मंगलवार, 14 सितंबर 2021

जानिये मुनि विशद सागर ने अपने प्रवचन में क्या दिया संदेश

दूसरों के सुख का कारण बनो और दुख में भागीदार  

  • पर्यूषण महापर्व का पंचम दिवस
  • उत्तम सत्य धर्म पुष्पदन्त भगवान का मोक्ष कल्याणक मना

वाराणसी 14 दिसंबर (दिल इंडिया लाइव)। श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में मंगलवार को प्रातः भगवान पार्श्वनाथ जी की तीर्थस्थली भेलुपूर में जैन पर्युषण पर्व के विशेष अवसर पर धर्म के १० लक्षणों पर व्याख्यान माला का आयोजन किया जा रहा है ।



 शृंखला के अंतर्गत दशलक्षण पर्व के पांचवें दिन “उत्तम सत्य धर्म “ पर व्याख्यान प्रवचन देते हुए आचार्य मुनि  १०८ विशद सागर जी महाराज ने कहा -“ सत्य धर्म से तात्पर्य सिर्फ़ सत्य वचन बोलना ही नहीं है , सत्य धर्म और सत्य वचन दोनों भिन्न भिन्न है । झूठ नहीं बोलना , जैसा देखा - सुना- जाना वैसा बोलने को सत्य कहा जाता है ।सत्य स्वभावी आत्मा के अनुभव से , आत्मा में जो शांति स्वरूप वीतराग परिणति उत्पन्न होती है उसे सत्य धर्म कहते हैं ।” आचार्य श्री ने कहा -“ मेरे भगवान कहते हैं - किसी के सुख का कारण बनो , भागीदार नहीं और दुख में भागीदार बनो , कारण नहीं ।अतीत के बारे में अधिक मत सोचो , यह आँसू लाता है । भविष्य के बारे में भी अधिक मत सोचो यह भय लाता है । आज के पल को मुस्कुराहट के साथ जीए , यह आनंद लाता है। हमेशा सत्य के रास्ते पर चलें , सत्य को परेशान ज़रूर होना पड़ता है लेकिन सत्य कभी पराजित नहीं होता । सत्य ही ईश्वर है। जो सत्य की राह पर चलता है वह हमेशा निर्भीक रहता है । सत्य हमेशा विजयी होता है ।सत्यवान की गाथा युगों-युगों तक गयी जाती है । 



मंगलवार को प्रातः मंदिरों में श्री 1008 पुष्पदन्त भगवान का मोक्ष कल्याणक मनाकर श्रीजी की शान्ति धारा की गई। नौवें तीर्थंकर पुष्पदन्त जी के मोक्ष कल्याणक पर निर्वाण लड्डू भी अर्पित किया गया। प्रातः नगर की अन्य जैन मंदिरों में प्रक्षाल, महा मंत्र का जाप, जिनवाणी स्तुति की गई। सायंकाल शास्त्र प्रवचन, तीर्थंकरो की आरती के साथ जिनवाणी या आरती थाल सजाओ प्रतियोगिता भी आयोजित हुई। 

आयोजन में प्रमुख रूप से दीपक जैन,  राजेश जैन, विनय जैन,  प्रताप चंद जैन, अरुण जैन, रत्नेश जैन, विनोद जैन, तरुण जैन, विजय जैन आदि उपस्थित थे।

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