बुधवार, 4 जून 2025

Dr Anshu Shukla को शान-ए-काशी अवार्ड

"शुक्ला मैरिटल एटिट्यूड बैटरी" का किया है डा.अंशु ने विकास

शोध के लिए हो रहा कई देशों में इसका उपयोग 

Varanasi (dil India live). वसंत कन्या महाविद्यालय में 2005 से कार्यरत डॉ. अंशु शुक्ला ने अपने लंबे शैक्षिक करियर में उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल की हैं। डॉ. अंशु शुक्ला की उपलब्धियां और योगदान शैक्षिक जगत में एक प्रेरणा के स्रोत हैं। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें एक उत्कृष्ट शैक्षिक व्यक्तित्व बनाया है।और इसी के लिए उन्हें आज संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में आईएजे की तरफ़ से शान-ए-काशी अवार्ड से नवाजा गया। 


अपनी प्रारंभिक शिक्षा बलिया के सरस्वती शिशु मंदिर एवं जीजीआईसी से पूर्ण करने के बाद गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी से बीएससी और एमएससी करने के बाद उन्होंने बीएचयू से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. शुक्ला ने अपने शोध और लेखन के माध्यम से शैक्षिक जगत में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय और स्कोपस जर्नल्स में 32 पेपर प्रकाशित किए हैं, साथ ही 3 पाठ्य-पुस्तकें और 3 संपादित पुस्तकें भी प्रकाशित की हैं। इसके अलावा, उन्होंने 10 पुस्तक अध्याय भी लिखे हैं।


डॉ. शुक्ला की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है "शुक्ला मैरिटल एटिट्यूड बैटरी" का विकास, जिसका उपयोग शोध के लिए कई देशों में किया जा रहा है। इस मनोवैज्ञानिक उपकरण से अविवाहित युवाओ के विवाह के प्रति अभिवृत्ति को मापा जा सकता है । इनहोंने 100 से अधिक सम्मेलनों में शोध पत्र पढ़े हैं और कई प्लेटफार्मों पर रिसोर्स पर्सन के रूप में कार्य किया है। लगभग 36 जगहों पर उन्हें आमंत्रित व्याख्यान देने का अवसर मिला है।

डॉ. शुक्ला कई विश्वविद्यालयों की चयन समिति और बोर्ड ऑफ स्टडीज की सदस्य भी है। उन्होंने एनसीआरआई और आईसीएसएसआर के दो प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा किया है और 04 शोध निर्देशन के साथ लगभग 60 पीजी शोध प्रबंध कराए हैं। डॉ. शुक्ला को उनके कार्यों के लिए 16 क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उन्होंने राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के लिए अध्ययन सामग्री भी तैयार की है और एमएचपीएसएस मिशन शक्ति और वुमन हेल्पलाइन 1090 के लिए काउंसलर के रूप में भी कार्य किया है।


ऐकडेमिक जगत के साथ सामाजिक क्षेत्र में भी समान रूप से सक्रिय है । २००२-३ में सामुदायिक सहयोग से दो गांवो में आंगनवाड़ी की स्थापना की जिसको बाद में सरकार द्वारा भी मान्यता मिली। इनका मानना है कि अगर किसी को मछली खाने को दी जाए तो वो १-२ दिन में खा लेगा लेकिन अगर उसको मछली पकड़ने का कौशल सिखा दिया जाए तो वो उसकी आजीविका बन सकती है। अर्थात् व्यक्ति को अगर हुनरमंद बनाया जाए तो आजीविका की समस्या और सरकार पर निर्भरता को कम किया जा सकता है। कई सामाजिक सरोकार के कार्यो और संस्थाओं से जुड़ कर सामाजिक उत्थान एवम् कौशल विकास के लिए कार्य करने को सदा तत्पर रहती है। कौशल परक शिक्षा की घोर पक्षधर है । 

मंगलवार, 3 जून 2025

फैलाओ पंख भरो उड़ान थीम पर हुआ Fine Art Work Shop का आगाज़

श्रीकृष्ण दत्त एकेडमी के फाइन आर्ट वर्कशॉप में प्रशिक्षुओं ने दिखाया उत्साह


Lucknow (dil India live). पर्यावरण असंतुलन और खामियाजा देखती प्रकृति विषय पर बच्चों को जागरूक करने तथा सभी प्रशिक्षुओं को कैनवास में अपनी मां की भावनाओं और प्रकृति के प्रति समर्पण को दिखाने के उद्देश्य से श्रीकृष्ण दत्त एकेडमी वृंदावन, सरोजिनी नगर में फाइन आर्ट कार्यशाला का आयोजन किया गया। सभी बच्चों और बड़ों ने बड़ी ही उत्सुकता पूर्वक इस रोचक विषय पर अपनी अभिव्यक्ति प्रस्तुत की।

प्रशिक्षु लोकेश वर्मा ने बताया कि सभी जानते हैं कि आज हम वैज्ञानिक युग में बहुत ही तेजी से विकास की गति में चलते हुए वैश्वीकरण के सभी मानकों को पूर्ण करने में लगे हुए हैं और इस दौड़ में कहीं ना कहीं अंधाधुंध पेड़ों की कटाई, फलदार वृक्षों की कमी, वर्षा की कमी, मौसम में परिवर्तन, अत्यधिक गर्मी जैसे पर्यावरणीय परिवर्तन देख रहे हैं। एक ओर जहां ग्लोबल वार्मिंग के तहत हानिकारक क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैसों का बढ़ता उत्सर्जन हर व्यक्ति को एयर कंडीशन की तरफ खींच रहा है। और प्रकृति से दूरी का यह नतीजा है कि आज हम प्रकृति के पर्यावरण तंत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं। 

आज की इस कार्यशाला में प्रशिक्षण ले रहे सभी प्रशिक्षकों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से विषय और प्रकृति के संरक्षण जैसे टॉपिक से जोड़ा गया। सभी ने अपने मन की भावनाओं को कैनवास में रंगों के माध्यम से बहुत ही बखूबी प्रस्तुत किया है। प्रमुख शिक्षिका एवं समाज सेविका रीना त्रिपाठी ने बताया कि कैनवस पेंटिंग एक बेहतरीन माध्यम है अपने भावों को अपनी अनुभूतियों को रंगों के माध्यम से व्यक्त करने की। जैसा कि हम सब जानते हैं पर्यावरण संरक्षण आज की परम आवश्यकता है यदि सभी लोग जागरुक नहीं हुई तो निश्चित रूप से हम सब कैनवस पेंटिंग में उकेरे गए बंजर वीरान और दुखी होती प्रकृति के सिवा कुछ नहीं बचा पाएंगे। 

     


एसकेडी अकादमी के सुभाष त्रिपाठी ने बताया कि छह दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न प्रकार के फाइन आर्ट के कोर्स को मैनेजमेंट ने इस प्रकार डिजाइन किया है कि इसका लाभ बच्चों और बड़ों सभी को मिल रहा है। दो घंटे की इस कार्यशाला में कैनवस पेंटिंग, क्ले मॉडलिंग, डिजिटल पेंटिंग और फोटोग्राफी की महत्वपूर्ण बारीकियों से परिचित कराया जाएगा। जिसमें उम्र की कोई सीमा नहीं है कोई भी जो फाइन आर्ट में रुचि रखता है और इसे हॉबी के रूप में अपनाना चाहता है इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में जरूर भाग ले। उन्होंने बताया कि अंतिम दिन एग्जीबिशन के माध्यम से प्रतियोगिता परीक्षा होगी जिसमें प्रथम तीन आने वाली कलाकृतियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा, बाकी सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

Varanasi में Internet banking के नाम पर लाखों की साइबर ठगी

बुजुर्ग को लगाया 22 लाख रुपए की साइबर ठग ने चपत

पुलिस ने दर्ज किया FIR, इंटरनेट बैंकिग एप डाउनलोड करने में हुआ फ्राड

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). वाराणसी के साइबर क्राइम थाने में एक बुजुर्ग ने 22 लाख के साइबर फ्राड का मुकदमा दर्ज कराया है। बुजुर्ग के अनुसार उसने फेसबुक से एक लिंक से पंजाब नेशनल बैंक के इंटरनेट बैंकिंग का एप डाउनलोड करने के प्रयास किया पर हुआ नहीं। कुछ ही देर बाद एक व्यक्ति का फोन आया और उसने खुद को पंजाब नेशनल बैंक का कर्मचारी बताया और एप डाउनलोड करने में मदद की बात कही। उसके कुछ ही देर बाद अकाउंट से 22 लाख रुपए कट गए। फिलहाल इस मामले में साइबर क्राइम थाने में संबंधित धाराओं में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई में जुट गई है।

बुजुर्ग शशिकांत गुप्ता ने बताया की मेरा खाता पंजाब नेशनल बैंक में है। इंटरनेट बैंकिंग सुविधा के लिए फेसबुक से मिले एक एप्लिकेशन को डाउनलोड कर रहा था। लेकिन वह डाउनलोड नहीं हुआ। लिंक का नाम www.pnbindia.in था। कई बार उस लिंक पर क्लिक कर सरे प्रोसीजर किए पर आखिर में लिंक पहले पेज पर चला आ रहा था। जिस पर मैंने उसे छोड़ दिया और मोबाइल रख दिया।


शशिकांत गुप्ता ने बताया कुछ ही समय बात एक व्यक्ति जिसने अपना नाम अमित मिश्रा बताया उसका फोन आया। उसने कहा वह पंजाब नेशनल बैंक से बात कर रहा है। अभी आप बैंक का एप डाउनलोड कर रहे थे। उसमें कोई दिक्कत आ रही थी क्या ? इस पर मैंने उसे तुरंत सब कुछ बता दिया। उसने कहा कोई नहीं मैं आप का एप डाउनलोड करवा दूंगा बस कुछ प्रोसेस आप को करना होगा। उसके बाद उसने एक एप्लिकेशन मेरे मोबाइल में डाऊनलोड करवाया।

एक रुपया काट कर, निकाला 22 लाख

बुजुर्ग ने बताया कि व्यक्ति अमित मिश्रा ने कहा आप के अकाउंट के वेरिफिकेशन के लिए आप के अकाउंट से एक रुपया कटेगा। कुछ ही देर में एक रुपया कट गया। मैंने देखा कि मेरे मोबाइल एसएमएस फारवर्ड एप भी डाउनलोड है। जिससे कोई भी मैसेज किसी के भी पास जा सकता है। इसपर मैंने सोमवार को अकाउंट चेक करवाया तो पता चला। वहां से 22 लाख रुपए का फ्राड हो चुका था।

साइबर थाने में दर्ज हुआ मुकदमा

बुजुर्ग शशिकांत गुप्ता ने इस बात की सूचना साइबर क्राइम थाने पर लिखित रूप से दी है। थाना प्रभारी ने बताया बुजुर्ग का मुकदमा दर्ज कर बैंक में अकाउंट को सीज किया गया है। जिन भी अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं उनकी जानकारी इकठ्ठा की जा रही है और एक्सपर्ट की टीम मोबाइल नंबर और डिजिटल फुट प्रिंट से अपराधियों को तलाशने में लगी हुई है।

DAV PG College main "प्रभा" के संयुक्तांक का हुआ लोकार्पण

सेवानिवृत्त उर्दू विभागाध्यक्ष को दी गयी विदाई

अब रिटायर्ड कर्मियों को भी मिलेगी कैशलेश इलाज की सुविधा

Varanasi (dil India live)। डीएवी पीजी कॉलेज की यूजीसी से पीयर रिव्यूड रेफेर्ड मल्टीडिसिप्लीनरी रिसर्च जर्नल 'प्रभा' के संयुक्तांक का लोकार्पण मंगलवार को हुआ। महाविद्यालय के प्रबंधक अजीत कुमार सिंह यादव, कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल, उपाचार्य द्वय प्रो. संगीता जैन, प्रो. राहुल एवं प्रभा के संपादक डॉ. दीपक शर्मा ने जर्नल के 2023-24 के संयुक्तांक (7-8) का लोकार्पण किया। महाविद्यालय द्वारा प्रकाशित इस प्रतिष्ठित जर्नल में देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं अकादमिक विद्वानों को परामर्श समिति में स्थान दिया गया है। इस संयुक्तांक में 36 रिसर्च पेपर प्रकाशित किया गया है जिनमें सामाजिक विज्ञान के अलावा मानविकी, कला, वाणिज्य अन्य विषयों के मल्टीडिसिप्लिनरी पेपर प्रकाशित किया गया है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अजीत कुमार सिंह यादव ने कहा कि निश्चित तौर पर यह जर्नल हर वर्ग को लाभान्वित करेगी, प्रभा सिर्फ एक जर्नल मात्र नही है बल्कि यह महाविद्यालय के गौरव को दर्शाने का मुखपत्र भी है। अध्यक्षता करते हुए प्रो. मिश्रीलाल ने कहा कि शिक्षा ही राष्ट्र के उन्नयन की नींव डालती है, एक अच्छे शिक्षक की सबसे बड़ी भूमिका पठन पाठन के माहौल को बनाये रखते हुए स्वयं को रचनात्मक कार्यो में क्रियाशील रखें ताकि छात्र भी प्रगति के मार्ग पर बढ़ सके। कार्यक्रम में महाविद्यालय से ही प्रकाशित जर्नल ऑफ इकोनॉमिक्स एवं कॉमर्स के 16 वें अंक का भी विमोचन किया गया। इसका संपादन प्रो. अनूप कुमार मिश्र ने किया है। 

उर्दू विभागध्यक्ष डा. हबीबुल्लाह को दी विदाई


कार्यक्रम में उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ. हबीबुल्लाह को सेवानिवृत्त होने पर भावभीनी विदाई दी गयी। प्रबंधक अजीत कुमार सिंह यादव एवं कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल ने उन्हें दुशाला, पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनकी सेवा के लिए उनका अभिनंदन किया। इस मौके पर प्रो. सत्यगोपाल, प्रो. सतीश कुमार सिंह, प्रो.अनूप कुमार मिश्रा आदि ने उनसे जुड़े संस्मरण को भी साझा किया। 


सेवानिवृत्त को मिलेगी कैशलेस इलाज की सुविधा

डीएवी के प्रबंधक एवं प्राचार्य ने सेवानिवृत्त होने वाले अध्यापकों एवं कर्मचारियों के लिए चयनित अस्पतालों में कैशलेश इलाज की सुविधा की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मेडिकल सुविधाओं की आवश्यकता सबसे अधिक 50 वर्ष की अवस्था के बाद ही होती है जिससे अब उन्हें संबल मिलेगा। 

कार्यक्रम का संचालन डॉ. दीपक कुमार शर्मा, स्वागत डॉ. श्रुति अग्रवाल एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राजेश कुमार झा ने दिया। इन मौके पर प्रो. सत्यगोपाल जी, प्रो. ऋचारानी यादव, प्रो.सतीश कुमार सिंह, प्रो.विजयनाथ दुबे, प्रो. अनूप कुमार मिश्र, प्रो. मीनू लाकड़ा, प्रो. प्रशांत कश्यप आदि सहित अन्य विभागों के प्राध्यापक उपस्थित रहे।

Varanasi की बेटियों के हस्तनिर्मित अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ से UPSC Chairman Dr Ajay Singh का सम्मान


New Delhi (dil India live). PM Modi के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की बेटियों द्वारा हस्तनिर्मित अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ (बुके) नई दिल्ली में भेंट कर भारतीय लोक सेवा आयोग (UPSC) के चेयरमैन डॉ. अजय कुमार का सम्मान किया गया। इस अवसर पर साईं इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट, वाराणसी के निदेशक अजय सिंह ने नई दिल्ली स्थित यूपीएससी मुख्यालय में डॉ. अजय कुमार से शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने वाराणसी की ग्रामीण महिलाओं द्वारा हस्तनिर्मित बुके और अंगवस्त्र भेंट कर डॉ. कुमार को सम्मानित किया और उन्हें बधाई दी।

सम्मान प्राप्त करने के उपरांत डॉ. अजय कुमार ने कहा, “मैं पूर्व में इस संस्था के कार्यों से परिचित रहा हूँ और प्रशिक्षण प्राप्त कर रही बेटियों से संवाद का अवसर भी मुझे मिला है। ये महिलाएं जिस समर्पण और कौशल के साथ आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हैं, वह वास्तव में प्रेरणादायक है।”


इस अवसर पर साईं इंस्टिट्यूट के निदेशक श्री अजय सिंह ने बताया कि, “विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से स्थापित ‘रूरल वूमेन टेक्नोलॉजी पार्क’ के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। डीएसआईआर की TDPW स्कीम के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी अनेक महिलाएं अब न केवल आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही हैं।”

इस सम्मान समारोह के माध्यम से यह स्पष्ट हुआ कि ग्रामीण महिलाओं की प्रतिभा और परिश्रम को यदि सही मार्गदर्शन एवं अवसर मिले, तो वे सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में नई मिसाल स्थापित कर सकती हैं।

19 विभूतियां काशीरत्न एवं शान-ए-काशी अलंकरण से किया गया अलंकृत

विकसित भारत के निर्माण में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण 

एफ फारुकी बाबू 

Varanasi (dil India live)। विकसित भारत के निर्माण में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है। मीडिया का कार्य लोगों के विचारों को जन जन तक पहुंचाना है। यह बातें मंगलवार को सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के पाणिनि सभागार में सामाजिक विज्ञान विभाग और इण्डियन एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 30 वां राष्ट्रीय अलंकरण काशीरत्न एवं शान-ए-काशी 2025 और विकसित भारत के विकास में मीडिया की भूमिका विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि पद्मश्री पं गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने कही। उन्होंने आयुर्वेद की चर्चा करते हुए कहा कि पवित्र भारत, निरोग भारत और शक्तिशाली भारत ही विकसित भारत है। इसमें मीडिया की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। अध्यक्षता करते हुए सं.सं.विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि मीडिया शासक एवं जनता के बीच की सेतु है। सिर्फ भौतिक विकास ही भारत के विकास की परिकाष्ठा नहीं हो सकती है। विकसित भारत के निर्माण के लिए स्वस्थ भारत का होना आवश्यक है। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को स्वस्थ रखना होगा। उन्होंने मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ बताते हुए कहा कि मीडिया शासन की बातों को किस किस तरह दुनिया के समक्ष देश की सकारात्मक छवि बन सके। उन्होंने पश्चिमी देशों के मशीनों के महारथ पर चर्चा को हुए कहा कि पश्चिम के देश मशीन के अधीन मनुष्य को रखते हैं लेकिन भारत देश मनुष्य के अधीन मशीन को रखते हैं। उन्होने कहा कि विकास यह होता है जिसमें हम भी सुखी रहे और हमारी आने वाली पीडिया भी सुखी से रह सके। कहा कि आध्यामिक एवं आदि देवीय विकास ही स्थायित्व होता है। 


विशिष्ट अतिथि आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के निदेशक राजेश गौतम ने कहा कि मीडिया एक सचेतक की भूमिका निभाता है और समाज को गति देने का काम करता है। सामारोह का शुभारंभ पूजा पण्ड्या द्वारा मंगलाचरण एवं आगंतुक अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। अतिथियों का स्वागत पूर्व विभागाध्यक्ष (साामाजिक विज्ञान विभाग) प्रो. राजनाथ और विषय प्रवर्तन विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेश कुमार मिश्र ने किया। इस अवसर पर दृष्टि पत्रिका का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। समारोह में वाचस्पति डॉ. दिव्य चेतन ब्रम्हचारी, शम्भू शरण श्रीवास्तव, राधा सिंह, प्रभात वर्मा, प्रकाश कुमार श्रीवास्तव, पं. सुखदेव मिश्र, डॉ. विमल कुमार त्रिपाठी, अपर्णा सिंह एवं कृष्ण कुमार श्रीवास्तव (एडवोकेट) को काशीरत्न अलंकरण और अशोक कुमार पाण्डेय, डॉ. श्याम बिहारी मिश्र, आशुतोष शास्त्री, माधुरी मिश्रा, रश्मि त्रिपाठी, पूजा पण्ड्या, डॉ. अंशु शुक्ला को शान-ए-काशी अलंकरण और डॉ. ओम प्रकाश शर्मा और डॉ. शुबाष चंद्र को आईएजे लाइव टाइम अचीवमेंट अवार्ड और इंजिनियर रामनरेश 'नरेश' का अभिनन्दन और विक्रम कुमार को नाइजिरिया द्वारा डॉक्टरेट उपाधि 2025 अलंकरण से अतिथियों ने अंगवस्त्रम, पगड़ी प्रमाण-पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।


अतिथियों का आईएजे परिवार द्वारा माल्यार्पण, अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया। संचालन अनुपम गुप्ता, धन्यवाद ज्ञापन डॉ कैलाश सिंह विकास ने किया। इस अवसर पर डॉ नितेश कुमार गुप्ता, डॉ. राहुल सिंह, सत्य नारायण द्विवेदी, हृदय नारायण द्विवेदी, विजयता सचदेवा, गीता राय, अर्जुन सिंह, आशीर्वाद सिंह, मुहम्मद दाउद, आनन्द कुमार सिंह, जफरूद्दीन फारूकी, विनय कुमार श्रीवास्तव, विक्की वर्मा, राजू वर्मा, अमित कुमार पाण्डेय, मोती लाल गुप्ता, राधा सेठ, तेजस कुमार सिंह, ज्योति सिंह आदि थे।

Shankarachaarya Swami अविमुक्तेश्वरानंद ने वृन्दावन में बांके बिहारी मन्दिर को सरकार द्वारा अधिग्रहण किए जाने का किया कड़ा प्रतिकार

बोलें सरकार द्वारा धर्मस्थानों का अधिग्रहण अनुचित

हिन्दुस्तान धर्मनिरपेक्ष, लेकिन कम से कम मन्दिर तो धार्मिक बना रहे

किया सवाल-गोरखनाथ मन्दिर का अधिग्रहण हो जाए तो कैसा लगेगा?

Varanasi (dil India live). काशी में इन दिनों प्रवास कर मनुस्मृति पर व्याख्यान दे रहे ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने वृन्दावन में बांके बिहारी मन्दिर को सरकार द्वारा अधिग्रहण किए जाने का कड़ा प्रतिकार किया है और साथ ही उन्होंने वृन्दावन के धर्माचार्यों से आह्वान किया कि वे किसी भी कीमत पर बांके बिहारी मन्दिर को अधिगृहीत न होने दें।

शङ्कराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने एक वीडियो सन्देश के माध्यम से कहा हमें बड़ा आश्चर्य हो रहा है कि एक तरफ सनातन धर्म के धर्माचार्य पूरे देश में मुहिम चलाए हुए हैं कि सरकार ने जिन-जिन मन्दिरों व धर्मस्थानों का सरकार ने अधिग्रहण कर लिया है उनको वापस लिया जाए और सनातन धर्म बोर्ड बनाकर धर्माचार्यों के द्वारा उसका सञ्चालन किया जाए। इस मुहिम को सबसे अधिक आगे बढ़ाने वाले देवकीनन्दन ठाकुर के ही वृन्दावन में जो बांके बिहारी मन्दिर परम्परा से सेवायतों और पुजारियों के हाथों में था उसको सरकार दिनदहाड़े ट्रस्ट बनाकर अधिगृहित कर ले रही है और कोई कुछ नही बोल रहा है। जब सरकार मन्दिर को अधिगृहित करके वहाँ सरकारी अधिकारी बैठा देगी तो भविष्य में फिर वहाँ धर्म की क्या व्यवस्था देखने को मिलेगी? 

आगे कहा कि आश्चर्य है कि बातें अलग कहीं जा रही हैं और व्यवहार अलग तरह का किया जा रहा है। धर्मनिरपेक्ष सरकार को परम्परा से चले आ रहे सनातनी मन्दिरों को अधगृहीत करने का क्या अधिकार है? बांके बिहारी मन्दिर में जो हमारे गोस्वामियों की परम्परा है उस परम्परा का हमें पोषण करना है। यदि बांके बिहारी मन्दिर में कोई कमी या कोई गड़बड़ी भी हो रही है तब भी उस पर विचार कर उसको ठीक किया जाना चाहिए, न कि गड़बड़ी के नाम पर धर्मस्थान को धर्मनिरपेक्ष सरकार द्वारा अधिगृहित कर लेना चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो यह धर्मस्थान कहाँ रह जायेगा? 

बताया कि धर्मस्थान और धर्मनिर्पेक्षस्थान में बड़ा अन्तर है।हिन्दुस्तान जब से धर्मनिरपेक्ष हुआ तब से वह धर्मनिर्पेक्षस्थान हो गया। इसलिए कम से कम हिन्दुस्तान के धर्मस्थान को तो धर्मस्थान रहने दीजिए उसे धर्मनिर्पेक्षस्थान मत बनाइए।

शङ्कराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने स्मरण कराते हुए कहा कि विगत 1982 में काशी विश्वनाथ मन्दिर में हुई चोरी के नाम पर सरकार ने अधिगृहित कर लिया था जबकि आज तक उस चोरी को सुप्रीम कोर्ट तक में साबित नही किया जा सका है। जबकि अधिग्रहण के बाद से विश्वनाथ मन्दिर में अनेक चोरियाँ हुईं लेकिन कहीं कोई दिक्कत नही है क्योंकि वह सरकार के नियन्त्रण में है।

शङ्कराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि जब सब लोग अधिग्रहण के लिए ही तत्पर हैं तो गोरखपुर का गोरखनाथ मन्दिर में भी सरकार का अधिग्रहण हो जाए। यदि ऐसा हो जाए तो योगी जी को कैसा लगेगा? जब आप बांके बिहारी मन्दिर को ट्रस्ट बनाकर वहाँ के सेवायतों महन्तों को आप अलग करना चाहते हैं तो आपके गोरखनाथ मन्दिर को भी साथ में ट्रस्ट बनाकर सरकारी अधिग्रहण कर लिया जाए और आपके मन्दिर ट्रस्ट के रुपए से सार्वजनिक स्थान बन जाए जनता की सुविधा के लिए। क्या ये विचारणीय होगा? विचार करिए। उक्त जानकारी शङ्कराचार्य के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने दी है।