मुर्दों को भी जिंदा कर दिया करते थे गौसे आज़म
Varanasi (dil India live). 08.11.2023. हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी रहमतुल्ला अलैह गौसे आज़म को रब ने वो ताकत दी थी कि वो मुर्दों को भी जिंदा कर दिया करते थे. यही वजह है कि वलियों के सरदार गौसे पाक के पास एक बार एक खातून हाजिर हुई, तो देखा कि गौसे पाक आराम से अच्छा-अच्छा खाना खा रहे हैं और उस खातून का बेटा सूखी रोटी खा रहा है, यह देखकर खातून को बहुत गुस्सा आया उसने गौस पाक से कहा मैंने तो आपके पास बेटे को इसलिए भेजा था कि वो आपकी तरह बन सके मगर आप उसे सूखी रोटी खिला रहे हैं और खुद मुर्ग मुसल्लम खा रहे हैं। इस पर गौसे आज़म ने वहां रखी मुर्गे की हड्डी की तरफ देखा और इशारा किया, इशारा पाते ही हड्डी मुर्गा बन गया. यह देखकर खातून चौकी, गौसे आज़म ने कहा परेशान न हों आप, अभी आपके साहबजादे का दिन सूखी रोटी खाने का है जिस दिन वो तालीम पूरी कर लेगा, ऐसे ही वो मुर्गा खाएगा और हड्डियों से मुर्गा बना देगा. खातून को सब कुछ समझ में आ गया और वो अपने बेटे से मिलकर चली गई. ऐसे हैं सरकार गौसे आज़म। सरकार गौसे आज़म की याद में इन दिनों जगह जगह लंगरे गौसिया का एहतमाम किया जा रहा है. अर्दली बाजार में मौलाना अजहरुल कादरी के दौलतखाने पर मुफ्ती महमूद आलम ने लंगरे गौसिया में जुटे लोगों को खेताब करते हुए सरकार गौसे आज़म की जिंदगी, उनके करामात पर जहां रौशनी डाली. वहीं मौलाना इल्यास कादरी, मौलाना सलाउद्दीन, हाफिज अली रजा, हाफिज हाजी मसरुर व हाफिज तहसीन रजा आदि ने मिलाद पढ़ा.
ऐसे ही हशमतुललाह राजू के दौलतखाने पर लंगरे गौसिया में सैकड़ों लोगों ने गौसे आज़म का तबर्रुक चखा. देर रात तक मिलाद, फातेहा के बाद लोगों ने लजीज बिरयानी का लुत्फ उठाया.इस मौके पर उलेमा ने देश, दुनिया में अमन और मिल्लत के साथ ही देश की तरक्की और कौम की बेहतरी के लिए रब की बारगाह में दुआ के लिए हाथ उठाया.
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