रामनगर में उठा जनाबे सकीना का ताबूत, अलम व झूला, ज़ियारत को उमड़े अक़ीदतमंद
Varanasi (dil India live)। इमाम हुसैन की चार साल की बेटी जनाबे सकीना की शहादत के मौके पर वारीगढ़ही स्थित अज़ाखान-ए-बाबुल हवाएज शमीम अख्तर के आवास पर एक मजलिस का आयोजन किया गया। मजलिस का आगाज़ शुजाअत अली राजा ने सोज़ख्वानी के ज़रिये किया। मजलिस में अम्बर तुराबी, एलिया गाज़ीपुरी, बाक़र रामनगरी आदि शायरों ने कलाम पेश किये। मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना सय्यद नदीम असगऱ रिज़वी बनारस ने कर्बला की जंग के बारे में बताया। कर्बला में शहीद इमाम हुसैन और उनके साथियों को याद कर मजलिस में बैठे लोग रोने लगे। मजलिस के बाद बीबी सकीना का ताबूत जनाबे अली असगर का झूला और हज़रते अब्बास का अलम उठाया गया। मजलिस में मौजूद आज़ादारों ने नम आँखों से ज़ियारत की। मजलिस में गूंचा ए हैदरी चौक बनारस, गूंचा ए मुहाफ़िज़े अज़ा रामनगर ने नौहाख्वानी व सीनाज़ानी किया। मजलिस में आये तमाम अज़ादारों का बानिए प्रोग्राम शमीम अख्तर गदीरी और अता अब्बास ने लोगों का शुक्रिया अदा किया। मजलिस में मुख्यरूप से सय्यद अख्तर रज़ा आब्दी, समर अब्बास, मोहम्मद मेहंदी, मौलाना तहज़ीबुल हसन अज़मी, मिर्जा मुशीर हसन, मुन्ना मिर्ज़ा, युसूफ रिज़वी रईस, मुजम्मिल मिर्जा, सयैद सादिक़ इमाम, मोहम्मद अली, फिरोज़ हुसैन, रागिब हुसैन, शामुराद बिलग्रामी, आदिल हुसैन बल्ले, रमीज़ हुसैन, औन नक़वी, प्रिंस हसन, आयाना हुसैन, कोनाल अली, यूशा तुराबी, अता अब्बास, समीर हसन, रिषभ हसन, औन तुराबी, अरमान, कुमैल, मोहम्मद मेहंदी सल्लन, इरफ़ान हुसैन, अमीन हैदर, शहंशाह मिर्ज़ापुरी, जव्वार हुसैन, मुजतबा हुसैनी, क़रनैन, आजम रिज़वी, मोहम्मद सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे। मजलिस का संचालन नदीम आब्दी ने किया।
26 को निकलेगा जुलूस
अंजुमन इमामिया के संयोजन में अर्दली बाजार से निकलने वाला चेहलुम का मुख्य जुलूस इस साल भी मास्टर ज़हीर हुसैन के इमामबारगाह से 26 अगस्त को निकलेगा। उक्त जानकारी देते हुए अंजुमन के मीडिया पैनलिस्ट फसाहत हुसैन बाबू, हसन मेहंदी कब्बन ने संयुक्त प्रेस रिलीज में कहा कि 26 अगस्त को सुबह 10 बजे एक मजलिस होगी, जिसे मौलाना गुलज़ार मौलाई खिताब करेंगे। बाद मजलिस ऊंटों पर अमारी, दुलदुल, आलम, ताबूत व जुल्फेकार का जुलूस निकलेगा। लगभग 10 घंटे चलने वाले इस जुलूस मे शहर की नामचीन अंजुमन अंसारे हुसैनी, हुसैनिया, सदाए अब्बास, पैगामे हुसैनी, जादे आखिरत नौहाखवानी, मातम व सीनाज़नी करते हुए चलेगी। जुलूस अपने कदीमी रास्ते से होता हुआ पुनः उसी इमामबाड़ा में समाप्त होगा। उल्फत बीबी हाता मुख्य द्वार पर मौलाना तहजीबुल हसन ( रांची ) तकरीर करेंगे। मौलाना तौसीफ अली जुलूस परिचय कराएंगे, जबकि मौलाना बाकर रज़ा ( बलियाबी) संचालन करेंगे।