका लगवाने आए कादीपुर निवासी अनिल कुमार मौर्या ने बताया कि घर के समीप चिकित्सा सुविधा हो जाने से अब उनके परिवार को काफी लाभ हो रहा है। कांशीराम आवास योजना में रहने वाली धर्मा ने कहा कि इस सेंटर के होने से हमारे जैसे मजदूरों को मुफ्त उपचार की सुविधा मिल रही है।

आगमन संग क्रिसमस का हुआ आगाज

गिरजाघरों में हुई अमन के राजकुमार की आराधना




वाराणसी (dil india live)। क्रिसमस का ग्लोबल पर्व भले ही 25 दिसंबर को मनाया जायेगा मगर क्रिसमस सीजन का आगाज इतवार को प्रभु यीशु आगमन काल की शुरुआत के साथ हो गया। इस दौरान गिरजाघरो में यीशु की स्तूति के गीत गूंजे, आराधना और प्रार्थना का दौर अलग अलग चर्चेज में सुबह से शाम तक चलता रहा। इसी के साथ अब क्रिसमस अपने रंग में रंगता चला जायेगा। 25 दिसंबर यानी प्रभु यीशु के जन्म पर क्रिसमस अपने शबाब पर होगा।

 दरअसल आगमन काल प्रभु यीशु के आगमन की आध्यात्मिक तैयारी को कहते है जो आज से 2021 वर्ष पूर्व ईसा मसीह के जन्म के साथ पूरा हुआ था। उसी ईसा मसीह की जयंती के लिए खुद को हृदय से तैयार करने का समय आगमन काल कहलाता है।  चर्च आफ बनारस में पादरी बेन जान ने आराधना कराते हुए कहा कि हम मसीही है इसका हमें गर्व है, हमें अपने सांसारिक जीवन पर चिंतन-मनन कर यह आकलन करना हैं कि मसीही होने के नाते हमने अब तक के जीवन में प्रभु यीशु के आदर्शों पर कितना अमल किया। रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने कहा कि प्रभु यीशु ने हमें जो जिन्दगी दी है उसके सदा हम आभारी है, हमारा फर्ज हैं कि हम भी प्रभु यीशु की सदा स्तूति करें। फादर राजा ने बताया कि क्रिसमस भले ही 25 दिसंबर को दुनिया भर में मनाया जाता हो मगर क्रिसमस की तैयारियां क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले उन चार इतवारों में से पहले इतवार से ही शुरू हो जाती है। आज आगमन का पहला इतवार है आज वाराणसी धर्मप्रांत के बिशप यूजीन जोसेफ की अगुवाई में सभी चर्चेज में आराधना व प्रार्थना एक साथ शुरू हुई। सभी ने अमन के राज कुमार की स्तूति की। सेंट मैरीज महागिरजा में पल्ली पुरोहित फादर विजय शांतिराज ने प्रार्थना करायी।  लाल गिरजाघर के सेक्रेटरी विजय दयाल ने बताया कि क्रिसमस के पूर्व आगमन का पहला इतवार आज था। इसके साथ ही 7 दिसंबर, 14 दिसंबर और 21 दिसंबर आगमन का दूसरा, तीसरा और चौथा इतवार होगा। इसके बाद क्रिसमस आयेगा। 

हज़रत गौसे आज़म की फातेहा संग चला लंगर

गौसे पाक की फातेहा में जुटा अकीदतमंदों का हुजुम

वाराणसी (dil india live)। हज़रत सरकार ग़ौसे आज़म की फातेहा और लंगर का दौर इन दिनों मुस्लिम इलाक़ों में जारी है। शहर में कई जगहों पर पीरो के पीर हज़रत शेख अब्दुल कादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह ग़ौसे आज़म की फातेहा और कुरानख्वानी के साथ ही लंगर का दौर चला। अर्दली बाज़ार में हशमतुल्लाह राजू के दौलतखाने पर कुरानख्वानी, फातेहा और मिलाद के बाद शनिवार की देर रात तक सरकार ग़ौसे आज़म का लंगर चखने लोग जुटे हुए थे। इस मौके पर मर्द व ख्वातीन का अलग-अलग इंतज़ाम किया गया था। ऐसे ही शहर के गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, मदनपुरा, रेवड़ीतालाब, लल्लापुरा, कोयला बाज़ार, नई सड़क, पठानी टोला, जलालीपुरा, सरैया आदि इलाक़ों में सरकार ग़ौसे आज़म की शान में मिलाद, महफिल और फातेहा के साथ ही लंगर का

शनिवार, 27 नवंबर 2021

हड़प्पा निवासियों की संतान हैं भारतीय:- प्रो. बसन्त

16 दिवसीय ऑनलाइन राष्ट्रीय कार्यशाला सम्पन्न


वाराणसी, 27 नवम्बर(dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के तत्वावधान में आयोजित प्राचीन भारतीय संस्कृति के विविध आयाम विषय पर चल रहे 16 दिवसीय राष्ट्रीय ई-कार्यशाला के समापन सत्र में शनिवार को जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के प्रो वाइस चान्सलर प्रो. दूर्ग सिंह चौहान ने कहा कि संस्कृति के अवशेषों से ही राष्ट्र की पहचान निर्धारित होती है। भारतीय संस्कृति दुनिया में सबसे अलग है जिसमें सामूहिकता का भाव निहित है। संस्कृति के सम्यक विकास के कारण शान्ति की संभावनाएॅ और प्रबल हुई हैं सामूहिक सहअस्तित्व के भाव से ही विश्व का विकास संभव है।

मुख्य वक्ता डेक्कन कॉलेज एण्ड पीजी रिसर्च इन्सट्यिूट, पुणे, महाराष्ट्र के पूर्व कुलपति प्रो. बसन्त शिन्दे ने कहा कि हड़प्पा सभ्यता के लोगों ने दुनिया को नगरों के निर्माण की सभ्यता सिखाई। प्रो. शिन्दे ने कहा कि सैन्धव सभ्यता ने विश्व को ईंटों की विशेष व्यवस्था से संयोजन एवं जोड़ने की कला दी, जिसके आधार पर बाद में बड़े भवनों और इमारतों का निर्माण संभव हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास लेखक को सभी प्रकार के श्रोतों का यथासंभव प्रयोग करना चाहिए। किसी विचार के खण्डन के लिए पहले सम्यक अध्ययन तथा वैज्ञानिक विश्लेषण करना आवश्यक होता है। भारतीय संस्कृति के विरासत का सही ढ़ंग से आकलन किया जाये तो भारत की एक विशिष्ट पहचान सम्पूर्ण विश्व में सदियों तक अजर अमर रहेगी। उन्होंने राखीगढ़ी पुरास्थल से प्राप्त अवशेषों के डीएनए विश्लेषण के आधार पर भारतीय लोगों की पहचान निर्धारित करने की कोशिश की तथा यह भी कहा कि समस्त भारतीय लोगों के आदि पूर्वज हड़प्पा निवासी ही थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह ने किया। संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ. प्रशान्त कश्यप ने किया। रिर्पोट वाचन डॉ. सीमा, धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने दिया। इस अवसर पर डॉ. ओम प्रकाश कुमार, डॉ. समीर पाठक, डॉ. शोभनाथ पाठक, डॉ. विनय कुमार, डॉ. उमेश कुमार सिंह, डॉ. देवेन्द्र प्रताप सिंह आदि ऑनलाइन उपस्थित रहे। कार्यशाला में 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।


(प्रताप बहादुर सिंह)

मीडिया प्रभारी

डीएवी पीजी कॉलेज, वाराणसी

मंडलीय खेलकूद प्रतियोगिता का समापन

समापन समारोह में उत्कृष्ठ प्रतिभाओ का सम्मान






वाराणसी 27 नवंबर (dil india live) दो दिवसीय मंडलीय खेलकूद प्रतियोगिता व सांस्कृतिक कार्यक्रम का समापन स्थानीय उदय प्रताप डिग्री कॉलेज वाराणसी के विशाल ग्राउंड में उप मुख्यमंत्री दिनेशनचंद्र शर्मा की उपस्थिति में किया गया। उक्त अवसर पर जिले के तमाम प्रशासनिक अधिकारियों ने शिरकत की। इस मौके पर बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों व अध्यापिकाओं तथा बच्चो के द्वारा बनाये गए टीएलएम की भूरी भूरी प्रशंसा की तथा उत्कृष्ट प्रतिभाओ को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम स्थल पर रंगोली सजायी गई थी।

 पूर्व माध्यमिक विद्यालय चुप्पेपुर विकास खंड हरहुआ की अनुदेशिका आकांक्षा सिंह द्वारा माँ अन्नपूर्णा की छवि को राजर्षि की तपोभूमि पर अवतरित कराए जाने के प्रयास की कलाकृति विशेष रूप से प्रशंसा व कौतूहल का विषय बनी। इस अवसर पर धन्यवाद प्रकाश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न शिक्षक प्रतिनिधियो के साथ मुख्यरूप से उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ पंजियन (1160) के जिला अध्यक्ष महेंद्र बहादुर सिंह व अन्य पदाधिकारीयो ने शिरकत किया।

कचरा भी आय का बन सकता है ज़रिया: पूनम तिवारी



वाराणसी 26 नवम्बर (dil india live) आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रधानमन्त्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनकी परिकल्पना वेस्ट को वेल्थ में बदलने के क्रम में एसबी जनरल इंश्योरेंस कम्पनी के सहयोग एवं साई इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट, वाराणसी के तत्वाधान में रूरल वीमेन टेक्नोलॉजी पार्क, बसनी में घरेलू महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम का समापन करते हुए हुनर-ए-बनारस की निदेशिका पूनम तिवारी ने कहा कि मंदिरों पर अर्पित फूलो से महिलाओ को रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर के आत्मनिर्भर बनाना ही आजादी का अमृत महोत्सव है | हमारा कचरा भी आय का एक जरिया बन सकता है। यही बात लोगो के मन में बैठाना है कि कोई भी चीज बेकार नहीं है, बशर्ते हम उसका सही इस्तेमाल करना जाने। इस सेंटर पर कबाड़ से जुगाड़ कार्यक्रम एक सराहनीय कार्यक्रम है। जिससे तमाम महिलाये जुडकर के लाभ उठा रही है | कार्यक्रम के आईटी व् उद्यमिता एक्सपर्ट प्रशांत दुबे ने महिलाओ को खुद का उद्यम लगाने, ऑनलाइन मार्केटिंग व् ब्रांडिंग के बारे में बिस्तृत रूप चर्चा की। ताकि महिलाओ को घर बैठे उन्हें एक ग्लोबल मार्किट मिल सके।

कार्यक्रम के संयोजक व् साई इंस्टिट्यूट के निदेशक अजय सिंह ने बताया कि वाराणसी के मंदिरों पर चढ़ाए जाने वाले भारी मात्रा में चढ़ाये गए श्रद्धा  के फूलों से “सीमैप सी.एस.आई.आर. लखनऊ के तकनीकी सहयोग से महिलाओ को प्राकृतिक अगरबत्ती, धुप, हर्बल गुलाल, आदि सामग्री बनाने का न सिर्फ प्रशिक्षण दिया जा रहा है बल्कि उन्हें हुनर-ए-बनारस के पोर्टल से ऑनलाइन मार्केटिंग का हुनर बताया जा रहा है। यहाँ पर महिलाओं के सेल्फ-हेल्प ग्रुप की महिलाओ को भी 15-15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया रहा है। जिससे घर बैठे अपनी आर्थिक स्तिथि को बढ़ा सकने में सक्षम हो सके | उक्त अवसर पर दीक्षा सिंह, दिलीप कुमार सिंह, हर्ष सिंह, राजेश कुमार, यास्मिन सहित प्रशिक्षण लेने वाली महिलाये उपस्तिथ रही |

शुक्रवार, 26 नवंबर 2021

संविधान दिवस पर किया सम्मान

समाजसेवियों को कांग्रेस ने दिया प्रमाणपत्र, अंगवस्त्रम


वाराणसी 26 नवंबर (dil india live)। महानगर कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के तत्वाधान में अध्यक्ष मेंहदी हसन के अध्यक्षता में संविधान दिवस पर कांग्रेसजनों ने संगठन के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम के निर्देश पर समाजसेवियों को प्रमाणपत्र, अंगवस्त्रम, देकर सम्मानित किया। इस दौरान कच्चीबाग़ मे आयोजित गोष्ठी मे. कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव वाराणसी प्रभारी शाहिद तौसीफ ने कहा कि हर वर्ष 26 नवंबर का दिन देश में संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है 26 नवंबर 1949 को ही देश की संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था, हालांकि इसे और 26 नवंबर 1950 को इसे लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ इसे लागू किया गया था।



 कहा कि संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों में ही हस्तलिखित और कालीग्राफ्ट थी, इसमें किसी भी तरह का टाइपिंग एवं प्रिंट का प्रयोग नहीं किया गया था, भारत का संविधान दुनिया के हर देशों के संविधान को परखने के बाद तैयार किया गया था, आज के दिन संविधान सभा के अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी को याद किया जाता है। आज देश में सांप्रदायिक शक्तियां भारत के संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं, हम कांग्रेस जन आज के दिन अपने देश के संविधान की रक्षा व उस पर अमल करने का पूर्व की भांति संकल्प लेते हैं।

संविधान दिवस के मौके पर कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ने जमीर उल इस्लाम, सरदार निसार अहमद, हाजी मोहम्मद अली, अंजुम इस्लाम अंसारी, हाजी अशफाक अहमद एडवोकेट, डॉक्टर काशी प्रसाद सिंह को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेंहदी कब्बन, हाजी रईस अहमद, शाहिद तौसीफ़, नसरुद्दीन जमाली वहिदुर रहमान, बदरुद्दीन बाबा, नसरुद्दीन जमाली, मोहम्मद यासीन सहित प्रमुख लोग उपस्थित थे।

‘महिन्द्रा कबीरा फेस्टिवल’ का आगाज़

संगीत प्रवाह से कबीरमय हुई फिज़ा

  • कबीर के शहर में हुआ कबीर उत्सव का स्वागत
  • उत्सव की पहली संध्या में पंडित अनूप मिश्रा और अनिरुद्ध वर्मा एवं समूह की प्रस्तुतिया 
  • 27 और 28 नवंबर को प्रातःकालीन एवं सांध्यकालीन संगीत सत्रों के साथ ही कबीर आधारित वार्ता, सजीव कला प्रदर्शन, विशिष्ट ‘कबीरा नौका-विहार’, स्थानीय बनारसी व्यंजन का स्वाद, गंगाघाट-भ्रमण के साथ ही विश्वप्रसिद्ध अलौकिक गंगा-आरती का आनन्द महोत्सव का आकर्षण रहेगा


वाराणसी(dil india live) महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल  का पांचवां संस्करण, पूरे एक वर्ष के अन्तराल के बाद, 26 नवंबर 2021 को गुलेरिया घाट पर भव्य संगीत समारोह के साथ शुरू हुआ। उद्घाटन सत्र में सर्वत्र कबीर का दर्शन उपस्थित थे, जिस सकारात्मक प्रभाव सभी अपने भीतर तक महसूस कर रहे थे। कबीर की वाणी को चहुँ ओर प्रसारित करती संगीत, साहित्य और कला की बेजोड़ प्रस्तुतियाँ सारे बाहरी कोलाहल से बहुत दूर, सबके हृदय को गहन आत्मिक शांति और स्थिरता की अनुभूति करा रही थी और इस सत्य को उजागर कर रही थीं कि हर मनुष्य के भीतर का संसार कहीं किसी अदृश्य धागे से बंधा हुआ है। हम सब उसी अनंत का अंश हैं।

पाँच सालों से वाराणसी ही नहीं बल्कि दुनिया भर में कबीर-प्रेमियों के दिलों में अपनी जगह बना चुके इस अद्भुत उत्सव के आयोजकद्वय ‘टीमवर्क आर्ट्स’ और ‘महिंद्रा ग्रुप’ ने खुले दिल और बाहों से आमंत्रित अतिथियों एवं दर्शकों का स्वागत किया। इस अवसर पर घाट और आसपास का आयोजन-स्थल प्रज्ज्वलित दीपों से जगमग कर रहा था। पतितपावनी गंगा की धार पर जगमग तैरती अनगिनत मोमबत्तियों के प्रकाश ने वातावरण को अलौकिक बना दिया था। 'महिंद्रा कबीर उत्सव' की पहली सन्ध्या गुलेरिया घाट पर बनारस की परम्परानुसार दिव्य गंगा आरती के साथ आरम्भ हुई। प्रद्युम्न, पीयूष और साक्षी ने मुख्य मंच से गंगा आरती गायन किया। पाँच बटुकों ने विधिवत पूजन-अर्चन के साथ आरती को सम्पन्न किया।कबीर के इस उत्सव की आध्यात्मिक यात्रा पंडित अनूप मिश्रा के शास्त्रीय/उपशास्त्रीय गायन, तत्पश्चात अनिरुद्ध वर्मा और उनके समूह की प्रस्तुति ‘कहत कबीर’ के साथ आरम्भ हुई। इन लुभावनी प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उल्लेखनीय है कि ‘टीमवर्क आर्ट्स’ और ‘महिंद्रा ग्रुप’ दुनिया भर में होने वाले अनेक लोकप्रिय उत्सवों के भी निर्माता हैं जिनका उद्देश्य है सांस्कृतिक सद्भावना को कला एवं संगीत के माध्यम से और भी प्रगाढ़ करना। 

पंडित अनूप मिश्रा ने ख्याल और कुछ विशिष्ट शास्त्रीय प्रस्तुतियों के पश्चात् इस फेस्टिवल को एक साल के अन्तराल के बाद वाराणसी के घाटों पर फिर से आरम्भ करने के लिए आयोजकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश और विशेष रूप से कलाकार समुदाय के लिए इस कठिन समय में महिंद्रा कबीरा ने विभिन्न कलाकारों के लिए आत्मविश्वास और आशा जगाई है जो अनुकरणीय है। उन्होंने अपने चाचा और बनारस घराने के ख्यातिलब्ध शास्त्रीय गायक पद्मभूषण स्वर्गीय पंडित राजन मिश्रा को भी याद किया, जिन्होंने कबीर-उत्सव के पिछले संस्करण में प्रस्तुति दी थी. इस महान कलाकार को हमने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में खो दिया था जो एक अपूरणीय क्षति है।

अनिरुद्ध वर्मा ने कबीर के प्रति श्रद्धा और प्रेम की गहरी भावना प्रस्तुति ‘कहत कबीत' के माध्यम से व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कबीर प्रेम का पर्याय हैं. कबीर के दर्शन में व्याप्त प्रेम और अध्यात्मिक एकता का भाव  सभी कलाकारों, संगीतकारों के साथ ही श्रोताओं को एकजुट करता है। अनिरुद्ध वर्मा एवं समूह ने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में निबद्ध ‘नैहरवा’, ‘घट-घट में पंछी बोलता’, ‘कौन ठगवा’, ‘राम निरंजन आया रे’ और ‘उड जाएगा हंस अकेला’ की अनूठी प्रस्तुति दी।

महिंद्रा ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट हेड - कल्चरल आउटरीच, जय शाह ने उद्घाटन शाम को अपने विचार साझा करते हुए कहा, "महिंद्रा ग्रुप इस वर्ष फिर से  बहुत लोकप्रिय  महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल को वापस लाने के लिए उत्साहित है। वाराणसी शुरू से ही इस भावपूर्ण आयोजन का सही स्थान रहा है और हम आशा करते हैं कि यह शुभ शुरुआत हम सभी के लिए बेहतर समय की शुरुआत करेगी । श्रोता  एक स्वच्छ  और सुरक्षित वातावरण में दो दिनों  के इस उत्सव का लुत्फ़ उठाएंगे।  जो लोग इसबार यहां नही आ सके वे भी ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग के तहत  फेस्टिवल को देख सकेंगे।”

फेस्टिवल के शानदार उद्घाटन पर, टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक, संजय के. रॉय ने कहा, “जैसे  कि दुनिया को अब तक की सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, यह समय फिर से पवित्र गंगा के तट पर रुकने का है। वाराणसी का यह  अनंत शहर इस शानदार उत्सव में आप सभी का स्वागत करता है!"

ऐसे वक़्त में जब सारे विश्व ने एक महामारी रुपी बड़ी आपदा का सामना एक साथ किया है, कबीर के दर्शन में गुंथी इन संगीत प्रस्तुतियों ने एक बार फिर सबको यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि सचमुच ‘दुनिया दो दिन का है मेला’. सबने फिर से महसूस किया कि कैसे इस बड़ी आपदा के बाद हम सबको ही, पहले से कहीं अधिक प्रेम और करुणा की जरूरत है। इस अनंत ब्रम्हाण्ड में मानवता के अस्तित्व का एक बड़ा लक्ष्य है जिसे पाने के लिए कबीर के दर्शन में छिपे सहानुभूति, दया, सरलता, समानता और समावेश के आदर्शों का अर्थ अब और गहरा हो चुका है। कोविड के बाद की दुनिया में जीवन की नश्वरता और आपसी सद्भाव के प्रसार के लिए कबीर से बड़ा गुरु कोई और नहीं हो सकता।

तीन दिन चलने वाले महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल  में प्रस्तुत होने वाले कार्यक्रमों की सूची, इसमें सम्मिलित होने वाले हर व्यक्ति को आत्मिक रूप से समृद्ध करेगी। शास्त्रीय, उपशास्त्रीय और लोक संगीत, कबीर साहित्य वार्ता, कबीर आधारित सजीव कला प्रदर्शन, विशिष्ट नौका विहार के साथ ही सुस्वादु बनारसी व्यंजन से भरे हुए अनुभवों को विश्व प्रसिद्ध मनोहारी गंगा आरती का दर्शन और भी विशिष्ट बनाएगा।

‘महिंद्रा कबीरा फेस्टिवल’ पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है। ‘शून्य अपशिष्ट लक्ष्य’ के लिए सिंगल यूज़ प्लास्टिक का प्रयोग उत्सव स्थल और आसपास के लिए वर्जित होगा। कोविड प्रोटोकोल का सौ प्रतिशत पालन किया जायेगा। बिना मास्क समारोह स्थल पर प्रवेश नहीं दिया जायेगा। सैनेटाइज़र और तापमान निरीक्षण की व्यवस्था भी होगी जिसका पालन अनिवार्य होगा। सस्टेनेबिलिटी पार्टनर स्क्रैपशाला के साथ, ‘महिंद्रा कबीरा उत्सव' ने अपने पिछले सभी उत्सवों और उनके विभिन्न संस्करणों में भी व्यापक अपशिष्ट प्रबंधन को लागू किया है ताकि 90% से अधिक कचरे का निस्तारण सही तरीक़े से किया जा सके।

भारतीय संविधान में अधिकारों व कर्त्तव्यों का सुंदर समन्वय - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

डाक विभाग में मनाया गया 'संविधान दिवस' 

पीएमजी ने डाककर्मियों को दिलाई शपथ

वाराणसी 26 नवंबर (dil india live)। डाक विभाग द्वारा वाराणसी परिक्षेत्र के सभी डाकघरों और प्रशासनिक कार्यालयों में 72वां संविधान दिवस मनाया गया। क्षेत्रीय कार्यालय में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ, संविधान की उद्देशिका का पाठ और वाचन किया, जिसे सभी ने दोहराते हुए संविधान में निहित मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।

इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान ही नहीं, विश्व के लोकतान्त्रिक इतिहास का अद्वितीय दस्तावेज है। हमारे संविधान का प्रत्येक अनुच्छेद हर नागरिक के अधिकारों की गारंटी है और कर्तव्य का पवित्र स्मरण है। श्री यादव ने कहा कि हमारा संविधान समानता के अधिकार और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण के साथ प्रगति व समृद्धि का रास्ता दिखाता है। सहायक निदेशक श्री राम मिलन ने कहा कि देश की आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाले महापुरुषों ने आने वाली पीढ़ियों की आज़ादी बनाए रखने के लिए संविधान की रचना की। इसमें निहित भावना को अंगीकार करके ही हम लोगों का कल्याण कर सकते हैं।

इस अवसर पर सहायक निदेशक राम मिलन, कृष्ण चंद्र, लेखाधिकारी महेंद्र प्रताप वर्मा, सहायक अधीक्षक अजय कुमार, डाक निरीक्षक श्रीकान्त पाल, वीएन दिवेधी, सहायक लेखाधिकारी संतोषी कुमारी राय, अनुभाग पर्यवेक्षक अमरेन्द्र कुमार वर्मा, कार्यालय सहायक राजेन्द्र प्रसाद यादव, श्रीप्रकाश गुप्ता, अभिलाषा राजन, श्रवण कुमार सिंह, राहुल कुमार वर्मा, विजय कुमार, शम्भु प्रसाद गुप्ता, शशिकांत वर्मा, रामचंद्र यादव सहित तमाम अधिकारियों - कर्मचारियों ने संविधान दिवस पर शपथ ली।

श्री कृष्ण राय हृदेयश की जयंती



गाजीपुर 25 नवंबर (dil india live)। स्वतंत्रता सेनानी साहित्यकार पत्रकार सर्वोदय श्री कृष्ण राय हृदेयश की जयंती गौतम आश्रम हृदेयशपथ पर मनाई गई। इस अवसर पर विचार गोष्ठी एवं का गोष्ठी आयोजित की गई विषय परिवर्तन करते हुए डॉक्टर रिचा राय ने कहा हृदेयश जी संस्कृत निष्ठ कवि थे संस्कृत प्रेम और मानवतावाद इनके जीवन और दर्शन में देखा जा सकता था गाजीपुर में नागरी प्रचारिणी सभा स्थापित करके जेल में पुरुषोत्तम दास टंडन को दिए वचन का पालन करते हुए हिंदी के प्रचार-प्रसार में अविस्मरणीय योगदान दिया इनकी पहली रचना 1935 ईस्वी में प्रकाशित हुई और अंतिम 1990 में लगभग दो दर्जन कृतियों आज भी प्रकाशन नाधीन है गाजीपुर का इतिहास भी है हिंदी भाषा के शुद्धिकरण के लिए हृदेयश जी का वैसा ही प्रयास था जैसा काशी के महावीर प्रसाद द्विवेदी का /हृदेयश जी बहुभाषी थे इन हिंदी संस्कृत बांग्ला अंग्रेजी फारसी उर्दू पर समान अधिकार था मुख्य वक्ता राम अवतार ने कहा स्वतंत्रता के संस्कार इन्हें अपने दादा संगम राय से विरासत में मिला था विद्यार्थी जीवन में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण इन्हें स्कूल से निकालने का ऑर्डर हुआ था । इनकी कुशलता को पर रखते हुए प्रिंसिपल एल राय ने जुर्माना भरकर इन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित किया शिक्षक होने के कारण पुलिस की निगाह से बस्ती रहे विदेशी पत्रकारों के लिए निर्भीकता निष्पक्षता और ईमानदारी 3 गुण आवश्यक मानते थे। पत्रकारों के लिए सवाल लंबी होना आवश्यक मानते थे । नेशनल हेराल्ड आज सहित दर्जनों पत्रों के स्थानीय संवाददाता रहे उनकी दृष्टि में कोई मनुष्य बड़ा है ना होता सत्य सत्य महा प्रकाश शंख पुष्प और नवदीप चारों महाकाव्य सहित गाजीपुर का इतिहास भोजपुरी भाषा की पहली सतसई, जैसी बहुमूल्य की कृतियों की सृजना करके हिंदी साहित्य का संवर्धन किया है उनका प्रचार -प्रसार होना चाहिए उन पर स्वतंत्र पुस्तक आनी चाहिए। शोध होना चाहिए इसके बाद काव्य -पाठ आयोजन किया गया। वरिष्ठ कवि कामेश्वर द्विवेदी माई रचना सुनकर भावुक किया , अपनी अगली रचना "मुसलमान है न हिंदू है वक्त इंसान है के द्वारा इंसानियत का पाठ पढ़ाया /शायर अख्तर कलीम ने "नफरत को अब वतन से मिटाने की बात कर पहले का वफा की राह पर तू हो जा फिर आई ना किसी को दिखाने की बात कर, '' हास्य व्यंग शायर हंटर गाजीपुरी ने भाईचारे का संदेश देते हुए कहा लड़ाई झगड़े से क्या मिलेगा जो हो सके तो प्यार बांटो ''कार्यक्रम में समकालीन कवि सुरेश वर्मा पूर्व सभासद संजय वर्मा, श्रीमती गिरिजा राय, हिमांशु राय आदि उपस्थित रहे।

गुरुवार, 25 नवंबर 2021

सामाजिक एकता का खात्मा डेमोक्रेसी को चैलेंज: प्रो. मलिक

राष्ट्रीय एकता कमजोर होने से लोकतंत्र होता है कमजोर 


 



वाराणसी 25 नवंबर (dil india live)।आज वाराणसी के नव साधना प्रेक्षागृह, तरना में राइज एंड एक्ट के तहत एक दिवसीय " वक्ताओं ने राष्ट्रीय एकता,शांति और न्याय की स्थापना को लेशांतिकर अपने-अपने विचार रखे। वक्ताओं का मत था कि राष्ट्रीय एकता के कमजोर होने से लोकतंत्र कमजोर होता है। जरूरत हमें सामाजिक ताने-बाने को मजबूती प्रदान करते हुए देश की एकता अखंडता को अक्षुण रखने का प्रयास करना चाहिए।

कार्यक्रम के मुख्यअतिथि बीएचयू के प्रो. दीपक मलिक ने कहा कि आज सामाजिक एकता का लोप हो रहा है। एकता के पाठ पढ़ाये नहीं जाते। यह डेमोक्रेसी को चैलेंज है। दलितों, महिलाओं की दशा नहीं बदली। वह आज भी बदतर हालात में जी रहे हैं। कोविड के चलते बहुत सारी प्रक्रियाएं धीमी हो गयी। भले ही बहुत सारी कोशिशें की गई। 

उन्होने कहा कि आज  इतिहास, संस्कृति बदलने वाली ताकतें सक्रिय है। हमें इन  पर चिंतन करने और अपनी सोंच में बदलाव व सकारात्मक पहल की जरूरत है।चित्रा सहस्त्रबुद्धे ने सामाजिक सौहार्द पर चर्चा में कहा कि सामान्य जीवन जी रहे स्त्री व पुरुष का जीवन सामाजिक होता है। सामाजिक सौहार्द सामाजिक जीवन की शक्ति व ज्ञान है। गंगा का उद्धरण देते हुए कहा कि जिस तरह गंगा धाराओं को एक कर आगे बढ़ती है वही प्यार, नवीनता और सृजन है। सामाजिक कार्यकर्ता लेनिन रघुवंशी ने सामाजिक बुराइयों पर कुठाराघात करते हुए कहा कि जातिवाद, वंशवाद, धर्म को लेकर होने वाली नफरत की लड़ाई बिकने वाली लड़ाई है ,इसे हमें समझना होगा ।अमीर गरीब की खाई को पाटना होगा। वंचित व दलित तबके को सामाजिक न्याय दिलाना ही बाबा साहब अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। 

पत्रकार एके लारी ने कहा कि आज के दौर में हमें तय करना होगा कि हम किस मीडिया की बात करते हैं। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व प्रिंट मीडिया की चर्चा करते हुए कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का प्रहरी कहा जाता है। ऐसे में मीडिया की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वह खबरों के मामले में न्याय करें। संचालन व आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम संयोजक डॉ. मोहम्मद आरिफ ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने कहा था कि संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो अगर उसे लागू करने वाले ठीक नहीं होंगे तो संविधान अपना अस्तित्व खो देगा।आज स्थिति वैसी ही आ गयी है।हमें सावधान रहने की जरूरत है।

दूसरे सत्र में गंगा-जमुनी तहजीब के शायर नजीर बनारसी को उनके ज्यंती पर याद किया गया। डॉ.कासिम अंसारी ने नजीर बनारसी को मिर्जा गालिब की परम्परा का शायर बताया।उन्होंने कहा कि उनकी शायरी हो या गजल या फिर नज्म उसमें हर जहां कौमी एकजहती दिखती है.वहीं उन्होंने अपने शहर बनारस और गंगा को लेकर जो लिखा है उसकी कोई तुलना नहीं है।

प्रो.मलिक ने इस बात पर अफसोस जताया कि अपने शहर में नजीर अब बेगाने हो गये है। जिस बनारस की परम्पराओं को लेकर उन्होंने ढ़ेर सारे शेर लिखे उस बनारस का उन्हें भूलना दुखद है.

पत्रकार एके लारी ने कहा नजीर ऐसे शायर थे जिन्होंने कभी किसी तरह के सम्मान को महत्व नहीं दिया। तमाम तरह के सम्मान के प्रस्ताव उनके पास आते थे लेकिन वो हर बार ये कहकर ठुकरा देते थे कि मेरी शायरी से निकले संदेश लोगों के जेहन में रहे यही असल सम्मान है।

 तृतीय सत्र में पूर्वी उत्तर प्रदेश से आये हुए अध्यापक, पत्रकार, विद्यार्थी, वकील,सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपनी बात कही।सत्र की अध्यक्षता करते हुए सामाजिक कार्यकर्त्री रंजू सिंह ने कहा कि आज एकता और सौहार्द की बात करने वाले हासिये पर है हमें इस जमात को बढ़ाना है।आज बिना संघर्ष किये मंजिल पर नहीं पहुंचा जा सकता है।भारत संघर्ष से ही बना है।

गोष्ठी में मो. खालिद, डा. क़ासिम अंसारी, सी बी तिवारी, अंकिता वर्मा, रामकिशोर चौहान, हृदयानंद शर्मा, लाल प्रकाश राही, बृजेश पाण्डेय, प्रतिमा पाण्डेय, प्रज्ञा सिंह, अरुण मिश्रा, मो. असलम, सुधीर जायसवाल, अब्दुल मजीद, कृष्ण भूषण मौर्य, रंजू सिंह, प्रज्ञा सिंह, अर्शिया खान,हरिश्चंद्र बिंद,आबिद शेख,शमा परवीन,हर्षित कमलेश, अयोध्या प्रसाद, रीता सिंह आदि प्रतिभागी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन लाल प्रकाश राही और धन्यवाद सुधीर जायसवाल ने किया।

परिवार नियोजन के संसाधनों की आनलाइन भी पूरी होगी डिमांड

आपरेटर व फार्मासिस्ट को दिया गया प्रशिक्षण


Himanshu Rai

गाजीपुर, 25 नवम्बर (dil india live)। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में गुरुवार को परिवार नियोजन के अंतर्गत स्थायी एवं अस्थायी संसाधनों की ऑनलाइन मांग को लेकर ऑपरेटर और फार्मासिस्ट का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह प्रशिक्षण का शुभारंभ किया । प्रशिक्षण यूपीटीएसयू के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ (डीएफ़पीएस) ने दिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा परिवार नियोजन के लिए कई तरह के संसाधन नि:शुल्क रूप से उपलब्ध कराए जाते हैं जिसक़ा पहले मैनुअल रख-रखाव किया जाता था। लेकिन डिजिटलीकरण को देखते हुये सरकार द्वारा एफपीएलएमआईएस पोर्टल लांच की शुरुआत की गई । इस पोर्टल की मदद से परिवार नियोजन के संसधनों की मांग में आसानी व पारदर्शिता आई है। इसके साथ ही समय-समय पर जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के साथ ही खुशहाल परिवार दिवस व अन्य कार्यक्रम चलाये जाते हैं जिसमें कंडोम ,माला एन, अंतरा, छाया, प्रेगनेंसी किट, कापर टी आदि संसाधन पोर्टल पर की जा रही मांग के अनुसार ही प्रदान किए जाते हैं। एसीएमओ डा. के के वर्मा ने बताया कि इस पोर्टल को चलाने के लिए ऑपरेटर और फार्मासिस्ट को प्रशिक्षित किया जा रहा है जिससे रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जा सके। इसका सत्यापन या पुनः सत्यापन, केंद्रीय स्तर या फिर राज्य स्तर के द्वारा पोर्टल के माध्यम से ही कर सकती है कि किस ब्लॉक में कितने परिवार नियोजन के संसाधन मौजूद हैं और किन ब्लाक में इसकी आवश्यकता है?

मोहम्दाबाद स्वास्थ्य केंद्र के ऑपरेटर कृष्णा ने बताया कि इस पोर्टल पर फीडिंग हो जाने से पहले की अपेक्षा अब संसाधनों के रखरखाव व वितरण में काफी सहूलियत मिलेगी वहीं फार्मासिस्ट मकसूद अंसारी ने बताया कि इस पोर्टल के आ जाने से उनके ब्लॉक में जरूरत के हिसाब से आवंटन भी मिलना शुरू हो जाएगा

मांगों के समर्थन में संविदाकर्मियों ने जताया विरोध

 


ग़ाज़ीपुर, 25 नवम्बर(dil india live)। एनएचएम संविदा कर्मचारी जो अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन करने का मन बनाया है। जिसके तहत 10 ,11 व 12 नवंबर को जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन देने के बाद भी कोई कार्यवाही न होने के कारण  राघवेंद्र शेखर सिंह जिलाध्यक्ष के आवाहन पर उनके नेतृत्व में आज 25 नवंबर को काला फीता बांधकर सांकेतिक विरोध किया गया । जिला अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह ने बताया कि यदि उनकी मांगों पर कोई कार्यवाही नही हुई तो 26 नवंबर को 01 घंटे का कार्य बहिष्कार, 27 नवंबर को संविदा कर्मचारियों द्वारा ताली और थाली बजाकर विरोध दर्ज कसाया जायेगा।ऐसे ही 29 नवंबर को संख्या बल के साथ मिशन निदेशक कार्यालय लखनऊ का घेराव करना शामिल है। जिसको लेकर 29 नवंबर तक मांगे पूरी नहीं की गई तो 30 नवंबर से प्रदेश के समस्त जिलों में अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ विभाग की समस्त प्रकार की सेवाओं को बंद किया जाना आंदोलन में शामिल है। इसी को लेकर गुरुवार को जिलाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह के अगुवाई में पूरे जनपद के संविदा कर्मियों ने काला फीता बाधकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान अनिल कुमार शर्मा, अजहर खान, राधेश्याम यादव, हिमांशु सिंह ,संदीप पाल, राजेश कुमार ,प्रतिभा विश्वकर्मा, मिथिलेश कुमार प्रजापति, अरशद जमाल ,आशुतोष कुमार सिंह, रवि सिंह, सुनील कुमार व अन्य लोग शामिल रहे।

बुधवार, 24 नवंबर 2021

इस क्रिसमस पर नया आकार ले रहा है गिरजाघर

 142 साल बाद लाल गिरजा में फिर आया निखार

  • 1879 में ब्रिटिश पादरी ने बनवाया था लाल गिरजाघर






वाराणसी (dil india live)। छावनी स्थित मसीही समुदाय की आस्था का केन्द्र सीएनआई लाल गिरजाघर को 142 साल बाद निखार आया है। समूचा चर्च नया आकार ले चुका है। क्रिसमस आते-आते समूचे चर्च का रंग-रुप पूरी तरह से बदल चुका होगा। कोरोना काल में दो साल तक क्रिसमस का जश्न नहीं मना था मगर इस दौरान सबसे खास यह हुआ कि प्राचीन चर्च के पुन: निर्माण की शुरुआत फरवरी में कर दी गई थी। चर्च के सेक्रेटरी विजय दयाल बताते हैं कि क्रिसमस तक पूरी काम हो जायेगा। अब तक तकरीबन 40 लाख रुपये चर्च निर्माण में खर्च किये जा चुके हैं। दिन रात की मेहनत के बाद चर्च का पूरा कलेवर ही पूराने नकशे के अनुरुप बदल दिया गया है। चर्च की गैलरी को भी चर्च में शामिल कर दिया गया है इससे तकरीबन दो सौ लोगों के बैठने की जगह पहले से और बढ़ जायेगी। 

लाल चर्च का इतिहास 

अपने नाम के अनुरूप ही इस गिरजाघर का रंग लाल है। पूर्व पादरी सैम जोशुआ सिंह ने चर्च की कहानी बेहद सरल लफ्जों में शेयर किया। उन्होंने बताया कि  ब्रिटिश पादरी एलवर्ट फ्रेंटीमैन ने ही लाल चर्च की नींव 1879 में अंग्रेजी हुकूमत के निर्देष पर रखी थी। फ्रेंटीमैन की देखरेख में ही इस चर्च का निर्माण हुआ। चर्च जब बनकर तैयार हुआ तो उन्हें ही सरकार ने  इस चर्च का पहला पादरी बनाया। वर्तमान में संजय दान चर्च के पादरी है तो विजय दयाल सचिव। 

 ईसा मसीह की शहादत की याद करता है ताज़ा 

लाल गिरजाघर का रंग शहादत का प्रतीक है। ईसा मसीह की शहादत की याद में ही वाराणसी के छावनी स्थित इस चर्च को लाल रंग और शांति के प्रतीक सफेद रंग से सजाया गया है। यह चर्च देश की मिली जुली संस्कृति की मिसाल है। यहां सभी मज़हब के लोग समय-समय पर आते हैं। इतवार को विशेष प्रार्थना सुबह 9.30 बजे से होती है तो क्रिसमस के दौरान यहां शाम में भी चर्च सर्विस होती है। हिन्दी, उर्दू, अंग्रेजी के साथ ही यहां भोजपुरी में भी प्रभु यीशु की स्तुति की जाती है।

28 से शुरू होगा प्रभु यीशु आगमन काल

क्रिसमस सीजन की शुरुआत इस बार 28 नवंबर से शुरू हो जायेगी। क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले चार इतवार को आगमन काल माना जाता है। उसके बाद क्रिसमस आता है। इस बार 28 नंबर को पहला इतवार है। इसी दिन चर्चेज़ में क्रिसमस का आगाज़ हो जायेगा। इसके बाद यूं तो हर दिन चर्चेज़ में कैरोल सिंगिंग व प्रार्थना सभा होगी मगर संड़े कुछ खास ही होगा। आगमन का दूसरा इतवार 5 दिसंबर, तीसरा 12 दिसंबर व चौथा इतवार 19 दिसंबर को पड़ेगा। इसके बाद क्रिसमस आयेगा। क्रिसमस में दो साल बाद फिर उल्लास और उत्साह दिखाई देगा।

योग की पाठशाला’ में मिलेंगे सेहतमंद रहने के टिप्स

वाराणसी, चंदौली, भदोही के 29 ‘आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर योग गुरुओं की तैनाती शुरू, योग के जरिए उपचार करने के साथ ही निरोग रहने की भी सिखायेंगे कला

 



वाराणसी, 24 नवम्बर(dil india live)। वाराणसी, चंदौली व भदोही के 29 “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” पर जल्द ही ‘योग की पाठशाला’ शुरू की जाएगी।  यहां स्वस्थ जीवन के जरूरी गुर तो सिखाये ही जायेंगे  साथ ही योग के जरिए विभिन्न रोगों का उपचार भी किया जाएगा। इसके लिए केन्द्रों पर योग गुरुओं की तैनाती शुरू कर दी गयी है। इनमें महिला योगाचार्य भी शामिल हैं।

प्रदेश सरकार लोगों को सेहतमंद बनाने के लिए चिकित्सा के साथ ही योग के बारे में  भी जागरूक कर रही है। आयुष मिशन के तहत इसके लिए वाराणसी सहित प्रदेश के सभी जिलों में “हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” खोले गये हैं। इसी क्रम में वाराणसी में आठ, भदोही  में 10 और चंदौली में 11 “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” खोले गये हैं। 

 क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ भावना द्विवेदी ने कहा कि आयुर्वेद रोगों के उपचार के साथ स्वस्थ रहने की जीवनशैली भी सिखाता है। इसका पालन करने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है जिससे सामान्य संक्रमण बेअसर हो जाते हैं। गंभीर रोगों के घातक परिणाम की आशंका बहुत कम हो जाती है। “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” की स्थापना का मुख्य उद्देश्य स्वस्थ व संतुलित खान-पान व स्वस्थ जीवनशैली की मदद से रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे मजबूत कर रोगों से बचा जा सकता है, इसकी जानकारी देना भी है । स्वस्थ रहने के लिए जो लोग योग सीखना चाहेंगे, उन्हें इन सभी केन्द्रों पर योग का प्रशिक्षण निःशुल्क दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक  “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” पर एक पुरुष और एक महिला योग शिक्षक तैनात रहेंगे। वाराणसी के सभी आठ केन्द्रों के लिए 16 योग शिक्षकों का चयन कर लिया गया है जबकि भदोही में सात व चंदौली में छह योग शिक्षक चयनित किये गए है। शेष  पदों पर योग गुरुओं की चयन प्रक्रिया जारी है। जल्द ही चयन के बाद उनकी भी तैनाती कर दी जाएगी।

 यहाँ चलेगी योग निःशुल्क पाठशाला 

 वाराणसी के “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” रामनगर, आयर, पलहीपट्टी, सिंधोरा, मंगारी, भाद्रासी, कठिरावं, रामेश्वर में योग की पाठशाला चलेगी। चन्दौली के “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” गहिला, भुजना, सदलपुरा, केशवपुर, पचोखर, सिकन्दरपुर, मारूखपुर, शहाबगंज, मझगांवा, बबुरी, सरैयाबसाढी एवं भदोही के “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” मोढ़, चौरी, वरवा, पल्ल्हिया, महराजगंज, खमहरिया, सुनेचा, सुधवा, सुरियावां,पाली में योग की पाठशाला चलेगी।

 महिलाओं के लिए होगा बेहद लाभकारी

“आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” महिलाओं के लिए बेहद लाभकारी होगा। खास तौर पर गर्भवती के लिए। इन केन्द्रों पर आने वाली गर्भवती को योगासन सिखाने के साथ ही उन्हें स्वस्थ खान-पान और जीवन शैली के बारे में भी समझाया जाएगा जिससे स्वयं तो स्वस्थ रहें ही साथ ही स्वस्थ बच्चे को भी जन्म दे सकें। आवश्यकतानुसार सम्बन्धित दवाएं भी निःशुल्क दी जाएंगी। महिलाओं को योग प्रशिक्षण लेने में कोई परेशानी न हो इसके मद्देनजर ही सभी केन्द्रों पर एक महिला योग शिक्षिका की तैनाती की गयी है।

 योग के साथ ही पंचकर्म भी 

डा. भावना द्विवेदी के अनुसार ‘योग-ध्यान’ शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने में सहायक है जबकि पंचकर्म समस्त शारीरिक विकारों को दूर करता है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी केन्द्रों पर पंचकर्म की भी निःशुल्क व्यवस्था की गयी है। इसके जरिये रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी, इसके साथ ही यदि उसे कोई शारीरिक विकार है तो उसे पंचकर्म के जरिए दूर किया जा सकेगा।

मंगलवार, 23 नवंबर 2021

पहल : अब डाकघरों से भी होगी रेलवे टिकट की बुकिंग

वाराणसी के 1699 डाकघरों से मिलेगी टिकट की सेवा

 मॉडल ब्लॉक सेवापुरी में डाक मेले का पोस्ट मास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने किया शुभारम्भ, खुले 3000 सुकन्या समृद्धि खाते


वाराणसी 23 नवंबर (dil india live)। डाकघरों में जनसामान्य की सुविधा के लिए तमाम सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में अब डाकघरों से रेलवे टिकट की बुकिंग भी हो सकेगी। इसके लिए लोगों को रेलवे स्टेशन या आरक्षण केंद्र तक जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी, बल्कि अपने नजदीकी डाकघर से रेल टिकट बुक करा सकेंगे। विभागीय डाकघरों के साथ-साथ गाँवों में स्थित शाखा डाकघरों में भी यह सेवा उपलब्ध होगी। वाराणसी के सेवापुरी मॉडल ब्लॉक में आयोजित डाक मेले में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग यह सेवा इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) के माध्यम से देगा। इसके लिए सभी डाकघरों के कर्मियों को प्रशिक्षण पश्चात् उनके यूजर आईडी और पासवर्ड जारी करने की प्रक्रिया चालू है। वाराणसी परिक्षेत्र के  सभी 1699 डाकघरों में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। डाकघरों में रेलवे टिकट की बुकिंग की सुविधा मिलने से स्टेशन के काउंटरों पर भीड़ का दबाव भी कम होगा। घंटों कतार में भी नहीं लगना पड़ेगा। इस दौरान  वाराणसी (पश्चिम) डाक मंडल द्वारा विशेष अभियान चलाकर 3 हजार बच्चियों के सुकन्या समृद्धि खाते खुलवाए गए। बच्चियों को पोस्टमास्टर जनरल ने प्रवर डाक अधीक्षक श्री राजन राव और डाक अधीक्षक श्री संजय कुमार वर्मा के साथ पासबुकें सौंपकर सुखद भविष्य की कामना की।  

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि नवम्बर और दिसंबर माह में पेंशनरों को जीवित प्रमाण पत्र कोषागार या सम्बंधित विभाग में जमा करने  के लिए कोषागार/सम्बंधित बैंकों  या जनसेवा केन्द्रों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।  इससे निजात दिलाने के लिए डाक विभाग इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की सुविधा प्रदान कर रहा है। अब डाकिया घर बैठे ही बायो-मेट्रिक डिवाइस के माध्यम से पेंशनर्स का जीवन प्रमाण पत्र बना देगा जिसके लिए मात्र 70 रूपये का शुल्क देना होगा।     

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, नीति आयोग द्वारा वाराणसी के सेवापुरी को मॉडल ब्लॉक के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इसके तहत डाक विभाग द्वारा भी लोगों को वित्तीय साक्षर बनाकर, वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभा रहा है। इस कड़ी में 43 डाकियों को प्रशिक्षित कर डिजिटल मित्र बनाया गया है और उनके द्वारा सेवापुरी ब्लॉक में अभी तक 14,000 से ज्यादा लोगों को वित्तीय तौर पर साक्षर किया जा चुका है। इस योजना के तहत ही सेवापुरी ब्लॉक के अंतर्गत 9 फाइव स्टार विलेज, 33 संपूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम, 15 आईपीपीबी संपूर्ण सक्षम ग्राम और 8 संपूर्ण बीमा ग्राम बनाये गए हैं। डाक विभाग द्वारा वित्तीय सेवाओ के बारे में जागरूकता हेतु 133 कैम्प लगाकर लोगों को वित्तीय समावेशन की और अभिप्रेरित किया गया है।  इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से व्यापारियों और विशेषकर महिला दुकानदारों का मर्चेंट एकाउंट खोलकर उन्हें डिजिटल पेमेंट के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। 

पोस्मास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि,आज भी डाकघर की बचत योजनाएँ सर्वाधिक लोकप्रिय हैं और इनमें  लोग पीढ़ी दर पीढ़ी सुरक्षित निवेश करते आ रहे हैं।डाकघरों में एक ही छत के नीचे बचत, बीमा, आधार, पासपोर्ट, कॉमन सर्विस सेंटर, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, वाहनों का बीमा, डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट, गंगाजल की बिक्री जैसी तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। 

वाराणसी (पश्चिमी)  मंडल के डाक अधीक्षक श्री संजय कुमार वर्मा ने कहा कि डाक सेवाओं के प्रचार-प्रसार और इससे लोगों को आसानी से जोड़ने हेतु डाक विभाग द्वारा विभिन्न स्तरों पर कैम्प और मेलों का आयोजन किया जा रहा है। 

इस कार्यक्रम में प्रवर अधीक्षक डाकघर राजन राव, डाक अधीक्षक वाराणसी (पश्चिमी) मण्डल संजय कुमार वर्मा, सहायक अधीक्षक आरके चौहान, निरीक्षक शशिकांत कन्नौजिया, इंद्रजीत पाल, इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक मैनेजर सुबलेश सिंह, पोस्टमास्टर सेवापुरी अनूप पाण्डेय, ग्राम प्रधान घोसिला पूजा सिंह, खादी ग्रामोद्योग मैनेजर श्याम प्रसाद विश्वकर्मा  सहित तमाम डाककर्मियों, जनप्रतिनिधियों, स्कूली बच्चों और जनमानस ने भागीदारी की।

नुक्कड़ नाटक में समझाया, कैसे करें शिशु की देखभाल

सीफार के सहयोग से हुआ बेबी शो और हस्ताक्षर अभियान  

 शाम्बिका अव्वल, अक्षत को द्वितीय व महजबी को तृतीय पुरस्कार



वाराणसी 23 नवंबर(dil india live)। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में और सेंटर फार एड्वोकेसी एण्ड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के अंतर्गत राजकीय  जिला महिला चिकित्सालय में नुक्कड़ नाटक व शपथ लेते हुये हस्ताक्षर अभियान का आयोजन कर शिशु के स्वस्थ जीवन का सन्देश दिया गया। नवजात शिशु की समुचित देखभाल कैसे की जाये, क्या-क्या सतर्कता बरती जाये इसकी विस्तार से जानकारी दी गयी। बेबी शो में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले शिशुओं को पुरस्कृत किया गया। 

कार्यवाहक प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक (एसआईसी) डॉ मंजू सिंह* ने कार्यक्रम में कहा कि नवजात की समुचित देखभाल के जरिये शिशु मृत्यु-दर में कमी लाने के साथ ही उन्हें स्वस्थ जीवन प्रदान किया जा सकता है। इसी उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष   की तरह इस वर्ष भी “नवजात शिशु देखभाल सप्ताह” मनाया जा रहा है, जोकि 21 नवम्बर तक चलेगा। इस क्रम में जागरूकता के लिए आज सीफार के सहयोग से राजकीय जिला महिला चिकित्सालय में बेबी शो, हस्ताक्षर अभियान व नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम में  सिक न्यू बार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) प्रभारी व वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ मृदुला मल्लिक ने कहा कि  नवजात शिशु की समुचित देखभाल के लिए जरूरी है कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जाये।  प्रसव के बाद 48 घंटे तक माँ एवं शिशु की उचित देखभाल के लिए अस्पताल में रुकें। उन्होने कहा  कि नवजात शिशु को तुरंत न नहलायें, केवल शरीर पोंछकर नर्म साफ़ कपड़े पहनायें और  जन्म के एक घंटे के भीतर माँ का गाढ़ा पीला दूध अवश्य पिलायें। डा. मृदुला ने कहा कि छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराना चाहिये। नियमित व सम्पूर्ण टीकाकरण कराना चाहिये। नवजात की नाभि सूखी एवं साफ़ रखें, संक्रमण से बचायें और माँ व शिशु की व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें। 

बाल रोग विशेषज्ञ डा. राशिद जमाल ने कहा कि कम वजन और समय से पहले जन्में बच्चों पर विशेष ध्यान चाहिये और शिशु का तापमान स्थिर रखने के लिए कंगारू मदर केयर (केएमसी) की विधि अपनाना चाहिये। कुपोषण और संक्रमण से बचाव के लिए छह महीने तक केवल माँ का दूध पिलायें, शहद, घुट्टी, पानी आदि बिल्कुल ही नहीं देना चाहिये।   

कार्यक्रम की शुरुआत नवजात शिशु के स्तनपान, टीकाकरण, पोषण, साफ-सफाई से संबन्धित जागरूकता पर आधारित गीतों से की गई। साथ ही नाट्य संस्था मेघदूतम की ओर से नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति की गयी, जिसको लोगों ने काफी सराहा। इस दौरान समारोह में आये 66 नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। इसमें प्रथम स्थान महमूरगंज निवासी शाम्बिका (9 माह) को प्रथम, अलईपुर निवासी अक्षत (5 माह) को द्वितीय तथा जैतपुरा निवासी नवजात बेबी महजबी को तृतीय पुरस्कार प्राप्त  हुआ। इसके साथ ही अन्य बच्चों  को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। 

प्रथम पुरस्कार पाने वाली शाम्बिका की माँ ने कहा बच्ची के स्वस्थ होने की वजह से पुरस्कार मिला। यह उपलब्धि डा. मंजू सिंह तथा मैट्रन पुष्पा के बताये गये निर्देशों के पालन की वजह से हुआ। बेबी शो, गीत तथा नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम बहुत ही अच्छा था। द्वितीय पुरस्कार प्राप्त अक्षर की माँ अंकिता ने कहा कि कार्यक्रम बहुत ही अच्छा था। इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होते रहने चाहिये। कार्यक्रम में  डॉ शैला त्रिपाठी, डॉ  अल्का सिंह, रोहित, अजीत , तरुण तथा  सीफार से मनोज श्रीवास्तव एवं संजीव द्विवेदी समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।

गर्भवती के लिए ज्यादा घातक होता है डेंगू

डेंगू से रहे सावधान, गर्भस्थ शिशु की बचाएं जान

वाराणसी, 23 नवम्बर(dil india live)। पंडित दीन दयाल राजकीय चिकित्सालय के एमसीएच विंग में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ व वरिष्ठ चिकित्सक डा. रश्मि सिंह का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होता है। गर्भवती के लिए खास तौर पर अंतिम तीन महीने काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इसमें वायरस अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में इन तीन महीने उन्हें बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है। डेंगू का संक्रमण गर्भवती के लिए काफी घातक हो सकता है। डेंगू होने पर गर्भवती में ब्लीडिंग का खतरा रहता है और यह स्थिति उसे अबॉर्शन तक ले जा सकती है। इतना ही नहीं डिलीवरी के दौरान हाई ब्लीडिंग भी हो सकती है और जन्म के बाद बच्चे में भी डेंगू का वायरस ट्रांसमिट हो सकता है। इसलिए गर्भवती को डेंगू से अलर्ट रहना चाहिए।

 क्या होता है डेंगू 

डेंगू एक तरह का वायरस है जो एडीज मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है। डेंगू मच्छर दिन में काटता है। इन मच्छरों का प्रकोप बारिश और उसके तुरंत बाद के मौसम में बढ़ता है। ठहरे हुए पानी में मच्छर अंडे देते हैं और इन्हीं दिनों डेंगू का कहर भी बढ़ता है। गड्ढे, नाली, कूलर, पुराने टायर, टूटी बोतलें, डिब्बों जैसी जगहों में रुके हुए पानी में डेंगू के मच्छर पैदा होते हैं। 

 इस तरह बरतें सावधानी-

घर के अंदर और बाहर उन सभी जगहों को साफ रखें जहां भी पानी जमा होने की आशंका हो जैसे- पुराने टायर, टूटी बोतल, डिब्बे, कूलर, नालियां। सोते समय मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। घर के अंदर मच्छर खिड़की और दरवाजों से आते हैं। खिड़की और दरवाजे पर नेट लगाने से डेंगू के कहर से बचा जा सकता है। फुल पैंट और फुल स्लीव्स वाले कपड़े पहनें। जिससे मच्छर आपको काट न सकें। पार्क या ऐसी जगह न जाएं, जहां मच्छर होने की आशंका हो। 

 डेंगू के लक्षण-

तेज बुखार, खांसी, पेट दर्द व बार-बार उलटी होना, सांस लेने में तकलीफ, मुंह, होंठ और जीभ का सूखना, आंखें लाल होना, कमजोरी और चिड़चिड़ापन, हाथ-पैर का ठंडा होना, कई बार त्वचा का रंग भी बदल जाता है और चकत्ते पड़ जाते हैं ।

 डेंगू की आशंका होने पर क्या करें-

वरिष्ठ चिकित्सक डा. रश्मि सिंह के अनुसार गर्भवती को यदि डेंगू के कोई भी लक्षण दिखे तो बिना समय गंवाए डॉक्टर को दिखाना चाहिए। देरी होने से महिला व उसके बच्चे की जान को भी खतरा हो सकता है।  डाक्टर के सलाह के बिना कोई  भी दवा न लें।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...