मंगलवार, 11 फ़रवरी 2025

VKM Varanasi में नाट्य ‘द क्रूसिबल’ को मिला प्रथम पुरस्कार

नाट्य प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर ‘आम्र्स एंड द मैन’ 


Varanasi (dil India live). वसन्त कन्या महाविद्यालय में आज11फरवरी को अंग्रेजी विभाग के ‘कोलोशियम’ क्लब द्वारा समूह-नाट्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रंगकर्मी गौतम चटर्जी व डाॅ. शुभ्रा वर्मा (सहायक प्राध्यापिका,एम.जी.के.वी.पी.) ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। वीकेएम कि प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने छात्राओं का उत्साहवर्द्धन करते हुए नाट्य-कला एवं साहित्य के संबंध को उजागर किया। अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. निहारिका लाल ने नाट्य-कला में अभिनय की भूमिका पर प्रकाश डाला। शिंजनी दास ने कार्यक्रम में आएं लोगों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन अलीशा शांडिल्य एवं अनुष्का गुप्ता कर रही थीं। धन्यवाद ज्ञापन रिया ने दिया। इस मौके पर प्रथम पुरस्कार नाटक ‘द क्रूसिबल’ को मिला। इनमें अदिति, अक्षरा, जाह्नवी, आद्रिता, सारिका, तथा पूरणारिमा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। द्वितीय पुरस्कार ‘आम्र्स एंड द मैन’ ग्रुप को दिया गया। अंग्रेजी विभाग की छात्राओं सहित विभाग की अन्य शिक्षिकाओं ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त शिक्षकगण उपस्थित थीं।

VKM के NSS टीम ने प्राथमिक विद्यालय मानिकपुर में लगाया सात दिवसीय शिविर

युवाओं को समाज सेवा के लिए प्रेरित करता है 'रासेयो'


Varanasi (dil India live). राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एक ऐसी योजना है, जो युवाओं को समाज सेवा के लिए प्रेरित करती है। विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से, स्वयंसेवकों को समाज की वास्तविक समस्याओं के बारे में जानकारी मिलती है और वे इन समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रेरित होते हैं।

इन्ही उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए वसन्त कन्या महाविद्यालय की पंचम इकाई द्वारा प्राथमिक विद्यालय मानिकपुर में सात दिवसीय शिविर का आयोजन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. वर्षा सिंह के नेतृत्व में किया गया। जिसमें ५० स्वयंसेविकाएँ सम्मिलित हुई। डॉ. शशिकेश कुमार गोंड ने एनएसएस के उद्देश्य पर मार्गदर्शन दिया। नीरज श्रीवास्तव ने “ युवाओ में स्वरोजगार विकास “ पीकेआर सत्र लिया। अगले दिन योगाचार्य आनंद कर्ण जी ने जीवन पर योग एवम् प्राणायाम का प्रभाव विषय पर सप्रयोग व्याख्यान दिया। अस्मिता संस्था के सौजन्य से लैंगिक असमानता पर कार्यशाला आयोजित की गई। धीरज प्रसाद एवम् ओम परसाद चौरसिया द्वारा आत्मरक्षा की तकनीक सिखाई गई। प्राथमिक कक्षाओ में बच्चों को संतुलित आहार एवं पोषण का महत्व बताया गया। इन सात दिनों में पर्तवरण जागरूकता पर रैली और पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई। 


लाल पाथ लैब के सहयोग से स्वास्थ्य परीक्षण ( Hb, Ca, रक्त दाब और वजन ) हुआ। साइबर सुरक्षा और वित्तीय जागरूकता पर भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। द क्लाइमेट अजेंडा की एकता सिंह ने पर्यावरण जागरूकता के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। सात दिन के शिविर में, स्वयंसेवकों को विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर मिला।


स्वयंसेविकायो को यह एहसास हुआ कि वे समाज के एक महत्वपूर्ण अंग हैं और उन्हें समाज की सेवा करने के लिए तत्पर रहना चाहिए ।

साथ ही इस सात दिवसीय शिविर का उस समुदाय पर भी गहरा असर होता है जिसमे स्वयं सेविकाए विभिन्न मुद्दों पर कार्य करती है । प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सरिता राय ने इस बात को रेखांकित करते हुए बताया कि ऐसे कार्यक्रम समाज में एक रूपता लाते है और विभिन्न समाजिक मुद्दों पर समुदाय की समझ को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है । 


इस सप्त दिवसीय शिविर की सफलता के लिए महावुद्यालय की प्राचार्य प्रो रचना श्रीवास्तव ने बधाई दी एवम् महाविद्यालय की समाज के प्रति जिम्मेदारी को इंगित करते हुए ऐसे कार्यक्रमो की अवश्यकता पर बल दिया।

Hazrat Ali Akbar की शान में सजी महफ़िल, पढ़े गए क़सीदे

शायरों के उम्दा कलाम से बंधे रहें अकीदतमंद 

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). कर्बला के शहीद-ए-आजम हज़रत इमाम हुसैन के बड़े बेटे हज़रत अली अकबर की यौमे विलादत पर वक़्फ़ इमामबाड़ा बीरज्जी साहिबा, नईसड़क में महफ़िल का आयोजन हुआ। इमामबाड़े के मुतवल्ली सैय्यद एजाज़ हुसैन जाफ़री (गुड्डू बाक़री) के संयोजन में आयोजित इस महफ़िल का आग़ाज़ ताहिर जवाद ने पाक कुरान की तिलावत से किया। महफ़िल की निज़ामत कर रहे हसन वास्ती ने नाते पाक का नज़राना पेश किया। इसके बाद शहर भर के मशहूर-ओ मारूफ़-शायरों ने अपने अपने कलाम पेश किये जिनमें मौलाना ज़हीन हैदर, दिलकश ग़ाज़ीपुरी, मौलाना इक़बाल ईमानी, मौलाना गुलज़ार मौलाई, मौलाना वसीम असग़र, अतश बनारसी, अंसार बनारसी, वफ़ा बुतुरबी, इकराम भीकपूरी, शराफत बनारसी, शाहआलम बनारसी, आशूर बनारसी, ज़ैदी बनारसी, नज़ाकत चंदौलवी समेत 32 शोअरा ने बारगाहे मौला में नज़राना ए अक़ीदत पेश किया। 


महफ़िल की अध्यक्षता मौलाना सैय्यद मुहम्मद अक़ील हुसैनी ने की एवं मौलाना सैय्यद ज़मीरुल हसन रिज़वी ने महफ़िल को ख़िताब किया व दुआख़्वानी के साथ आगामी एक साल के लिए महफ़िल को मुल्तवी किया। महफ़िल में शायरों ने अपने कलाम से ऐसा समां बांधा की देर रात तक महफ़िल में सुभान अल्लाह की गूंज रही। ज्ञात हो कि शाबान माह की 11 तारीख़ को इमाम हुसैन के बड़े बेटे हज़रत अली अकबर जिनको हम शबीहे पैग़म्बर भी कहा जाता है उनकी यौमे वेलादत पर इस महफ़िल का आयोजन होता चला आया है। 

khumb श्रद्वालुओं का banaras में मुस्लिम कर रहे स्वागत

ये नज़ीर और कबीर का शहर है जनाब, चाहे जिस नाम से इसे पुकारों 

Varanasi (dil India live). हमारे बनारस में हमारे मुस्लिम समाज के कुछ भाई जो श्रद्धालु कुंभ से लौटकर वाराणसी में काशी विश्वनाथ का दर्शन और घूमने के लिए आए हैं, उनका तहे दिल से हमारे मुस्लिम समाज के लोग स्वागत कर रहे हैं स्वागत ही नहीं बल्कि अपने घरों में रहने का भी इंतजाम कर रहे हैं। कहीं-कहीं खाना भी खिलाया जा रहा है जो एक बहुत बड़ी आपसी भाईचारे की मिसाल है बनारस को गंगा जमुनी तहजीब का मरकज कहा जाता है जो हमेशा से रहा है और हमेशा रहेगा कुछ सांप्रदायिक लोग हमेशा माहौल खराब करने के लिए लगे रहते हैं आपसी भाईचारे को तहस नहस करने पर तुले रहते हैं ऐसे लोगों के लिए यह एक नसीहत है मुसलमानों के कुंभ  में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया इससे हमारे ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ता जरूरत इस बात की है कि आपसी भाईचारा बनी रहे हम अपने तमाम मुस्लिम समाज के लोगों से कहना चाहते हैं जिन लोगों के पास भी हमारे तीर्थ यात्री भाई आए उनका दिल खोलकर स्वागत करें उनको रखने का इंतजाम करें खाने पिलाने का इंतजाम करें इलाहाबाद में जिस तरीके से मस्जिदों और मदरसों खानकाओं का दरवाजा खोल दिया गया उनके स्वागत के लिए । और इसके साथ ही खाने पीने सोने ठहरने के इंतजाम किया गया वह काबिले तारीफ है और सांप्रदायिक ताकतों को एक नसीहत है इस्लाम हमेशा मोहब्बत का पैगाम देता है हमें मदरसों में पढ़ाया गया है और इस्लाम यह कहता है कि अगर आपका पड़ोसी भूखा है परेशान है चाहे वह किसी भी जात बिरादरी का हो तो हम उसकी मदद करें यही हमारे रसूल ने फरमाया है बहुत अच्छी बात है तमाम मुसलमान भाइयों को चाहिए कि जिसके घर में जगह हो ऐसे श्रद्धालुओं को ठहराने खाने पिलाने का इंतजाम करें और उनकी मुकम्मल सेवा करें अल्लाह इसका अजर देगा, धन्यवाद।

अतहर जमाल लारी

सामाजिक कार्यकर्ता वाराणसी 

सोमवार, 10 फ़रवरी 2025

Varanasi k School फिर Closed

14 तक चलेगी आनलाइन क्लासेज, बंद हुए स्कूल के फिर कपाट 


Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). वाराणसी के स्कूल फिर से आनलाइन मोड में हो गये हैं। सोमवार को आज स्कूल खोले गए मगर जगह जगह भीषण जाम और स्कूलों की बसें फंसी होने के कारण पुनः स्कूल बंद कर दिया गया है। 

क्या कह रहे हैं बीएसए 

जिलाधिकारी, वाराणसी द्वारा दिये गये निर्देश के अनुक्रम में आवागमन में असुविधा तथा छात्र-हित के दृष्टिगत 14 फरवरी तक वाराणसी जनपद के नगरीय क्षेत्र में अवस्थित कक्षा 1 से 8 तक संचालित समस्त परिषदीय / राजकीय / सहायता प्राप्त तथा (सी०बी०एस०ई० आई०सी०एस०सी०) से मान्यता प्राप्त / सहायता प्राप्त व अन्य बोर्डों से संचालित समस्त अंग्रेजी/ हिन्दी माध्यम के विद्यालयों की कक्षाएं आनलाइन संचालित की जायेगी। उक्त जानकारी देते हुए बीएसए ने कहा कि यह स्पष्ट करना है कि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय पूर्व की भांति संचालित होंगे। परिषदीय, सहायता प्राप्त विद्यालयों में डी०बी०टी०, अपार आई०डी०, सीडिंग का कार्य गतिमान है। 

नगर क्षेत्र के विद्यालयों में आनलाइन अध्यापन कार्य के साथ-साथ उक्त कार्य सहित बाल वाटिका, आपरेशन कायाकल्प, रंगाई-पुताई, विद्यालय मरम्मत, एम०डी०एम० वर्तन क्रय आदि महत्वूपर्ण कार्य सम्बन्धित विद्यालय के प्र०अ० / सम्बन्धित सम्पादित करेंगे। 

Kumbh भक्ति एवं आस्था संग आध्यात्मिक एवं नैतिक चेतना जागृत करने वाला महामेला

महाकुंभ-सनातन दृष्टि विषयक संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने रखे विचार 

Varanasi (dil India live). महाकुंभ का पर्व केवल भक्ति एवं धार्मिक आस्था का स्नान पर्व तथा सनातनी महोत्सव नहीं है। यह भक्ति एवं आस्था के साथ ज्ञान-विज्ञान, योग और भोग, संग्रह एवं त्याग का विवेक विकसित करने वाला विशुद्ध आध्यात्मिक एवं नैतिक चेतना को जागृत करने वाला एक महामेला है। आज संपूर्ण मनुष्यता के समक्ष जो भौतिक-अभौतिक तत्व चुनौती बनकर खड़े हैं उनमें से अधिकांश का निराकरण आस्था के इस महासंगम से संभव हो सकता है। यह एक ऐसा सांस्कृतिक अनुष्ठान है जो असंख्य प्राणियों को अस्ति -नास्ति के द्वंद से मुक्त कर आत्मिक सबलता प्रदान करता है।


भारतीय जनमानस की आस्था के आख्यान पर्व पर केंद्रित वाराणसी के कमच्छा स्थित वसंत कन्या महाविद्यालय में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित ‘महाकुंभ- सनातन दृष्टि’ शीर्षक एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में यह बातें वक्ताओं ने कही।

आयोजन में विशेषज्ञों द्वारा आत्मिक शांति एवं आध्यात्मिक विकास के लिए भारत की ओर देख रहे संपूर्ण विश्व की दृष्टि की परिकल्पना, कारण तथा उद्देश्य पर गहन विमर्श किया गया। जिसके उद्घाटन सत्र में सनातन धर्म की विराट चेतना को संदर्भित करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों के स्वागत से कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत करते हुए १४४ वर्ष पर होने वाले महाकुंभ के पौराणिक और खगोलीय महत्व को बताने के साथ इसे सनातन धर्म की परंपरा का संवाहक बताया। आपने महाविद्यालय की प्रेरणा स्रोत डॉ एनी बेसेंट की पुस्तक सनातन धर्म का भी उल्लेख किया जिसका आज की युवा पीढ़ी द्वारा अध्ययन किया जाना चाहिए।


मुख्य अतिथि आई. सी .एस .एस. आर.,एन .आर .सी. ,नई दिल्ली के डायरेक्टर प्रो. हीरामन तिवारी ने आभासी माध्यम से इतिहास और भारतीय परम्पराओं में महाकुंभ की स्थिति को बताते हुए जनमानस के आध्यात्मिक संरचना के निर्माण का उल्लेख किया। मुख्य वक्तव्य के रूप में श्रोताओं ने एस. वी .डी. वी. (का. हि. वि.वि.) के प्रो. विनय कुमार पाण्डेय के विचारों को सुना। उन्होंने ग्रहों की स्थितियों को बतलाते हुए गणितीय आधार से कुभ के महात्म्य को स्पष्ट किया। अध्यक्षीय संबोधन भोजपुरी अध्ययन केंद्र (बीएचयू) के संस्थापक, पूर्व कुलपति, एस. एस. पी. यू.,भिलाई एवं हिंदी विभाग (बीएचयू) के भूतपूर्व अध्यक्ष प्रो. सदानंद शाही द्वारा दिया गया। उन्होंने बताया कि मोक्ष विशिष्ट होने में नही बल्कि सामान्य होने में है तथा यही कुंभ आयोजन की सार्थकता है। साथ ही उन्होंने महाविद्यालय को काशी में इस तरह के विषय पर होने वाले प्रथम बौद्धिक समागम के लिए बधाई दी।


प्रो. बृजभूषण ओझा ने संगम की बात करते हुए सरस्वती को अंतःसलिला कहा जो संतों की वाणी में दृष्टिगोचर होती है। प्रो. धर्मेन्द्र कुमार दूबे ने इतिहास में उल्लिखित कुंभ संस्कृति की चर्चा की वहीं प्रो. एन.के. मिश्रा ने महाककुंभ से होने वाले आर्थिक लाभ एवं प्रबंधन की ओर सबका ध्यान आकर्षित किया। प्रो. भास्कर भट्टाचार्या ने आध्यात्मि ऊर्जा के वैज्ञानिक महत्त्व पर व्याख्यान देते हुए ग्रहों के दशा से उत्पन्न आई आर विकिरणों की बात करते हुए कुंभ में स्नान के महत्व को रेखांकित किया। 


समापन सत्र में डाॅ. नन्दिता शास्त्री ने कहा कि कुंभ मेला आध्यात्मिक से कहीं बढ़कर संस्कृतियों, परंपराओं और भाषाओं का एक जीवंत मिश्रण है, जो एक ‘लघु भारत’को प्रदर्शित करता है, जहाँ लाखों लोग बिना किसी औपचारिक निमंत्रण के एक साथ आते हैं। विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि 2017 में यूनेस्को द्वारा अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता प्राप्त, कुंभ मेला बहुत अधिक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। तीर्थयात्री न केवल आध्यात्मिक अनुष्ठानों की एक श्रृंखला में शामिल होंगे, बल्कि एक ऐसे सफर पर भी निकलेंगे जो भौतिक, सांस्कृतिक और यहाँ तक कि आध्यात्मिक सीमाओं से परे है। शहर की जीवंत सड़कें, चहल-पहल भरे बाजार और स्थानीय व्यंजन इस अनुभव में एक समृद्ध सांस्कृतिक परत जोड़ते हैं।

नई दिल्ली से आभासी माध्यम से जुड़़े प्रो. राकेश उपाध्याय ने बताया कि प्रयागराज का समृद्ध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ताना-बाना, अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ मिलकर तीर्थयात्रियों को आस्था, एकता और भक्ति का एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है । आयोजन की सतर्क योजना और परंपरा के साथ आधुनिक तकनीक का मेल कुंभ मेले को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है जो बड़े पैमाने पर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समारोहों की मेजबानी के लिए एक वैश्विक मानक स्थापित करेगा। 

काशी के मेयर अशोक तिवारी ने कहा कि 2025 का महाकुंभ मेला भारत की स्थायी आध्यात्मिक विरासत और विविधता और सद्भाव का जश्न मनाने की उसकी प्रतिबद्धता का एक शक्तिशाली प्रतीक बना रहेगा।

कार्यक्रम का संचालन प्राचीन भारतीय इतिहास की सहायक आचार्य डॉ. आरती चैधरी द्वारा किया गया। संगोष्ठी की संयोजिका द्वय प्रो. पूनम पाण्डेय एवं डॉ. नैरंजना श्रीवास्तव रहीं। यह संगोष्ठी चार सत्रों में संचालित हुई जिसमें समानांतर चल रहे तकनीकी सत्रों में लगभग 100 प्रतिभागियों ने प्रतिभागिता की।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों को दी गई एल्बेंडाजोल दवा

एल्बेंडाजोल की दवा वर्ष में दो बार खाएं- रेखा उपाध्याय

  • Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। विकासखंड चिरईगांव के प्राथमिक विद्यालय गौराकला में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के उपलक्ष में बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई साथ ही स्वच्छ रहने के प्रति जागरूक किया गया। इस अवसर पर इंचार्ज प्रधानाध्यापिका रेखा उपाध्याय ने बताया कि सरकार की तरफ से सभी बच्चों को वर्ष में दो बार एल्बेंडाजोल की गोली निःशुल्क खिलाई जाती है, इसको चबाकर खाया जाता है। विद्यालय में बच्चे गोली खाने के लिए बड़े उत्सुक दिखे। इस मौके पर अटेवा पेंशन बचाओ मंच के जिला उपाध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक ने कहा कि 1 साल से 19 साल तक के बच्चों को पेट के कीड़े की दवा जरूर खानी चाहिए ,अधिकांश बच्चों में पेट से संबंधित अधिक बीमारियों का खतरा होता है जिसके कारण बच्चों में खून की कमी ,कुपोषण ,मितली उलटी व दस्त होना तथा वजन में कमी होना जैसे दुष्प्रभाव होते हैं, क्योंकि ज्यादातर बच्चे बाहर खेलते समय कब किस चीज को हाथ लगाते हैं उनको पता ही नहीं होता। इन्हीं लापरवाही के कारण बच्चों में अधिक पेट की बीमारियां होती हैं।

        इस अवसर पर इस अवसर पर इंचार्ज प्रधानाध्यापिका रेखा उपाध्याय, अटेवा के ज़िला उपाध्यक्ष डॉ. एहतेशामुल हक, सादिया तबस्सुम,अनीता सिंह, शशिकला, प्रमिला सिंह, ज्योति कुमारी, शक्ति कुमारी, रीना, रीता, सोनी, आशा, त्रिलोकी प्रसाद गुप्ता छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे।