शास्त्र और शिक्षा के समन्वय से महिला कल्याण: प्रो. हरेराम
नेक कार्य करने के लिए कोई मुहुर्त नहीं: ज्वाइंट सीपी सुभाष दुबे
वाराणसी (dil India ive)। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि जहां चाह वहां राह है। हम कोई भी काम करते हैं तो वहां कोई न कोई राह निकल ही आता है। आज के दौर में कठिन से कठिन कार्य करने के लिए महिलाएं पूरी तरह से सक्षम हैं। हर सफल पुरुष के पीछे एक नारी ही होती है। कहा कि किसी परिवार में यदि मां शिक्षित होती है तो दो परिवार शिक्षित होता है। पिता यदि शिक्षित होता है तो एक परिवार शिक्षित होता है। रविवार को वे सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पाणिनी भवन सभागार में विश्वविद्यालय और दीक्षा महिला कल्याण शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संस्था के छठवें स्थापना दिवस व पुरस्कार वितरण समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थी।
उन्होंने कहा कि कहा कि आज के बदलते परिवेश में शिक्षा की जो स्थिति है, उसमें बच्चा पढ़ना नहीं चाहता है और गुरु पढ़ना नहीं चाहते हैं। इसको बदलने की जरुरत है। भगवान भी अपने गुरु को प्रणाम करते हैं। सही मायने में देखा जाय तो हमारी पहली गुरु मां ही होती है। गर्भ में भी रह कर बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं। हमने तो महिलाओं को गर्भ संस्कार भी कराया। महिलाओं को बताया कि गर्भावस्था में कैसे रहना चाहिए। कहा कि मेरी पांचवीं पुस्तक महिला सशक्तिकरण पर आ रही है। उन्होंने दो पंक्तियों- कोई न समझे अबला हमको हम सृष्टि की नारी है... के साथ समापन किया।
अध्यक्षता करते हुए सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बहुत ही सरल तरीके से शास्त्र और शिक्षा को महिला के कल्याण जोड़ते हुए बताया कि किस तरह से हमारे शास्त्रों में नारी को देवी का दर्जा दिया गया है और उनकी उपस्थिति को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। भारत के अंदर पौराणिक काल में महिलाओं को श्रेष्ठ दर्जा प्राप्त था, क्योंकि वे अपने अधिकारों को लेकर सजग रही। उन्होंने दीक्षा महिला कल्याण शोध संस्थान के कार्यों की सराहना की और कहा कि हर किसी को महिलाओं और बेटियों के उद्थान के लिए कार्य करना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि ज्वाइंट सीपी कमिश्नरेट वाराणसी आईपीएस सुभाष दुबे ने कहा कि नेक कार्य करने के लिए कोई मुहुर्त नहीं होता है। निश्चित रुप से समाज के जो कमजोर तबके के बच्चों को संस्था शिक्षा की ओर प्रेरित कर रही है। इससे ज्यादा पुण्य कार्य और कुछ नहीं हो सकता है। अच्छा कार्य करने का जब संकल्प लेते हैं तभी आप जीवन में सफल हो सकते हैं। कहा कि जब जागो तभी सबेरा। कहा गया है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। संगोष्ठी को डाॅ. आरके चैधरी, दीपक बजाज, ई. अशोक यादव, डाॅ. विजय यादव, प्रमिता सिंह, डाॅ. सोमनाथ सिंह और पंकज राजहंस ने भी संबोधित किया। स्वागत संस्था की अध्यक्ष संतोषी शुक्ला और संचालन नेहा तिवारी ने किया।
बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम ने मोहा अतिथियों मन
इसके पहले कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर की। इसके पश्चात् नन्हें-मुन्हें बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। कार्यक्रम अतुल्य भारत, गल्र्स एजुकेशन और स्वालंबन पर केन्द्रीत रही। जिसमें बच्चों ने नृत्य और नाटक की प्रस्तुति के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। बच्चों की प्रस्तुति को देखकर अतिथियों ने उनकी खुब सराहना की।
अव्वल बच्चों को किया गया पुरस्कृत
स्थापना दिवस के अवसर पर संस्था ने तीन विद्यालयों में कक्षा तीन से पांच के बच्चों के बीच चित्रकला और छह से आठ के बीच सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया था। जिसमें चिल्ड्रेन एकेडमी लहुराबीर से चित्रकला प्रतियोगिता में कक्षा तीन से लीजा अजीज अंसारी, अन्वी सिंह और श्रुति पाण्डेय, चार से समृद्धि, तनीषा, अक्षत और कक्षा पांच से वैभव, तनीषा और अंकिता ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार सामान्य ज्ञान में कक्षा छह से नमन, आरव, उज्ज्वल, कक्षा सात सूर्यांश, अवनीष, जान्हवी और कक्षा आठ से रिद्धिमा, इशिरा और अंश प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्राप्त किये। डीएवी इंटर काॅलेज सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में कक्षा छह से नमन, श्रेष्ठ, प्रतिभा, कक्षा सात अब्दुल, अंकित, यश और कक्षा आठ से चैतन्या, निखिल और उज्ज्वल प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे। चिल्ड्रेन एकेडमी कमच्छा से चित्रकला कक्षा तीन में आराध्या, अमिरा, सार्थक, कक्षा चार में सगुन, इशिता, रिषिता और कक्षा पांच में आयशा, अब्दुल और मोहक क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे। सामान्य ज्ञान में कक्षा छह से प्रथम स्थान पर सिद्धांत, द्वितीय स्थान पर रूपांगी और दिशा तथा तृतीय स्थान पर श्रद्धा रही। कक्षा सात में प्रथम स्थान पर अर्नव, द्वितीय स्थान पर ईशी व मोहम्मद अनस तथा तृतीय स्थान पर अब्दुल्लाह सादिया रही। कक्षा आठ में प्रथम विराट, द्वितीय तनिष्का सेन और तीसरे स्थान का पुरस्कार प्रकृति और निखिल को प्राप्त हुआ।
सामाजिक क्षेत्र के लोगों का भी सम्मान
इस दौरान सामाजिक क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देेने वाले लोगों का भी सम्मान हुआ। जिसमें दुर्जेन्द्र पाण्डेय, नागेन्द्र पाल, मुकेश सिंह, आशुतोष सिंह, राजन तिवारी, श्रद्धा पाण्डेय, डाॅ. सुधीर यादव, डाॅ. राम सिंह, डाॅ. राज यादव, सर्वेश पाण्डेय, ममता राय, सोनम जायसवाल, शोभा चैरसिया, श्वेता श्रीवास्तव, उपेन्द्र जायसवाल, दिलीप खन्ना, दीपू शुक्ला, ऋषिकांत सिंह, नेहा तिवारी, मनोज गुप्ता, अभिषेक मिश्रा, सोनू, ज्योति गुप्ता, डीवी भट्टाचार्या, कोमल गुप्ता, शालिनी गोस्वामी और डाॅ. राजलक्ष्मी को विशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया गया।