सोमवार, 26 अगस्त 2024

इमाम हसन, इमाम हुसैन समेत कर्बला के शहीदों का मना चेहल्लुम

निकला अलम, तुर्बत, दुलदुल व अमारी का जुलूस 






Varanasi (dil India live)। इमाम हसन इमाम हुसैन समेत कर्बला के शहीदों का चेहल्लुम सोमवार को देश दुनिया में अदबो-एहतराम के साथ मनाया गया। इस दौरान मजलिस, जुलूस व फातेहा का आयोजन किया गया। 

वाराणसी में भी शहर भर में विभिन्न अंजुमनों ने चेहल्लुम मनाया। अंजुमन इमामिया के संयोजन में अर्दली बाज़ार के मास्टर जहीर हुसैन के इमामबाड़े  से चेहल्लुम का जुलूस निकला। मौलाना गुलज़ार मौलाई ने मजलिस को खिताब किया। बाद मजलिस अलम, ताबूत, दुलदुल, अली असगर का झूला व अमारी का जुलूस  निकला जो अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ, पुनः उसी इमामबाड़े में सम्पन्न हुआ।

जुलूस अर्दली बाजार की मुख्य सड़क पर पहुंचने पर रांची से आए मौलाना तहजीबुल हसन ने नूरानी तकरीर की। जुलूस में अंजुमन अंसारे हुसैनी, अंजुमन हुसैनिया, अंजुमन जादे आखिरत, अंजुमन पैगामे हुसैनी ने नौहाखवानी व मातम करते चल रही थी। मौलाना तौसीफ अली ने जुलुस का परिचय कराया तो संचालन मौलाना बाकर रजा बलियाबी ने किया।

जगह जगह मोमनिनों के लिए पानी, शर्बत और अल्पाहार (तबरुक) वितरण किया जा रहा था। पूरा इलाका काले  कपड़ों पर लिखें श्लोक से पटा था।

जुलूस को सकुशल संपन्न कराने में एस एम जाफर, ज़फ़र अब्बास, फसाहत हुसैन बाबू, सुजात रुस्तम, इरशाद हुसैन, शददू, हसन मेंहदी कब्बन, दिलकश रिज़वी, तनवीर मेंहदी, राहिल नकवी, रियासत हुसैन, विक्की जाफरी, सबील हैदर, फैजान हुसैन, अमन मेंहदी, नजफ अब्बास ने मुख्य भूमिका अदा की।

उधर हजरत इमाम हुसैन की याद में 400 साल कदीमी काली तुरबत का अलम उठाया गया। चेहल्लुम के जुलूस इमामबाड़ा कच्चीसराय दालमंडी से मुतवल्ली   सैयद इकबाल हुसैन, लाडले हसन की देखरेख में इमामबाड़े से नौहाखवानी व मातम करते हुए उठाया गया। अंजुमन जावादिया की अगुवाई में जुलूस दालमंडी, नई सड़क, फटाक शेख सलीम, काली महाल, पितरकुंडा होते हुए दरगाहे फातमान जाकर सम्पन्न हुआ। अंजुमन के नौहाखां अफाक हैदर, साजिद हुसैन, कविश बनारसी का लिखा नौहा गूंजी है कर्बला में सदा मैं हुसैन हूं, नाना मेरे रसूले खुदा मैं हुसैन हूं... पेश किया तो तमाम लोगों ने मातम का नज़राना पेश किया। ऐसे ही कई नौहे फिज़ा में बुलंद हो रहे थे।

जुलूस में मुख्य रूप से जरगम हैदर, शकील हुसैन जैदी, हैदर मौलाई, शाहीन हुसैन, शारिक हुसैन, शरीफ जीशान, बादशाह अली, सकलैन हैदर, मसकन हैदर, रेहान हुसैन, शाह आलम, इमरान हुसैन आदि मौजूद थे। जुलूस का संचालन शकील अहमद जादूगर ने किया।

उधर वक़्फ मस्जिद व इमामबाड़ा  मौलाना मीर इमाम अली व मेहंदी बेगम गोविंदपूरा छत्तातले से ताजिया व अलम का चेहलुम का कदीमी जुलूस अपनी परंपराओं के अनुसार मुतवल्ली  सैयद मुनाज़िर हुसैन 'मंजू' के ज़ेरे एहतमाम उठा।जुलूस उठने के पूर्व मौलाना ने मजलिस पढ़ते हुए कर्बला में इमाम हुसैन व उनके साथियों की शहादत का जिक्र किया I जुलूस उठने पर कब्बन व शुजात खान व साथियो ने सवारी पढी - "जब गोरे गरीबा से वतन में हरम आए" I जुलूस नया चौक, गुदड़ी बाजार होते हुए दालमंडी स्थित हकीम काजिम के  इमामबाड़ा पहुँचा जहां से ज़ुलजनाह शामिल हुए और अंजुमन हैदरी चौक बनारस ने नौहाखवानी व मातम कियाI

जुलूस दालमंडी, खजूर वाली मस्जिद, नई सड़क, शेख सलीम फाटक, तुलसी कुआं, काली महल, पितरकुंडा होते हुए लल्लापुरा स्थित फ़ातमान पहुँच कर समाप्त हुआ। ऐसे ही गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, चौहट्टा लाल खां, दोषीपुरा, रामनगर आदि इलाकों में भी फातेहा, मजलिसे हुई और इमाम हुसैन का चेहल्लुम मनाया गया। देर रात तक शिया इमामबाड़ों और घरों से दर्द भरे नौहों की सदाएं बुलंद हो रही थी।

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