देश प्रेम और सौहार्द के रंग में रंगा नज़र आया राष्ट्रीय मुशायरा
Varanasi (dil India live). 03.11.2023. राजनारायण पार्क बेनियाबाग में आयोजित राष्ट्रीय मुशायरा व कवि सम्मेलन में शायरों व कवियों ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश कर महफ़िल लूट ली. ज़्यादातर शायर-शायरात व कवियों ने अपने काव्य पाठ और अशरार से देश भक्ति के जज्बे का इजहार किया। मशहूर शायर अमृत लाल इशरत की स्मृति व शनिवार गोष्ठी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मुशायरे का आगाज शमां रौशन करके किया गया।
इस मौके पर निधि कशिश ने जब सुनाया 'नई पीढ़ी नए रिश्ते बनाने से हिचकती हैं'...इस पर तमाम लोगों ने पसंद किया. वहीं जुनैद अख्तर ने 'कातिल गवाह बनके अदालत में आ गए, मुझ पर मेरे ही कत्ल का इल्ज़ाम आ गया' सुनकर लोग खुद गुनगुनाते दिखे..., अध्यक्षता करते हुए ख्यात व्यंग्यकार सुदामा तिवारी सांड बनारसी ने सुनाया मस्जिद में अजान करो, मंदिर में सब पूजा करो, अजान भी कान में गूंजा करे और घंटा और शंख भी गूंजा करेगा...बेहद पसंद किया गया.
दमदार बनारसी के संयोजन व जमील अख्तर की निजामत में हुए मुशायरे में कल्याण विशाल ने सुनाया 'तुम्हारे नाम की मेहंदी मुझे गर ना लगी तो फिर हमारी जान ले लेगी तुम्हारे हाथ की मेहंदी.' इसे सुनकर लोग वाह-वाह करते दिखाई दिए.
मनीष मधुकर ने सुनाया हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई मिलकर देश बनाते हैं, तो हिंदुस्तान में रहने वालों हिंदुस्तान बना कर रखिये. फलक सुल्तानपुरी भी खूब पसंद की गई, पढ़ा- ये है मेरा वतन, सारे जग से निराला है मेरा वतन सुरेश अकेला ने सुनाया 'अब लगी आग दिल की बुझा लीजिए अपने दिल को जलाने से क्या फ़ायदा।' पेश कर वाहवाही लूटी. विकास विदीप्त, शिरीष उमंग, सलीम शिवालवी ने भी अपनी शायरी से लोगों को देर रात तक बांधे रखा.
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