बाबू बोला अधिकारी के कहने पर लिया पैसा
Varanasi (dil India live)। रोडवेज के बाबू को एंटी करप्शन टीम ने 50 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है, हालांकि पकड़े गए बाबू ने कहा कि अधिकारी के कहने पर पैसा लिया।
पुलिस की मानें तो बाबू रियाजउद्दीन ने नौकरी ज्वाइन करवाने के लिए मिर्जापुर के संविदा कर्मचारी से 50 हजार रुपए मांगे थे। फिलहाल, एंटी करप्शन की टीम उसे लेकर सिगरा थाने पहुंची है। जहां केस दर्ज किया गया। एंटी करप्शन के अधिकारियों के अनुसार मिर्जापुर के रहने वाले रमेश कुमार मिश्रा ने एंटी करप्शन ब्यूरो वाराणसी से सम्पर्क साधा था। ऑफिस पहुंचकर उन्होंने लिखित शिकायत करते हुए बताया था कि वह परिवहन विभाग में कार्यरत है। उसके तबादले के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिट याचिका में ज्वाइनिंग का आदेश दिया था। इस संबंध में आरोपी बाबू रियाजुद्दीन द्वारा ज्वाइनिंग के लिए रुपए की डिमांड की जा रही है। इसपर हमने मामले की जांच करवाई तो मामला सही निकला।
अधिकारियों ने बताया- गुरुवार को पीड़ित रमेश को 50 हजार रुपए देकर रियाजुद्दीन से मिलने के लिए भेजा और एंटी करप्शन के अधिकारी भी आस-पास ही सादे वेश में मौजूद रहे। जैसे ही रियाजुद्दीन ने पैसा पकड़ा उसे पकड़ा लिया गया और जब उसका हाथ धुलाया गया तो वह लाल हो गया। फिलहाल, उसे सिगरा थाने लाया गया है। जहां आवश्यक लिखा पढ़ी के बाद के उसे जेल भेजने की तैयारी है।
इस दौरान सिगरा थाने पर आरोपी कनिष्क लिपिक रियाजुद्दीन ने आरोप लगते हुए बताया - मेरा इससे कुछ लेना देना नहीं है। मै छोटा कर्मचारी हूं इसलिए मुझे फंसाया जा रहा है। आरएम साहब ने मुझे कल ही बुलाकर कहा था कि रमेश आएगा, जो की संविदा ड्राइवर है। वह 50 हजार रुपया देगा उससे लेकर रख लेना। वहीं हुआ आज दोपहर में नमाज पढ़ने गया हुआ था। उसी दौरान रमेश का फोन आया तो उसने कहा कि वो ऑफिस आ गया है तो मैंने कहा नमाज पढ़ के आता हूं। नमाज पढ़ के पहुंचा तो रमेश ने मुझे पैसे दिए जिसे मैंने जेबे में रख लिया। उसी दौरान कुछ लोग आये और उन्होंने मुझे पकड़ लिया।
इस संबंध में सिगरा थाने पर पहुंचे पीड़ित रमेश कुमार मिश्रा ने बताया कि वो चंदौली डिपो पर संविदा ड्राइवर हैं। चुनाव की ड्यूटी में मेरा वाहन क्षतिग्रस्त हो गया था जबकि मेरी गलती नहीं थी। इसके बाद मेरा ट्रांसफर उन्होंने विन्ध्यनगर डिपो में कर दिया। इस पर हम क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा के पास पहुंचे तो उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी। इस पर हमने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहां से यह आदेश हुआ कि उक्त ड्राइवर को उसी डिपों में नियुक्त किया जाए।
रमेश ने बताया- इस आदेश के बाद कई बार मै आरएम कार्यालय और बाबू के पास दौड़ा पर मेरी सुनवाई नहीं हुई। अंत में इन्होंने कहा कि एक लाख रुपए लगेंगे। इसपर मैंने कहा कि गरीब आदमी हूं और संविदाकर्मी हूं कैसे दे पाऊंगा। तो इन लोगों ने 50 हजार रुपए देने को कहा जो मैं अपने मौसा जी से लेकर आया लेकिन मेरे एक दोस्त ने इसकी शिकायत की बात कही और हमने एंटी करप्शन में लिखित शिकायत की जिसके बाद आज यह कार्रवाई हुई है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें