सोमवार, 25 मार्च 2024

प्रभु मसीह के येरुसलम में प्रवेश की याद में मसीही समुदायों ने मनाया खजूर इतवार

ईसा मसीह के अंहिसा के संदेश को अपनाने और सही राह पर चलने पर दिया गया ज़ोर


Varanasi  (dil India live)। प्रभु ईसा मसीह के सलीब पर चढ़ने के पूर्व येरुसलम नगर में उनके प्रवेश और उसके पश्चात् उनकी दुख-पीड़ा और क्रूस मरण को याद करते हुए शहर के विभिन्न मसीही समुदायों ने खजूर इतवार यानी पॉम संड़े को भक्ति और संजीदगी के साथ मनाया गया। सुबह सेंट मेरीज़ महागिरजा से बिशप यूज़ीन की अगुवाई में खजूर की डालियो संग जुलूस निकला। जुलुस विभिन्न जगहों से होकर वापस चर्च आकर सम्पन्न हुआ। इस दौरान हुई प्रार्थना सभा में बिशप ने कहा कि ईसा मसीह को शांति का राज कुमार कहते हैं। उन्होंने दुनिया को भ्रष्टाचार से दूर रहने और अहिंसा के मार्ग पर चलने का जो संदेश दिया उसे अगर हम नहीं अपनाएगें तो अपना वजूद खो बैठेंगे। कलीसिया का आहवान करते हुए कहा कि ईसा मसीह के अंहिसा के संदेश को अपनाओ और सही राह पर चलो। इस दौरान बाइबिल पाठ संग प्रार्थना की गई। ऐसे ही सुबह सेंट पाल चर्च में पादरी आदित्य कुमार व पादरी सैम जोशुआ की अगुवाई में पाम संड़े मनाया गय, इस दौरान खचाखच भरा रहा गिरजाघर और खजूर का तबर्रुक लोगों में बांटा गया।  पादरी ने सभा को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि ईसा का जैसा स्वभाव था वैसे ही हम भी अपने स्वभाव को बनाए। उधर पादरी संजय दान की अगुवाई में खजूर की डालियो संग जुलूस निकला। जुलूस में भक्त अपने हाथों में खजूर की डालिया लेकर... मेरे प्यारे यीशु जी, मुक्तिदाता यीशु जी, शांतिदाता यीशु जी, होसन्ना आल्लेलूया। जैसे गीत और ईसा मसीह की जयकार लगाते चल रहे थे। जुलूस लाल गिरजाघर विभिन्न जगहों से होकर लाल गिरजा पहुंचा। यहाँ प्रार्थना सभा में विजय दयाल, एडूज, रोशनी फिलिप्स, शीबा, रोमा फिलिप्स, सुशील बैंजमीन, शैलेष सिंह, पुष्पांजलि सिंह, डेविड आदि मौजूद थे।

 चर्च आफ बनारस की ओर से पादरी बीएन जान की अगुवाई में खजूर की डालियो संग जुलूस निकला। जुलुस विभिन्न जगहों से होकर वापस चर्च आकर सम्पन्न हुआ। इस दौरान हुई प्रार्थना सभा में हुई। प्रार्थना सभा के बाद लोगों में खजूर बांटा गया। ऐसे ही बेटलफूल गॉस्पल चर्च में एंडू थामस की अगुवाई में प्रार्थना सभा का अयोजन किया गया। जिसमें चर्च से जुड़े तमाम लोग मौजूद थे। ऐसे ही गिरजाघर स्थित सेंट थामस चर्च समेत तमाम चर्च में प्रभु ईसा मसीह की स्तुति की गई। इसी के साथ अब 29 को ईसा मसीह का मरण दिवस यानी पुण्य शुक्रवार के रूप में मनाया जाएगा।  

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