बुधवार, 20 मार्च 2024

गुरुवाणी विविध धर्मो के संतों फकीरों की साँझी वाणी - जगजीत कौर




Varanasi (dil India live)। भक्ति व्यक्ति के जीवन से प्रारंभ होकर मृत्यु तक चलने वाली प्रक्रिया है, बिना भक्ति के जीवन अधूरा है। उक्त विचार बुधवार को डीएवी पीजी कॉलेज में चल रहे दो दिवसीय 'हिन्दी भक्ति कविता और पंजाबी का गुरमति साहित्य : प्रभाव एवं अंतः सम्बन्ध' विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में गुरुनानक खालसा स्कूल की निदेशिका श्रीमती जगजीत कौर अहलूवालिया ने समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि कही। हिन्दी विभाग एवं उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी में जगजीत कौर ने कहा कि गुरुग्रंथ साहिब सिख धर्म मे 11 वें गुरु के रूप में स्थापित है। गुरुग्रंथ साहिब एक साँझी बाणी है जो किसी खास को नेतृत्व देने के बजाए सबको नेतृत्व प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि गुरुबाणी में हिन्दी भक्ति के कवियों के साथ साथ विभिन्न मतावलंबियों की बाणी भी शामिल है। कबीर, रविदास, रामदेव, रामानन्द, जयदेव, बाबा फरीद जैसे संतो फकीरों की साझी बाणी के रूप में संकलित है। 

   उन्होंने यह भी बताया कि सिख धर्म का काशी से गहरा संबंध रहा है, पहली उदासी के दौरान लगभग 530 वर्ष पूर्व प्रथम गुरु गुरुनानक देव काशी आये, आज उसी स्थान पर गुरुबाग गुरुद्वारा स्थापित है। नौंवे गुरु तेग बहादुर सिंह भी 7 महीने 18 दिन तक काशी के नीचीबाग में रह चुके है।

विशिष्ट वक्ता उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अरविन्द नारायण मिश्र ने कहा कि गुरुग्रंथ साहिब में उत्तर प्रदेश के पाँच संतो को स्थान मिला है, जिसमे रामानंद ने निर्गुण भक्ति साधना की बात कही है। उनके सिद्धांत समानता के अधिकार की बात कहते है, यही इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। अध्यक्षता करते हए महाविद्यालय के कला संकाय प्रभारी प्रो. मिश्रीलाल ने कहा कि भक्ति कविता और गुरमति साहित्य दोनों ही व्यक्ति के जीवन को परिवर्तित करने की शक्ति रखते है। भक्ति काल की कविताओं का उदय लोकमंगल की भावना से ही हुआ। इसके अलावा विभिन्न सत्रों में सुश्री मांजना शोधार्थी पंजाब ने बाबा फरीद की भक्ति कविता, शोधार्थी विवेक कुमार तिवारी ने भक्ति कविता और पंजाब, हिंदू कन्या महाविद्यालय, सीतापुर की डॉक्टर पल्लवी मिश्रा ने पंजाब में सूफी कविता एवं डॉ. राकेश पांडे ने गुरु ग्रंथ साहिब में भक्ति कविता के संदर्भ में व्याख्यान दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राकेश कुमार द्विवेदी, स्वागत प्रोफेसर समीर कुमार पाठक, रिपोर्ट प्रस्तुति डॉ. नीलम सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर राकेश कुमार राम ने दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रोफेसर ऋचारानी यादव, प्रोफेसर मधु सिसोदिया, डॉ. सीमा, डॉ. संजय कुमार सिंह, डॉ. सोमनाथ पाठक, डॉ. अस्मिता तिवारी, डॉ.विश्वमोली सहित अन्य विभागों के प्राध्यापक उपस्थित रहे।

कल मुकम्मल होगा रमजान का पहला अशरा


रहमत का अशरा पूरा होते शुरू होगा मगफिरत का दूसरा अशरा


Varanasi (dil India live)। मुकद्दस रमज़ान का पहला अशरा रहमत का कल मुकम्मल हो जाएगा। रमजान का रहमत का सफर पूरा होने के साथ ही इस माहे मुबारक का दूसरा अशरा मगफिरत शुरू हो जाएगा।

दरअसल रब ने रमजान को तीन अशरो में बांटा है। पहला अशरा रहमत का, दूसरा आशरा मगफिरत और तीसरा अशरा जहन्नुम से आजादी का होता है। अशरा दस दिन को कहते हैं। कहा जाता है कि रहमत के पहले दस दिन रोज़ादारो पर रब अपनी रहमत बरसाता है। फिर दस दिन मगफिरत का होता है जिसमें अल्लाह रोज़ेदारों की गुनाह माफ कर देता है यानी मगफिरत फरमाता है। इसके बाद रमज़ान के आखिरी अशरे में अल्लाह रोज़ेदारों को जहन्नुम से आज़ाद कर देता है।

यानी जो रमजान का पूरा रोजा रखेगा, तीसो दिन रोजा रखने में कामयाब रहेगा। उसे जहन्नम की आग नहीं खा पाएगी और उसे जन्नत में दाखिल किया जाएगा। रोजेदारों के लिए जन्नत में एक खास दरवाजा बाबे रययान होगा, जिसमें से केवल रोजेदार ही जन्नत में दाखिल होंगे। रमजान के तीन अशरो को जिसने भी कामयाबी से पूरा किया, जैसा कि रब चाहता है तो वो रोज़ेदार जन्नत का हकदार होगा। रब उसे जहन्नुम से आजाद कर देगा।

होली की मुस्कान में महिलाओं ने बांटी खुशियां



Varanasi (dil India live). अखिल भारतीय वैश्य महिला महासम्मेलन एवं स्माइल मुनिया संस्था के तत्वाधान में होली की मुस्कान कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ मौर्या भवन में फूलों की होली खेल सम्पन्न हुआ। संस्थापिका एवं अध्यक्ष ने सभी को रंगों के पर्व की बधाई देते हुए कहा कि फागुन में आपसी प्रेम सहयोग से हम सब जरूरतमंद बच्चों के साथ खुशियां बाटे तो पर्व का आनंद दुगना हो जाता। होली गीत जयंती, प्रीति, निशा, रेखा, इरा ने प्रस्तुत किए। उषा, ममता ने नृत्य प्रस्तुत किया। रुचि, निशा अग्रवाल ने होली पर आधारित मजेदार खेल खिलाए। इस दौरान अस्सी क्षेत्र के 15 बच्चों को त्यौहार के उपलक्ष् में नए वस्त्र, मिठाई ,रंग, टोपी इत्यादि वितरित कर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने का प्रयास किया गया। नीलू,ममता एवं विनीता ने संचालन एवं धन्यवाद सचिव सुशीला जैसवाल ने किया।

आजादी के संघर्ष में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है : जागृति राही


तीन राज्यों के कार्यकर्ताओं को सामाजिक कार्य का दिया गया प्रशिक्षण 

उत्प्रेरक जैसी होनी चाहिए सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका : वल्लभाचार्य पाण्डेय



Varanasi (dil India live)। सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट के तत्वावधान में भंदहा कला (कैथी) ग्राम स्थित संस्था के प्रशिक्षण केंद्र पर आयोजित युवाओं का तीन दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर मंगलवार को सम्पन्न हुआ। 17 से 19 मार्च तक आयोजित शिविर में उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश से आये कुल 30 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। शिविर में प्रशिक्षिका के रूप में बोलते हुए सामाजिक कार्यकर्त्री जागृति राही ने कहा कि एक सामाजिक कार्यकर्ता को जाति, धर्म, संप्रदाय, लिंग, आर्थिक स्थिति जैसे अवरोधों को त्यागते हुए समाज के मुद्दों पर अपनी समझ बनानी चाहिए उसके बाद क्रमशः सामूहिक कोशिश से समस्याओं का समाधान खोजने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने आजादी के संघर्ष से लेकर संविधान निर्माण तक में महिलाओं के योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण में महिलाओं ने बड़ा त्याग किया है।

आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों में बंटे हुए लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, न्याय और सम्मान जैसे मुद्दों पर संगठित करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं को बड़ी भूमिका लेनी होगी जिससे सभी का जीवन खुशहाल हो. एक सामाजिक कार्यकर्ता को एक उत्प्रेरक की भूमिका निभानी चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए।

लोक चेतना समिति के सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि आज युवा पीढ़ी दिग्भ्रमित है उनकी समाज के प्रति कुछ कर्तव्य और जिम्मेदारियां है जिनका निर्वहन करने के लिए उन्हें अपने अधिकारों के साथ साथ कर्तव्यों को भी समझना पड़ेगा। दखल संगठन की डॉ इंदु पांडेय ने महिलाओं को राजनीति में सक्रिय भागीदारी के लिए आगे आने को प्रेरित करने का सुझाव दिया और कहा कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से उन पर होने वाले अत्याचारों में स्वाभाविक रूप से कमी आएगी।

प्रतिभागियों ने शिविर के दौरान चिरईगांव, चोलापुर और आराजीलाइन विकास खंड के कुछ गांवों में भ्रमण करके पंचायती राज द्वारा कराये गये विकास कार्यों का भी अवलोकन किया।

शिविर में सूचना का अधिकार कानून, शिक्षा का अधिकार कानून, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा कानून, आंगन बाड़ी, आशा कार्यकर्त्री, स्वयं सहायता समूह, विद्यालय प्रबंध समिति, भूमि अधिग्रहण कानून, पंचायती राज, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए सरकारी योजनाओं, महिलाओं के अधिकार जैसे मुद्दों पर विशेष रूप से चर्चा की गयी। इस दौरान गंगा किनारे सफाई अभियान भी चलाया गया। प्रशिक्षण शिविर के आयोजन में रोहन, प्रदीप सिंह, अवंतिका, धनञ्जय नीरज, दीन दयाल सिंह आदि मौजूद थे।

मंगलवार, 19 मार्च 2024

सहरी छोड़ने वाले नबी की एक अज़ीम सुन्नत से हो जाते हैं महरूम


Varanasi (dil India live)। जिस महीने में सवाब ही सवाब और बरकतें ही बरकत अल्लाह बंदे पर निछावर करता है। उस मुकद्दस बेशुमार खूबियों वाले महीने को रमज़ान कहा जाता है। रमज़ान महीने का एक और सुन्नतों भरा तोहफा खुदा ने हमें सहरी के रूप में अता किया है। रोज़े में सहरी का बड़ा सवाब है। सहरी उस गिज़ा को कहते हैं जो सुब्ह सादिक से पहले रोज़ेदार खाता है। सैय्यदना अनस बिन मालिक फरमाते हैं कि ‘‘नबी-ए-करीम (स.) सहरी के वक्त मुझसे फरमाते कि मेरा रोज़ा रखने का इरादा है मुझे कुछ खिलाओ। मैं कुछ खजूरें और एक बर्तन में पानी पेश करता।’ इससे पता यह चला कि सहरी करना बज़ाते खुद सुन्नत है और खजूर व पानी से सहरी करना दूसरी सुन्नत है। नबी ने यहां तक फरमाया कि खजूर बेहतरीन सहरी है। नबी-ए-करीम (स.) इस महीने में सहाबियों को सहरी खाने के लिए खुद आवाज़ देते थे। अल्लाह और उसके रसूल से हमें यही दर्स मिलता है कि सहरी हमारे लिए एक अज़ीम नेमत है। इससे बेशुमार जिस्मानी और रुहानी फायदा हासिल होता है। इसलिए ही इसे मुबारक नाश्ता कहा जाता है। किसी को यह गलतफहमी न हो कि सहरी रोज़े के लिए शर्त है। ऐसा नहीं है सहरी के बिना भी रोज़ा हो सकता है मगर जानबूझ कर सहरी न करना मुनासिब नहीं है क्यों कि इससे रोज़ेदार एक अज़ीम सुन्नत से महरूम हो जायेगा। यह भी याद रहे कि सहरी में खूब डटकर खाना भी जरूरी नहीं है। कुछ खजूर और पानी ही अगर बानियते सहरी इस्तेमाल कर लें तो भी काफी है। रमज़ान वो मुकदद्स महीना है जो लोगों को यह सीख देता है कि जैसे तुमने एक महीना अल्लाह के लिए वक्फ कर दिया सुन्नतों और नफ़्ल पर ग़्ाौर किया, उस पर अमल करते रहे वैसे ही बचे पूरे साल नेकी और पाकीज़गी जारी रखो। नबी-ए-करीम (स.) ने फरमाया ‘‘तीन चीज़ों को अल्लाह रब्बुल इज्ज़त महबूब रखता है। एक इफ्तार में जल्दी, सहरी में ताखीर और नमाज़ के कि़याम में हाथ पर हाथ रखना।’ नबी फरमाते हैं कि इस पाक महीने को जिसने अपना लिया, जो अल्लाह के बताये हुए तरीकों व नबी की सुन्नतों पर चल कर इस महीने में इबादत करेगा उसे जन्नत में खुदावंद करीम आला मुक़ाम अता करेगा। यह महीना नेकी का महीना है। इबादत के साथ ही इस महीने में रोज़ेदार की सेहत दुरुस्त हो जाती है। रोज़ेदार अपनी नफ्स पर कंट्रोल करके बुरे कामों से बचा रहता है। ये महीना नेकी और मोहब्बत का महीना है। इस पाक महीने में जितनी भी इबादत की जाये वो कम है क्यों कि इसका सवाब 70 गुना तक अल्लाहतआला बढ़ा देता है, इसलिए कि रब ने इस महीने को अपना महीना कहा है। ऐ पाक परवरदिगार तू अपने हबीब के सदके में हम सबको रमज़ान की इबादत, नबी की सुन्नतों पर चलने की व रोज़ा रखने की तौफीक अता फरमा..आमीन।

     हाफिज मौलाना शफी अहमद

{सदर, अंजुमन जमात रजाए मुस्तफा, बनारस}

सोमवार, 18 मार्च 2024

सेंट पॉल चर्च की जमीन पर कब्जे का प्रयास विफल





Varanasi (dil India live). ऐतिहासिक सेंट पॉल चर्च, सिगरा चर्च की खाली जमीन पर कब्जे का प्रयास एक बार फिर विफल हो गया। कुछ वर्ष पूर्व भी यहां कब्जे की कोशिश की गई थी। मसीही समुदाय की एकजुटता के चलते जमीन पर उस समय भी जेसीबी लेकर पहुंचे लोगों का कब्जा नहीं हो सका था। आज एक बार फिर कब्जा करने के लिए बड़ी संख्या में कुछ लोग पहुंचे थे इस पर स्थानीय लोगों का विरोध देखने के बाद धमकी देते हुए सभी चलते बने। स्थानीय लोगों का कहना है कि वह लोग लखनऊ से आए हुए थे और खाली जमीन पर कब्जे करने की बात कह रहे थे और बोले कि यह जमीन खाली कर दो नहीं तो अगले दिन बड़ी संख्या में हम लोग पहुंचेंगे। इससे पहले उन्होंने चर्च के दरवाजे का ताला तोड़ दिया। लोगों का आरोप है कि वो लोग कभी भी सामने से चर्च कैम्पस में प्रवेश नहीं करते हैं बल्कि पीछे से चर्च कैम्पस में आते हैं। पादरी सैम जोशुआ सिंह व पादरी आदित्य कुमार ने समस्त प्रकरण की रिपोर्ट जिलाधिकारी को आनलाइन सौंपी है। चर्च कम्पाउन्ड के लोगों ने पुलिस द्वारा सहयोग न करने का भी आरोप लगाया है।

रमज़ान जिंदगी जीने का सिखाता है आदाब



Varanasi (dil India live). हिजरी कलैंडर का 9 वां महीना मुक़द्दस रमज़ान है, ये वो महीना है जिसके आते ही फिज़ा में नूर छा जाता है। चोर चोरी से दूर होता है, बेहया अपनी बेहयाई से रिश्ता तोड़ लेता है, मस्जिदें नमाज़ियों से भर जाती हैं। लोगों के दिलों दिमाग में बस एक ही बात रहती है कि कैसे ज्यादा से ज्यादा इबादत की जाये। फर्ज़ नमाज़ों के साथ ही नफ्ल और तहज्जुद पर भी लोगों का ज़ोर रहता है, अमीर गरीबों का हक़ अदा करते हैं, पास वाले अपने पड़ोसियों का, कोई भूखा न रहे, कोई नंगा न रहे इस महीने में इस बात का खास ख्याल रखा जाता है। पता ये चला कि हक़ की जिन्दगी जीने की रमज़ान हमे जहां तौफीक देता है। वहीं गरीबो, मिसकीनों, लाचारों, बेवा, और बेसहरा वगैरह की ईद कैसे हो, कैसे उन्हें उनका हक़ और अधिकार मिले यह रमज़ान ने पूरी दुनिया को दिखा दिया, सिखा दिया। यही वजह है कि रमज़ान का आखिरी अशरा आते आते हर साहिबे निसाब अपनी आमदनी की बचत का ढ़ाई फीसदी जक़ात निकालता है। और दो किलों 45 ग्राम वो गेंहू जो वो खाता है उसका फितरा। सदका-ए-फित्र ईद की नमाज़ से पहले हर हाल में मोमिनीन अदा कर देता है ताकि उसका रोज़ा रब की बारगाह में कुबुल हो जाये, अगर नहीं दिया तो तब तक उसका रोज़ा ज़मीन और आसमान के दरमियान लटका रहेगा जब तक सदका-ए-फित्र अदा नहीं कर देता। रब कहता है कि 11 महीना बंदा अपने तरीक़े से तो गुज़ारता ही हैतो एक महीना माहे रमज़ान को वो मेरे लिए वक्फ कर दे। परवरदिगारे आलम इरशाद फरमाते है कि माहे रमज़ान कितना अज़ीम बरकतों और रहमतो का महीना है इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि इस पाक महीने में कुरान नाज़िल हुआ।इस महीने में बंदा दुनिया की तमाम ख्वाहिशात को मिटा कर अपने रब के लिए पूरे दिन भूखा-प्यासा रहकर रोज़ा रखता है। नमाज़े अदा करता है। के अलावा तहज्जुद, चाश्त, नफ्ल अदा करता है इस महीने में वो मज़हबी टैक्स ज़कात और फितरा देकर गरीबों-मिसकीनों की ईद कराता है।अल्लाह ने हदीस में फरमया है कि सिवाए रोज़े के कि रोज़ा मेरे लिये है इसकी जज़ा मैं खुद दूंगा। बंदा अपनी ख्वाहिश और खाने को सिर्फ मेरी वजह से तर्क करता है। यह महीना नेकी का महीना है इस महीने से इंसान नेकी करके अपनी बुनियाद मजबूत करता है। ऐ मेरे पाक परवर दिगारे आलम, तू अपने हबीब के सदके में हम सबको रोज़ा रखने, दीगर इबादत करने, और हक की जिंदगी जीने की तौफीक दे ..आमीन।

डा. साजिद (लेखक इस्लामिक मामलों के जानकार व दंत चिकित्सक हैं)

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...