Varanasi (dil india live)। क्रिसमस का ग्लोबल पर्व भले ही 25 दिसंबर को मनाया जायेगा मगर क्रिसमस सीजन का आगाज इतवार को प्रभु यीशु आगमन (First Sunday of advent) के साथ हो गया। इस दौरान गिरजाघरो में यीशु की स्तूति के गीत गूंजे, आराधना और प्रार्थना का दौर अलग अलग चर्चेज में सुबह से शाम तक चलता रहा। इसी के साथ अब क्रिसमस अपने रंग में रंगता चला जायेगा। 25 दिसंबर यानी प्रभु यीशु के जन्म पर क्रिसमस अपने शबाब पर होगा।
दरअसल आगमन काल प्रभु यीशु के आगमन की आध्यात्मिक तैयारी को कहते है जो आज से 2022 वर्ष पूर्व ईसा मसीह के जन्म के साथ पूरा हुआ था। उसी ईसा मसीह की जयंती के लिए खुद को हृदय से तैयार करने का समय आगमन काल या Sunday of advent कहलाता है। चर्च आफ बनारस में पादरी बेन जान ने आराधना कराते हुए कहा कि हम मसीही है इसका हमें गर्व है, हमें अपने सांसारिक जीवन पर चिंतन-मनन कर यह आकलन करना हैं कि मसीही होने के नाते हमने अब तक के जीवन में प्रभु यीशु के आदर्शों पर कितना अमल किया। रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने कहा कि प्रभु यीशु ने हमें जो जिन्दगी दी है उसके सदा हम आभारी है, हमारा फर्ज हैं कि हम भी प्रभु यीशु की सदा स्तूति करें। बताया कि क्रिसमस भले ही 25 दिसंबर को दुनिया भर में मनाया जाता हो मगर क्रिसमस की तैयारियां क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले उन चार इतवारों में से पहले इतवार से ही शुरू हो जाती है। आगमन का पहला इतवार है। वाराणसी धर्मप्रांत के बिशप यूजीन जोसेफ की अगुवाई में सभी चर्चेज में आराधना व प्रार्थना एक साथ शुरू हुई। सभी ने अमन के राज कुमार की स्तूति की। सेंट मैरीज महागिरजा में पल्ली पुरोहित फादर विजय शांतिराज ने प्रार्थना करायी। लाल गिरजाघर के सेक्रेटरी विजय दयाल ने बताया कि यह क्रिसमस के पूर्व आगमन का पहला इतवार था। इसके साथ ही 4 दिसंबर, 11 दिसंबर और 18 दिसंबर आगमन का दूसरा, तीसरा और चौथा इतवार होगा। इसके बाद 25 दिसंबर को क्रिसमस आयेगा। ख़ास बात यह भी है कि इस बार क्रिसमस भी इतवार को ही पड़ेगा।
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