रविवार, 2 मार्च 2025

भगवान श्रेयांश नाथ हुए चांदी की नालकी पर सवार

भक्तों ने फूल और भजनों से की प्रभु की आराधना





Varanasi (dil India live). जैन धर्म के 11 वें तीर्थंकर भगवान श्रेयांशनाथ का जन्म जयंती महोत्सव बहुत धूमधाम से सारनाथ स्थित भगवान श्रेयांश नाथ की जन्मस्थली पर मनाया गया। इस अवसर पर जैन समाज द्वारा भगवान श्रेयांश नाथ को चांदी की नालकी पर सवार कर गाजे बाजे के साथ सारनाथ के क्षेत्र में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा में श्री दिगंबर जैन समाज काशी द्वारा अत्यंत प्राचीन सोने चांदी के साजो-सामान से शोभा यात्रा की खूबसूरती को बढ़ाया गया था। जैन समाज द्वारा भगवान की अष्टधातु की प्रतिमा को चांदी की नालकी पर विराजमान कर उपस्थित महिलाएं और पुरुष बड़े ही भक्ति भाव से भजन की प्रस्तुति कर रहे थे। इस अवसर पर प्रस्तुत भजन एक दिन जब मौत की शहजादी आएगी ना सोना काम आएगा, ना चांदी काम आएगी। तुमसे लागी लगन ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा। मेटो मेटो जीसंकट हमारा। जग के दुख की तो परवाह नहीं है सर्व सुख की भी चाह नहीं है...।इत्यादि भजन उपस्थित लोगों के मन को मोहित कर ले रहे थे।क्या पुरुष, क्या स्त्री और क्या बच्चे शोभा यात्रा में जैसे सभी मंत्र मुग्ध हो गए थे। शोभा यात्रा में महिलाएं केसरिया साड़ी में तो पुरुष अधिकतर सफेद कुर्ता पैजामा जैसे ड्रेस कोड में थे। शोभा यात्रा में गाजे बजे वाले अपने अपने इंस्ट्रूमेंट्स से जुलुस की शोभा को बढ़ा रहे थे। शोभा यात्रा मंदिर के द्वार से प्रारंभ हो कर सारनाथ में ही परिक्रमा लगाते हुए पुनः मंदिर परिसर में आ कर समाप्त हुई। तत्पश्चात विश्व शांति के लिए भगवान श्रेयांश नाथ की अष्ट धातु की 12 की प्रतिमा और 12 फिट ऊंची विशाल पदमांसन प्रतिमा का 108 स्वर्ण और रजत कलशों से पूजन और पंचांभिषेक किया गया। जुलुस का संचालन समाज के उपाध्यक्ष और संयोजक राकेश जैन द्वारा किया गया। पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता जैन समाज के अध्यक्ष आरसी जैन और डॉ के.के. जैन ने किया। इस अवसर पर प्रधान मंत्री प्रदीप चंद जैन, समाज मंत्री विनोद जैन ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर संरक्षक दीपक जैन, विनय जैन, संजय जैन, आदिश जैन, विमल जैन, सुधीर कुमार पोद्दार, पवन जैन, दीपक जैन, अजय जैन इत्यादि प्रमुख लोग मौजूद थे।

चार तीर्थंकरों की जन्मस्थली को मिले संरक्षण

श्री दिगंबर जैन समाज काशी के अध्यक्ष आरसी जैन, उपाध्यक्ष राकेश जैन, संजय जैन, प्रधानमंत्री प्रदीप चंद जैन, समाज मंत्री विनोद जैन ने शासन और प्रशासन से  काशी में स्थित जैन धर्म की चार जन्मस्थली का कल्याण करने की मांग की है। इस अवसर पर जैन समाज के उपाध्यक्ष राकेश जैन ने कहा कि जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से चार तीर्थंकरों का जन्म स्थली काशी है। सरकार काशी विश्वनाथ धाम की तर्ज पर जैन तीर्थंकरों की जन्मस्थली का भी विकास करे। जिससे काशी में धार्मिक तीर्थ यात्री और बढ़ जाएंगे साथ में काशी में आने वाली रेवेन्यू में भी बढ़ोतरी होगी ।

मस्जिदों से गूंजी Azan की सदाएं...अल्लाह हो अकबर, अल्लाह हो अकबर

अज़ान की सदाएं सुन कर मोमिनीन ने खोला रमजान का पहला Roza

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil india live). रमजान के पहले रोज मस्जिदों से जैसे ही अजान की सदाएं, अल्लाह हो अकबर, अल्लाह हो अकबर... की गूंज सुनाई दी, तमाम रोजेदारों ने खजूर और पानी से इस साल का पहला रोजा खोला। इफ्तार में कई तरह के लजीज पकवान संग शर्बत भी सजाया गया था। रोज़ा इफ्तार, और मस्जिदों में नमाज के साथ ही चारों तरफ नूर ही नूर, हर तरफ खुशी ही खुशी मुस्लिम बहुल इलाकों में देखने को मिली। रमजान की रहमत जहां बरस रही थी वहीं दूसरी ओर इफ्तार के बाद बाजार गुलजार हो गए। पहला रोजा इतवार को पड़ा है, जिसके चलते रोजेदारों को छुट्टी होने से थोड़ा राहत मिली। फजर से लेकर सभी नमाजो में मस्जिदें पहले ही दिन नमाजियों से भरी हुई नज़र आयी। इफ्तार के बाद लोगों ने बाजार का रुख किया। इस दौरान सहरी के लिए खरीदारी करते हुए मोमीनीन बाजारों में दिखाई दिए। 

इस दौरान कई मस्जिदों में नमाज़ के दौरान इमाम साहब आने वाले लोगों को नेकी की दावत देते भी दिखाई दिए। कहां यह महीना नेकियों का महीना है इस महीने की अजमत को समझें और बुराइयों को छोड़कर मोमिनीन ज्यादा से ज्यादा सवाब कमाने में जुट जाएं। उधर ख़्वातीन दोपहर से ही लजीज इफतारी बनाने में जुटी हुई थी। देखते ही देखते कब वक्त इफ्तार का हो गया पता ही नहीं चला और मस्जिदों से अज़ान की सदाएं गूंज उठी रोजेदारों ने पहला रोजा खोला और मुल्क में अमन, मिल्लत और क़ौम की तरक्की के लिए दुआएं मांगी।

मस्जिद लंगड़े हाफिज में रोजा इफ्तार

रमजान उल मुबारक के पहले रोज मस्जिद लंगडे हाफिज नयी सड़क में शाहिद अली खान मुन्ना की अगुवाई में रोजेदारों ने बड़ी अकीदत और एहतेराम के साथ रोज़ा खोला। इस मौके पर हाजी मोहम्मद शाहिद अली मुन्ना ने लंगड़े हाफिज मस्जिद में मग़रिब की अजान दी, फिर क्या था रोज़दारों ने खजूर और शरबत से रोजा खोल कर अल्लाह पाक से दुआ मांगी और मुल्क की तरक्की, कारोबार की बेहतरी के लिये अल्लाह से दुआएं मांगी। रोजेदारों को रोजा इफ्तार कराने में आरिफ चौधरी, मोहम्मद आज़म, गुलाम अहमद, अकबर, कमरूदीन, भोलू, अब्दुल्लाह, मो. फजलुर्रहमान आदि मौजूद थे।

VKM Varanasi News: एनएसएस का सात दिवसीय विशेष शिविर कल से

राजकीय प्राथमिक विद्यालय व पंचायत भवन में जुटेंगे एनएसएस स्वयंसेवी

Varanasi (dil India live)। वसंत कन्या महाविद्यालय द्वारा एनएसएस का सात दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन एनएसएस की कार्यक्रम अधिकारी, (यूनिटः 014 A) डॉ. शशि प्रभा कश्यप, द्वारा 3 मार्च से 9 मार्च 2025 तक राजकीय प्राथमिक विद्यालय एवं पंचायत भवन, अंबेडकर ग्राम, छित्तूपुर खास, बीएचयू में किया जाएगा। डा. शशि प्रभा कश्यप ने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना शैक्षणिक विस्तार में एक महान प्रयोग है। यह निरंतर सामुदायिक संपर्क के माध्यम से छात्र-छात्राओं और शिक्षकों में स्वैच्छिक कार्य की भावना पैदा करता है। यह हमारे शैक्षणिक संस्थानों को समाज के करीब लाता है। यह दिखाता है कि ज्ञान और कार्रवाई को कैसे जोड़ा जाए ताकि ऐसे परिणाम प्राप्त किए जा सकें जो सामुदायिक विकास के लिए वांछनीय हों। इस एनएसएस सात दिवसीय विशेष शिविर के आयोजन का उद्देश्य स्वयंसेवकों और समुदाय के बीच जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना है। प्रत्येक दिन एक विशिष्ट विषय को समर्पित है, जिसका उद्देश्य शिक्षित करना, सशक्त बनाना और सकारात्मक बदलाव लाना होगा। विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को अपनी अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए आमंत्रित किया जायेगा और प्रतिभागियों को शामिल करने के लिए विभिन्न विषयों पर रैलियां, स्किट, भाषण, पोस्टर प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसी इंटरैक्टिव गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। सात दिवसीय एनएसएस कार्यक्रम के पहले दिन 3 मार्च को सत्र 1 में दैनिक जीवन में बुनियादी योग अभ्यास अतिथि वक्ताः डॉ. योगेश कुमार भट्ट, वरिष्ठ योग प्रशिक्षक, योग साधना केंद्र, बीएचयू होंगे तो सत्र 2 में मेरा भारत आउटरीच कार्यक्रम के अतिथि वक्ताः डॉ. कृष्णानंद आचार्य होंगे। इस सत्र का उद्देश्य प्रतिभागियों को बेहतर स्वस्थ जीवन के लिए दैनिक जीवन में बुनियादी योग अभ्यासों को शामिल करने के बारे में शिक्षित करना होगा। दूसरे सत्र में मेरा भारत आउटरीच कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा। यह युवाओं के लिए एक मंच है, जो भारत की समृद्ध विरासत, सांस्कृतिक मूल्यों, नौकरी के अवसरों और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की जिम्मेदारियों पर जोर देता है।

Ramzan Mubarak (1) - हक़ की जिन्दगी जीने का रास्ता दिखाता है रमज़ान

रमजान आते ही फिज़ा में होती है नूर की बारिश 

Varanasi (dil India live)। हिजरी कलैंडर का 9 वां महीना रमज़ान है। ये वो महीना है जिसके आते ही फिज़ा में नूर छा जाता है। चोर चोरी से दूर होता है, बेहया अपनी बेहयाई से रिश्ता तोड़ लेता है, मस्जिदें नमाज़ियों से भर जाती हैं। लोगों के दिलों दिमाग में बस एक ही बात रहती है कि कैसे ज्यादा से ज्यादा इबादत की जाये। फर्ज़ नमाज़ों के साथ ही नफ्ल और तहज्जुद पर भी लोगों का ज़ोर रहता है, अमीर गरीबों का हक़ अदा करते हैं, पास वाले अपने पड़ोसियों का, कोई भूखा न रहे, कोई नंगा न रहे इस महीने में इस बात का खास ख्याल रखा जाता है। पता ये चला कि हक़ की जिन्दगी जीने की रमज़ान हमे जहां तौफीक देता है। वहीं गरीबो, मिसकीनों, लाचारों, बेवा, और बेसहरा वगैरह की ईद कैसे हो, कैसे उन्हें उनका हक़ और अधिकार मिले यह रमज़ान ने पूरी दुनिया को दिखा दिया, सिखा दिया। यही वजह है कि रमज़ान का आखिरी अशरा आते आते हर साहिबे निसाब अपनी आमदनी की बचत का ढ़ाई फीसदी जक़ात निकालता है। और दो किलों 45 ग्राम वो गेंहू जो वो खाता है उसका फितरा।

सदका-ए-फित्र ईद की नमाज़ से पहले हर हाल में मोमिनीन अदा कर देता है ताकि उसका रोज़ा रब की बारगाह में कुबुल हो जाये, अगर नहीं दिया तो तब तक उसका रोज़ा ज़मीन और आसमान के दरमियान लटका रहेगा जब तक सदका-ए-फित्र अदा नहीं कर देता। रब कहता है कि 11 महीना बंदा अपने तरीक़े से तो गुज़ारता ही हैतो एक महीना माहे रमज़ान को वो मेरे लिए वक्फ कर दे। परवरदिगारे आलम इरशाद फरमाते है कि माहे रमज़ान कितना अज़ीम बरकतों और रहमतो का महीना है इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि इस पाक महीने में कुरान नाज़िल हुआ। इस महीने में बंदा दुनिया की तमाम ख्वाहिशात को मिटा कर अपने रब के लिए पूरे दिन भूखा-प्यासा रहकर रोज़ा रखता है। नमाज़े अदा करता है। फ़र्ज़ Namaaz के अलावा तहज्जुद, चाश्त, नफ्ल अदा करता है। इस महीने में वो मज़हबी टैक्स ज़कात और फितरा देकर गरीबों-मिसकीनों की ईद कराता है। 

अल्लाह फ़रमाता है कि सिवाए रोज़े के कि रोज़ा मेरे लिये है इसकी जज़ा मैं खुद दूंगा। बंदा अपनी ख्वाहिश और खाने को सिर्फ मेरी वजह से तर्क करता है। यह महीना नेकी का महीना है इस महीने से इंसान नेकी करके अपनी बुनियाद मजबूत करता है। ऐ मेरे पाक परवर दिगारे आलम, तू अपने हबीब के सदके में हम सबको रोज़ा रखने, दीगर इबादत करने, और हक की जिंदगी जीने की तौफीक दे ..आमीन।


शनिवार, 1 मार्च 2025

लो आ गई इबादत की घड़ी, Chand k दीदार संग Ramzan का welcome

मस्जिदों में शुरू हुई तरावीह, कल से रखा जाएगा रोज़ा 

बाजार हुए गुलजार, मुस्लिम बाहुल इलाकों में लौटी रौनक 



मोहम्मद रिजवान 

Varanasi (dil India live)। जिस घड़ी का इंतजार था वो इबादत की घड़ी आखिर आ ही गई। शनिवार की शाम सवा 6 बजे मुस्लिमों ने घरों की छतों, मस्जिदों, मदरसों और मैदानों से चांद का दीदार का रमज़ान का वेलकम किया। पटाखे फोड़े गए और खुशियों का इजहार किया गया। लोगों ने एक दूसरे को रमज़ान की मुबारकबाद दी। रात में तरावीह की ख़ास नमाज अदा की गई। माह ए रमजान का चांद देखने के साथ ही रविवार को पहला रोजा रखा जाएगा। मुस्लिम पूरे दिन नीरा जल उपवास रखकर इबादत करेंगे। इस बार रोजा तकरीबन सवा 13 घंटे से अधिक का है। शहर की सैकड़ों मस्जिदों में तरावीह की नमाज अदा की गई। लोगों ने दुआ के लिए हाथ उठाए और सजदे में अपने सर झुकाएं। दूसरी ओर शिया समुदाय ने अपने शहर की 32 मस्जिदों में इमामबारगाह में दरगाहों में मजलिस और दुआख्वानी के साथ रमजान उल मुबारक का इस्तकबाल किया। बाजार गुलजार हो गये, मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में रौनक लौट आयी। इस दौरान लोगों ने सेहरी और इफ्तार के लिए देर रात तक खरीदारी की। मुस्लिम बहुल इलाको में देर रात तक चहल पहल देखी गई। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने बताया कि रमजान एक ऐसा महीना है जिसमें हर मुसलमान अपने रब की ज्यादा से ज्यादा इबादत करता है। गरीबों और यतीमो की भरसक मदद करता है। मस्जिदें रोज़ादारो से छलकती रहती है। खुशगवार मौसम में रोज़े का आगाज हो रहा है। इस बार रोजा तकरीबन 13.15 घंटे का होगा। आनेवाले दिनों में गर्मी बढ़ेगी तो इबादत का जज्बा भी बुलंदियों पर होगा। ये वो पाक महीना है जिसमें पवित्र कुरान भी नाजिल हुई। इस माह की 15 तारीख को इमाम हसन की विलादत की खुशी जहां मनाई जाएगी वहीं 21 रमजान को मौला अली की शहादत का ग़म भी शिया वर्ग ताज़ा करेंगे।

उन्नत शोध विधियों के विश्लेषण की आधुनिक तकनीकों पर हुई कार्यशाला

VKM Varanasi main हुआ कार्यशाला का समापन



Varanasi (dil India live). वसन्त कन्या महाविद्यालय के प्रांगण में वी.वी.गिरि नेशनल लेबर इंस्टीट्यूट के सहयोग से उन्नत शोध विधियों तथा आँकड़ों के विश्लेषण की आधुनिक तकनीकों पर एक दस-दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन दिनांक 20 फरवरी, 2025 को प्रो. आनंदवर्द्धन शर्मा, निदेशक, मदन मोहन टीचर ट्रेनिंग सेण्टर, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के द्वारा किया गया। अपने वक्तव्य में विशिष्ट अतिथि ने सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी में उच्च गुणवत्तायुक्त शोध कार्यों की आवश्यकता पर बल दिया तथा इस प्रकार की कार्यशालाओं के आयोजन के महत्व को रेखांकित किया। महाविद्यालय की ओर से प्रो. आशा यादव, हिन्दी विभाग ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यशाला के विषय का प्रवर्तन करते हुए समन्वयक डाॅ. शुभ्रा सिन्हा ने कार्यक्रम की रूपरेखा तथा उद्देश्य का विवरण दिया। सत्र का संचालन डाॅ. अंशु शुक्ला, गृह विज्ञान विभाग ने तथा धन्यवाद ज्ञापन सह-समन्वयक डाॅ. कल्पना आनन्द ने किया।

उद्घाटन सत्र के पश्चात् तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। प्रतिदिन दो अध्ययन सत्र तथा एक अभ्यास सत्र का आयोजन किया गया था। 20 फरवरी, 2025 को प्रो. राकेश रमन, अर्थशास्त्र विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने मात्रात्मक शोध विधियों पर विस्तृत व्याख्यान दिया। दूसरे दिन 21 फरवरी को गुणात्मक शोध विधियों पर तीन सत्रों का आयोजन किया गया था। प्रथम सत्र में डाॅ. रूमा घोष, सीनियर फेलो, वी.वी.गिरि नेशनल लेबर इंस्टीट्यूट ने गुणात्मक शोध की अवधारणा तथा चरणों पर प्रकाश डाला। द्वितीय सत्र में डाॅ. राजीव दूबे, समाजशास्त्र विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने एथ्नोग्राफी (नृवंश विज्ञान) पर भाषण दिया। तृतीय सत्र में प्रो. तुषार सिंह, मनोविज्ञान विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने गुणात्मक डाटा के विश्लेषण के गुर सिखाएं। 22 फरवरी को प्रो. ज्ञान प्रकाश सिंह, सांख्यिकी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने मात्रात्मक डाटा के विश्लेषण के संबंध में आवश्यक जानकारियां दी जिसमें विवरणात्मक तथा अनुमानिक दोनों प्रकार की विधियां शामिल थी। तत्पश्चात् 24 एवं 25 फरवरी को प्रो. शैलेष कौशल, प्रबंध शास्त्र संकाय, लखनऊ विश्वविद्यालय ने अनेक प्रकार की  अंतर तथा सह संबंध निकालने की तकनीकों के विषय में जानकारी दी। 27 एवं 28 फरवरी को प्रो. राकेश पाण्डेय, मनोविज्ञान विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने अनेक चरों के सह संबंध का एक साथ विश्लेषण करने वाली जटिल सांख्यिकी को सरल रूप से समझाया तथा माॅडल टेस्टिंग से संबंधित आवश्यक जानकारियाँ प्रदान की। साथ ही शोध डेटा को विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय रिपोज़िटरीज़ में अपलोड करने के नियम भी सिखाए। सभी सत्र महाविद्यालय के अत्याधुनिक कम्प्यूटर लैब में आयोजित किए गए। प्रतिदिन अभ्यास सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने सिखाई गयी तकनीकों का वास्तविक डेटा पर परीक्षण किया तथा अपनी समस्याओं का निस्तारण करवाया।

कार्यशाला के समापन सत्र का आयोजन 01 मार्च, 2025 को महाविद्यालय के सभागार में किया गया। कार्यक्रम में प्रो. रीता सिंह, प्राचार्या, महिला महाविद्यालय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय तथा प्रो. मोहम्मद आरिफ, निदेशक, हर प्रसाद गुप्त इन्क्यूबेशन सेण्टर, महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, विशिष्ट अतिथियों के रूप में उपस्थित रहे।

अपने विशिष्ट उद्बोधन में प्रो. रीता सिंह ने शोध विधियों की गहन जानकारी तथा शोध समस्या के विषय के अनुरूप शोध विधि के चयन पर बल दिया। प्रो. आरिफ ने भी प्रतिभागियों का उत्साहवर्द्धन करते हुए शोध में अपनी रूचि को बढ़ाने तथा स्वयं शोध क्षेत्र का चुनाव करने पर बल दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता तथा स्वागत भाषण महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने किया। अपने सारगर्भित उद्बोधन में प्राचार्या ने शोध क्षेत्र में उचित प्रविधियों के चुनाव एवं सटीक क्रियान्वयन पर बल दिया। कार्यशाला की समन्वयक डाॅ. शुभ्रा सिन्हा ने दस-दिवसीय कार्यशाला में आयोजित सभी सत्रों की रिपोर्ट प्रस्तुत की।

सत्र का संचालन डाॅ. शशिकेश कुमार गोंड ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. अंशु शुक्ला ने किया। अनेक प्रतिभागियों ने अपने विचार साझा करते हुए कार्यशाला की विषय वस्तु तथा अतिथि वक्ताओं की शैली की हार्दिक प्रशंसा की। आयोजन समिति की ओर से सह-संयोजक डाॅं. कल्पना आनंद, डाॅ. विजय कुमार, डाॅ. आशीष सोनकर, डाॅ. सरोज उपाध्याय तथा डाॅ. प्रतिभा कार्यक्रम में उपस्थित रहीं।

Varanasi main Ramzan का रोज़ा रखेंगे तो ये खबर आपके लिए है खास

रमज़ान का पूरे महीने का है ये टाइम टेबल, अभी इसे कर लें सेव

Varanasi (dil India live). माहे रमज़ान का मुक़द्दस महीना आज नमाजे तरावीह के साथ शुरू हो रहा है। अगर आप 
Varanasi main है और Ramzan का रोज़ा रखेंगे, तो ये खबर वास्तव में आपके लिए खास है। न सिर्फ इसे आप पढ़ें बल्कि इसे अपने मोबाइल फोन में सेव कर लें। जी हां इस रमजान कितने बजे आपको सहरी करना है कितने बजे रोज़ा खोलना है इसकी पूरी डिटेल है वो भी पूरे महीने की। है न खास खबर। रमज़ान कार्ड तो आप भूल भी सकते हैं मगर रोज़ा रखना है और इफ्तार व सहरी वक्त पर ही करना है इसलिए सेलफोन में सेव यह खबर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

देखिए पूरे महीने का रमज़ान कार्ड 

1- रोजा इफ्तार 5:59 बजे, सहरी 5:04 बजे
2-रोजा इफ्तार 6.00 बजे, सहरी 5:03 बजे 
3-रोजा इफ्तार-6.00 बजे, सहरी 5:02 बजे
4-रोजा इफ्तार-6:01 बजे, सहरी 5:01 बजे
5-रोजा इफ्तार-6:01 बजे, सहरी 5.00बजे
6-रोजा इफ्तार-6:02 बजे, सहरी 5.00बजे
7-रोजा इफ्तार-6:02 बजे, सहरी 4:49 बजे
8-रोजा इफ्तार-6:03 बजे, सहरी 4:58 बजे
9-रोजा इफ्तार-6:03 बजे, सहरी 4:57 बजे
10-रोजा इफ्तार -6:04 बजे, सहरी 4:55 बजे
11-रोजा इफ्तार-6:04 बजे, सहरी 4:54 बजे
12-रोजा इफ्तार-6:05 बजे, सहरी 4:53 बजे
13-रोजा इफ्तार-6:05 बजे, सहरी 4:52 बजे
14-रोजा इफ्तार-6:06 बजे, सहरी 4:51 बजे
15-रोजा इफ्तार-6:06 बजे, सहरी 4:50 बजे
16-रोजा इफ्तार-6:07 बजे, सहरी 4:49 बजे
17-रोजा इफ्तार-6:07 बजे, सहरी 4:48 बजे
18-रोजा इफ्तार-6:08 बजे, सहरी 4:47 बजे
19-रोजा इफ्तार-6:08 बजे, सहरी 4: 46 बजे
20-रोजा इफ्तार-6:09 बजे, सहरी 4:45 बजे
21-रोजा इफ्तार-6:09 बजे, सहरी 4:44 बजे
22-रोजा इफ्तार-6:10 बजे, सहरी 4:43 बजे
23-रोजा इफ्तार-6:10 बजे, सहरी 4:42 बजे
24-रोजा इफ्तार-6:10 बजे, सहरी 4:41 बजे
25-रोजा इफ्तार-6:11 बजे, सहरी 4:40 बजे
26-रोजा इफ्तार-6:11 बजे, सहरी 4:39 बजे
27-रोजा इफ्तार-6:12 बजे, सहरी 4:37 बजे
28-रोजा इफ्तार-6:12 बजे, सहरी 4:36 बजे
29-रोजा इफ्तार-6:13 बजे, सहरी 4:35 बजे
30-रोजा इफ्तार-6:13 बजे, सहरी 4:34 बजे।

सात दिवसीय विशेष एनएसएस शिविर स्वच्छता जागरूकता संग सम्पन्न

एनएसएस स्वयंसेवको ने किया पौधरोपण  Varanasi (dil India live). राजकीय प्राथमिक विद्यालय, छित्तूपुर खास में विशेष एनएसएस शिविर के सातवें दिन ...