गुरुवार, 28 सितंबर 2023

Jain Mandir's में आकिंचन धर्म पर हुआ प्रवचन

आकिंचन धर्म मोह-माया का  सिखाता है 'त्याग'

दशलक्षण महापर्व का नौंवा दिन अंनत 'चतुर्दशी' पूजन प्रारंभ 





Varanasi (dil India live). 28.09.2023. श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में बुधवार को प्रातः जैन मन्दिरो में चौबीसों तीर्थंकरो की पूजा प्रक्षाल किया गया. पर्व के नौंवे दिन रत्नत्रय स्थापना, नंदीशवर दीप पूजा, दशलक्षण पूजा, सोलह कारण व्रत पूजा, स्वयंभू स्त्रोत पूजा के साथ अनन्त चतुर्दशी पूजन भी प्रारंभ हुआ. भगवान पार्श्वनाथ की जन्म कल्याणक भूमि भेलूपुर सायंकाल नौवें अध्याय "उत्तम आकिंचन धर्म पर प्रवचन करते हुए प्रो: फूल चन्द्र प्रेमी ने कहां कि उत्तम आकिंचन हमें मोह-माया का त्याग करना सिखलाता है. इससे आत्मा को शुद्ध बनाया जा सकता है. खोजंवा स्थित जैन मंदिर में डॉ मुन्नी पुष्पा जैन ने कंहा कि भव सूख से विरक्त आत्म वैभव में रमण करना आकिंचन धर्म है. प्रो: अशोक जैन ने कंहा कि पाप का उदय कब और कहा आ जाए, गति का बदं कब हो जाए, आयु का अंत कब किस समय हो जाए, हमें मालूम नहीं इसलिए हमें अपने भाव मन और कर्म को हमेशा शुद्ध रखना चाहिए. 

ग्वाल दास साहू लेन स्थित जैन मन्दिर में पं. सुरेंद्र जैन ने कहां कि सिद्धांत: तो हमारा कुछ नही है, नश्वर वस्तु तो हमारी हो ही नहीं सकती. शास्वत वस्तु हमारे पास से जा नहीं सकती. सायंकाल भजन, जिनवाणी पूजन, तीर्थंकरों की आरती के साथ कई धार्मिक आयोजन किये गए. अध्यक्ष दीपक जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन, विनोद जैन,संजय जैन, आर सी जैन, प्रधान मंत्री अरूण जैन, समाज मंत्री तरूण जैन उपस्थित थे.

बुधवार, 27 सितंबर 2023

Aamina k लाल का जश्न, रौशन हुआ सारा जहां

आमीना का लाल देखो जगमग-जगमग करता...

नबी की पैदाइश के जश्न में हर तरफ नूर की बारिश

फिजा में गूंजते रहे नबी की शान में कलाम












Varanasi (dil India live).27.09.2023.इस्लाम धर्म के आखिरी पैगम्बर, हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स.) की यौमे पैदाइश की खुशी और जश्न बुधवार की रात से ही शुरू हो गया जो पूरी रात चलता रहा। जुमेरात को अल सुबह मरकजी दावते इस्लामी की ओर से जुलूसे मोहम्मदी सलाम और कलाम पेश करते हुए रेवडीतालाब से निकाला जाएगा। जिसमें शहर भर की अंजुमने शिरकत करेंगी। वहीं बुधवार को मुस्लिम बाहुल्य इलाके रौशनी और सजावट से इतराते नज़र आये। इस दौरान सारा जहां नबी की मोहब्बत और अकीदत लुटाता नज़र आया। हर तरफ नूर की बारिश और डायसों से नबी की शान में कलाम पेश किया जा रहा था। जहां शायरों का जज्बा और जुनून देखते ही बन रहा था। अर्दली बाज़ार मुख्य रोड पर मौलाना शमशुद्दीन साहब की अगुवाई में तकरीर और नातिया मुशायरा देर रात शुरू हुआ जिसमें शायर कलाम पेश करते दिखाई दिए। मध्यरात्रि तक शायरों के कलाम फिजा में खुशबू बिखेरते नजर आएं। यहां नबी की शान में एक से एक उम्दा कलाम गूंजता रहा। उधर मरकजी यौमुन्नबी कमेटी की ओर से ईद मिलादुन्नबी पर, आज किसकी आमद से हर तरफ उजाला है, आखिरी पैयंबर है और नूर वाला है... व, आमीना का लाल देखो जगमग जगमग करता है...। जैसे कलाम सुनाई दिए। यह सिलसिला समाचार लिखे जाने तक जारी था। 

इससे पहले बेनियाबाग के पूर्वी छोर हड़हा मैदान से मरकजी यौमुन्नबी कमेटी ने जुलूस निकला यह जुलूस नबी की आमद की खुशी में इस्लामी तराना पेश करते हुए सराय हाड़हा, छत्तातले, नारियल बाजार, दालमंडी, नई सड़क, मस्जिद खुदा बख्श, कुरैशबाग मस्जिद, उस्ताद बिसमिल्लाह खान मार्ग होकर बंशीधर कटरा पहुंचा। जुलूस की अगुवाई कमेटी के अध्यक्ष शकील अहमद बबलू, पूर्व चेयरमैन अल्पसंख्यक आयोग कर रहे थे। जुलूस के बाद मौलाना ज़कीउल्लाह असदुल कादरी ने नबी की सीरत पर रौशनी डालते हुए उनके मौज्जों को बयां किया। कहा कि नबी की 63 साल की जिंदगी पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। उन्होंने जिस इस्लाम की नींव रखी थी वो आज पूरी दुनिया में दरख्त बनकर लहरा रहा है। जरुरत है कि हम नबी के बताए हुए रास्तों पर चलें। इस दौरान महमूद खां, आगा कमाल, राशिद सिददीकी, रेयाज़ अहमद नूर, मो. इमरान, मोहम्मद अबरार खान, शकील अहमद सिद्दीकी, अब्दुल अलीम, इमरान अहमद, दिलशाद अहमद दिल्लू, अजहर आलम अज्जू, गुडडू आदि मौजूद थे। ऐसे ही अर्दली बाजार, पक्की बाजार, मकबूल आलम रोड, नदेसर, लल्लापुरा, हबीबपुरा, नई सड़क, दालमंडी, सराय हड़हा, रेवड़ी तालाब, मदनपुरा, गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, शक्कर तालाब, जलालीपुरा, कोयला बाजार, पीलीकोठी, बड़ी बाजार आदि इलाकों में विद्युतीय सजावट की गई थी जहां नबी के जश्न के कलाम की गूंज फिजा में खुशबू बिखेर रही थी।

EID MILADUNNABI यानी पैगंबरे इस्लाम की यौमे वेलादत का जश्न

ईद मिलादुन्नबी का महत्व और इतिहास भी जानिए 


Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). 27.09.2023. दुनिया भर में आज ईद-मिलादुन्नबी का जश्न मनाया जा रहा है. मजहबे इस्लाम में पैगंबर हजरत मोहम्मद स. के जन्मदिन को ईद मिलादुनन्बी या ईद-ए-मिलाद के रूप में मनाया जाता है. दरअसल रबीउल अव्वल की 12 वीं तारीख को ही हजरत मोहम्मद (स.) की यौमे पैदाइश (जन्म) हुआ था. इसीलिए मुस्लिम इस दिन को जश्न के रूप में मनाते हैं. इस खास मौके पर रात भर मस्जिदों मुहल्लों में इबादत होती हैं और जलसा (इस्लामिक सभा) का आयोजन किया जाता है जिसमें हजरत मोहम्मद (स.) की शान में नातिया कलाम व नज़्म अकीदतमंद पेश करते हैं. कई जगहों पर जुलुसे मोहम्मदी निकाले जाते है. इस दिन मस्जिद व घरों में कुरान को खास तौर पर पढ़ा जाता है और गरीबों में जरूरत की चीजें खैरात व सदका की जाती हैं.

पैगंबर मोहम्मद (स.) की पैदाइश

पैगंबर मोहम्मद (स.) का जन्म अरब के शहर मक्का में 571 ईस्वी में 12 रबीउल अव्वल को सुबह सादिक के वक्त हुआ था. नबी की पैदाइश की सुबह अरब में हर तरफ नूर की बारिश हो रही थी. इस्लामी किताबों में आया है जैसी सुबह उस दिन थी वैसी ना तो कभी सुबह हुई न ही फिज़ा में कभी ऐसी ताजगी देखी गई. 

पैगंबर हजरत मोहम्मद (स.) के जन्म से पहले ही उनके वालिद का इंतकाल (निधन) हो चुका था. जब वह 6 वर्ष के थे तो उनकी वालिदा जनाबे आमीना का भी इंतकाल हो गया. मां के इंतकाल के बाद पैगंबर मोहम्मद स. अपने चाचा अबू तालिब और दादा अबू  मुतालिब के साथ रहने लगे. इनके पिता का नाम अब्दुल्लाह और माता का नाम बीबी आमिना था. अल्लाह ने सबसे पहले पैगंबर हजरत मोहम्मद को ही पवित्र कुरान अता की थी.  इसके बाद ही पैगंबर हजरत मोहम्मद (स.) ने पवित्र कुरान का पैगाम दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाया.

मंगलवार, 26 सितंबर 2023

Jain Dharam: पर्युषण पर्व के आंठवे दिन मना "उत्तम त्याग धर्म"

जैन मंदिर में ''निपाह'' वायरस रोकथाम को हुआ शांतिधारा


Varanasi (dil India live). 26.09.2023. श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में चल रहे पर्युषण महापर्व पर मंगलवार को प्रातः सभी जैन मंदिरो में सभी तपस्वीयों के तप की अनुमोदना की गई। जैन मन्दिरो में रत्नत्रय व्रत पूजन, भगवंतो की पूजा, अंरहतो की पूजा व अभिषेक किया गया। क्षमावाणी महामंडल विधान में भक्ति संगीत के साथ मंत्रोच्चारण के साथ श्रावक-श्राविकाए तल्लीन रहे। ग्वाल दास लेन स्थित मन्दिर में निपाह वायरस की जल्द रोक थाम के लिए व श्रृदधी-सिद्धी-वृद्धि प्रदायक, रोग-शोक-बाधा निवारक, सुख-समृद्धि प्रदायक विशेष पूजन मंत्रोच्चारण के साथ की गई। चन्द्रपुरी स्थित भगवान चन्द्र प्रभु के जन्म कल्याणक भूमि पर सविधी पूजन अर्चन किया गया। ग्वाल दास लेन व भेलूपुर स्थित जैन औषधालय में निशुल्क दवाईया, टीका, ब्लडप्रेशर व सुगर की जांच की गई, पक्षियो को दाना एवं पानी दिया गया। सायंकाल भेलूपुर स्थित मन्दिर में अष्टम अध्याय "उत्तम त्याग धर्म" पर व्याख्यान देते हुए प्रो: फूल चन्द्र प्रेमी ने कंहा कि आत्म शान्ती के लिए त्याग की आवश्यकता है। यदि मेघा पानी, पेड़-पौधे फल-फूल और प्राण वायु का त्याग ना करे। गाय दूध, पृथ्वी खनिज आदि का त्याग ना करें तो प्राणी का धरती पर रहना संभव नही है। 

खोजंवा स्थित जैन मंदिर मे डां मुन्नी पुष्पा जैन ने कहा कि त्याग एक महान धर्म है। प्रो: अशोक जैन ने कहां जैन धर्म में बताये गये चारो दानो को-औषधी, (शास्त्र)  विद्या, अभय-खुद जीयो और दूसरो को भी जीने दो। आहार दान-साधु-सन्तो को आहार कराना, जरूरतमंदो को अन्न दान करना। ग्वाल दास लेन स्थित मन्दिर में पं. सुरेंद्र शास्त्री ने कंहा कि त्याग धर्म शब्द-त्यज धातु से बना है जिसका अर्थ है छोड़ना, परित्याग करना, मुक्त करना, दान करना। सायंकाल मंत्रो का जाप, भगवंतो की आरती की गई। प्रमुख रूप से अध्यक्ष दीपक जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन, प्रधान मंत्री अरूण जैन, तरूण जैन, वीरेंद्र जैन, मनोज पोद्दार, मंजू जैन, शोभारानी जैन उपस्थित थी।

Jain Mandir's में पर्युषण पर्व के सांतवें दिन-"उत्तम तप धर्म" पर प्रवचन

तप जल प्रपात है जो आत्मा को पवित्र कर देता है

जैन मंदिरों में उमड़ा आस्था का हुजूम 





Varanasi (dil India live). 25.09.2023. श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में चल रहे 10 दिवसीय दशलक्षण पर्व के सांतवे दिन सोमवार को प्रातः से नगर की समस्त जैन मन्दिरो में जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक-पूजन, रत्नत्रय व्रत पूजन के साथ अंरहत,सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय, साधु परमेषठी को मंगलाचरण के रूप में प्रणाम किया गया. नरिया स्थित जैन मन्दिर में प्रातः 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर की दिव्य मनोहरी प्रतिमा का विधि-विधान से प्रक्षाल किया गया. भगवान पार्श्वनाथ जन्म सथली भेलूपुर में 10 दिवसीय क्षमावाणी महामंडल विधान काफी संख्या में महिलाए, पुरूष संस्कृत का श्लोक पढ़कर श्री जी भगवान को श्री फल अर्पित कर अर्ध्य समर्पित किया.

सायंकाल भेलूपुर स्थित जैन मंदिर में सातवें अध्याय "उत्तम तप धर्म " पर व्याख्यान करते हुए प्रो: फूल चन्द्र प्रेमी ने कंहा- घर परिवार छोड़कर जंगलो में जाना ही तप नही है. तप का लक्ष्य कर्म क्षय एवं इच्छाओ का विरोध है. इस लक्ष्य के साथ-साथ जो अन्तरंग और बहिरंग प्रकार से तपस्या करता है,,वह कर्मो का प्रायश्चित करने में समर्थ होता है. व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया तप पतन की ओर ले जाने वाला है. 

खोजंवा स्थित जैन मंदिर में  प्रवचन करते हुए डॉ मुन्नी पुष्पा जैन ने कहां- जिसके अंदर दया, धर्म, अहिंसा, तप और त्याग है वह वह सर्वागीण सुन्दर है और धर्मात्मा है। प्रो: अशोक जैन ने कहां- कर्म बंधन से छुटकारा पाने के लिए एक ही उपाय है, राग द्वेष अतीत बनो, वीतरागी बनो. अंहिसा, अभय,तपस्या, अस्तेय, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य और सदाचार से आत्मा को जीता जा सकता है. तभी शान्ती मिलेंगी और शान्ति है तो निर्माण.

ग्वाल दास लेन स्थित जैन मंदिर में पं सुरेंद्र शास्त्री ने कंहा- आत्मा को स्वर्ण बनाना है तो इसे तपना होगा। मनुष्य का जीवन एक दर्पण के समान होता है, समय-समय पर शुद्ध-अशुद्ध कर्मो की धूल की परतें जमती रहती है. अतः तप द्वारा ही शुद्ध एवं सर्वागीण सुन्दर बनाया जा सकता है. तपस्या से ही आत्म-स्वरूप की प्राप्ति होती है. भूमि जितनी तपती है उतनी ऊपजाऊ होती है. तप रूपी साधना से ही आत्मा को पवित्र किया जा सकता है. सायंकाल जैन मंदिरो में शास्त्र प्रवचन, जिनवाणी पूजन, तीर्थंकरो की आरती की गई।आयोजन में प्रमुख रूप से दीपक जैन, राजेश जैन, संजय गर्ग, आलोक जैन, अशोक जैन, सौरभ जैन, ध्रुव कुमार जैन, डां जे के सांवरिया, प्रदीप जैन, प्रमोद बागडा उपस्थित थे.

Eid-a-Zehra की खुशियों में डूबे मुस्लिम

सजाई महफिलें, मनाई खुशियां 


Varanasi (dil India live). 25.09.2023. नौ रबीउल अव्वल को शिया मुसलमानों ने पूरी दुनिया की तरह बनारस में भी ईद ए ज़ेहरा की खुशियां मनाई. शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने बताया कि दुनिया के सभी मुसलमान मुहम्मद साहब और उनके परिवार वालो की खुशी में ख़ुशी और ग़म में ग़म मनाते है. 9 रबीउल अव्वल को मुख्तार ए सकाफी ने इमाम हुसैन के कातिलों का सर इमाम सज्जाद को भेजा था. अपने पिता और परिवार वालों के कातिलों का सर देख कर इमाम सज्जाद और जनाब ए ज़ैनब दोनों ही मुस्कुराये थे. इसी दिन को ईद ए ज़हरा के रूप में मनाया जाता है. इसी  दिन इमाम ए ज़माना की ताजपोशी पर दुआख्वानी भी हुई. शिया बहुल इलाकों में खुशियों का माहौल रहा. गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, दोषीपुरा, पितरकुण्डा, दालमण्डी, कालीमहाल व अरदली बाजार आदि क्षेत्रों में लोगों ने नज़्र दिलाई और गरीबों को खाना खिलाया. सदर इमामबाड़ा दरगाहे फ़ातमान पहुंच कर लोगों ने रौज़ों को सजाया। शहर में कई तरफ महफ़िल आयोजित हुई रेहान, दिलकश ग़ाज़ीपुरी, बाकिर बलियावी, शाद सिवानी, अतश, अतहर, मेहदी, कम्बर, रौशन आदि शायरों ने कलाम पेश किया. आज के दिन शायरों के साथ श्रोताओं के भी  स्वागत पुष्पगुच्छ से किया गया.

EID MILADUNNABI 2023 : मरकजी यौमुन्नबी कमेटी निकालेगी जुलूस

नबी की आमद की खुशी में होगा आमीना के लाल जिक्र


Varanasi (dil India live). 25.09.2023. ईद मिलादुन्नबी पर पूरी रात नबी की आमद की खुशी में आमीना के लाल जिक्र होगा. नातिया कलाम, सजावट और मिलाद के साथ ही जुलूस भी निकाला जाएगा. सुबह 12 रबीउल अव्वल को नबी की आमद का जश्न मनाया जाएगा.
मरकजी यौमुन्नबी कमेटी के सदर पूर्वमंत्री शकील अहमद बबलू व महामंत्री हाजी महमूद खां ने दालमंडी स्थित मुस्लिम मुसाफिरखाने में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि 11 रबीउल अव्वल 27 सितंबर को मरकजी यौमुनन्बी कमेटी ईद-मिलादुन्नबी की खुशी मनाएगी. एक सवाल के जवाब में बताया कि इस बार बेनिया बाग़ पार्क के निर्माण हो जाने के कारण मरकज का डायस बेनिया रोड स्थित बंशीधर कटरे पर लगेगा. पहले मरकज का स्टेज नवाब युसुफ के बेनियाबाग वाले कुएं पर लगता था। 11 रबीउल-अव्वल को नबी की पैदाइश की पूर्व संध्या पर होने वाले कार्यक्रम के सम्बन्ध में दोनों ने बताया कि मरकज़ का जुलूस हड़हा मैदान से उठकर अपने कदीमी रास्तो से होता हुआ फाटक शेख सलीम से गुज़रता हुआ मरकज़ के स्टेज पर आएगा जहां मौलाना जकीउल्लाह साहब की सदारत में नातिया मुकाबला शुरू होगा जो पूरी रात चलता रहेगा. जश्ने ईद मिलादुन्नी का आगाज हाफ़िज़ क़ारी अब्दुल्लाह और हाफ़िज़ क़ारी साजिद रहमानी पाक कुरान की तेलावत से करेंगे. दूसरे रोज शाम में दालमंडी स्थित ताज होटल के पास विजेता अंजुमनो को इनाम-ओ-एकराम से नवाज़ा जायेगा. इस दौरान पुलिस प्रशासन के साथ यौमुनन्बी कमेटी की शांति व्यवस्था को लेकर बैठक हुई. बैठक में एसीपी दशाश्वमेघ अवधेश कुमार पाण्डेय, इस्पेक्टर चौक शिवाकांत मिश्रा ने मरकज़ की कमेटी के साथ बैठक कर कार्यक्रम की पूरी रूप-रेखा को समझा और सभी को ईद-ए-मिलाद्दुन्न्बी की मुबारकबाद देते हुवे एसीपी दशाश्वमेघ अवधेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि आप सभी अमन और सौहार्द के साथ पर्व मनाए. किसी भी तरह की नई परम्परा कायम न होने दे. इस मौके पर पत्रकार वार्ता में मुख्य रूप से इमरान अहमद, राशिद सिददीकी, दिलशाद अहमद दिल्लू, अजहर आलम अज्जू, आगा कमाल, इमरान खान, अबरार खान, रियाज़ अहमद नूर, राशिद इकबाल, हाजी ग्यासु, हाजी यासीन, शकील अहमद सिददीकी आदि मौजूद थे.

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...