शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025

Sikh धर्म के नौवें पातशाह Guru Teg Bahadur साहिब का 404 वॉ प्रकाशोत्सव

गुरुद्वारे में शबद, कीर्तन व सिख इतिहास से निहाल हुई संगत

गुरुवाणी, कीर्तन दीवान उपरान्त चला गुरू का अटूट लंगर, उमड़ा हुजूम 

Varanasi (dil India live). सिख धर्म के नौवें पातशाह गुरु तेगबहादर साहिब का 404 वॉ प्रकाशोत्सव शुक्रवार को मनाया गया। सिक्खों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी (जिन्हे हिन्द की चादर के नाम से जाना जाता है) की शहादत संसार के इतिहास में अद्वितीय है। सब्र, संतोष, सहनशीलता और अकालपुरख में अटूट विश्वास इनकी शहादत को शिखर तक पहुंचाता है। जालिम और जुल्म का सामना गुरूदेव ने जिस सब्र से किया, निःसन्देह इसकी मिसाल और कहीं नहीं मिलती। इस आधार पर ही सिक्ख शहीदियों ने संसार के इतिहास में महान स्थान प्राप्त किया है। श्री गुरू तेग बहादुर साहिब जी की 404 वॉ प्रकाशोत्सव आज प्रातः ऐतिहसासिक तपस्थान गुरूद्वारा बड़ीसंगत, नीचीबाग वाराणसी में बड़ी ही श्रद्वा-भाव व प्रेम से मनाया गया। ये वह स्थान है जहां मां गंगा आयी और गुरू महाराज का चरण स्पर्श कर चली गयी। आज ये स्थान श्री गुरु तेगबहादर जी महाराज की चरण स्पर्श भूमि है। श्रद्वालु यहाँ आकर अमृत ग्रहण करते हैं और दुखों का निवारण करते है।


पंथ के प्रसिद्ध रागी जत्था भाई तवनीत सिंह चण्डीगढ़ वाले, हजूरी रागी जत्था गुरुद्वारा, गुरूबाग के भाई नरिन्दर सिंह, हजूरी रागी गुरूद्वारा बडी संगत नीचीबाग के भाई रकम सिंह ने गुरूद्वारा बडी संगत नीचीबाग व गुरुद्वारा गुरूबाग में गुरूबाणी कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया। गुरूबाग में सांय 07 बजे से रात्रि 9:30 बजे तक गुरुवाणी कीर्तन दीवान उपरान्त गुरू का अटूट लंगर बरताया गया। इसमें काफी संख्या में पुरूष एवं महिला श्रद्वालुओं ने गुरूघर में उपस्थित होकर मत्था टेका। गुरुद्वारे के मुख्य ग्रन्थी भाई जगतार सिंह जी ने गुरूसाहिब की वाणी-उपदेश के बारे में बताया। गुरुद्वारा नीचीबाग के मुख्य ग्रन्थी भाई जगतार सिंह ने गुरूद्वारे में उपस्थित सभी संगत का शुक्राना अदा किया। भाई जगतार सिंह ने दीवान समाप्ति की अरदास की। प्रसाद वितरण उपरान्त गुरू का अटूट लंगर बरताया गया। गुरुद्वारा गुरूबाग में गुरुद्वारे के ग्रन्थी भाई महंत सिंह ने उपस्थित सभी संगत का शुक्राना अदा किया। 

Good Friday पर हुई क्रुस मार्ग की आराधना

गुड फ्राइडे पर चर्चेज में हुई प्रार्थना सभाएं, जुटा हुजुम 

यीशु के सात वचन सुनकर छलकी आंखें

Varanasi (dil India live)। गुड फ्राइडे की विशेष आराधना व प्रार्थना आज सुबह से ही चर्जेज़ व गिरजाघरों में शुरु हो गई। इस दौरान जब प्रभु ईसा मसीह को क्रूस पर चढ़ाये जाने का मार्मिक इतिहास का वर्णन पास्टर और पादरी ने किया तो इसे सुनकर लोगों की आंखों में सहज ही आंसु भर आएं। बनारस में प्रोटेंसटेंट मसीही समुदाय के चर्चेज़ तेलियाबाग चर्च, सेंट थॉमस चर्च, सेंट पाल चर्च, बेटलफुल गास्पल चर्च, चर्च आफ बनारस, लाल चर्च, ईसीआई चर्च, भोजपुरी कलीसिया आदि में प्रार्थना दोपहर 12 बजे से शुरु हुई तो कैथलिक चर्चेज़ में 3 बजे से क्रूस पर प्रभु यीशु को चढ़ाये जाने की मार्मिक गाथा का मंचन किया गया। वहीं राम कटोरा चर्च, विजेता प्रेयर मिनिस्ट्री में शाम में प्रेयर हुई। सेंट मैरीज में मसीही क्रूस मार्ग की आराधना करते हुए चल रहे थे। जहां जहां प्रभु ईसा मसीह को प्रताड़ित किया गया था उन रास्तों से एक व्यक्ति जो येशु के किरदार में था बड़ा सा क्रुस कंधे पर लिए आगे बढ़ रहा था, ठीक वैसे ही जैसे प्रभु यीशु को क्रुस मरण की दर्दनाक सजा दी गई थी।


सेंट मेरीज़ महागिरजा में बिशप यूज़ीन प्रार्थना सभा की अगुवाई करते हुए चल रहे थे। फादर थामस, फादर अगस्टिन, सिस्टर जमीला, सिस्टर तारा, सिस्टर अंजू, सिस्टर मंजू, संतोष, प्रीतम आदि मौजूद थे। मंचन के माध्यम से बताया गया कि ये वो दिन है जिस दिन प्रभु यीशु मसीह को गोल्गथा नामक पहाड़ पर, जो कलवारी नमक स्थान पर स्थित है, क्रुस पर चद़ाया गया था। इस घटना से पूर्व प्रभु यीशु मसीह को रोमी सैनिकों एवं धर्मगुरुओं द्वारा अत्यंत वेदनाओं एवं दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा और अंत में क्रूस पर प्रभु यीशु ने अपने प्राण त्याग दिए। उनकी मौत को सभी हर साल गुड फ्राइडे के रुप में मनाते हैं। चर्च आफ बनारस के पादरी बेनजॉन व तेलियाबाग चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने बताया कि यीशु मसीह को घोर यातना दी गई, और क्रूस पर उन्हे चढ़ाया गया। क्रूस पर उनकी पवित्र मौत की खबर से कि कलवारी में ईसा शहीद हुए धरती रो पड़ी मगर चमत्कार तीसरे ही दिन हुआ जब कब्र का दरवाजा खुल गया और ईसा मसीह पुनः जीवित हो उठे।

क्रूस पर दिए प्रभु ने सात वचन

क्रूस पर से यीशु ने सात दिव्य वचन कहे जिन्हें पास्टर और पादरी ने प्रार्थना सभाओं में पढ़कर लोगों को सुनाया। यीशु मसीह के मानने वाले इन वचनों को आत्मसाध कर जीवन मैं अपनाने का संकल्प लेते दिखाई दिए। फादर फिलिप डेनिस ने कहा कि मसीहियों का ये विश्वास है की प्रभु यीशु फिर धरती पर आएंगे।आज के दिन को शुभ शुक्रवार इसलिए कहा जाता है क्यूंकि आज ही के दिन प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाति को उनके पापों से बचाने के लिए अपने प्राण दिए और सभी को उद्धार का अवसर प्रदान किया।


धरती रो पड़ी ISA (ईसा) शहीद हुए कलवारी में

देश दुनिया में मनाया जा रहा है गुड फ्राइडे चर्चेज में हो रही प्रार्थना सभाएं


Varanasi (dil India live)। गुड फ्राइडे की विशेष आराधना व प्रार्थना देश दुनिया में आज सुबह से ही चर्जेज़ व गिरजाघरों में शुरु हो गई। इस दौरान जहां प्रभु ईसा मसीह को क्रूस पर चढ़ाये जाने की मार्मिक इतिहास का वर्णन पास्टर और पादरी कर रहे हैं वहीं इसे सुनकर लोगों की आंखों में सहज ही आंसु भर आना लाजमी है। हालांकि बनारस में प्रोटेंसटेंट मसीही समुदाय के चर्चेज़ में प्रार्थना दोपहर 12 बजे से शुरु होगी तो कैथलिक चर्चेज़ में 3 बजे से क्रूस पर प्रभु यीशु को चढ़ाये जाने की मार्मिक गाथा का मंचन होगा। इस दौरान मसीही क्रूस मार्ग की आराधना करेंगे जहां जहां प्रभु ईसा मसीह को प्रताड़ित किया गया था। सेंट मेरीज़ महागिरजा में बिशप यूज़ीन प्रार्थना सभा की अगुवाई करेंगे।

- इसलिए मनाया जाता है गुड फ्राइडे


ये वो दिन है जिस दिन प्रभु यीशु मसीह को गोल्गथा नामक पहाड़ पर, जो कलवारी नमक स्थान पर स्थित है, क्रुस पर चद़ाया गया था। इस घटना से पूर्व प्रभु यीशु मसीह को रोमी सैनिकों एवं धर्मगुरुओं द्वारा अत्यंत वेदनाओं एवं दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा और अंत में क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह ने अपने प्राण त्याग दिए। उनकी पवित्र मौत को सभी हर साल गुड फ्राइडे के रुप में मनाते हैं। चर्च आफ बनारस के पादरी बेनजॉन व तेलियाबाग चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने दिल इंडिया को बताया कि यीशु मसीह को घोर यातना दी गई, और क्रूस पर उन्हे चढ़ाया गया। क्रूस पर उनकी पवित्र मौत की खबर से कि कलवारी में ईसा शहीद हुए धरती रो पड़ी मगर चमत्कार तीसरे ही दिन हुआ जब ईसा मसीह पुनः जीवित हो उठे।

- क्रूस पर दिए प्रभु ने सात वचन



क्रूस पर से यीशु ने सात दिव्य वचन कहे जिनको की आज के दिन प्रार्थना सभाओं में स्मरण किया जाता है। यीशु मसीह के मानने वाले इन वचनों को आत्मसाध कर जीवन मैं अपनाने का संकल्प लेते हैं। मसीहियों का ये विश्वास है की आज के दिन को शुभ शुक्रवार इसलिए कहा जाता है क्यूंकि आज ही के दिन प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाति को उनके पापों से बचाने के लिए अपने प्राण दिए और सभी को उद्धार का अवसर प्रदान किया।

गुरुवार, 17 अप्रैल 2025

VKM Varanasi main ‘हमारी विरासत हमारा मान’ पर हुई प्रश्नोत्तरी व लघु नाट्य प्रतियोगिता

एंटीक्विटी व थिएटर क्लब ‘रंगमंच’ के द्वारा विश्व विरासत दिवस मनाया गया


Varanasi (dil India live)। वसंत कन्या महाविद्यालय, कमच्छा वाराणसी में प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के क्लब एंटीक्विटी और थिएटर क्लब ‘रंगमंच’ के द्वारा विश्व विरासत दिवस को मनाने के लिए विरासत प्रश्नोत्तरी और लघु नाटक प्रतियोगिताओं का आयोजन 17 अप्रैल 2025 को महाविद्यालय के सेमिनार सभागार में किया गया। इन प्रतियोगिताओं का विषय ‘हमारी विरासत हमारा मान’ था।

विभिन्न प्रतियोगिताओं में काशी हिंदू विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी महाविद्यालयों, महिला महाविद्यालय काशी हिंदू विश्वविद्यालय, डी ए वी पीजी कॉलेज, आर्य महिला पी जी कॉलेज, वसंता कॉलेज फॉर वीमेन राजघाट और वसंत कन्या महाविद्यालय, कमच्छा ने बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी की। प्रश्नोत्तरी स्पर्धा में विभिन्न महाविद्यालयों की 9 टीमों ने भाग लिया जबकि लघु नाटक प्रतियोगिता में पांच टीमों की प्रतिभागिता रही। निर्णायक के रूप में डी ए वी पी जी कॉलेज से डॉ. ओमप्रकाश कुमार, वी सी डब्ल्यू, राजघाट से डॉ. सुशीला भारती और महिला महाविद्यालय से डॉ. स्वतंत्र सिंह उपस्थित रहे। विरासत प्रश्नोत्तरी में निर्णायक की भूमिका में डॉक्टर आरती चौधरी और डॉक्टर आरती कुमारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रतिभागियों ने भारतीय विरासत के विभिन्न आयामों को जीवंत रूप देकर प्रभावपूर्ण संवाद स्थापित किया और इसके माध्यम से विरासतों के प्रति वर्तमान समाज की दृष्टि को बदलने का आवाह्न किया । इसके पूर्व, कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए डॉक्टर शांता चटर्जी ने इतिहास और धरोहरों को मानवीय संस्कृति के लिए विशाल वृक्ष की जड़ों की तरह बताया जिसका संरक्षण करना हमारा सबसे महत्वपूर्ण दायित्व होना चाहिए। हर संवेदनशील समाज के लिए उसकी विरासत का मान उसके भविष्य का मार्ग बनाने वाला सिद्ध होगा। इस अवसर पर प्राचार्या प्रोफेसर रचना श्रीवास्तव ने छात्राओं के प्रति बधाई संदेश देते हुए ऐसे आयोजनों को विरासत जागरूकता के लिए बेहद प्रभावकारी बताया। इस अवसर पर बोलते हुए डॉक्टर सुशीला भारती ने क्लब एंटीक्विटी और रंगमंच क्लब के प्रयासों की हार्दिक सराहना की। डॉ ओमप्रकाश कुमार ने सुमधुर गीत प्रस्तुति के माध्यम से भारत भारती की वंदना की । डॉ स्वतंत्र कुमार ने वसंत कन्या महाविद्यालय की छात्राओं को उच्च स्तर के कार्यक्रमों और आयोजनों के लिए साधुवाद दिया और भविष्य में ऐसे आयोजनों को समाज के साथ जोड़कर जागरूकता के प्रयास को और अधिक व्यापक करने का सुझाव दिया। एम ए की छात्रा रिया कुमारी ने विरासत संरक्षण और भारतीय गरिमा पर आधारित अपनी स्वरचित कविता का पाठ किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के आचार्य- गण उपस्थित रहे। मंच संचालन साक्षी शर्मा, ईशा कुमारी,साहिमा सिन्हा ने किया। साधना, सुनिधि, रिया, निकिता, दीपांजलि, प्रगति, वंशिका, वैशाली, श्रेया, अनुराधा, गरिमा, स्वाति आदि छात्राओं की सक्रिय भागीदारी ने कार्यक्रम को सफल बनाया । दोनों स्पर्धाओं में वसंत कन्या महाविद्यालय अव्वल रहा। अन्य महाविद्यालयों ने भी अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से प्रतियोगिताओं में जान फूँक दी। नाट्य प्रस्तुति में वसंता कॉलेज फॉर विमेन की छात्राओं ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया जबकि प्रश्नोत्तरी स्पर्धा में दूसरा स्थान महिला महाविद्यालय की टीम को प्राप्त हुआ। धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर नैरंजना श्रीवास्तव ने किया।

मसीही धर्माध्यक्ष ने शिष्यों का चरण धोकर निभाई सैकड़ों साल पुरानी परम्परा

Good Friday पर दोहराएं जाएंगे यीशु के साथ वचन 

Varanasi (dil India live)। पाम संडे बीतने के बाद आज थर्स डे पर चर्चेज़ और गिरजाघरों में प्रभु भोज्य का जहां लोगों में प्रसाद वितरित हुआ वहीं दूसरी ओर मसीही धर्माध्यक्ष ने अपने शिष्यों का चरण खुद धोकर सैकड़ों साल पुरानी परम्परा को आगे बढ़ाया।

दरअसल आज ही के दिन प्रभु यीशु रोमी सैनिकों के हाथों गिरफ्तार किए जाने से पूर्व अपने शिष्यों के साथ अंतिम बार भोजन करने बैठे थे। इस दौरान यीशु ने एक रोटी के टुकड़े को उठाया और कहा ये मेरा शरीर है, इसके बाद रोटी को तोड़ा और अपने बारह शिष्यों में उसे बांट दिया। वहां पर उन्होंने नम्रता एवं दीनता के साथ लोगों की सेवा करने का संदेश दिया और अपने शिष्यों के पैरों को धोया। इसी रात्रि को कुछ समय के उपरान्त यीशु मसीह के ही चेलों में से एक यहूदा इस्करियोती ने यीशु मसीह को रोमी सैनिकों द्वारा पकड़वाया। यीशु मसीह को रोमी प्रशासन तंत्र एवं उस समय के धर्म गुरुओं ने क्रूस पर चढ़ाने का निर्णय लिया। ये सारी प्रक्रिया सेंट मेरीज़ महागिरजा में पवित्र वृहस्पतिवार के रुप में मनायी गई है। जिसमें यीथु अपने शिष्यों का पैर धोते है और प्रभु भोज्य का प्रसाद बांटते हैं।

गुड फ्राइडे को प्रभु चढ़ाये गए थे क्रूस पर

एक दिन बाद शुक्रवार को ये ही वो दिन था जिस दिन प्रभु यीशु मसीह को गोल्गथा नामक पहाड़ पर जो की कलवारी नमक स्थान पर स्थित है क्रुस पर चद़ाया गया। इस घटना से पूर्व प्रभु यीशु मसीह को रोमी सैनिकों एवं धर्मगुरुओं द्वारा अत्यंत वेदनाओं एवं दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा और अंत में क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह ने अपने प्राण त्याग दिए थे।

कल दोहराएं जाएंगे क्रूस पर दिए 7 वचन

तेलियाबाग चर्च के पादरी आदित्य कुमार कहते हैं कि क्रूस पर से यीशु ने सात दिव्य वचन कहे जिनको गुड फ्राईडे के दिन प्रार्थना सभाओं में स्मरण किया जाएगा। यीशु मसीह के मानने वाले इन वचनों को आत्मसाध कर जीवन मैं अपनाने का संकल्प लेते हैं। चर्च आप बनारस के पादरी बेन जान बताते हैं कि इस दिन को शुभ शुक्रवार इसलिए कहा जाता है क्यूंकि इस दिन प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाती को उनके पापों से बचाने के लिए अपने प्राण त्याग दिए और सभी को उद्धार का अवसर प्रदान किया। मसीही प्रभु यीशु मसीह में विश्वास रखते हैं कि यीशु फिर आएंगे।

ईस्टर पर जी उठे थे प्रभु यीशु

मसीहियों के विश्वास के अनुसार ईस्टर वो दिन है जिस दिन प्रभु यीशु मसीह जी उठे। यह दिन हर्ष एवं उल्लास का दिन है। इस दिन सभी गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जाता है। कई जगहो पर इस दिन प्रभात फेरी भी निकाली जाती है और समस्त लोगों को पभु यीशु के जी उठने का संदेश दिया जाता है।

बुधवार, 16 अप्रैल 2025

'Maundy Thursday' 2025: प्रभु यीशु के अंतिम भोज्य का दिन

‘माउंडी थर्सडे’ को निभाई जायेगी परम्परा

बिशप धोएंगे कल 12 शिष्यों के पैर 

Varanasi (dil India live)। इन दिनों मसीही समुदाय ईसा मसीह के अंतिम दिनों के कठिन समय की याद में दुःख भोग सप्ताह मना रहा। गुरुवार को चर्चेज में ‘माउंडी थर्सडे’ मनाया जाएगा। चर्चेज़ और गिरजाघरों में विशेष आयोजन होगा। इस दौरान प्रभु भोज्य का जहां लोगों में प्रसाद बांटा जाएगा वहीं दूसरी ओर बिशप अपने शिष्यों का चरण खुद धोएंगे।

दरअसल प्रभु यीशु रोमी सैनिकों द्वारा अपनी गिरफ्तारी की पूर्व रात्रि को अपने 12 शिष्यों के साथ अंतिम बार भोजन करने बैठे थे। इस दौरान यीशु ने एक रोटी के टुकड़े को उठाया और कहा ये मेरा शरीर है, इसके बाद रोटी को तोड़ा और अपने उन 12 शिष्यों में उसे बांट दिया। वहां पर उन्होंने नम्रता एवं दीनता के साथ लोगों की सेवा करने का संदेश दिया और अपने शिष्यों के पैरों को धोया। इसी रात्रि को कुछ समय के उपरान्त यीशु मसीह के ही चेलों में से एक यहूदा इस्करियोती ने यीशु मसीह को रोमी सैनिकों द्वारा पकड़वाया। यीशु मसीह को रोमी प्रशासन तंत्र एवं उस समय के धर्म गुरुओं ने क्रूस पर चढ़ाने का निर्णय लिया। ये सारी प्रक्रिया सेंट मेरीज़ महागिरजा में गुरुवार को पवित्र वृहस्पतिवार के रुप में मनायी जाएगी। जिसमें बिशप अपने शिष्यों का पैर धोएंगे है और प्रभु भोज्य का प्रसाद बांटेंगे।

फ्राइडे को यीशु चढ़ाये गए क्रूस पर

ये ही वो दिन है जिस दिन प्रभु यीशु मसीह को गोल्गथा नामक पहाड़ पर जो की कलवारी नमक स्थान पर स्थित है क्रुस पर चद़ाया गया। इस घटना से पूर्व प्रभु यीशु मसीह को रोमी सैनिकों एवं धर्मगुरुओं के अत्यंत वेदनाओं एवं दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा और अंत में क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह ने अपने प्राण त्याग दिए।

क्रूस पर दिए प्रभु यीशु ने सात वचन

अपने अंतिम समय में क्रूस पर से यीशु ने सात दिव्य वचन कहे जिनको गुड फ्राईडे के दिन प्रार्थना सभाओं में स्मरण किया जाता है। यीशु मसीह के मानने वाले इन वचनों को आत्मसाध कर जीवन मैं अपनाने का संकल्प लेते हैं। मसीहियों का ये विश्वास है कि इस दिन को शुभ शुक्रवार इसलिए कहा जाता है क्यूंकि इस दिन प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाती को उनके पापों से बचाने के लिए अपने प्राण दिए और सभी को उद्धार का अवसर प्रदान किया।

संडे को पुनः जी उठे प्रभु यीशु

तेलियाबाग चर्च के पादरी आदित्य कुमार कि माने तो मसीहियों के विश्वास के अनुसार ईस्टर वो दिन है जिस दिन प्रभु यीशु मसीह मृत होने के बावजूद जी उठे थे। यह दिन हर्ष एवं उल्लास का दिन है। इस दिन सभी गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभाओं का  आयोजन किया जाता है। कई जगहो पर इस दिन प्रभात फेरी भी निकाली जाती है और समस्त लोगों को पभु यीशु के जी उठने का संदेश दिया जाता है। चर्च में ईस्टर एंड और ईस्टर बन का प्रसाद बांटा जाता है।

मंगलवार, 15 अप्रैल 2025

Road accident रोकने के लिए जरूरी है हेलमेट पर लिखा हो Blood Group

जीवन बचाने की इस मुहिम में सभी नागरिकों को आगे आना चाहिए-डॉ.अक्षय बत्रा


Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। काशी रक्तदान नेत्रदान कुटुम्ब समिति के संस्थापक सचिव एवं रोटरी मण्डल 3120 सत्र 25 - 26 के ब्लड डोनेशन चेयरमैन कोटवा सराय मोहाना निवासी राजेश कुमार गुप्ता ने उत्तर प्रदेश शासन द्वारा मनाए जा रहे सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत हेलमेट के पीछे अपना ब्लड ग्रुप लिखा। उसका ऑफिसियल उद्दघाटन होमी भाभा कैंसर अस्पताल के रक्त कोष के मुख्य अधिकारी डॉक्टर अक्षय बत्रा ने राजेश कुमार गुप्ता के हाथ में ब्लड ग्रुप लिखा हेलमेट देकर आरम्भ किया। डॉक्टर बत्रा ने कहा कि इससे रात के अंधेरे में पीछे से हेलमेट पर चिन्हित रक्त ग्रुप चमकते रहने से होने वाले दुर्घटनाओं पर अंकुश लगेगा। जीवन बचाने के इस मुहिम में समाज के सभी नागरिकों को आगे आना चाहिए। 99 बार के रक्तदाता राजेश कुमार गुप्ता के इस पहल को सभी सराह रहे हैं। इस अच्छे कार्य के लिए के आर के मुख्य संरक्षक केशव जालान भाई जी, प्रदीप इसरानी, नीरज पारिख, नमित पारिख, धीरज मल्ल, प्रशांत गुप्ता, आशीष केसरी, अमित गुजराती, अभ्र्ज्योत राय, अभिनव टकसाली, विभोर मोगा, गवर्नर इलेक्ट डॉक्टर आशुतोष अग्रवाल, आशुतोष द्विवेदी, वीरेंद्र कपूर, शिवानंद सिंह,राजू राय आदि ने शुभकामनाएं दी है।