मंगलवार, 25 फ़रवरी 2025

हिजाब हटाने को कहा तो दस छात्राओं ने छोड़ दी परीक्षा

अभिभावक अहमदुल्लाह

छात्रा जैनब व फातेमा 

जौनपुर में हिजाब पर हुआ विवाद, बिना एग्जाम लौटीं छात्राएं 

Jaunpur (dil India live)। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में बोर्ड परीक्षा के दौरान एक बार फिर हिजाब का विवाद  (Hijab Controversy) सामने आया है। आलम यह है कि हिजाब पहन कर परीक्षा देने आयीं छात्राओं को हिजाब हटाने को कहा गया तो उन्होंने हिजाब हटाने से मना कर परीक्षा ही छोड़ दी।

दरअसल यूपी के जौनपुर जिले में परीक्षा देने आई छात्राओं को हिजाब हटाने के लिए कहा गया, तो उन्होंने ऐसा नहीं करने के लिए इसे अपने धार्मिक अधिकार का हनन बताया और परीक्षा छोड़ने का फैसला कर लिया मगर हिजाब नहीं उतारा। इस दौरान वो बिना पेपर दिए ही घर लौट गईं। छात्राओं का आरोप था कि उन्होंने सेंटर इंचार्ज से कहा कि चेहरे का मिलान एडमिट कार्ड से कर लें और परीक्षा हाल में हिजाब पहन कर परीक्षा देने दें रहने दें मगर केंद्र व्यवस्थापक ने कहा कि हिजाब उतार कर गेट के पास रखकर ही हाल में जाना होगा दुपटटा भी सिर पर नहीं रखना है। इसकी जानकारी अभिभावक भी पहुंचे मगर बहस के बाद भी जब हिजाब पहन कर परीक्षा देने से मना कर दिया गया तो सभी बिना पेपर दिए लौट गयी। अभिभावक अहमदुल्लाह का कहना था कि उनके परिवार की दस बच्चियों के कैरियर से खिलवाड़ किया गया है। दस बच्चियों ने हिजाब हटाने के चलते परीक्षा छोड़ दी।

घटना जौनपुर जिले के खुदौली के सर्वोदय इंटर कॉलेज की है, जहां यूपी बोर्ड की 10 वीं की परीक्षा हो रही थी। परीक्षा केंद्र पर छात्राओं को हिजाब हटाने को कहा गया और ड्रेस कोड का हवाला दिया गया कहा गया कि एग्जाम में ड्रेस कोड का पालन करना होता है, जिसमें चेहरा पूरी तरह से दिखना चाहिए, ड्यूटी में लगे शिक्षकों ने छात्राओं से हिजाब हटाने को कहा, तो उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। शिक्षकों का कहना था कि  उन्हें समझाने की कोशिश की कि परीक्षा में सुरक्षा कारणों से चेहरा दिखाना ही होगा। इस पर छात्राएं यह कहते हुए बिना एग्जाम दिए चली गई कि हिजाब नहीं हटाएंगी। जाहिर है कि बोर्ड नियमों के अनुसार अब यह सभी छात्राएं दोबारा परीक्षा में इस बार शामिल नहीं हो पायेगी। उनका एक साल बर्बाद होना तय माना जा रहा है मगर छात्राओं और अभिभावक का कहना है कि जानबूझकर छात्राओं को एग्जाम से रोका गया है।

नारी शक्ति को समर्पित होगा DAV PG College का युवा महोत्सव ‘उड़ान‘

पद्मश्री सोमा घोष के हाथों होगा आगाज, समापन पर देवब्रत का चमकेगा सितार

त्रिदिवसीय महोत्सव में 40 स्पर्धाओं में 240 प्रतिभागी भरेंगे हौसलों की उड़ान


Mohd Rizwan 
Varanasi (dil India live). डीएवी पीजी कॉलेज का युवा महोत्सव उड़ान - 2025 इस बार नारी शक्ति को समर्पित रहेगा। आइक्यूएसी के तत्वावधान में सांस्कृतिक समिति द्वारा तीन दिनों तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव का शुभारंभ प्रख्यात शास्त्रीय गायिका पद्मश्री डॉ. सोमा घोष द्वारा होगा वहीं विख्यात सितारविद् पं. देवब्रत मिश्रा समापन समारोह की शोभा बढ़ायेंगे। महोत्सव में 40 से अधिक स्पर्धाओं में लगभग 240 से ज्यादा प्रतिभागी शामिल होंगे। खास बात यह है कि इसमें आधी आबादी की प्रतिभागिता ज्यादा होगी। उक्त जानकारी मंगलवार को डीएवी पीजी कॉलेज में आयोजित प्रेस वार्ता में महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल ने पत्रकारों से बातचीत में दी। प्रो. मिश्रीलाल ने बताया की महाविद्यालय में पूरे एक पखवाड़े तक नारी शक्ति को समर्पित आयोजन हांेगे जिनका प्रारंभ युवा महोत्सव के आगाज के साथ होगा।

त्रिदिवसीय महोत्सव की शुरूआत 27 फरवरी को होगी, पहले दिन साहित्य और ललित कलाओं की स्पर्धाओं का आयोजन होगा। 28 फरवरी, दिन शुक्रवार को महोत्सव का रंगारंग शुभारम्भ किया जायेगा जिसमें बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं की ब्रान्ड एम्बेसडर एवं प्रख्यात शास्त्रीय गायिका पद्मश्री डॉ. सोमा घोष मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। 01 मार्च को समापन सत्र में विख्यात सितारविद् पं. देवब्रत मिश्रा बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। इन तीन दिनों में नारी शक्ति को समर्पण स्वरूप बादल सरकार का प्रख्यात नाटक ‘पगला घोड़ा‘ का मंचन होगा, इसके अलावा माइम में रानी पद्मावती पर आधारित, मोनो एक्टिंग में ट्रांस जेन्डर की व्यथा, स्किट में नारी वेदना को प्रस्तुत करती ‘बर्फ‘ की कहानी का युवाओं द्वारा मंचन होगा। इसके साथ ही रंगोली एवं अन्य विधाओं में भी नारी शक्ति सम्बन्धी कला दिखलाई देगी। विजयी प्रतिभागी बीएचयू के युवा महोत्सव स्पंदन में डीएवी का प्रतिनिधित्व करेंगे।

प्रो. मिश्रीलाल ने बताया की नारी शक्ति पखवाड़े के अन्तर्गत 03 मार्च को शारिरिक शिक्षा विभाग द्वारा छात्राओं के लिए रस्साकशी का खेल आयोजित होगा, वहीं सप्ताह पर्यन्त राष्ट्रीय सेवा योजना अन्तर्गत विभिन्न आयोजन होंगे। 07 मार्च को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्र मार्गदर्शन कार्यक्रम में प्रो. रतन शंकर का विशिष्ट व्याख्यान आयोजित होगा। पखवाड़े का समापन 08 मार्च को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर स्त्री विमर्श प्रकोष्ठ द्वारा ‘मीडिया में महिलाओं की चुनौतियॉ‘ विषय पर संगोष्ठी के साथ होगा।

पत्रकार वार्ता में मुख्य रूप से उपाचार्य द्वय प्रो. संगीता जैन एवं प्रो. राहुल, आइक्यूएसी की समन्वयक डॉ. पारुल जैन, सांस्कृतिक समिति की समन्वयक डॉ. तरू सिंह, प्रशासनिक अधिकारी कुॅवर शशांक शेखर सहित अन्य अधिकारी शामिल रहे। 

सोमवार, 24 फ़रवरी 2025

VKM Varanasi News : अभिनय और नृत्य से झंकृत हुआ वसंत कन्या महाविद्यालय

कलाएं जीवन को करती हैं अनुशासित-प्रो.रचना









Varanasi (dil India live). वसंत कन्या महाविद्यालय नृत्य और अभिनय से सोमवार को झंकृत हुआ। 'जीवन के रंग'आधारित विषय पर सांस्कृतिक और अकादमिक मंच 'सर्जना' के अंतिम चरण में छात्राओं ने शास्त्रीय और लोक धुनों पर बेहतरीन नृत्य की प्रस्तुतियां दीं। समानांतर चल रहे रंगमंच पर प्रतिभागियों ने  स्किट, एकल अभिनय, मिमिक्री, मूक अभिनय के माध्यम से  जीवन के विविध भावों को प्रदर्शित किया। प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने छात्राओं को अध्ययन के साथ सृजनात्मक गतिविधियों की महत्ता बताते हुए इसे व्यक्तित्व निर्माण का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। उन्होंने कहा की कलाएं जीवन को अनुशासित करती हैं। इसलिए शिक्षण का एक कार्य विद्यार्थियों में सृजनात्मकता का विकास करना भी होता है। प्रो. सीमा वर्मा, डॉ. सुमन सिंह के निर्देशन में चल रहे इस सप्ताह व्यापी उत्सव में आज के कार्यक्रमों का संयोजन प्रो. ममता मिश्रा, डॉ. आरती चौधरी, डॉ. पूर्णिमा सिंह, सौम्यकांत मुखर्जी द्वारा किया गया। निर्णायक मंडल में सुरोजीत चटर्जी, डॉ नैरंजना श्रीवास्तव, डॉ. अमित ईश्वर, सिद्धि भट्ट, डॉ. पूनम वर्मा, डॉ. चेतना नागर, आकाश चंद्रा ने प्रतिभागियों के सृजनात्मकता की सराहना की। इन प्रतियोगिताओं में लगभग 150 छात्राओं ने भाग लिया। आयोजन में महाविद्यालय की सभी टीचर्स उपस्थित थी।

रविवार, 23 फ़रवरी 2025

Free Medical camp से मिलती है सभी तपको राहत-रीबू श्रीवास्तव

निः शुल्क मेडिकल जांच शिविर में जुटे लोग

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Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। आज 23 फरवरी को जिवधीपुर स्थित न्यू लाइफ मैटरनिटी होम में खून और जाँच निःशुल्क कैम्प का आयोजन किया गया। जिसमें सुगर जाँच, युरिक एसिड, क्लास्टेरॉल, कैल्शियम, गुर्दे आदि की जांच एक्सपर्ट द्वारा की गई। जांच के लिए रजिस्ट्रेशन फीस मात्र 20 रुपये ही रखी गई थी। जांच शिविर में प्रदेश सरकार की पूर्व मंत्री व सपा नेत्री रीबू श्रीवास्तव ने पहुंच कर कैम्प का उद्‌घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस तरह के कैंप से गरीब और जरूरतमंद समेत सभी तपके को मिलती है बड़ी राहत है। सभी अस्पतालों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। प्रमुख रूप से डॉ. मोइन अहमद अंसारी, कासिम शाह, मो. हसन, विनोद यादव, आसीफ अंसारी, नासीर अंसारी, आयुषी शास्त्री, शाहनाज़ परवीन, नगमा बेगम व  अम्मार आदि लोग उपस्थित थे। क्रार्यक्रम का आयोजन डॉ आमिर अंसारी ने किया। धन्यवाद आयुषी व आये हुए अतिथियों का स्वागत शहनाज ने किया।

NSS शिविर में शिक्षा और सामुदायिक सद्भाव पर प्राचार्य ने दिया जोर

VKM द्वारा सप्त दिवसीय शिविर का सीर गोवर्धनपुर में किया गया आयोजन 




Varanasi (dil India live). वसंत कन्या महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई  3 की कार्यक्रम अधिकारी डॉ पूनम वर्मा द्वारा सप्त दिवसीय शिविर का आयोजन सीर गोवर्धनपुर, वाराणसी में किया गया। कार्यक्रम में 50 स्वयं सेविकाओं ने प्रतिभाग किया। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. रचना श्रीवास्तव ने स्वयं सेविकायों को इन सात दिनों में में सामुदायिक सद्भाव बनाये रखने एवं समुदाय के बीच रहकर ध्यान से उनकी समस्यायों को जानने व उनके समाधान खोजने की कोशिश करने के लिए निर्देशित किया । 

कार्यक्रम के प्रथम दिवस पर  सभी स्वयं सेविकाएं सीर गोवर्धनपुर के प्राथमिक विद्यालय श्री गुरु रविदास विद्यालय में एकत्रित हुई और कार्यक्रम की शुरुआत में लक्ष्य गीत का गायन किया तथा डॉ पूनम वर्मा ने विद्यालय के सभी छात्र और छात्राओं को राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम से अवगत करते हुए शिक्षा के महत्व और उन्हें एक बेहतर छात्र और बेहतर नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया साथ ही विद्यार्थियों को मानवीय मूल्यों के प्रति भी जागरूक किया। इसी कड़ी में स्वयं सेविकाओं ने भी  विद्यार्थियो को  मोबाइल और सोशल मीडिया जैसे आकर्षणों से कैसे स्वयं को मुक्त रखे उसके लिए भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। साथ स्वयं सेविकाओं ने विद्यालय परिसर को भी स्वच्छ करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

सीर गोवर्धनपुर वाराणसी में नशा मुक्ति आधारित एक जागरूकता रैली निकली गई  जिसमें 50 स्वयं सेविकाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और गांव के स्थानीय लोगों को नशा मुक्ति पद यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण नारे और स्लोगन के माध्यम से जागरूक किया। छात्राओं ने घर घर जाकर महिलाओं और बच्चों से भी इस विषय पर चर्चा की और उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया। इस अवसर पर महिलाओं ने भी नशे से होने वाले पारिवारिक झगड़े और बीमारियों के विषय से भी अवगत कराया। महाविद्यालय की स्वयं सेविकाओं ने क्षेत्रीय नागरिकों को न केवल इसके दुष्प्रभाव के विषय में बताया अपितु उन्हें नशे की लत को छोड़ने की प्रतिज्ञा भी कराई।

नशा मुक्ति पर दिया बल

कार्यक्रम के द्वितीय पाली में नशा मुक्त भारत स्वस्थ भारत विषय पर आज के मुख्य अतिथी वक्ता आयुर्वेद  विभाग, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के डॉ. रोहित जी ने छात्राओं के मध्य बहुत ही महत्वपूर्ण और गहरी विचार बिंदुओं को केंद्रित किया, डॉ. रोहित ने बताया कि एक दिन में नशा कभी नहीं छूट पाता लेकिन एक दिन की जागृति भी बहुत  महत्वपूर्ण है, क्योंकि परिवर्तन एक सतत् चलने वाली प्रक्रिया है, साथ ही उन्होंने स्वयं सेविकाओं के इस समाज सेवी कार्यों को सराहा और उन्हें इस कार्य को आगे भी बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। डॉ. रोहित ने बताया कि विभिन्न प्रकार की वैकल्पिक दवाओं के माध्यम से तथा दृढ़ता के बल से कोई भी व्यक्ति नशे से मुक्त हो सकता है।

शनिवार, 22 फ़रवरी 2025

VKM Varanasi main शास्त्रीय गायन-वादन पर झूमा मन

सांस्कृतिक एवं अकादमिक मंच 'सर्जना' में चौथे दिन भी हुई कई प्रतियोगिताएं






Varanasi (dil India live). वसंत कन्या महाविद्यालय, कमच्छा, वाराणसी में सप्ताह व्यापी सांस्कृतिक एवं अकादमिक मंच 'सर्जना' में चौथे दिन 3 प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायन, वादन तथा व्यावसायिक-योजना में छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। एक तरफ शास्त्रीय गायन में जयंतिका, वैदेही और कोमोलिका ने सभी को अपने गायन से मंत्र मुग्ध किया तो दूसरी ओर सुगम संगीत में अर्पिता जायसवाल और शुभांगी पाठक की ताल पे सभी झूमते नज़र आए। वादन में सितार से प्रियांशी सिंह और जानसी सिंह ने सबका मन मोह लिया। इस आयोजन में लगभग 150 छात्राओं ने प्रतिभागिता की। प्रो.सीमा एवं डॉ. सुमन सिंह के निर्देशन में चल रहे इस सांस्कृतिक उत्सव में डॉ. कमला पांडेय ने प्रतिभागियों को आशीर्वाद देते हुए सर्जना की सृजन स्मृति को सांझा किया, एवं प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रतिभागियों को उत्साहित किया। निर्णायक मंडल के रूप में स्वर लहरियों का विश्लेषण अग्रसेन कन्या पी.जी. कॉलेज से डॉ. नीता दिशावाल एवं धीरेन्द्र महिला पी. जी .कॉलेज से डॉ. रुचि मिश्रा तथा विनीता गुजराती के साथ आर्य महिला पी. जी. कॉलेज से डॉ. जया रॉय ने किया।व्यावसायिक योजना प्रतियोगिता डॉ. शशिकेश कुमार गोंड, डॉ. आरती कुमारी के संयोजकत्व में संपन्न हुआ। जिसमें प्रो. इंदु उपाध्याय और डॉ. विजय कुमार निर्णायक रहे। दूसरी ओर सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी का दूसरा एवं अंतिम चरण सम्पन्न हुआ। इस आयोजन में सौम्यकांत मुखर्जी, अमित ईश्वर, डॉ. पूर्णिमा सिंह के साथ महाविद्यालय के सभी टीचर्स उपस्थित थे।

शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2025

VKM Varanasi में सांस्कृतिक एवं अकादमिक मंच 'सर्जना' में तीसरे दिन हुए कई आयोजन

मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए मातृभाषा की ओर लौटना ही विकल्प-डा. शाही 


Varanasi (dil India live)। वसंत कन्या महाविद्यालय, कमच्छा, वाराणसी में सप्ताह व्यापी सांस्कृतिक एवं अकादमिक मंच 'सर्जना' में आज  21 फरवरी को तीसरे दिन पांच प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने अपनी वाचन एवं लेखन शैली का लोहा मनवाया। निबंध लेखन, कविता पाठ, वाग्मिता, टर्न कोट तथा वाद - विवाद प्रतियोगिताओं में छात्राओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। आयोजन में लगभग 450 छात्राओं ने हिस्सा लिया।

सर्जना की संयोजक प्रो. सीमा वर्मा एवं सह-संयोजक प्रो. सुमन सिंह ने आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि सर्जना के तहत् मातृभाषा दिवस का आयोजन भी किया गया जिसमें छात्राओं ने अपनी मातृभाषा में काव्य प्रस्तुतियां दीं। आयोजन में मुख्य अतिथि प्रो.सदानंद शाही (पूर्व विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग, बीएचयू) ने भोजपुरी कविता के पाठ के साथ ही कहा कि मातृभाषा का रास्ता जीवन और सभ्यता का रास्ता है। मातृभाषा से विमुखता मनुष्यता से विमुखता है। आज ऐसी पीढ़ी का निर्माण हो रहा है जो भाषा विमुख है। इसलिए मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए मातृभाषा की ओर लौटना ही एक विकल्प है। अंग्रेजी विभाग (बीएचयू) से प्रो. बानीब्रत महंता ने मातृभाषा के प्रति जागृत रहने की आवश्यकता के साथ ही कविता की रचना प्रकिया पर प्रकाश डाला।

महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए मातृभाषा की मिठास और प्रगाढ़ता की बात की। प्रो.आशा यादव ने मातृभाषा को अस्मिता की पहचान कराने वाले दिवस के रूप में बताते हुए भोजपुरी में स्वरचित काव्यपाठ किया।प्रतियोगिताओं में संयोजन डॉ. मंजू कुमारी, डॉ. शशिकेश कुमार गौड़, डॉ. आरती चौधरी, डॉ. पूर्णिमा, डॉ.आरती कुमारी, राजलक्ष्मी ने किया। निर्णायक मंडल में डी.ए.वी. कॉलेज के इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो. विनोद चौधरी एवं डॉ. शिवनारायण तथा डॉ.अखिलेश कुमार राय, डॉ.सपना भूषण, डॉ. सुप्रिया सिंह, डॉ. मालविका, डॉ. मनोज कुमार सिंह, डॉ. प्रीति विश्वकर्मा, डॉ. प्रियंका पाठक , प्रसीद चौधरी ने प्रतिभागियों के बौद्धिक एवं सृजनात्मक प्रदर्शन की सराहना की।