VKM Varanasi main हुआ कार्यशाला का समापन
Varanasi (dil India live). वसन्त कन्या महाविद्यालय के प्रांगण में वी.वी.गिरि नेशनल लेबर इंस्टीट्यूट के सहयोग से उन्नत शोध विधियों तथा आँकड़ों के विश्लेषण की आधुनिक तकनीकों पर एक दस-दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन दिनांक 20 फरवरी, 2025 को प्रो. आनंदवर्द्धन शर्मा, निदेशक, मदन मोहन टीचर ट्रेनिंग सेण्टर, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के द्वारा किया गया। अपने वक्तव्य में विशिष्ट अतिथि ने सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी में उच्च गुणवत्तायुक्त शोध कार्यों की आवश्यकता पर बल दिया तथा इस प्रकार की कार्यशालाओं के आयोजन के महत्व को रेखांकित किया। महाविद्यालय की ओर से प्रो. आशा यादव, हिन्दी विभाग ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यशाला के विषय का प्रवर्तन करते हुए समन्वयक डाॅ. शुभ्रा सिन्हा ने कार्यक्रम की रूपरेखा तथा उद्देश्य का विवरण दिया। सत्र का संचालन डाॅ. अंशु शुक्ला, गृह विज्ञान विभाग ने तथा धन्यवाद ज्ञापन सह-समन्वयक डाॅ. कल्पना आनन्द ने किया।
उद्घाटन सत्र के पश्चात् तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। प्रतिदिन दो अध्ययन सत्र तथा एक अभ्यास सत्र का आयोजन किया गया था। 20 फरवरी, 2025 को प्रो. राकेश रमन, अर्थशास्त्र विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने मात्रात्मक शोध विधियों पर विस्तृत व्याख्यान दिया। दूसरे दिन 21 फरवरी को गुणात्मक शोध विधियों पर तीन सत्रों का आयोजन किया गया था। प्रथम सत्र में डाॅ. रूमा घोष, सीनियर फेलो, वी.वी.गिरि नेशनल लेबर इंस्टीट्यूट ने गुणात्मक शोध की अवधारणा तथा चरणों पर प्रकाश डाला। द्वितीय सत्र में डाॅ. राजीव दूबे, समाजशास्त्र विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने एथ्नोग्राफी (नृवंश विज्ञान) पर भाषण दिया। तृतीय सत्र में प्रो. तुषार सिंह, मनोविज्ञान विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने गुणात्मक डाटा के विश्लेषण के गुर सिखाएं। 22 फरवरी को प्रो. ज्ञान प्रकाश सिंह, सांख्यिकी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने मात्रात्मक डाटा के विश्लेषण के संबंध में आवश्यक जानकारियां दी जिसमें विवरणात्मक तथा अनुमानिक दोनों प्रकार की विधियां शामिल थी। तत्पश्चात् 24 एवं 25 फरवरी को प्रो. शैलेष कौशल, प्रबंध शास्त्र संकाय, लखनऊ विश्वविद्यालय ने अनेक प्रकार की अंतर तथा सह संबंध निकालने की तकनीकों के विषय में जानकारी दी। 27 एवं 28 फरवरी को प्रो. राकेश पाण्डेय, मनोविज्ञान विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने अनेक चरों के सह संबंध का एक साथ विश्लेषण करने वाली जटिल सांख्यिकी को सरल रूप से समझाया तथा माॅडल टेस्टिंग से संबंधित आवश्यक जानकारियाँ प्रदान की। साथ ही शोध डेटा को विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय रिपोज़िटरीज़ में अपलोड करने के नियम भी सिखाए। सभी सत्र महाविद्यालय के अत्याधुनिक कम्प्यूटर लैब में आयोजित किए गए। प्रतिदिन अभ्यास सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने सिखाई गयी तकनीकों का वास्तविक डेटा पर परीक्षण किया तथा अपनी समस्याओं का निस्तारण करवाया।
कार्यशाला के समापन सत्र का आयोजन 01 मार्च, 2025 को महाविद्यालय के सभागार में किया गया। कार्यक्रम में प्रो. रीता सिंह, प्राचार्या, महिला महाविद्यालय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय तथा प्रो. मोहम्मद आरिफ, निदेशक, हर प्रसाद गुप्त इन्क्यूबेशन सेण्टर, महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, विशिष्ट अतिथियों के रूप में उपस्थित रहे।
अपने विशिष्ट उद्बोधन में प्रो. रीता सिंह ने शोध विधियों की गहन जानकारी तथा शोध समस्या के विषय के अनुरूप शोध विधि के चयन पर बल दिया। प्रो. आरिफ ने भी प्रतिभागियों का उत्साहवर्द्धन करते हुए शोध में अपनी रूचि को बढ़ाने तथा स्वयं शोध क्षेत्र का चुनाव करने पर बल दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता तथा स्वागत भाषण महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने किया। अपने सारगर्भित उद्बोधन में प्राचार्या ने शोध क्षेत्र में उचित प्रविधियों के चुनाव एवं सटीक क्रियान्वयन पर बल दिया। कार्यशाला की समन्वयक डाॅ. शुभ्रा सिन्हा ने दस-दिवसीय कार्यशाला में आयोजित सभी सत्रों की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
सत्र का संचालन डाॅ. शशिकेश कुमार गोंड ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. अंशु शुक्ला ने किया। अनेक प्रतिभागियों ने अपने विचार साझा करते हुए कार्यशाला की विषय वस्तु तथा अतिथि वक्ताओं की शैली की हार्दिक प्रशंसा की। आयोजन समिति की ओर से सह-संयोजक डाॅं. कल्पना आनंद, डाॅ. विजय कुमार, डाॅ. आशीष सोनकर, डाॅ. सरोज उपाध्याय तथा डाॅ. प्रतिभा कार्यक्रम में उपस्थित रहीं।