मंगलवार, 26 मार्च 2024

आज इमाम हसन की यौमे पैदाइश मना रहा है सारा जहाँ, जगह जगह हो रही है इमाम की फातेहा

Varanasi (dil india live). आज इमाम हसन की यौमे पैदाइश मना रहा है सारा जहाँ ‌‌-जगह जगह हो रही है इमाम की फातेहा वाराणसी। 15 रमज़ान 3 हिजरी को यानी आज से 1442 साल पहले नबी के नवासे हज़रत इमाम ह़सन की पैदाइश मदीना शरीफ़ में हुई थी। जो ह़ज़रते अ़ली के बड़े बेटे, और ह़ज़रते इमाम ह़ुसैन के बड़े भाई हैं। वालिदा का नाम ज़नाबे फ़ातिमा हैं। आज इमाम हसन की यौमे पैदाइश मनाई जा रही है, जगह जगह इमाम हसन की फातेहा हो रही है। हमारे नबी (स.) ह़ज़रत इमाम ह़सन से बहुत ही मोह़ब्बत करते थे। कभी आपको अपने कंधों पर घुमाते थे। तो कभी जब ह़ज़रते ह़सन नमाज़ की ह़ालत में प्यारे नबी के कंधों पर बैठ जाते तो नबी (स.) सज्दे से सर नहीं उठाते थे। कि कहीं आपको चोट ना लग जाए। कभी आपको देखकर फ़रमाते कि जन्नत के नौजवानों का सरदार आ रहा है। ह़ज़रते ह़सन बहुत ही ज़्यादा अदब वाले थे। कभी अपनी मां ह़ज़रते फ़ातिमा के साथ खाना नहीं खाया। इस डर की वजह से कहीं ऐसा ना हो की मां को कोई चीज़ खाते वक़्त पसंद आए और उनसे पहले मेरा लुक़्मा उस चीज़ की तरफ़ बढ़ जाए। आप अपने वालिद के दौरे ख़िलाफ़त में कूफ़ा गए थे और वालिद के इंतक़ाल के बाद बाकी दिन मदीना शरीफ़ आकर गुजा़रे। आप को ज़हर देकर शहीद कर दिया गया था। आपकी उम्र 48 साल हुई। मदीना शरीफ़ के क़ब्रिस्तान जन्नतुल बक़ी में आप को दफ़न किया गया। अल्लाह तआ़ला आपके सदके़ हमें दुनिया और आख़िरत में कामयाबी अता फ़रमाए। (आमीन)

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