सोमवार, 30 अक्तूबर 2023

Ma शेरावाली सबसे बड़ा है तेरा नाम रे...

महिलाओं ने डांडिया उत्सव में किया जमकर धमाल



Varanasi (dil India live).30.10.2023. महिला भूमिहार समाज वाराणसी का डांडिया कार्यक्रम  होटल मदीन, कैंटोमेंट में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रीति प्रिया व अतिथि भावना, प्रोफेसर उषा किरण राय और डॉक्टर आकांक्षा सिंह ने शमां रौशन कर कार्यक्रम की शुरुआत की।  

मुख्य  अतिथि पटना से आयी हुई प्रीति प्रिया ने कहा कि भूमिहार एक भारतीय जाति है जो उत्तर प्रदेश, विहार, झारखंड  तथा अन्य  राज्यों में निवास  करती है। भूमिहार  का अर्थ होता है, भूमिपति, भूमि से आहार अर्जित करने वाला। प्रोफेसर  ऊषा किरन राय ने कहा 

 सबसे प्रसिद्ध  अवधारण  के अनुसार ऐसा माना जाता है  कि भगवान  परशुराम ने क्षत्रिय  को पराजित किया और उनसे जीते हुए राज्य व भूमि बाहणों को दान  कर दी । बाह्णणो ने खेती करना शुरु किया और बाद में युद्ध  में भी भाग लिया  इन बाह्यण को ही भूमिहार बाह्णण कहते है।

भावना और डा. आकांक्षा ने भी महिलाओ के उत्थान पर विचार व्यक्त 

किया। इस कार्यक्रम की सफलता भूमिहार समाज की महिलाओं की एकता और परस्पर प्रेम और मित्रता का प्रतीक है। कार्यक्रम  की शुरुआत जाह्नवी सिंह ने माॅ शेरावाली, मां जोधा वाली, सबसे बड़ा है तेरा नाम रे... नृत्य से किया।  कार्यक्रम में उपस्थित सभी  महिलाओं ने डांडिया रास किया और साथ ही मां अंबे की अराधना की। वहां उपस्थित  सभी लोगो ने यह शपथ लिया कि  वे सभी अपने समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहेंगे, और इसकी शुरूआत वह अपने ही गांव, परिवार और घर से करेंगी। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर राजलक्ष्मी राय, किरन सिंह, शुभ्रा सिंह, मंजुला चौधरी ने किया। पूनम सिंह, प्राची राय, सोनिया राय ,मयूरी सिंह, शिवि राय, सरिता सिंह, प्रियंका सिंह, सौम्या राय, वंदना सिंह और आयुषी प्रधान  ने कार्यक्रम को सफल बनाने मे सहयोग दिया।आये हुए लोगो का धन्यवाद  किरन सिंह , डॉक्टर राजलक्ष्मी ने किया।

रविवार, 29 अक्तूबर 2023

घर बना अस्पताल: वायरल बुखार और डेंगू ने एक भी घर नहीं छोड़ा

वाराणसी के इस गांव में कई मौतों से मचा हाहाकार

suman Lata 

Varanasi (dil India live).29.10.2023. वाराणसी के कई गांव बुखार की चपेट में हैं। कछवा रोड सेवापुरी ब्लाक के ठटरा गांव में वायरल बुखार एवं मलेरिया की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो गई है। वहीं दर्जनों लोग बीमार हैं। कोई भी घर नहीं छूटा जहां बुखार का कोई मामला ना हो।

अस्पताल से प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव की कुंती देवी (70 वर्ष) की वायरल बुखार के चलते 20 अक्टूबर को इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके अलावा 27 अक्टूबर को सोमारु बिंद (50 वर्ष), 28 अक्टूबर को किशन जमादार सफाई कर्मी (65 वर्ष) 29 अक्टूबर की सुबह बचाऊ राम गुप्ता (75 वर्ष) की वायरल बुखार के चपेट में आने पर इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके अलावा गांव के दर्जनों लोग निजी अस्पताल में बीमार होने पर अपना इलाज कर रहे हैं। ज्यादातर वायरल बुखार के चलते सर्दी, जुकाम, सिर में दर्द, पूरे शरीर में दर्द होने पर निजी अस्पतालों में लोग अपना इलाज कर रहे हैं। निजी अस्पताल में जगह न मिलने पर निजी चिकित्सक की सलाह पर घर में ही बीमार होने वाले मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

वायरल  बुखार की चपेट में ठटरा गांव निवासी अरविंद सिंह व मोहन गुप्ता की रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आई। इसी तरह चित्रसेनपुर पूरे गुड़िया बिहड़ा डोमैला छतेरी सहित अन्य गांव में वायरल बुखार एवं अन्य बीमारी के चपेट में आने से निजी क्लीनिक संचालकों के यहां इलाज करा रहे हैं

शुक्रवार, 27 अक्तूबर 2023

Desh Duniya में ‘ग्यारहवीं शरीफ’ का जश्न

दावते इस्लामी इंडिया के इज्तेमा में बड़े पीर साहब का चला जिक्र 

-बड़े पीर साहब के उर्स पर हुई घरों में फातेहा

-गौसे पाक का वलियों में सबसे ऊंचा है मर्तबा


Varanasi (dil India live). 27.10.2023. गौसे आज़म हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमां (बड़े पीर साहब) का उर्स-ए-पाक ‘ग्यारहवीं शरीफ’ के रूप में अदबो-एहतराम के साथ देश दुनिया के साथ ही बनारस में भी मनाया जा रहा है। फजर की नमाज़ के बाद से ही मदरसों, मस्जिदों व घरों में कुरानख्वानी, फातिहा व महफिल-ए-गौसुलवरा का आयोजन शुरु हो गया। इससे पहले जुमेरात को दावते इस्लामी इंडिया की ओर से मस्जिद रंगीले शाह दालमंडी में इज्तेमा का खास एहतमाम किया गया। इज्तेमा में बड़े पीर साहब का जिक्र चला। इस दौरान जुमे को सुबह फज्र की नमाज के बाद कुरआन ख्वानी, नियाज-फातिहा का जो सिलसिला शुरू हुआ वो अब पूरा महीना चलता रहेगा। इस दौरान जगह जगह गौस़े पाक का लंगर भी चलेगा। उधर शिवाला में खालिद कादरी के जेरे इंतेज़ाम दूल्हे वाली गली में लंगरे गौसिया का एहतमाम किया गया। लंगर चखने अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ पड़ा। समाचार लिखे जाने तक सैकड़ों लोग लंगर चखने जुटे हुए थे। खालिद कादरी ने बताया कि गौसे पाक की फातेहा के साथ ही लंगर का दौर शुरू हुआ जो देर रात तक चलता रहेगा।

मौलाना अज़हरूल कादरी कहते हैं कि अल्लाह के वलियों में सबसे ऊंचा मरतबा हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी यानी गौस-ए-आज़म का है। हमारे औलिया-ए-किराम व मशायख जिस रास्ते से गुजरे उन रास्तों में तौहीद व सुन्नत-ए-नबी का नूर व खुशबू फैल गई। हिन्दुस्तान में ईमान व दीन-ए-इस्लाम बादशाहों के जरिए नहीं आया बल्कि हमारे इन्हीं बुजुर्गों, औलिया व सूफिया के जरिए आया। ऐसे लोग जिनके चेहरों को देखकर और उनसे मुलाकात करके लोग ईमान लाने पर मजबूूर हो जाते थे। हमें भी इनकी तालीमात पर मुकम्मल अमल करना चाहिए। जिससे दुनिया व आखिरत की कामयाबी मिलेगी। मौलाना कादरी ने कहा कि हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमां अम्बिया अलैहिस्सलाम के सच्चे जानशीन हैं। इस्लाम व ईमान की रोशनी इन्हीं के जरिए से हम तक पहुंची है। हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी अपने मुरीदों के लिए फरमाते हैं कि जब तक मेरा एक-एक मुरीद जन्नत में नहीं चला जाएगा तब तक मैं भी जन्नत में नहीं जाऊंगा।

पहले पातशाह नानक देव के 554 वें प्रकाशोत्सव पर निकली प्रभातफेरी

ऐतिहासिक गुरूद्वारा गुरूबाग पहुंची दो प्रभातफेरी


Varanasi (dil India live). 27.10.2023. सिक्ख धर्म के संस्थापक पहले पातशाह जगत गुरु श्री गुरूनानक देव महाराज का 554 वॉ प्रकाशोत्सव 27 नवंबर को, कार्तिक पूर्णिमा के दिन है. गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी एवं समूह साध-संगत के सहयोग से बड़े उत्साह श्रद्धा के साथ गुरूद्वारा गुरूबाग में प्रकाशपर्व मनाया जायेगा. इसी उपलक्ष्य में एक माह तक गुरुद्वारे से प्रभातफेरी निकाली जाती है.

शुक्रवार को पहले दिन दो प्रभात फेरी गुरूद्वारा गुरूबाग पहुंची. प्रभातफेरी का पुष्प वर्षा के साथ भव्य स्वागत किया गया. गुरु महाराज के आगमन पर्व (प्रकाशोत्सव) के उपलक्ष्य में ऐतिहासिक दोनो प्रभात फेरियां 27-10-2023, दिन शुक्रवार को प्रातः 6:00 बजे गुरूद्वारा गुरूबाग पहुंची. पहली प्रभात फेरी गुरूद्वारा बड़ी संगत नीची बाग (आस भैरव) से चलकर चौक, बॉसफाटक, गोदौलिया लक्सा होते हुए गुरुद्वारा गुरूबाग पहुंची तथा दूसरी प्रभात फेरी मलदहिया लाजपत नगर से चलकर सिगरा, नानक नगर, रथयात्रा होते हुये गुरूबाग पहुंची. जहां पर संगत का भव्य स्वागत किया गया. इसके उपरान्त गुरूद्वारा गुरूबाग के रागी जत्था भाई नरेन्द्र सिंह ने गुरूवाणी कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया, तत्पश्चात गुरु का अटूट लंगर बरताया गया. ये प्रभात फेरियॉ लगातार 30 दिन तक रोजाना चलेगीं. दोनो प्रभात फेरी के गुरूद्वारे पहुंचने पर गुरूद्वारे के ग्रन्थी भाई रंजीत सिंह, भाई महंत सिंह ने अरदास किया तथा गुरूद्वारे में उपस्थित समूह साध-संगत को धन्यवाद दिया.

बुधवार, 25 अक्तूबर 2023

ऐतिहासिक भरत मिलाप की 3 मिनट की लीला देखने घंटों पहले से जुटा रहा हुजुम

श्रीराम-भरत, मिलाप देखने नाटी इमली पहुंचे लाखों श्रद्धालु 




Varanasi (dil India live). विश्व प्रसिद्ध नाटी इमली का भरत मिलाप देखने लोगों का हुजूम बुधवार को उमड़ पड़ा. चित्रकूट रामलीला समिति द्वारा आयोजित ऐतिहासिक भरत मिलाप को देखने के लिए लाखों की भीड़ नाटी इमली मैदान में डटी हुई थी. आलम यह था कि भरत मिलाप मैदान पर बुधवार को पैर तक रखने की जगह नहीं थी. लंका से रावण का वध कर माता सीता और भाई लक्ष्मण और हनुमान के साथ पुष्पक विमान पर सवार होकर भगवान् राम भरत मिलाप मैदान नाटी इमली पहुंचे. यहां कुछ ही देर बाद अयोध्या से भरत और शत्रुघ्न भी पहुंचे और मिलाप के चबूतरे पर आसीन हो गए. कुछ ही छण बाद नेमियों ने रामचरित मानस की चौपाइयां पढ़नी शुरू की, सूर्य तेजी से भारत मिलाप मैदान की उस ख़ास जगह पर रौशनी के लिए मानों आतुर हो उठा जिसपर राम और लक्ष्मण, भरत व शत्रुघन को गले लगाने दौड़ पड़ते हैं.

घड़ी की सुई ने शाम 4 बजकर 40 मिनट का जैसे ही निशान बनाया वैसे ही चबूतरे के एक निश्चित स्थान पर अस्ताचलगामी सूर्य की किरणें पहुंची, भगवान श्रीराम और लक्ष्मण रथ से उतरकर भरत और शत्रुघ्न की तरफ दौड़ पड़े और उन्हे उठाकर गले लगाया. 3 मिनट की इस लीला को देखने पूरा मैदान हर हर महादेव और सियावर रामचंद्र की जय के जयघोष से गूंज उठा.

चित्रकूट रामलीला समिति के अध्यक्ष और भरत मिलाप के व्यवस्थापक बाल मुकुंद उपाध्याय ने बताया कि मेघा भगत भगवान श्रीराम को स्वप्न में आकर दर्शन दिए थे और यहां भरत मिलाप कराने का निर्देश दिया. मेघा भगत द्वारा स्थापित इस लीला में यादव बंधुओं ने परंपरा का निर्वहन किया और भगवान का पुष्पक विमान भरत मिलाप स्थल से अयोध्या तक पहुंचाया। उनका गणवेश देखते ही बन रहा था. कार्यक्रम में महाराजा बनारस भी सदियों पुरानी परम्पराओं का निर्वहन करते दिखाई दिए. 



वाराणसी के सांसद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस पर्व की अपने ही अंदाज में बधाई दी.

Education news : मदरसों के निरीक्षण का अधिकार शिक्षा विभाग को नहीं

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग करता है मदरसों का संचालन

शिक्षा विभाग के दखल से मदरसों में हो रही है़ असहजता की स्थिति


Varanasi (dil India live). 25.10.2023. मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा विभाग कि एक न्यूज ने प्रदेश भर के मदरसों की नींद उड़ा दी. मुजफ्फरनगर में बीएसए ने नोटिस जारी कर कहा है कि जिस मदरसों की मान्यता नहीं है वो हर दिन के हिसाब से दस हजार रुपए जुर्माना जमा कर दें. सोशल मीडिया पर बीएसए की न्यूज़ वायरल क्या हुई बनारस से लेकर बरेली, जौनपुर से लेकर देवबंद तक हड़कंप मच गया. हालांकि जब पड़ताल किया गया तो मामला उल्टा निकला, बेसिक शिक्षा विभाग को तो मदरसों के जांच का ही अधिकार नहीं है. इसकी पुष्टि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने की. कहा कि 1995 में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के गठन के बाद मदरसों का समस्त कार्य अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को हस्तानांतरित कर दिया गया। डॉ. जावेद ने कहा कि इसके बाद उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम 2004 प्रतिस्थापित किया गया जिसके माध्यम से उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी और फारसी मदरसा मान्यता, प्रशासन और सेवा विनियमावली 2016 बनाई गई. जिसके बाद से जिला मदरसा शिक्षा अधिकारी का तात्पर्य जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से हो गया. निरीक्षक अरबी मदरसा अथवा अध्यक्ष या निदेशक द्वारा नामित किसी अधिकारी द्वारा कभी भी मदरसों का निरीक्षण किया जा सकेगा. उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम 2004/ विनियमावली 2016 में दिए व्यवस्था के तहत अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अलावा किसी भी विभाग के अधिकारी द्वारा ना तो मदरसों का निरीक्षण किया जाएगा और ना ही किसी प्रकार की नोटिस दी जाएगी. डॉ. जावेद ने कहा कि अक्सर संज्ञान में आता है कि नियमों से हट कर शिक्षा विभाग के अधिकारी जो सक्षम प्राधिकारी ना होने के बावजूद उनके द्वारा जनपद में संचालित मदरसों का निरीक्षण किया जाता है और नोटिस भी दी जाती है जो अधिनियम के विपरीत है. उधर आल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के राष्ट्रीय महामंत्री वहीदुल्ला खान सईदी ने कहा है कि मान्यता प्राप्त अथवा गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच करने, मान्यता न होने की दशा में उन्हें किसी प्रकार की नोटिस अथवा जुर्माना वसूलने का कोई भी अधिकार बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा विभाग को नहीं है. यदि किसी जनपद में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा मदरसों की जांच अथवा जुर्माना की नोटिस दी जाती है तो वह मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम 2004 का सीधे-सीधे उल्लंघन होगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार/ निरीक्षक, उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा भी उत्तर प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को संबोधित दिनांक 3 नवंबर 2022 को प्रेषित पत्र में भी इस बात को स्पष्ट कर दिया गया था। यदि किसी जनपद के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जुर्माना की नोटिस दिया जाना अनियमित है. निदेशक बेसिक शिक्षा/ माध्यमिक शिक्षा को उपरोक्त प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया जाना न्यायोचित होगा.

बाल संरक्षण अधिनियम का भी दे रहे हैं हवाला

वहीदुल्लाह खां सईदी कहते हैं कि वह इस बात का भी संज्ञान लेना आवश्यक है कि, जारी नोटिस और जुर्माना में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 और बाल संरक्षण अधिनियम का हवाला दिया जा रहा है जबकि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के संशोधित अधिनियमों में मदरसों को अधिनियम के प्रतिबंधों से अलग रखा गया है।

मंगलवार, 24 अक्तूबर 2023

बुराई पर अच्छाई की जीत : बनारस में जला पूर्वांचल का सबसे ऊंचा रावण




Varanasi (dil India live). 24.10.2023. बुराई पर अच्छाई का प्रतीक दशहरा पर्व पर इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पूर्वांचल का सबसे बड़ा रावण जलाया गया. वाराणसी के बीएलडब्लू स्थित रामलीला मैदान में जैसे ही 75 फीट ऊंचा रावण जलाया गया, मौजूद लोग वीडियो बनाने और सेल्फी लेने में व्यस्त हो गए। काफी लोग अपने दूर दराज में बैठे अपनों को वीडियो काल के जरिए रावण दहन का लाइव दिखाते दिखाई दिए। बरेका में रावण के साथ मेघनाद और कुंभकर्ण का भी पुतला जलाया गया जिसकी ऊंचाई 70 और 65 फीट थी. इस रावण दहन के समय करीब 1 घंटे तक शानदार आतिशबाजी हुई. करीब 50 हजार रुपये के पटाखे रावण में लगाए गए थे. बता दें कि इस रावण दहन को देखने के लिए लाखों लोगों की भीड़ बरेका के मैदान के अंदर और बाहर इकट्ठा होती है. इसके लिए सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम भी किए गए थे. रावण दहन से पहले 2 घंटे में मोनो एक्टिंग के जरिए रामलीला का मंचन भी बरेका के रामलीला मैदान में हुआ.

गौरतलब हो कि 2 महीने में 15 लोगों ने मिलकर रावण को तैयार किया था। कारीगर शमशाद ने बताया कि इस रावण को तैयार करने में करीब 2 महीने का वक्त लगा है. उनके परिवार के करीब 15 लोगों ने इसे तैयार किया है. तीन पीढ़ियों से शमशाद का परिवार इस काम को करता आ रहा है. ऐसे ही मलदहिया, भोजूबीर समेत कई जगहों पर दशहरे पर रावण दहन किया गया।

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Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...