मंगलवार, 18 जनवरी 2022

कथक सम्राट बिरजू महाराज का काशी से था खास जुडाव

2019 में अंतिम बार आये थे काशी, बच्चों को दिया था कथक की टिप्स

नटराज संगीत एकेडमी के प्रोग्राम में करना था उन्हें मार्च में शिरकत 





वाराणसी 17 जनवरी (dil india live)। लखनऊ घराने के मशहूर कथक कलाकार पंडित बिरजू महाराज का अंतिम बार मार्च में बनारस आने का ख्वाब अधूरा ही रह गया। वो 2003 से लगतार हर साल बनारस आते थे और यहां बच्चों को कथक की बारिकियों से रुबरु कराते थे, मगर कोविड के चलते 2019 के  बाद बनारस आना उनके लिए ख्वाब सरीखा हो गया। बनारस से पं बिरजू महाराज का गहरा लगाव था। उनकी बनारस में एक मात्र शिष्या संगीता सिन्हा कहती वो भले ही लखनऊ में पैदा हुए मगर वो बनारस से हमेशा जुड़े रहे। वह हर साल नटराज संगीत एकेडमी में आकर संगीत की नई पौध को कथक की बरीकियों से रुबरु कराते थे। पिछले दिनों लखनऊ और दिल्ली में मैं उनके साथ थी। बच्चों को कथक की बरीकियों से रुबरु कराने के लिए मार्च में उन्हें नटराज संगीत एकेडमी आने के लिए मैं तैयार करके आयी थी मगर ईश्वार को तो कुछ और ही मंजूर था। यह अनहोनी हो गई।, यह कहते हुए संगीता सिन्हा की आंखे भर आयी। उन्होने कहा कि कथक के जादूगर थे गुरुजी। उनका बनारस आने का सपना अधूरा ही रह गया।  

पंडित बिरजू महाराज का भले ही लखनऊ के कालिका-बिन्दादिन घराने से रिश्ता रहा हो, लेकिन धर्म और संगीत की नगरी बनारस से उनका संगीत के अलावा पारिवारिक रिश्ता भी था। पहले ससुराल फिर समधियाना दोनों उन्होंने बनारस में ही बनाया। यही वजह है कि उनके निधन की खबर से बनारस स्तब्ध है। कथक सम्राट बिरजू महाराज के आंखों की मुद्रा से राधा-रानी की कलाओं की पेशकश हो या फिर तबले की थाप संग पैरों की जुगलबंदी, इसका जैसा अद्भुत मिलन पंडित बिरजू महाराज के नृत्य में देखने को मिलता था, वो खुद में बेहद खास था। गिरिजा देवी के गुरु पंडित श्रीचंद्र मिश्र की बेटी अन्नपूर्णा देवी बिरजू महाराज की पत्नी थीं। कबीरचौरा संगीत घराने वाली गली में पंडित बिरजू महाराज का ससुराल है। वहीं, ख्यात सारंगीवादक पंडित हनुमान प्रसाद मिश्र के पुत्र पंडित साजन मिश्र के साथ बिरजू महाराज की बेटी कविता का विवाह हुआ है। उनके एक भाई ने बनारस घराने के ख्यात पंडित रामसहाय की शागिर्दी में तबला वादन सीखा था। पंडित बिरजू महाराज का खुद बनारस से बहुत गहरा जुड़ाव था। बनारस के राजेन्द्र प्रसाद घाट, अस्सी घाट पर होने वाले कार्यक्रम हो या फिर देश भर के संगीतकारों की जुटान का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण संकट मोचन संगीत समारोह। इन आयोजनों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पंडित बिरजू महाराज बनारस जरूर पहुंचते थे। काशी में होने वाले ध्रुपद मेले में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहता था। यही वजह है कि प्रतिष्ठित अवार्ड पद्म विभूषण से सम्मानित 83 वर्षीय बिरजू महाराज ने दिल्ली के साकेत हॉस्पिटल में अंतिम सांस लेने की खबर काशी पहुंचते ही मानो संगीत घराने में कोहराम मच गया। 

सीखने और सीखाने की अदभूत ललक

संगीत सिन्हा बताती है कि बिरजू महाराज में सीखने और सीखाने की अदभूत ललक थी। वो एक शानदार ड्रमर भी थे, जो आसानी और सटीकता के साथ लगभग सभी ड्रम बजाते थे। उन्हें खासतौर पर तबला और नाल बजाने का शौक था। वह  सितार वाद्य, सितार, सरोद, वायलिन, सारंगी आसानी से बजा लेते थे। उन्होंने इन सबका किसी औपचारिक प्रशिक्षण नहीं लिया। वो सदैव कथक के प्रमोशन के लिए परेशान रहते थे। यही वजह है कि छोटे-छोटे बच्चों के प्रोग्राम में भी मेरे बुलाने पर काशी हर साल आते थे।

 अच्छन महाराज थे बिरजू महाराज के गुरु

बिरजू महाराज के अच्छन महाराज व लच्छू महाराज थे। अच्छन महराज कोईऔर नहीं बल्कि उनके पिता थे, तो लच्छू महाराज चाचा। उनकी मां भी उनकी गुरु की श्रेणी में ही आती थीं। यूं तो इनके पिता का नाम जगन्नाथ महाराज था, जो लखनऊ घराने से थे और अच्छन महाराज के नाम से जाने जाते थे। पिता ने बचपन से ही अपने यशस्वी पुत्र को कला दीक्षा देनी शुरू कर दी थी। ठुमरी सम्राट महादेव प्रसाद मिश्र के पुत्र पं. गणेश मिश्र कहते है कि बिरजू महाराज को कथक विरासत में मिली थी। अच्छन महाराज के निधन के बाद उन्होने कथक नृत्य प्रशिक्षण लेना शुरू किया। आज बिरजू महाराज भले ही हम लोगोें के बीच नहीं है मगर उनकी कला और उनके काम सदैव हम लोगों को उनकी याद दिलाती रहेगी। उनका जाना वास्तव देश दुनिया के संगीत प्रेमियों के लिए सदमे जैसा है।


सोमवार, 17 जनवरी 2022

बच्चों का रखें ख्याल, खांसी आए-पसली चले तो डाक्टर से मिलें

सर्दी के साथ बढ़ी कोरोना की रफ्तार, आक्सीजन सेचुरेशन 94 फीसद से अधिक होना जरूरी

 लक्षण विहीन, मामूली लक्षण वाले पाजिटिव व लक्षण युक्त के लिए दवाएं तय 

 


वाराणसी, 17 जनवरी (dil india live)। कड़ाके की सर्दी के बीच कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए इस वक्त छोटे बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखना सभी के लिए बहुत ही जरूरी है । यह कहना है  *श्री शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय में बाल रोग विशेषज्ञ डा. एस.पी. सिंह* का। उन्होंने बताया कि एक साल तक के बच्चे को अधिक खांसी आ रही हो, पसली चल रही हो, बच्चा दूध व खुराक लेना बंद कर दे, तेज बुखार हो और दस्त न रुके तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक से जरूर संपर्क करें । इसके साथ ही दिन में तीन-चार बार बच्चे के सांस लेने की दर (रेस्परेटरी रेट) और आक्सीजन सेचुरेशन (पल्स आक्सीमीटर से) जरूर नापें, आक्सीजन सेचुरेशन 94 फीसद व उससे अधिक ही होना चाहिए । इससे कम होने पर चिकित्सक से सलाह ली जानी चाहिए ।    

 *मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी* ने बताया कि विभिन्न आयु वर्गों के कोविड पाजिटिव व लक्षणयुक्त व्यक्तियों के इस्तेमाल के लिए दवाओं को “मेडिकल किट” के जरिये  उपलब्ध कराने को कहा गया है । इसके तहत शून्य से 12 साल तक के बच्चों को तीन श्रेणी में बांटते हुए और 12 साल से ऊपर वालों के लक्षणों के आधार पर जरूरी दवाओं के सेवन की सलाह दी गई  है । इसके तहत शून्य से 12 माह, एक से पाँच साल और छह से 12 साल तक के बच्चों की तीन श्रेणी बनाई गई है और लक्षणों के आधार पर व कोरोना पाजिटिव होने की स्थिति में निर्धारित दवाओं के सेवन की सलाह दी गई है।व मेडिकल किट में शामिल निम्न दवाएं शामिल की गई है।

 12 माह तक के शिशुओं के लिए दवा किट

पेरासिटामोल ड्राप 

मल्टीविटामिन ड्राप 

ओआरएस पैकेट 

एक से पांच वर्ष के बालकों के लिए दवा किट

पेरासिटामोल सिरप  

मल्टीविटामिन सीरप 

ओआरएस पैकेट  

 छह से 12 वर्ष के बालकों के लिए दवा किट

पेरासिटामोल 

मल्टीविटामिन 

आईवरमेक्टिन टेबलेट 

ओआरएस 

 12 वर्ष से अधिक उम्र के लिए

टेबलेट पेरासिटामोल 

टेबलेट आईवरमेक्टिन 

टेबलेट एजिथ्रोमायिसिन 

टेबलेट विटामिन-सी 

टेबलेट जिंक 

टेबलेट/ कैप्सूल विटामिन-बी काम्पलेक्स 

विटामिन डी-3 

 इस तरह करना है दवाओं का सेवन

 शून्य से 12 माह तक के शिशुओं के लिए

लक्षण युक्त शिशु (जिनका कोविड टेस्ट रिजल्ट अभी ज्ञात नहीं है या टेस्ट नहीं हुआ है) तथा पाजिटिव शिशु जिनको केवल बुखार है, उनको पैरासिटामाल ड्रॉप बुखार आने की स्थिति में देना है। ध्यान रहे इसे खाली पेट नहीं देना है । शून्य से दो माह तक के शिशु को पैरासिटामाल ड्रॉप दशमलव पाँच मिली. दिन में तीन बार देना है, तीन से छह माह तक के शिशु को एक मिली. दिन में तीन बार और सात से 12 माह के शिशु को एक मिली. दिन में चार बार बुखार आने पर देना है । मल्टी विटामिन का ड्रॉप छह माह तक के शिशुओं को नहीं देना है, सात से 12 माह तक के शिशु को दशमलव पाँच मिली. सात दिन तक देना है । इसके अलावा दस्त की स्थिति में ओआरएस का घोल थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दें ।  

 एक से पाँच वर्ष के लिए 

 पैरासिटामाल सिरप (बुखार आने पर दें, ध्यान रहे खाली पेट नहीं देना है)- एक से दो वर्ष के बच्चे को पाँच मिली. छह घंटे के अंतराल पर दिन में चार बार, दो से तीन वर्ष को 10 मिली. आठ घंटे के अंतराल पर दिन में तीन बार, तीन से पाँच वर्ष के बच्चे को 10 मिली. छह घंटे के अंतराल पर दिन में चार बार देना है । मल्टीविटामिन सिरप- एक से दो वर्ष के बच्चे को ढाई  मिली. रात को एक बार, दो से पाँच वर्ष तक के बच्चे को ढाई मिली. सुबह और रात को सात दिन तक देना है । ओआरएस का घोल दस्त आने पर देना है ।   

 छह से 12 वर्ष के लिए 

 टैबलेट पैरासिटामाल (500 मिलीग्राम) बुखार आने पर आधी गोली दिन में तीन बार (खाली पेट नहीं देना है)-आठ घंटे के अंतराल पर, टैबलेट आइवरमेक्टिन छह मिलीग्राम-रात को खाना खाने के एक घंटे बाद एक गोली तीन दिन तक, मल्टीविटामिन टैबलेट- रात को सोने से पहले एक गोली सात दिन तक, ओआरएस का घोल दस्त आने पर देना है । 

 12 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए 

 टैबलेट पैरासिटामाल (500 मिलीग्राम) की एक गोली दिन में तीन बार-,  टैबलेट आइवरमेक्टिन 12 मिलीग्राम- रात के खाने के बाद  (गर्भवती व धात्री महिलाओं और 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं देना है), टैबलेट एजिथ्रोमायिसिन-500 मिलीग्राम दिन में एक बार के साथ ही टैबलेट विटामिन-सी, टैबलेट/कैप्सूल विटामिन बी काम्प्लेक्स, विटामिन डीथ्री की एक गोली भी प्रतिदिन देनी है । इन दवाओं के सेवन के साथ ही सांस संबंधी व्यायाम, योग व प्राणायाम करने की सलाह दी गई है ।  हल्का गर्म या गुनगुना पानी प्रतिदिन अधिक मात्रा में पियें और दिन में तीन से चार बार आक्सीजन सेचुरेशन पर ध्यान दें । आक्सीजन सेचुरेशन 94 फीसद से अधिक होना चाहिए ।

कथक सम्राट पं.बिरजू महाराज का जाना

निधन की खबर से बनारस संगीत घराना शोक में डूबा 

काशी में शोक, संकट मोचन संगीत समारोह, ध्रुपद मेले में लगाते थे हाजिरी

सीएम योगी सहित कई ख्यातिलब्ध लोगों ने दी श्रद्धाजंलि



वाराणसी 17 जनवरी (dil india live)। मशहूर कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। पद्म विभूषण से सम्मानित बिरजू महाराज (83 ) ने रविवार और सोमवार की दरमियानी रात अंतिम सांस ली। उनके पोते स्वरांश मिश्रा ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस बारे में जानकारी दी। गायक अदनान सामी ने भी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उनके निधन की खबर मिलते ही सीएम योगी ने शोक जताया।

लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ में हुआ था। इनका असली नाम पंडित बृजमोहन मिश्र था। ये कथक नर्तक होने के साथ साथ शास्त्रीय गायक भी थे। बिरजू महाराज के पिता और गुरु अच्छन महाराज, चाचा शंभु महाराज और लच्छू महाराज भी मशहूर कथक नर्तक थे। बिरजू महाराज ने देवदास, डेढ़ इश्किया, उमराव जान और बाजी राव मस्तानी जैसी फिल्मों के लिए डांस कोरियोग्राफ किया था। इसके अलावा इन्होंने सत्यजीत राय की फिल्म 'शतरंज के खिलाड़ी' में म्यूजिक भी दिया था।

 पंडित बिरजू महाराज का भले ही लखनऊ के कालिका-बिन्दादिन घराने से रिश्ता रहा हो, लेकिन धर्म और संगीत की नगरी बनारस से उनका संगीत के अलावा पारिवारिक रिश्ता भी था।पहले ससुराल फिर समधियाना दोनों उन्होंने बनारस में ही बनाया। यही वजह है कि उनके निधन की खबर से बनारस स्तब्ध है। धर्म और संगीत की नगरी बनारस से उनका संगीत के अलावा पारिवारिक रिश्ता भी था। पहले ससुराल फिर समधियाना दोनों उन्होंने बनारस में ही बनाया।यही वजह है कि उनके निधन की खबर से बनारस स्तब्ध है।कथक सम्राट बिरजू महाराज के आंखों की मुद्रा से राधा-रानी की कलाओं की पेशकश हो या फिर तबले की थाप संग पैरों की जुगलबंदी, इसका जैसा अद्भुत मिलन पंडित जी के नृत्य में देखने को मिलता था, वो खुद में बेहद खास था।गिरिजा देवी के गुरु पंडित श्रीचंद्र मिश्र की बेटी अन्नपूर्णा देवी बिरजू महाराज की पत्नी थीं. कबीरचौरा की संगीत घराने वाली गली में पंडित जी का ससुराल है।वहीं, ख्यात सारंगीवादक पंडित हनुमान प्रसाद मिश्र के पुत्र पंडित साजन मिश्र के साथ बिरजू महाराज जी की बेटी कविता का विवाह हुआ है।वहीं उनके एक भाई ने बनारस घराने के ख्यात पंडित रामसहाय जी की शागिर्दी में तबला वादन सीखा था। पंडित जी का खुद बनारस से बहुत गहरा जुड़ाव था।बनारस के अस्सी घाट पर होने वाले कार्यक्रम हो या फिर देशभर के संगीतकारों की जुटान का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण संकट मोचन संगीत समारोह. इन आयोजनों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पंडित बिरजू महाराज बनारस जरूर पहुंचते थे।काशी में होने वाले ध्रुपद मेले में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहता था।

शनिवार, 15 जनवरी 2022

मेगा टीकाकरण अभियान में 16,429 किशोरों को लगा कोरोना का टीका

जिले में शनिवार को 31,594 लाभार्थियों को लगा टीका

779 लोगों को लगी एहतियाती डोज़ 



वाराणसी, 15 जनवरी (dil india live)। मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल एवं जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशन में जिले में कोविड-19 टीकाकरण का महा अभियान चरणबद्ध तरीके से चल रहा है। इस क्रम में जनपद में शनिवार से 15 से 18 वर्ष के किशोर-किशोरियों का मेगा कोविड टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। शनिवार को जिले में करीब 31,594 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया। इसमें करीब 16,429 किशोरों का टीकाकरण किया गया, जो अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा दर्ज हुआ है। D साथ ही 779 लोगों ने एहतियाती टीका लगवाया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि शनिवार से शुरू हुए मेगा कोविड टीकाकरण अभियान में प्रमुख रूप से 15 से 18 वर्ष के किशोर-किशोरियों के टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है। शनिवार को जिले के विभिन्न स्कूलों व केन्द्रों सहित 522 सत्रों में कुल 31,594 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया, जिसमें 25,514 लाभार्थियों को प्रथम डोज तथा 5,201 लाभार्थियों को दूसरी डोज एवं 779 लोगों को प्रीकाशनरी डोज़ का टीका लगाया गया। इस क्रम में 15 से 18 वर्ष के बीच के 16,429 लाभार्थियों को, 18 से 45 वर्ष तक के बीच के 12,385 लाभार्थियों को, 45 से 60 वर्ष के बीच के 1,388 लाभार्थियों एवं 60 वर्ष से ऊपर के 608 लाभार्थियों को कोरोना का टीका लगाया गया।

      सीएमओ ने बताया कि अभी तक जिले में कुल 48,98,652 कोरोना डोज़ लगाई जा चुकी हैं। इसमें से 29,30,694 (98.9%) पहली डोज़ व  18,12,031 (61.2%) दूसरी डोज़ एवं 6,783 प्रीकॉशनरी डोज़ लगाई जा चुकी हैं। इसके साथ ही अब तक 1,49,144 (57.8%) किशोरों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है।

स्वामी विमलानंद सरस्वती जन्म शताब्दी समारोह का आयोजन


वाराणसी 15 जनवरी(dil india live)। राज गुरु मठ वाराणसी में दंडी स्वामी विमलानंद सरस्वती जी महाराज के जन्म शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया।उत्तर प्रदेश एवं बिहार, दिल्ली, उत्तराखण्ड, मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।वाराणसी से विधायक रोहनिया सुरेंद्र सिंह, विधायक कैंट सौरभ श्रीवास्तव, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय व अन्य राजनेता आदि ने हवन पूजन प्रीतिभोज (दही चूड़ा) भी एवं चिंतन सभा में भाग लिया। इस पुण्य तिथि पर आयोजित भोजपुरी कवि सम्मेलन जिसके मुख्य आयोजन कर्ता किंनवार वंश के युवा दिनकर संजीव कुमार त्यागी थे, उनके नेतृत्व में पुर्वांचल के कवियों  ने आध्यत्म  साहित्य में अपनी संगीतमयी प्रस्तुति से रस एवं माधुर्य की त्रिवेणी बहा दी। गाज़ीपुर के वरिष्ठ पत्रकार हिमांशु राय समेत कई प्रतिभाओ का उत्कृष्ट योगदान देने के लिए मंच द्वारा संम्मानित भी किया गया। 

शुक्रवार, 14 जनवरी 2022

अलविदा कमाल रवान, पत्रकारिता तुम्हें सदा याद रखेगी

संजीदा मिजाज़ और अनोखे अंदाज के धनी थे कमाल


वाराणसी 14 जनवरी (dil india live)। एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार, हम सबके अज़ीज कमाल खान ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन से बनारस के पत्रकारो में भी खासा दुख है। काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष सुभाष सिंह ने कहा कि एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान के आकस्मिक निधन से हम सभी लोग मर्माहत है। काशी पत्रकार संघ की ओर से उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। महामंत्री अत्री भारद्वाज ने कहा कि अनोखे अंदाज के धनी कमाल खान की आवाज़ भी कमाल की थी। इनमें पत्रकारिता का पैशन था, साथ ही साहित्यिक अभिरुचि भी थी। बोलने के अलग अंदाज से टीवी का व्याकरण भी बदला।इनका निधन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए बड़ी क्षति है। लखनऊ में हुए आई एफ डब्ल्यू जे के अधिवेशन में इनसे मुलाकात हुई थी, जो अभी भी याद है।

61 साल के थे खान, हार्ट अटैक से मौत


लखनऊ में NDTV के वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान का हार्ट अटैक से निधन हो गया है। लखनऊ की बटलर पैलेस कॉलोनी में रहने वाले खान लंबे समय से टीवी पत्रकारिता में थे। उन्होंने देर रात तक रिपोर्टिंग की। सुबह अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और थोड़ी देर बाद उनकी मौत हो गई। बताया गया है कि हार्ट अटैक से उनका निधन हुआ।

61 साल के कमाल बीते 3 दशकों से पत्रकारिता में थे। 22 साल से वे NDTV से जुड़े थे। उनकी पत्नी रुचि भी लखनऊ में एक न्यूज चैनल ब्यूरो हेड हैं। साथी पत्रकारों ने बताया कि गुरुवार शाम के 7 बजे और रात 9 बजे के प्राइम टाइम में उनकी खबरें चली थीं। प्राइम टाइम शो को होस्ट कर रहीं नगमा ने बताया कि कांग्रेस के 150 उम्मीदवारों की सूची पर कमाल खान ने बात की थी। खान ने कहा था कि प्रियंका का यह फैसला लंबे समय तक असर डालेगा। नगमा ने बताया कि रात में जब वे कमाल से शो पर बात कर रही थीं, तो उनकी सेहत बिल्कुल ठीक लग रही थी। वे अपनी सेहत को लेकर काफी सतर्क रहते थे। उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि चंद घंटे बाद अब उनकी आवाज सदा के लिए गुम हो गई। उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि कमाल उनके बीच नहीं रहे।

प्रियंका, योगी और अखिलेश ने जताया दुख

कमाल की निधन की सूचना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव व अन्य नेताओं ने भी दुख जाहिर किया है। CM योगी ने कहा कि यह पत्रकारिता की अपूरणीय क्षति है। कमाल चौथे स्तंभ और निष्पक्ष पत्रकारिता के एक मजबूत प्रहरी थे। परवर दिगार उनकी आत्मा को शांति दे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कमाल खान के निधन पर संवेदनाएं प्रकट की है। उन्होंने लिखा है कि कुछ दिन पहले उनकी कमाल से मुलाकात हुई थी।

गुरुवार, 13 जनवरी 2022

15 से 18 वर्ष के 11,442 किशोरों को लगा कोविड का टीका

जिले में 1,396 लोगों को लगी एहतियाती डोज़

टीकाकरण अभियान में गुरुवार को 28,368 लाभार्थियों को लगा टीका


वाराणसी, 13 जनवरी (dil india live)। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशन में जिले में कोविड-19 टीकाकरण का महा अभियान चरणबद्ध तरीके से चल रहा है। जनपद में सोमवार से हेल्थ केयर व फ्रंटलाइन वर्कर तथा 60 वर्ष से ऊपर के गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों को प्रीकाशनरी डोज़ (एहतियाती टीका) लगाने की शुरुआत की जा चुकी है। इस क्रम में गुरुवार को 1,396 लोगों ने एहतियाती टीका लगवाया। इसके साथ ही 11,442 किशोर-किशोरियों को कोविड का टीका लगाया गया।  मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी* ने बताया कि गुरुवार को विभिन्न केन्द्रों, चैरिटेबल अस्पतालों सहित 516 सत्रों व स्कूलों में कुल 28,368 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया, जिसमें 20,131 लाभार्थियों को प्रथम डोज तथा 6,841 लाभार्थियों को दूसरी डोज एवं 1,369 लोगों को प्रीकाशनरी डोज़ का टीका लगाया गया। इस क्रम में 15 से 18 वर्ष के बीच के 11,442 लाभार्थियों को, 18 से 45 वर्ष तक के बीच के 12,992 लाभार्थियों को, 45 से 60 वर्ष के बीच के 1,757 लाभार्थियों एवं 60 वर्ष से ऊपर के 777 लाभार्थियों को कोरोना का टीका लगाया गया।

 सीएमओ ने बताया कि अभी तक जिले में कुल 48,37,963 कोरोना डोज़ लगाई जा चुकी हैं। इसमें से 29,12,333 (98.3%) पहली डोज़ व  18,03,406 (60.8%) दूसरी डोज़ एवं 5,144 प्रीकॉशनरी डोज़ लगाई जा चुकी हैं। इसके साथ ही अब तक 1,17,080 (45.4%) किशोरों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...