शनिवार, 30 अप्रैल 2022

बाल विवाह रोकथाम के लिए निकाली जन जागरूकता रैली


हिमांशु राय
Ghazipur (dil India live )। मिशन शक्ति 4.0 के तहत महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को बाल विवाह रोकथाम को लेकर ब्लॉक स्तर पर स्कूली बच्चों के साथ प्रभात फेरी करने और जागरूकता रैली निकालने के लिए शासन से निर्देश आया था। जिस के क्रम में जनपद के 6 ब्लॉक मरदह, बिरनो, जखनिया, मनिहारी, सदर और देवकली में जागरूकता रैली के लिए विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी।

जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार ने बताया कि अक्षय तृतीया के मौके पर बाल विवाह करने की परंपरा सालों से चली आ रही है। इसी परंपरा को रोकने और लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए इस तरह के आयोजन का शासन से निर्देश मिला था। जिस के क्रम में सुनीता सिंह मरदह, सुशील मिश्रा एवं मनीष राय बिरनो, चाइल्ड हेल्पलाइन गाजीपुर जखनिया, प्रियंका प्रजापति प्रभारी सेंटर मैनेजर मनिहारी, नेहा राय महिला कल्याण अधिकारी सदर, गीता श्रीवास्तव संरक्षण अधिकारी देवकली में ड्यूटी लगाई गई थी। इन सभी लोगों ने सुबह 8 बजे बीआरसी पर तैनात खंड शिक्षा अधिकारी के देखरेख में जागरूकता रैली निकाली।

महिला कल्याण अधिकारी नेहा राय ने सदर में खंड शिक्षा अधिकारी नगर अशोक गौतम के देखरेख में जागरूकता रैली निकाली। जो प्राथमिक विद्यालय विशेश्वरगंज से होते हुए मिश्र बाजार के साथ ही अन्य इलाकों में भ्रमण करते हुए और बाल विवाह पर रोकथाम के लिए लोगों को संदेश देते हुए वापस प्राथमिक विद्यालय विशेश्वरगंज पर आकर खत्म हुई। इस दौरान खंड शिक्षा अधिकारी नगर अशोक गौतम ने बताया कि आज के रैली का 2 महत्व है। पहला तो बाल विवाह पर रोकथाम के लिए जन जागरूकता करना। साथ ही स्कूल चलो अभियान के तहत बालिकाओं को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना।

आज है शनि अमावस्या

संकल्प संस्था ने किया खिचड़ी का वितरण



वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। आज शनि अमावस्या है। इस अवसर पर सामाजिक संस्था संकल्प द्वारा शनिवार 30 अप्रैल  को प्रातः कन्हैयालाल गुलालचंद सर्राफ़ चौक में श्रद्धालुओं के लिए खिचड़ी वितरण किया गया। जहां श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में खिचड़ी का पारण किया। इस मौके पर संकल्प संस्था के संरक्षक अनिल कुमार जैन ने बताया कि शनिवार को पड़ने वाली अमवस्या का विशेष महत्व माना जाता है और किसी कार्य को करने के लिये अत्यन्त शुभ तिथि माना जाता है. इस अवसर पर पूजा, तीर्थ, स्नान, दान आदि का विशेष महत्व है. वही शनि की उपासना करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। इस अवसर पर विष्णु जैन, लव जी अग्रवाल, रविमोहन अग्रवाल (अंशु), अमित श्रीवास्तव, मनीष आदि का विशेष सहयोग रहा।


मच्छर जनित बीमारियों पर सीधा होगा वार

वेक्टर सर्विलान्स टीम का किया गया गठन 

  • संक्रामक व आउटब्रेक की स्थिति में पूरे क्षेत्र का करेंगे भ्रमण व निगरानी

  •  मलेरिया विभाग के स्वास्थ्यकर्मियों की एक दिवसीय कार्यशाला




Varanasi (dil India live )। संचारी रोगों पर काबू पाने के लिए विभाग प्रत्येक स्तर पर प्रयास कर रहा है। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत शनिवार को मुख्य चिकिसा अधिकारी कार्यालय सभागार में सीएमओ डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन में मलेरिया विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की एक दिवसीय एंटोंमोलॉजिकल (कीट वैज्ञानिक) कार्यशाला व प्रशिक्षण का आयोजन किया गया | इसके साथ ही जनपद स्तरीय वेक्टर सर्विलान्स टीम का गठन किया गया, जो संक्रामक एवं आउटब्रेक की स्थिति में मंडलीय टीम के साथ उस क्षेत्र का भ्रमण कर निगरानी का कार्य करेगी। 

   कार्यशाला में सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बेसिक हेल्थ वर्कर (बीएचडबल्यू), स्वास्थ्य पर्यवेक्षक तथा मलेरिया विभाग के अधिकारी व कर्मचारी शामिल थे। कार्यशाला में जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पांडे एवं वाराणसी मंडल के जोनल एंटोंमोलॉजिस्ट व बायोलोजिस्ट डॉ. अमित कुमार सिंह ने मच्छरजनित बीमारियों से संबंधित विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उन्होंने इनके प्रकार, पहचान, जीवन चक्र, हाउस इंडेक्स, कंटेनर इंडेक्स, मच्छरों का घनत्व, लार्वा का घनत्व निकालने के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। इसके साथ ही मच्छर पनपने वाले स्रोतों की खोज तथा उनका निवारण कर लोगों को इन बीमारियों से बचाव के बारे में भी समझाया | 

   वाराणसी व आजमगढ़ मण्डल के लिए मंडलीय टीम का गठन जोनल एंटोंमोलॉजिस्ट व बायोलोजिस्ट डॉ. अमित कुमार सिंह के नेतृत्व में किया गया है। प्रत्येक जनपद स्तरीय टीम में एक मलेरिया/फाइलेरिया निरीक्षक, एक कीट संग्रहकर्ता और एक स्वास्थ्य पर्यवेक्षक को शामिल किया गया है। डॉ अमित ने बताया कि वेक्टर जनित रोगों का संचरण काल इसी मौसम में होता है जिससे विभिन्न प्रकार के संचारी व मच्छर जनित रोगों का प्रसार होता है। संचरण काल में अधिकांश रोगी ग्रामों एवं नगरीय क्षेत्रों से सूचित होते हैं जिनके पर्यवेक्षण एवं सघन निरीक्षण की आवश्यकता होती है। बुखार के रोगियों का समय से पर्यवेक्षण, सघन निरीक्षण एवं सतत निगरानी द्वारा ही वेक्टर जनित रोगों के आउट ब्रेक की स्थिति को रोका जा सकता है।    

  इस दौरान जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, कालाजार, चिकनगुनिया के कारण, लक्षण आदि के बारे में विस्तार से बताया। इसके साथ ही टीम को मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए संबंधित विभागों और सामुदायिक योगदान के बारे में बताया। उन्होने बताया कि मच्छरजनित बीमारियों से बचने का सबसे बेहतर उपाय है कि पूरे बांह के कपड़े पहनें, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, मच्छररोधी क्रीम लगाएं, घर में मच्छररोधी अगरबत्ती का इस्तेमाल करें । घरों में कीटनाशकों का छिड़काव करें, खुली नालियों में मिट्टी का तेल डालें जिससे मच्छरों के लार्वा न पनपने पाएं। मच्छरों के काटने के समय शाम व रात को घरों और खिड़कियों के दरवाजे बंद कर लें। हर शनिवार व रविवार को लार्वा पनपने वाले स्रोतों का निवारण करें। इन उपायों के बावजूद अगर लक्षण दिखें तो मलेरिया की जांच करवा कर इलाज करवाएं। सभी ग्रामीण व शहरी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों, हेल्थ वेलनेस सेंटर व चिकित्सालयों पर निःशुल्क जांच व उपचार की सुविधा मौजूद है।

Chand raat: तेरे एक दीदार से होगी चाहने वालो कि ईद

चांद रात कल, दीदार की रहेगी सभी को बेचैनी
Varanasi (dil India live )। रमज़ान की 29 वीं तारीख इतवार चांद रात है। अगर चांद का दीदार हो जाता है तो हिजरी कलैंडर के 10 वें महीने शव्वाल का आगाज़ हो जायेगा और मुस्लिम ईद की खुशियां सोमवार को मनायेंगे। इस दौरान चांद देखने के लिए लोगों में बेताबी रहेगी। चांद देखने के लिए घरों, मस्जिदों-इबादतगाहों की छत और मैदान में रोज़ेदारों की भीड़ जुटेगी। अगर चांद नहीं दिखाई देता है, तो सोमवार चांद रात होगी और मंगलवार को ईद मनायी जायेगी।

चांद दिखे तो यहां करें इत्तेला

अगर आपने 29 वीं रमज़ान का चांद देखा है तो आपकी जिम्मेदारी है इसकी जानकारी उलेमाओं या फिर चांद कमेटी को दें। ताकि ईद का सही ऐलान किया जा सके। क्यों कि उलेमा आपकी तस्दीक पर ही ईद का ऐलान करते हैं। मर्द हो या ख्वातीन ईद का चांद जरूर देखे।

नबी के दौर से है चांद की रवायत 

चांद देखने की रवायत इस्लाम में सैकड़ों साल कदीमी है। जब नबी-ए-करीम (स.) ने मक्का से मदीना हिजरत किया और अपने नबी होने का ऐलान किया था। तभी हिजरी सन् की शुरुआत चांद देखकर हुई। इसलिए चांद के दीदार से ही इस्लामी हिजरी महीने का आगाज़ होता है। चांद देखने का सवाब भी है। नबी-ए-करीम (स.) फरमाते हैं कि पांच महीने का चांद देखना वाजिबे केफाया है। इसमें शाबान, रमज़ान, शव्वाल, ज़ीकादा और जिल्हिज्जा शामिल है। यानी जिसने, इन महीनों का चांद देखा उसके नाम और आमाल में नेकिया लिखी जायेगी। हिजरी माह 29 या 30 का होता है। इस्लाम में 28 या 31 तारीख का कोई वजूद नहीं है। इसलिए हर साल अंग्रेजी कलैंडर से तकरीबन 10 दिन कम हो जाता है और ईद कभी गर्मी में तो कभी बरसात और सर्दी में पड़ती है।


ईद की खरीदारी में काटन का तड़का

गली-मुहल्लों से लेकर मॉल तक पहुंची ईद की खरीदारी


Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live )।  मोमिनीन ने आज सहरी करके 28 वां रोज़ा मुकम्मल करेंगे। अलविदा जुमा सम्पन्न होने के बाद अब सुबह से ही बाज़ार में भारी भीड़ उमड़ी हुई है। बनारस के सभी बाज़ार खरीदारों से गुलज़ार हैं। गली मुहल्लों से लेकर मॉल तक में ईद की खरीदारी अपने शबाब दिखाई दे रही है।बाजार के ब्रांडेड वस्त्र ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं। यूथ में ब्रांडेड कपंनियों के कपड़ों की खरीदारी करने को ज्यादा उत्सुकता दिख रही हैं। आयशा सूट घर, के इसार अख्तर बताते हैं कि लेडिज कपड़ो की खरीदारी दोपहर से लेकर रात तक हो रही है। भीषण गर्मी के चलते सभी का ज़ोर काटन पर है। लडकियों की पहली पंसद पटियाला सूट, पैंट, पलाजो, गाउन फ्राक, शरारा कमिज, लहंगा चोली आदि की अत्यधिक डिमांड है। 

दरअसल अलविदा जुमे का मतलब ही होता है कि अब रमज़ान रुख्सत हो रहा है और ईद आएगी। यही वजह है कि अलविदा जुमा बीतते ही तमाम मोमिनीन ईद की तैयारियों को अब अंतिम रुप देने में लग जाते हैं। ज्यादातर लोग दोपहर में एसी मार्केट का रुख कर रहे हैं। जैसे ट्रेंड, स्पेंसर्स, वी मार्ट, विशाल मेगा मार्ट, जालान आदि में भीड़ उमड़ रही है तो शाम में परम्परागत बाज़ारों का रोज़ेदार रुख कर रहे हैं। रोज़ा खोलने के बाद से देर रात तक दालमंडी, नई सड़क, दशाश्वमेध, चौक, गुरुबाग, अर्दली बाज़ार आदि में लोगों की भी ड़ जुट रही है। यहीं नहीं भीषण गर्मी के चलते काफी ऐसे लोग हैं जो भीड़ और गर्मी से बचने के लिए गली-मुहल्लों से ईद की खरीदारी कर रहे हैं। जैसे बड़ी बाज़ार, पीलीकोठी, मदनपुरा की गलियांं, बजरडीहा, अर्दली बाज़ार की गलियों में खरीदारी करते दिख जा रहे हैं। बाज़ार ही नहीं गली-मुहल्लों में भी ईद की रौनक है। इसको लेकर युवा वर्ग कुर्ता पाजामा, कालीदार कुर्ता पाजामा, खान ड्रेस की अधिक डिमांड है। 

Eid Mubarak: मेल-जोल व खुशियां बांटने का नाम है ईद

 



Varanasi (dil India live )। अरबी में किसी चीज़ के बार-बार आने को उद कहा जाता है उद से ही ईद बनी है। ईद का मतलब ही वो त्योहार है जो बार-बार आये। यानी जिसने रोज़ा रखा है उसके लिए ईद बार-बार आएगी। ईद तोहफा है उनके लिए जिन्होंने एक महीना अपने आपको अल्लाह के लिए वक्फ कर दिया। यही वजह है कि रमज़ान और ईद एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अगर रमज़ान होता और ईद न होती तो हमें शायद इतनी खुशी न होती। इस्लाम कहता है कि रमज़ान के बाद जब ईद आये तो इस बात का पता करो कहीं कोई रो तो नहीं रहा है, कोई ऐसा घर तो नहीं बचा है जहां ईद के लिए सेवईयां न हो। कोई पड़ोसी भूखा तो नहीं है। अगर ऐसा है तो उसकी मदद करना हर साहिबे नेसाब पर वाजिब है।

खासकर छोटे-छोटे बच्चे जिन्हें किसी से कोई लेना देना नहीं होता मगर वो इसलिए खुश होते हैं कि रमज़ान खत्म होते ईद आयेगी, ईदी मिलेगी। इसे ईद-उल-फित्र भी कहते हैं क्यों कि इसमें फितरे के तौर पर 2 किलों 45 ग्राम गेंहू जो हम खाते हो उसके दाम के हिसाब से घर के तमाम सदस्यों को सदाका-ए-फित्र निकालना होता है। दरअसल ईद उसकी है जिसने रमज़ान भर इबादत किया और कामयाबी से रमज़ान के पूरे रोज़े रखे। नबी-ए-करीम (स.) ईद सादगी से मनाया करते थे। इसलिए इस्लाम में सादगी से ईद मनाने का हुक्म है। एक बार नबी (स.) ईद के दिन सुबह फज्र की नमाज़ के बाद घर से बाज़ार जा रहे थे कि आपको एक छोटा बच्चा रोता हुआ दिखाई दिया। नबी (स.) ने उससे कहा आज तो हर तरफ ईद की खुशी मनायी जा रही है ऐसे में तुम क्यों रो रहे हो? उसने कहा यही तो वजह है रोने की, सब ईद मना रहे हैं मैं यतीम हूं, न मेरे वालिदैन है और न मेरे पास कपड़े और जूते-चप्पल के लिए पैसा। यह सुनकर नबी (स.) ने उसे अपने कंधों पर बैठा लिया और कहा कि तुम्हारे वालिदैन भले नहीं हैं मगर मैं तुम्हे अपना बेटा कहता हूं। नबी-ए-करीम (स.) के कंधे पर बैठकर बच्चा उनके घर गया वहां से तैयार होकर ईदगाह में नमाज़ अदा की। जो बच्चा यतीम था उसे नबी-ए-करीम (स.) ने चन्द मिनटों में ही अपना बेटा बनाकर दुनिया का सबसे अमीर बना दिया। इसलिए ईद आये तो सभी में आप भी खुशियां बांटे, सबको खुशी दें, सही मायने में तभी आपकी ईद होगी। अल्लाह ताला सभी को रोज़ा रखने की तौफीक दे ताकि सभी की ईद हो जाये..आमीन।

                           डा. मो. आरिफ

{लेखक मुस्लिम मामलो के जानकार व इतिहासकार}

शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022

जेसीआई इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने वाराणसी में जेसीआई के कार्य को सराहा

जेसीआई इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पहुंचे काशी


Varanasi (dil India live ) । जेसीआई इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जेसी दीदारजीत सिंह लोटे का वाराणसी में जेसीआई काशी शिवा एवं जेसीआई काशी शिव गंगा ने भव्य स्वागत किया। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने वाराणसी में हो रहे जेसीआई इंडिया के अनुसार कार्य कर रहे जेसीआई काशी शिवा द्वारा कराये गए कायो को खूब सराहा । उन्होंने कहा कि शिवा द्वारा चलाये जा रहे परमानेंट प्रोजेक्ट 'मुस्कान' जहां निःशुल्क कंप्यूटर प्रैक्टिकल प्रोग्राम का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे प्रशिक्षण के पश्चात् रोजगार भी मिलेगा साथ ही साथ सिलाई , कटिंग के साथ प्रैक्टिकल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहां का निरीक्षण किया और वो अत्यंत प्रसन्न एवं संतुष्ट् हुये। उन्होंन जेसीआई काशी शिवा के अध्यक्ष जेसी

गौरव मेहरोत्रा को साधुवाद दिया। इसके पूर्व उन्होंने काशी धाम में बाबा विश्वनाथ जी का दर्शन पूजन किया और विश्वनाथ कॉरिडोर सेअत्यंत प्रभावित दिखे । तत्पश्चात रथयात्रा क्टथथत होटल डपंि

बलूची मेंकाययक्रम का उद् घाटन दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ जहां जेसीआई काशी डशवा व्काशी

डशव गंगा के अध्यक्षोंनेअपनेद्वारा डकयेजा रहेव्यक्टितव डवकास प्रडशक्षण एवं सामाडजक कायो

का एक ररपोटयप्रस्तुत डकया डजसेराष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेइसकी भूरी भूरी प्रसंशा की और ऐसेही कायय

करतेरहनेके डलए बल डदया तथा अपनेद्वारा हर तरह का सहयोग देनेका आश्वासन डदया ।

इस अवसर पर जेसीआई इंडिया के पूवयराष्ट्रीय अध्यक्ष जेसी संजय कपूर, पूवयराष्ट्रीय

उपाध्यक्ष जेसी रडव प्रकाश गुप्ता, मंिल ३ के मंिलाध्यक्ष जेसी डहमांशुअग्रवाल, मंिल ३ की

उपाध्यक्ष जेसी वसुंधरा जी , जेसीआई काशी डशवा के पूवयअध्यक्षोंके अडतररि जेसी काशी डशव

गंगा की अध्यक्ष जेसी नीतूडसंह, जेसी साररका , जेसी डसद्धाथयगुप्ता,जेसी पंकज नागवंशी, जेसी

राहुल चौरडसया , जेसी नरेश चौरडसया,जेसी डसद्धाथयकपूर, जेसी ज्योडत भरद्वाज,जेसी धीरज

प्रजापडत, जेसी डवकास मेहरा, जेसी सपशयमेहरोत्रा, जेसी यश चौधरी आडद लोग उपक्टथथत रहें

अलविदा जुमा पर भी रहम नहीं

थोड़ी थोड़ी देर पर हो रही बिजली कटौती

उपमुख्यमंत्री शहर में फिर भी हुई कटौती, रोजेदारों परेशान

Varanasi (dil India live )। वरुणा पार इलाके में भीषण गर्मी और उपमुख्यमंत्री के शहर में होने के बावजूद इन दिनों नागरिक, रोजेदारों को जबरदस्त बिजली संकट झेलना पड़ा रहा है। यहां तक कि अलविदा जुमा पर भी रहम नहीं किया गया। थोड़ी थोड़ी देर पर बिजली कटौती होती रही। ऐसा लगता है कि विद्युत विभाग पूरी तरह से मस्त है उनको जनता की समस्या से कोई लेना देना नहीं है।

विद्युत समस्या का जिक्र करते हुए महानगर कांग्रेस उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू, कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेंहदी कब्बन, क्षेत्रीय पार्षद वो अर्दली बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष विनय शादेजा  ने संयुक्त रूप से कहा कि इन दिनों इन इलाकों में सुबह से लेकर शाम तक अनगिनत बिजली काटी जा रही है। 

हद तो तब हो गई दिन भर तो अनगिनत बिजली काट दी जाती है लेकिन शाम को रोजा खोलने के समय लगभग 5:30 से 6:30 के बीच बिजली कटना निश्चित है। जब इस संबंध में जे इ अंबिका यादव से फोन कर वार्ता की गई तो उनका कहना था कि अभी बहुत व्यस्त है और फोन काट दिया। उक्त नेताओं ने कहा कि रोजा खोलने के समय बिजली जानबूझकर काटी जा रही है क्योंकि प्रतिदिन रोजा खोलने का समय बिजली अवश्य कटती है तो क्या यह समय लोकल फाल्ट के लिए निर्धारित है।

उक्त नेताओं ने अविलंब विद्युत विभाग के एमडी से विद्युत कटौती की रोक लगाने की मांग की है विशेषकर सुबह सहरी और शाम को रोजा खोलने के समय विद्युत कटौती पर रोक लगाई जाए। उक्त नेताओं ने कहा कि दिनभर उमस भरी गर्मी धूप की वजह से शाम को ही लोग खरीदारी करने निकलते हैं और उसी समय बिजली काट दी जाती है जिससे व्यापारियों का धंधा भी चौपट हो रहा है। आज उपमुख्यमंत्री सर्किट हाउस में थे इसके बावजूद लगातार बिजली कटौती होती रही।

अलविदा जुमा: रब को लाखों नमाज़ियों ने किया सिजदा

दुआ: ऐ अल्लाह, हिन्दुस्तान में अमन और तरक्की दे...आमीन 

-इमाम साहेबान की अपील: गरीबों को सदका-ए-फित्र व ज़कात जल्द करें अदा



Varanasi  (dil India live )।  ऐ अल्लाह तू अपने हबीब के सदक़े में इस मुल्क में अमन और तरक्की दे, जो लोग परेशानहाल हैं उनकी परेशानी दूर कर, जो बेरोज़गार हैं उन्हें रोज़गार दे, जो बेऔलाद हैं उन्हें औलाद दे, जिसने रमज़ान में रोज़ा रखा इबादत की उसे कुबुल कर जो नहीं रख सकें उन्हें हिदायत दे, की वो आगे अपनी जिंदगी इबादत में गुजारे। अलविदा जुमे को नमाज़ के बाद मस्जिद ईदगाह लाटशाही में जब इमाम हाफिज़ हबीबुर्रहमान ने कुछ ऐसी ही दुआएं की तो तमाम लोग...आमीन, कह उठें। इस दौरान इमाम साहब ने कहा कि रब के बताए हुए रास्ते पर चल कर ही हमें कामयाबी मिल सकती है। जो रास्ता नबी ने दिखाया वहीं रास्ता अमन, इल्म, इंसानियत और मोहब्बत का रास्ता है। जो इस रास्ते पर चलेगा वही दीन और दुनिया दोनों में कामयाब होगा। इस दौरान शहर भर की तमाम मस्जिदों में अलविदा नमाज़ पर खुतबा पढ़ा गया, अलविदा, अलविदा माहे रमज़ा अलविदा, तेरे आने से दिल खुश हुआ था, तेरे जाने से दिल रो रहा है अलविदा, अलविदा माहे रमज़ा अलविदा...। इस दौरान मस्जिद कम्मू खां डिठोरी महाल में मौलाना शम्सुद्दीन साहब, मस्जिद मुग़लिया बादशाह में मौलाना हाफिज़ हसीन अहमद हबीबी, मस्जिद लंगड़े हाफिज़ में मौलाना ज़कीउल्लाह असदुल क़ादरी, मस्जिद शक्कर तालाब में मौलाना मोइनुद्दीन अहमद फारुकी प्यारे मियां, मस्जिद बुलाकी शहीद अस्सी में मौलाना मुजीब, मस्जिद खाकी शाह में मौलाना मुनीर, मस्जिद उस्मानिया में मौलाना हारुन रशीद नक्शबंदी व मस्जिद वरुणापुल में मौलाना अहमद नस्र ने नमाज़ अदा करायी। ऐसे ही बनारस की तकरीबन पांच सौ मस्जिदों में अकीदत के साथ नमाज़े अलविदा अदा की गयी। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली। 

अल्लाह का शुक्र किया अदा

इस्लाम धर्म के लोगों ने इस दिन अल्लाह की इबादत के साथ इस बात का शुक्र अदा किया कि उन्हें माह-ए-रमजान में रोजा रखने, तरावीह पढ़ने और अल्लाह की इबादत करने का रब ने मौका दिया। अब पता नहीं अगली बार यह मौका मिलेगा या नहीं।

जकात, फितरा देने में करें जल्दी

इस दौरान मस्जिदों से इमाम साहेबान ने रोजेदारों से अपील किया कि पिछला, ज़कात देने में जल्दी करें ताकि गरीबों की भी ईद हो जाते।

Post office: अधिकारियों का स्वागत और विदाई

वाराणसी परिक्षेत्र में अब नये डाक अधीक्षक, हुआ स्वागत



Varanasi(dil india live)। वाराणसी डाक परिक्षेत्र में अधिकारियों के स्थानांतरण पर विदाई और स्वागत समारोह का क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजन किया गया। कैण्ट स्थित पोस्टमास्टर जनरल कार्यालय में सहायक निदेशक (प्रथम) श्री राम मिलन को अधीक्षक डाकघर, जौनपुर मंडल के पद पर स्थानांतरण पर भावभीनी विदाई दी गई। वहीं, जौनपुर मंडल से श्री पीसी तिवारी द्वारा अधीक्षक डाकघर, वाराणसी पश्चिमी मंडल पद पर और श्री ब्रजेश शर्मा द्वारा पोस्टमास्टर जनरल कार्यालय में सहायक निदेशक (प्रथम) का पद भार सँभालने पर डाककर्मियों द्वारा हार्दिक स्वागत किया गया। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने सभी अधिकारियों को उनके नए दायित्वों के लिए शुभकामनाएं दीं और मनोयोग से कार्य करने के लिए प्रेरित किया। 

इस अवसर पर वाराणसी पूर्वी मंडल के प्रवर अधीक्षक डाकघर  राजन राव, सहायक निदेशक (द्वितीय) कृष्ण चंद्र, सहायक लेखा अधिकारी संतोषी राय, सहायक डाक अधीक्षक आरके चौहान, निरीक्षक डाक श्रीकांत पाल, इंद्रजीत पाल, शशिकांत कन्नौजिया, प्रमोद कुमार, राजेंद्र यादव, श्रीप्रकाश गुप्ता, अजिता, अभिलाषा, राहुल वर्मा, राकेश कुमार सहित तमाम अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कुमारी अजिता ने किया।

गुरुवार, 28 अप्रैल 2022

काशी के सौहार्द ने किया था बादशाह कुतुबुद्दीन ऐबक को प्रभावित

बनारस के गोविन्दपुरा में सबसे पहले मनी थी ईद  

ईद पर दोनों मजहब के लोगों की अलग-अलग पहचान करना था मुश्किल

Aman

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। ईद मिल्लत और मोहब्बत का त्योहार है। सभी जानते हैं कि हफ्ते भर चलने वाले इस महापर्व से हमें खुशी और एकजुटता का पैगाम मिलता है, मगर कम लोग जानते हैं कि ईद का ऐतिहासिक पक्ष क्या है। इस्लामिक विद्वान मौलाना अज़हरुल क़ादरी ने ईद की तवारीखी हैसियत पर रौशनी डालते हुए बताया कि सन् 2 हिजरी में सबसे पहले ईद मनायी गयी। पैगम्बरे इस्लाम नबी-ए-करीम हज़रत मोहम्मद (स.) का वो दौर था। उन्होंने सन् 2 हिजरी में पहली बार ईद की नमाज़ पढ़ी और ईद की खुशियां मनायी। उसके बाद से लगातार आज तक पूरी दुनिया में ईद की नमाज़े अदा की जाती है और लोग इसकी खुशियों में डूबे नज़र आते हैं।

जहां तक बनारस में ईद के त्योहार का सवाल है, इतिहासकार डा. मोहम्मद आरिफ तथ्यो को खंगालने के बाद बताते हैं कि बनारस में गोविन्द्रपुरा व हुसैनपुरा दो मुहल्ले हैं जहां सबसे पहले ईद मनायी गयी थी। वो बताते हैं कि हिन्दुस्तान में मुसलमानों के आने के साथ ही ईद मनाने के दृष्टांत मिलने लगते हैं। जहां तक बनारस की बात है यहां मुस्लिम सत्ता की स्थापना से पूर्व ही मुस्लिम न सिर्फ आ चुके थे बल्कि कई मुस्लिम बस्तियां भी बस गयी थी। दालमंडी के निकट गोविन्दपुरा और हुसैनपुरा में ईद की नमाज़ सबसे पहले पढ़े जाने का संकेत तवारीखी किताबों से ज़ाहिर है।

इतिहासकार डा. मोहम्मद आरिफ बताते हैं कि जयचन्द की पराजय के बाद बनारस के मुसलमानों की ईद को देखकर बादशाह कुतुबुद्दीन ऐबक को उस दौर में आश्र्चर्य हुआ था कि ईद की नमाज़ के बाद बनारस में जो सौहार्दपूर्ण माहौल दिखाई दिया था उसमें उन्हें हिन्दू-मुसलमान की अलग-अलग पहचान करना मुश्किल था। यह बनारसी तहज़ीब थी जो देश में मुस्लिम सत्ता की स्थापना के पूर्व ही काशी में मौजूद थी। जिसने एक नई तहज़ीब, नई संस्कृति हिन्दुस्तानी तहज़ीब को जन्म दिया। तब से लेकर आज तक ईद की खुशियां बनारस में जितने सौहार्दपूर्ण और एक दूसरे के साथ मिलकर मनाया जाता है उतना अमनों-सुकुन और सौहार्दपूर्ण तरीके से दुनिया के किसी भी हिस्से में ईद नहीं मनायी जाती।

ईद का इस्लामी पक्ष

प्रमुख इस्लामी विद्धान मौलाना साक़ीबुल क़ादरी कहते हैं कि ईद रमज़ान की कामयाबी का तोहफा है। वो बताते हैं कि नबी का कौल है कि रब ने माहे रमज़ान का रोज़ा रखने वालों के लिए जिंदगी में ईद और आखिरत के बाद जन्नत का तोहफा मुकर्रर कर रखा है। यानि रमज़ान में जिसने रोज़ा रखा है, इबादत किया है नबी के बताये रास्तों पर चला है तो उसके लिए ईद का तोहफा है।

दूसरों को खुशिया बांटना है पैगाम

आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां फाजिले बरेलवी पर रिसर्च करने वाले प्रमुख उलेमा मौलाना डा. शफीक अजमल की माने तो ईद का मतलब केवल यह नहीं कि महीने भर जो इबादत करके नेकियों की पूंजी एकत्र किया है उसे बुरे और बेहूदा कामों में ज़ाया कर देना बल्कि ईद का मतलब है कि दूसरों को खुशियां बांटना। अपने पड़ोस में देखों कोई भूखा तो नहीं है, किसी के पास पैसे की कमी तो नहीं है, कोई ऐसा बच्चा तो नहीं जिसके पास खिलौना न हो, अगर इस तरह की बातें मौजूद है तो उन तमाम की मदद करना फर्ज़ है। मौलाना शफी अहमद कहते हैं कि दूसरो की मदद करना ईद का सबसे बड़ा मकसद है तभी तो रमज़ान में जकात, फितरा, खैरात, सदका बेतहाशा निकालने का हुक्म है ताकि कोई गरीब, मिसकीन, फकीर नये कपड़े से महरुम न रह जाये। ईद की खुशी में सब खुश नज़र आयें। यही वजह है कि ईद पर हर एक के तन पर नया लिवास दिखाई देता है।  

ईद ग्लोबल फेस्टिवल

एक माह रोज़ा रखने के बाद रब मोमिनीन को ईद कि खुशियो से नवाज़ता है, आज वक्त के साथ वही ईद ग्लोबल फेस्टीवल बन चुकी है जो टय़ूटर, वाट्स एप, स्टेलीग्राम से लेकर फेसबुक तक पर छायी हुई है।

जिला कारागार पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

168 मरीजों का किया गया स्वास्थ्य परीक्षण


गाज़ीपुर (दिल इंडिया लाइव)। शासन के द्वारा जिला जेल में बंदियों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं गंभीर रूप से पीड़ित बंदियों के ईलाज का निर्देश दिया गया है। जिस के क्रम में प्रतिमाह जिला अस्पताल की एक टीम जिला कारागार पहुंचकर बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण करती है। इसी के क्रम में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेश सिंह के निर्देश पर 4 डॉक्टरों की टीम जिला कारागार पहुंचकर कुल 168 बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया एवं दवा का वितरण भी किया।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेश सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर प्रतिमाह जिला कारागार में बंदियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए जिला अस्पताल गोरा बाजार की टीम जाती है।। जिस के क्रम में बुधवार को डॉ नारायण पांडे फिजीशियन, डॉ तपिश कुमार ऑर्थो, डॉ स्नेहा सिंह आई एवं अनुकृति सिंह चर्म रोग विशेषज्ञ जिला कारागार पहुंची। सभी लोगों ने एक एक कर 168 बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। जिसमें से 6 बंदियों का इसीजी भी कराया गया। परीक्षण के दौरान डॉक्टरों के द्वारा बताए गए दवा का भी फार्मासिस्ट संजय श्रीवास्तव के द्वारा वितरित किया गया।

डॉ सिंह ने बताया कि जिला कारागार में डॉ नारायण पांडे 52, डॉ सतीश कुमार 37, डॉ स्नेहा सिंह 53 और डॉ अनुकृति ने 26 बंदी मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। जिसमें से कोई भी गंभीर रूप से बीमार मरीज नहीं मिला। सभी को उचित परामर्श एवं दवा दिया गया।

अवधेश राय हत्याकांड:हड़ताल के चलते नहीं हो सकी अजय राय की सुनवाई

अब 6 मई को होगी सुनवाई, कड़ी सुरक्षा में अजय राय पहुंचे कोर्ट

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। लगभग तीन दशक पूर्व हुए चर्चित अवधेश राय हत्याकांड मामले में मुकदमे की सुनवाई के लिए गुरुवार को पूर्व विधायक अजय राय कड़ी सुरक्षा में अदालत पहुंचे। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) सियाराम चौरसिया की अदालत में विचाराधीन इस मुकदमे में अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने के चलते सुनवाई नहीं हो सकी। जिसके बाद अदालत ने इस मुकदमे में सुनवाई के लिए अगली तिथि 6 मई नियत कर दी है।


बता दें कि तीन अगस्त 1991 को लहुराबीर क्षेत्र में स्थित आवास के गेट पर ही अवधेश राय के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी गई थी। अजय राय ने मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह व राकेश न्यायिक समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मुकदमे में गुरुवार को अदालत ने पूर्व विधायक को जरिये सम्मन अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया था। साथ ही चेतगंज पुलिस को कड़ी सुरक्षा में उन्हें कोर्ट लाने व ले जाने का आदेश दिया था। जिस पर अजय राय अपने अधिवक्ता अनुज यादव व अधिवक्ता विकास सिंह के साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में अदालत में हुए, जहां उनसे जिरह की कारवाई होनी थी, लेकिन गुरुवार को बनारस बार एसोसिएशन में संविधान संशोधन के लिए हो रहे मतदान के कारण अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने के चलते मुकदमे में सुनवाई नहीं हो सकी। जिसके बाद अदालत ने इस मुकदमे में सुनवाई के लिए 6 मई की तिथि नियत कर दी। अदालत में तारीख पड़ने के बाद चेतगंज पुलिस पूर्व विधायक को कड़ी सुरक्षा में लेकर वापस लौट गई।

स्कूल चलो अभियान:दो करोड़ बच्चों का नामांकन लक्ष्य



वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। मुख्यमंत्री के स्कूल चलो अभियान के दो करोड़ नामांकन लक्ष्य को हासिल करना हम सभी की प्रतिबद्धता है, इस तरह के आयोजन निश्चित ही जनमानस को शिक्षा के प्रति जागरूक करने व लक्ष्य प्राप्ति में सहायक होंगे l उक्त बातें मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक), वाराणसी मण्डल डॉ अवध किशोर सिंह ने  मॉडल प्राथमिक विद्यालय द्वारा आयोजित स्कूल चलो अभियान जन जागरण रैली एवं नामांकन उत्सव में बतौर  मुख्य अतिथि कही l

     ज्ञातव्य हो कि शासन की मंशानुरूप प्रदेश को दो करोड़ नामांकन का लक्ष्य रखा गया है तत्क्रम में जन जागरूकता रैली एव नामांकन उत्सव की अध्यक्षता कर रहे *मा0 विनोद कुमार उपाध्याय जी प्रमुख,क्षेत्र पंचायत-हरहुआ ने विद्यालय के प्रयासों एवं परिसर की हरियाली से अभिभूत होकर कहा कि पंचायत स्तर पर सरकारी विद्यालयों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण हेतु मैं कृत संकल्पित हूँ l शिक्षकों द्वारा होलापुर, ऐढ़े सहित अन्य विद्यालयों में रिबोर की समस्या बताने पर तत्काल निस्तारित कराने का आश्वासन दिया l कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती व माँ भारती के चित्र पर माल्यार्पण व अतिथियों के स्वागत माल्यार्पण,अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह देकर हुआ l

 रैली में विद्यालय के बच्चों द्वारा जगह- जगह प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक : सब पढ़े, सब बढ़ें के बोल --। पढ़ लो स्कूलों में हक़ से, सरकारी स्कूलों में मुफ्त की शिक्षा व अनेकों सुविधाएं अलग से... l

 साथ ही बच्चों के गगन भेदी नारों ने लोगों को खूब आकर्षित किया। रैली विद्यालय से निकलकर यादव बस्ती, ठकुरान, पन्ना विहार कॉलोनी होते हुए हरिजन बस्ती में पहुंची जहाँ प्रभावित अभिभावक मौके पर ही चार बच्चों का विद्यालय में प्रवेश कराया। 

रैली में सर्व श्री शिव कुमार चौबे, डॉ आर आर शर्मा पूर्व उपनिदेशक स्वास्थ्य, उत्तर प्रदेश, जय शंकर सिंह, वैदेही सिंह, बेच कुमार सिंह, रीतेश सिंह, संगीता उज्जैन, अंशू सिंह, मनोज सिंह, लाल बहादुर, राजीव सिंह,शैलेंद्र विक्रम सिंह,अखिलेश पाण्डेय सहित आँगनबाड़ी, आशा, ए एन एम सहित शिक्षक व अभिभावक प्रतिभाग किये l कार्यक्रम का संचालन शैलेन्द्र विक्रम सिंह राज्य शिक्षक पुरस्कार '2019 सम्मानित प्रधानाध्यापक ने किया।

नींद की आगोश में "बिजली" का 'झटका'

हंकार टोला की गलियों में चला चेकिंग अभियान

बिजली चोरी में 11 लोगो के खिलाफ दर्ज करायी गयी है एफआईआर

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। बिजली चोरी करने वालों के लिए ‘खास खबर’। विजिलेंस की टीम अब भोर में छापेमारी कर रही है। अगर आप बिजली चोरी कर रहे हैं तो सुधर जाएं, नहीं पता चलेगा आप नींद में हैं और आपके घर छापा पड़ गया। ऐसा हम नहीं कहते, बिजली विभाग के लोग इस तरह की कार्रवाई शुरू कर दिए हैं। छापेमारी करने वाली टीम में शामिल लोगों का कहना था कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।

दरअसल, हंकार टोला में बुधवार की भोर में बिजली विभाग सहित विजिलेंस टीम ने छापा मारा। छापेमारी में करीब 11 लोग गलत तरीके से बिजली का इस्तेमाल करते हुए पकड़े गए। भोर में पहुंची विजिलेंस टीम और फोर्स को देखकर मोहल्ले में हड़कंप मच गया। टीम में शामिल लोगों ने वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ एविडेंस के लिए फोटोग्राफी भी कराई।

छापेमारी करने वाली टीम में शामिल बेनिया पावर हाउस के जेई- पिन्टू कुमार सिंह ने बताया कि पिछले कई दिनों शिकायत मिल रही थी जिस पर भोर में छापे मारी की गई। इसमें 11 लोग अवैध रूप से डारेक्टर कटिया कनेक्शन करते पकड़े गए। इन लोगो पर बिजली चोरी के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई साथ ही बताया की आगे भी करवाई जारी रहेगी।

बुधवार, 27 अप्रैल 2022

स्मार्ट क्लास में पढ़ेंगे आंगनबाड़ी के बच्चे

जनपद के 500 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर चलेगी स्मार्ट क्लास

  • 302 केन्द्रों पर स्मार्ट क्लास शुरू, बच्चे ले रहे पढ़ाई में रुचि 
  • जनपद के 500 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर चलेगी स्मार्ट क्लास3
  • 02 केन्द्रों पर स्मार्ट क्लास शुरू, बच्चे ले रहे पढ़ाई में रुचि  



वाराणसी, 27 अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)।प्राइमरी विद्यालयों की तर्ज पर अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को स्मार्ट तरीके से प्री स्कूल शिक्षा प्रदान की जाएगी । इसके लिए जनपद के 500 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर स्मार्ट क्लास की स्थापना की जा रही है।  

     जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) डीके सिंह ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री प्राइमरी सेंटर के रूप में विकसित करने के लिए शासन की ओर दिशा-निर्देश प्राप्त हुये हैं। इस क्रम में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशन में आंगनबाड़ी केंद्रों का नवीनीकरण शुरू कर दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में जनपद के 500 आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्मार्ट क्लास की व्यवस्था शुरू की जा रही है। वर्तमान में जनपद के 302 आंगनबाड़ी केंद्रों पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा स्मार्ट क्लास शुरू की जा चुकी हैं। बाकी 198 केंद्रों पर कार्य प्रगति पर है। पहले चरण में जिन केंद्रों पर यह व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है उसमें आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के 73, आराजीलाइन के 92, हरहुआ के 27, काशी विद्यापीठ के 47, पिंडरा के 22, बड़ागांव के 20, चोलापुर के 13 एवं चिरईगांव के 8 आंगनबाड़ी केंद्र सम्मिलित हैं। 

    डीपीओ ने बताया कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र (स्मार्ट क्लास) पर 102 सेंटीमीटर साइज का एक टेलीविजन और 500 वाट का सोलर सिस्टम उपलब्ध कराए जा रहे हैं। शैक्षिक विषय को रोचक और बोधगम्य बनाने के लिए विकास सहयोगियों के माध्यम से टीचिंग लर्निंग मटेरियल (टीएलएम) तैयार कराया गया है जिसमें कहानियां, भाव-गीत, फिजिकल एक्टिविटी को कार्टून के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत बेसिक शिक्षा विभाग तथा आईसीडीएस के विकास सहयोगी संस्था वेदांता फाउंडेशन की ओर से दिया गया है। जिलाधिकारी के अथक प्रयास से यह व्यवस्था वेदांता फाउंडेशन द्वारा सीएसआर फंड के अंतर्गत की जा रही है। डीपीओ ने कहा कि स्मार्ट क्लास की स्थापना से आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की संख्या में आशातीत वृद्धि हुई है और बच्चों का ठहराव भी बढ़ा है। वह पूरी रुचि के साथ चार घंटे आंगनबाड़ी केंद्र पर बैठ कर कुछ न कुछ सीखते रहते हैं।

   आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के सिरिहरा आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों को प्री स्कूल शिक्षा देतीं सुपरवाइज़र लालिमा पांडे व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आरती सिंह ने बताया कि टेलीविज़न व अन्य शिक्षा साधनों के जरिये बच्चे जल्दी सीखते हैं। चित्रों और संगीत का बच्चों के दिमाग पर बेहतर प्रभाव पड़ता है। जिससे उन्हें ज्यादा समय तक याद रखने में मदद मिलती है।


प्राइमरी विद्यालयों की तर्ज पर अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को स्मार्ट तरीके से प्री स्कूल शिक्षा प्रदान की जाएगी । इसके लिए जनपद के 500 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर स्मार्ट क्लास की स्थापना की जा रही है।  

    जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) डीके सिंह ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री प्राइमरी सेंटर के रूप में विकसित करने के लिए शासन की ओर दिशा-निर्देश प्राप्त हुये हैं। इस क्रम में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशन में आंगनबाड़ी केंद्रों का नवीनीकरण शुरू कर दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में जनपद के 500 आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्मार्ट क्लास की व्यवस्था शुरू की जा रही है। वर्तमान में जनपद के 302 आंगनबाड़ी केंद्रों पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा स्मार्ट क्लास शुरू की जा चुकी हैं। बाकी 198 केंद्रों पर कार्य प्रगति पर है। पहले चरण में जिन केंद्रों पर यह व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है उसमें आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के 73, आराजीलाइन के 92, हरहुआ के 27, काशी विद्यापीठ के 47, पिंडरा के 22, बड़ागांव के 20, चोलापुर के 13 एवं चिरईगांव के 8 आंगनबाड़ी केंद्र सम्मिलित हैं। 

   डीपीओ ने बताया कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र (स्मार्ट क्लास) पर 102 सेंटीमीटर साइज का एक टेलीविजन और 500 वाट का सोलर सिस्टम उपलब्ध कराए जा रहे हैं। शैक्षिक विषय को रोचक और बोधगम्य बनाने के लिए विकास सहयोगियों के माध्यम से टीचिंग लर्निंग मटेरियल (टीएलएम) तैयार कराया गया है जिसमें कहानियां, भाव-गीत, फिजिकल एक्टिविटी को कार्टून के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत बेसिक शिक्षा विभाग तथा आईसीडीएस के विकास सहयोगी संस्था वेदांता फाउंडेशन की ओर से दिया गया है। जिलाधिकारी के अथक प्रयास से यह व्यवस्था वेदांता फाउंडेशन द्वारा सीएसआर फंड के अंतर्गत की जा रही है। डीपीओ ने कहा कि स्मार्ट क्लास की स्थापना से आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की संख्या में आशातीत वृद्धि हुई है और बच्चों का ठहराव भी बढ़ा है। वह पूरी रुचि के साथ चार घंटे आंगनबाड़ी केंद्र पर बैठ कर कुछ न कुछ सीखते रहते हैं।

  आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के सिरिहरा आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों को प्री स्कूल शिक्षा देतीं सुपरवाइज़र लालिमा पांडे व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आरती सिंह ने बताया कि टेलीविज़न व अन्य शिक्षा साधनों के जरिये बच्चे जल्दी सीखते हैं। चित्रों और संगीत का बच्चों के दिमाग पर बेहतर प्रभाव पड़ता है। जिससे उन्हें ज्यादा समय तक याद रखने में मदद मिलती है।

स्वीडन के प्रोफेसर को पसंद आया इमाम हुसैन के ग़म का नौहा

शिवाला में मोहर्रम भर गूंजने वाले दर्द भरे नौहों पर लिख डाली किताब


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। स्वीडेन के प्रोफ़ेसर मार्क जे. कार्त्ज़ ने मुगलो और नवाबों के मुहल्ले बनारस के "शिवाला" में करबला के शहीदो के ग़म में पढ़े जाने वाले दर्द भरे नौहो में से 50 चुनिंदा नौहे को अपनी किताब में शामिल किया है। इस किताब को लिखने में प्रोफेसर का साथ दिया है प्रमुख शिया विद्वान सैय्यद आलिम हुसैन ने।
"फिफ्टी सांग फार पीस, फिफ्टी सांग फार सोरो ," शीर्षक से लिखी गई यह किताब शिवाला की उस मिली जुली तहज़ीब की जियारत भी कराती है।जब मोहर्रम पर निकलने वाले क़दीमी जुलूस में अंजुमन नौहाखवानी करती हैं, तो इस अज़ादारी की जियारत करने व दुलदुल को दूध पिलाने दोनों मजहब के लोग जुटते हैं।
सैय्यद आलिम हुसैन खुश हैं कि उनके सहयोग से लिखी गई किताब से शिवाला को वो मुकाम मिलेगा जिसका वो हकदार है। वो कहते है कि मंज़र-ए-आम पर किताब आने से शिवाला में पढ़ा जाने वाला नौहा जग विख्यात हो जाएगा।
इस किताब कि खासियत है कि उर्दू में नौहा लिखा गया है और फिर उनका अंग्रेजी अनुवाद किया गया है। सैय्यद आलिम हुसैन कहते हैं कि अल्लाह प्रोफेसर मार्क की मेहनत का अजर दे की उनकी वजह से ये किताब तमाम देशों में जाएंगी और लोग शिवाला में पढ़े जाने वाले नौहो के बारे में जान पाएंगे।





ग्रामीण क्षेत्र की सीएचसी और पीएचसी पर भी अब रात्रिकालीन आकस्मिक सेवा

  • डिप्टी सीएम के निर्देश पर सीएमओ ने शुरू कराई व्यवस्था 

  • सीएचसी हाथी बाजार में भोर में भर्ती हुई डायरिया पीड़ित मरीजश

  • हर के चार सीएचसी पर पहले से जारी है रात्रिकालीन सेवाश

  • हर के 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी सांध्य कालीन सेवाएं  उपलब्ध



वाराणसी 27 अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर जनपद के ग्रामीण क्षेत्र  के सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर अब रात्रिकालीन आकस्मिक सेवाएं शुरू कर दी गयी हैं। इसके मद्देनजर मंगलवार की देर रात सामुदायकि स्वास्थ्य केन्द्र हाथी बाजार, सेवापुरी में डायरिया पीड़ित ईट -भट्ठा पर काम करने वाली महिला मजदूर धानमती देवी (60 वर्ष) को भर्ती कर उपचार किया गया। अब उसके हालत में काफी सुधार है।

 *मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी* ने बताया कि आम नागरिकों की चिकित्सा सेवाओं में कहीं कोई कमी  न रह जाए इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तत्पर है। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ने गत दिनों वाराणसी दौरे के दौरान ग्रामीण इलाके  के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व ब्लॉक स्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रात्रिकालीन आकस्मिक सेवा शुरू करने का  निर्देश दिया था ताकि आमजन रात्रि में किसी आपात स्थिति में निःशुल्क चिकित्सकीय सेवा प्राप्त कर सके। 

सीएमओ ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री के इस निर्देश के अनुपालन में ग्रामीण इलाके के सभी सीएचसी व पीएचसी पर रात्रिकालीन आकस्मिक सेवाएं शुरू कर दी गयी हैं। इनमें सीएचसी नरपतपुर,  चोलापुर,  पुआरीकला,  विरांवकोट,  गंगापुर,  हाथी बाजार, आराजीलाइन, मिसिरपुर के अलावा ब्लाक सीएचसी चोलापुर, ब्लाक सीएचसी आराजीलाइन और ब्लाक पीएचसी चिरईगांव, चोलापुर, हरहुआ, बड़ागांव, पिण्डरा, सेवापुरी, काशीविद्यापीठ में भी 24 घंटे आपातकालीन चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध रहेंगी।

 डा. संदीप चौधरी ने बताया कि शहर के चार सामुदायिक स्वास्थ्य  केन्द्र शिवपुर, चौकाघाट, भेलूपुर, दुर्गाकुण्ड में पहले से ही 24 घंटे आपातकालीन सेवा उपलब्ध है । इसके अतिरिक्त 12 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सांध्य कालीन सेवाएं भी दी जा रही हैं । इनमें शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आनंदमयी, पाण्डेयपुर, कोनिया, मदनपुरा, सेवासदन, जैतपुरा, बेनिया, अर्दलीबाजार, भेलूपुर, लल्लापुरा, राजघाट व टाउनहाल शामिल हैं, जो अपनी प्रातःकालीन सेवाओं के साथ ही सायं कालीन सेवाएं भी दे रहे है। यह  सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रातः नौ बजे से रात्रि आठ बजे तक खोले जाने के निर्देश दिए गये हैं ।

कुरान की आयते फिजा में होती रही बुलंद

शबे कद्र पर मोमिनीन ने अदा कि नफ्ल नमाजे

 वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। रमजान का चौबीसवां रोजा पूरा करके इबादतगुजारों ने 25 वीं रमजान की तीसरी शबे कद्र पर जागकर इबादत किया और सहरी खाकर पचीसवां रोजा रखा। वहीं घरों और मस्जिदों में हाथों में तस्बीह और लब पर रब का नाम लेते इबादतगुजार दिखाई दिये। इस दौरान तमाम इबादतगुजारो ने खूब नफ्ल नमाजे अदा की, कई जगहो पर रोजा इफ्तार दावत का भी आयोजन किया गया, उस्ताद हाफिज नसीम अहमद बशीरी की सरपरस्ती में शबीने का भी शहर में कई जगहों पर एहतमाम किया गया। इसमें कई मस्जिदो, मदरसो दरगाहो में खास इंतेजाम किया गया था। जहां शबीना सुनने लोगों का हुजुम जुटा हुआ था। देर रात तक इबादतों का दौर जारी रहा जो सहरी में पूरा हुआ। इस दौरान घरों से पाक कुरान की आयते फिजा में बुलंद हो रही थी। लोगो ने सहरी करके रोजा रखा। रोज़ेदार आज शाम अज़ान की सदाएं सुनकर रोज़ा इफ्तार करेंगे।

मंगलवार, 26 अप्रैल 2022

मधुमेह पीड़ित भी रखे रोज़ा, लज़ीज पकवानों का ले लुत्फ

मधुमेह से हैं पीड़ित तो मीठे को करे बाय

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। मुस्लिमों के सबसे बड़े त्योहार ईद की बुनियाद रमज़ान है। पहले रमजान आता है जिसमें पूरे महीने मोमिनीन रोज़ा रखते हैं। इन दिनों रमज़ान चल रहा है। रमज़ान मुकम्मल होने पर ईद आयेगी। जब तक ईद नहीं आती तब तक पूरा महीना रमज़ान जोश-ओ-खरोश के मनाया जाता है। लोग अपने घरों में तरह तरह के पकवान बनाते हैं और एक दूसरे के साथ मिल बांटकर दिन भर रोज़ा रखने के बाद शाम में लज़ीज पकवानों का लुत्फ उठाते हैं। काफी लोग यह सोचते है कि रमज़ान के पकवान का लुत्फ मधुमेह से पीड़ित नही ले सकते है इसलिए काफी मधुमेह पीड़ित रोज़ा रखने से भी बचते है, जबकि चिकित्सको का कहना है कि मधुमेह से पीड़ित हैं तो भी आप रोज़ा रख सकते है और लज़ीज पकवानों का लुत्फ उठा सकते है, बस आपको बचना है, मीठे से। रमज़ान के साथ आपकी ईद भी हंसी-खुशी बीत जाये इसके लिए हमें रमज़ान में खास ख्याल रखना पड़ेगा। खास कर ऐसे मौकों पर जब घर में लज़ीज मीठे पकवान बनते हैं तो डायबिटीज के मरीजों के लिए बड़ी दिक्कत हो जाती है। क्यों कि इन लज़ीज इफ्तारी का ज़ायका लेने से इफ्तार में वो अपने को रोक नहीं पाते, या तो कोई उन्हें खिला देता है या फिर वो खुद मीठे पकवान खा लेते है। बेहतर हो कि आप अपनी केस हिस्ट्री लेकर नज़दीकी चिकित्सक से सम्पर्क करे और उनसे उचित सलाह ले कर रोज़ा रखे, मीठे से बचते हुए लज़ीज इफ्तारी का ज़ायका ले और ईद भी मनाये है।

खुद ही अपने स्वास्थ्य का रखना पड़ेगा ध्यान 

चिकित्सक डा. एहतेशामुल हक की माने तो रमज़ान में मधुमेह के मरीज़ों को खुद ही अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना पड़ेगा। क्योंकि अगर कोई मुश्किल आ गई तो रमज़ान का रोज़ा तो जायेगा ही साथ ही उसके ईद का भी मज़ा फीक़ा हो सकता है। इसलिए डायबिटीज़ के मरीज़ों को थोड़ा ख्याल रखने और एहतेयाद की ज़रूरत है। चिकित्सक डा. गुफरान जावेद की माने तो रोजे के दौरान शाम में इफ्तार के वक्त हर हाल में मीठे शर्बत व मीठें पकवान से परहेज़ करें तो मुश्किल टल सकती है, और ईद की खुशियां दुगनी हो सकती है।

क्या है हाइपरगिलेसेमिया ?

रोजे के दौरान मधुमेह के मरीज़ों को ग्लूकोज में अचानक गिरावट होने से हाइपोगिलेसेमिया हो सकती है इसमें मरीज को चक्कर और बेहोशी आने लगती है। हाथ-पांव ठंडे पड़ जाते हैं। रोजे के दौरान मरीज के खून में शुगर की मात्रा अधिक हो सकती है जिसे हाइपरगिलेसेमिया कहा जाता है। जिसमें मरीजों की आंखों के सामने धुंधलापन, बेहोशी, कमजोरी और थकान जैसी समस्याएं हो सकती है। ऐसी स्थिति में रोज़ा रखने से पूर्व अपने चिकित्सकों से परामर्श ज़रूर ले कि उन्हें सहरी में क्या खाना है और इफ्तार व खाने में उन्हें रात को क्या लेना है।

इन बातों को न करें नजरअंदाज

-जिन फलों में मीठा अधिक हो उनका सेवन ना करें।

-जितनी भूख हो उतना ही खाएं, रोजा समझकर ज्यादा ना खाएं।

-मीठे चीजों को एकदम दूरी बनाएं रखें।

-अपने आहार में रस भरे फल, सब्जियां, जूस और दही में चीनी का सेवन ना करें।

-भोजन और सोने के बीच दो घंटे का अंतराल रखें।

-सोने से पहले किसी भी कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार का सेवन ना करें।

-अधिक तले भोजन से परहेज करें, रोटी और चावल में स्टार्च होता है इसलिए इनका भोजन भी कम ही करें।

ईद की सुबह पैदा हुए बच्चे का भी देना होगा फितरा

रमज़ान हेल्पलाइन: मुफ्ती साहब दे रहे हैं आपके सवाल का जवाब


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। पीलीकोठी से कलीम अंसारी ने फोन किया फितरे या ज़कात की रक़म अपने सगे भाई या बहन को दिया जा सकता हैं, या नहीं? जवाब दिया उलेमा ने, कहा कि अगर बहन या भाई शरई तौर पर फक़ीर हैं यानी मालिके नेसाब नहीं तो दे सकते हैं। हां अगर वो मालदार है तो उन्हें ज़कात या फितरा देना दुरुस्त नहीं है। मेरे घर में 28 रमज़ान को लड़का हुआ है, उस लड़के पर फितरा ज़रूरी है या नहीं? जवाब में मुफ्ती बोर्ड के सदर मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी,  मुफ्ती बोर्ड के सेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी वह मौलाना अजहरुल क़ादरी ने कहा कि ईद की सुबह सूरज निकले से पहले तक अगर कोई बच्चा पैदा हो जाये तो उसका भी फितरा घर वालों को निकालना ज़रूरी है। बेशक आप उस बच्चे का फितरा ज़रूर निकालें।

सोमवार, 25 अप्रैल 2022

पहल : आशा घर-घर जाकर करेंगी मलेरिया के मरीजों की पहचान

विश्व मलेरिया दिवस (25 अप्रैल) पर विशेष

जागरूकता और मच्छरों पर नियंत्रण से ही मलेरिया से बचाव सम्भव : सीएमओ

मच्छर पनपने वाले स्रोतों को नष्ट कराना, एंटीलार्वा का छिड़काव व फागिंग भी बेहद जरूरी
वाराणसी 24 अप्रैल (dil India live )। देश को वर्ष 2030 तक मलेरिया से मुक्त करने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही जनपद में मलेरिया पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग रणनीति बनाकर कार्य कर रहा है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी का। सीएमओ ने बताया कि मलेरिया के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। 

सीएमओ ने कहा कि इस बार विश्व मलेरिया दिवस की थीम “मलेरिया रोग के बोझ को कम करना और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करना” है। इस थीम का उद्देश्य वैश्विक उन्मूलन लक्ष्यों को प्राप्त करने में नवाचार की ओर ध्यान आकर्षित करना है। सीएमओ ने कहा कि इस वर्ष मलेरिया पर नियंत्रण करने के लिए खास रणनीति बनाई गयी है जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्र की समस्त आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर किट के माध्यम से मलेरिया की जांच करेंगी। पॉज़िटिव आने पर उनका जल्द से जल्द उपचार शुरू किया जाएगा।

जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) शरद चंद पांडे* ने बताया कि मलेरिया दिवस पर समस्त प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जन जागरूकता स्वास्थ्य कैंप का आयोजन किया जाएगा। वह बताते हैं कि आबादी के अनुसार मच्छरों का घनत्व जितना कम होगा लोग मलेरिया से उतने ही अधिक सुरक्षित होंगे। इसके चलते ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन स्रोतों को नष्ट कराया जा रहा है। एंटी लार्वा का छिड़काव तथा फागिंग भी करायी  जा रही है। इस कार्य में नगर विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग सहयोग कर रहे हैं। बुखार ग्रसित सभी रोगियों की जांच के लिए सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देशित किया गया है जिससे समय पर मलेरिया की पहचान कर मरीज को 14 दिन का उपचार दिया जा सके। 

कहां-कहां है सुविधा 

डीएमओ ने बताया कि मलेरिया की जांच की सुविधा जिला मुख्यालय के अलावा सभी सीएचसी/पीएचसी पर उपलब्ध है। शासन के निर्देशानुसार अब आशा कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्र में जाकर रोगी की पहचान कर रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (आरडीटी) किट से त्वरित जांच करेंगी। इसके लिए समस्त आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी किया गया है। जांच में मलेरिया धनात्मक पाए जाने पर जल्द से जल्द रोगी का नि:शुल्क पूर्ण उपचार किया जाएगा।   

कैसे होता है मलेरिया

मलेरिया मादा एनीफिलीज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया हो जाने पर रोगी को ठंड देकर नियमित अंतराल पर बुखार आता है और बुखार छोड़ते वक्त पसीना होता है। समय पर दवा न मिलने पर रोगी अत्यधिक कमजोर हो जाता है।

कैसे करें बचाव

मलेरिया से बचाव के लिए रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। आसपास दूषित  पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। साफ-सफाई रखनी चाहिए। बुखार होने पर तुरंत अच्छे डॉक्टर को दिखाना चाहिए। सही समय पर निदान उपचार होने से रोगी पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है।

वेक्टर जनित (संक्रामक) रोग

मलेरिया का प्रसार मादा एनीफिलीस मच्छर के काटने से होता है। एक अंडे से मच्छर बनने की प्रक्रिया में पूरा एक सप्ताह का समय  लगता है। इस वजह से ही सप्ताह में एक बार एंटीलार्वा का छिड़काव किया जाता है। यदि किसी जलपात्र में पानी है तो उसे सप्ताह में एक बार जरूर खाली कर दें। जैसे कूलर, गमला, टीन का डिब्बा, नारियल का खोल, डिब्बा, फ्रीज के पीछे का डीफ्रास्ट ट्रे की सफाई हमेशा करते रहना आवश्यक है।

पिछले पाँच वर्षों में मलेरिया की स्थिति 

बात करें जनपद में पिछले पाँच वर्षों में मलेरिया के स्थिति की तो वर्ष 2017 में 406 रोगी पाये गए थे। वर्ष 2018 में 340, वर्ष 2019 में 271, वर्ष 2022 में 46, वर्ष 2021 में 164 और वर्ष 2022 में अब तक कुल 32 मलेरिया रोगी पाये गए हैं ।

रमज़ान का पैग़ाम: मौलाना हसीन अहमद हबीबी

हक़ की जिन्दगी जीने की हमे तौफीक देता है रमज़ान

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। हिजरी कलैंडर का 9 वां महीना रमज़ान, ये वो महीना है जिसके आते ही फिज़ा में नूर छा जाता है। चोर चोरी से दूर होता है, बेहया अपनी बेहयाई से रिश्ता तोड़ लेता है, मस्जिदें नमाज़ियों से भर जाती हैं। लोगों के दिलों दिमाग में बस एक ही बात रहती है कि कैसे ज्यादा से ज्यादा इबादत की जाये। फर्ज़ नमाज़ों के साथ ही नफ्ल और तहज्जुद पर भी लोगों का ज़ोर रहता है, अमीर गरीबों का हक़ अदा करते हैं, पास वाले अपने पड़ोसियों का, कोई भूखा न रहे, कोई नंगा न रहे इस महीने में इस बात का खास ख्याल रखा जाता है। पता ये चला कि हक़ की जिन्दगी जीने की रमज़ान हमे जहां तौफीक देता है। वहीं गरीबो, मिसकीनों, लाचारों, बेवा, और बेसहरा वगैरह की ईद कैसे हो, कैसे उन्हें उनका हक़ और अधिकार मिले यह रमज़ान ने पूरी दुनिया को दिखा दिया, सिखा दिया। यही वजह है कि रमज़ान का आखिरी अशरा आते आते हर साहिबे निसाब अपनी आमदनी की बचत का ढ़ाई फीसदी जक़ात निकालता है। और दो किलों 45 ग्राम वो गेंहू जो वो खाता है उसका फितरा।


सदका-ए-फित्र ईद की नमाज़ से पहले हर हाल में मोमिनीन अदा कर देता है ताकि उसका रोज़ा रब की बारगाह में कुबुल हो जाये, अगर नहीं दिया तो तब तक उसका रोज़ा ज़मीन और आसमान के दरमियान लटका रहेगा जब तक सदका-ए-फित्र अदा नहीं कर देता। रब कहता है कि 11 महीना बंदा अपने तरीक़े से तो गुज़ारता ही हैतो एक महीना माहे रमज़ान को वो मेरे लिए वक्फ कर दे। परवरदिगारे आलम इरशाद फरमाते है कि माहे रमज़ान कितना अज़ीम बरकतों और रहमतो का महीना है इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि इस पाक महीने में कुरान नाज़िल हुआ।इस महीने में बंदा दुनिया की तमाम ख्वाहिशात को मिटा कर अपने रब के लिए पूरे दिन भूखा-प्यासा रहकर रोज़ा रखता है। नमाज़े अदा करता है। के अलावा तहज्जुद, चाश्त, नफ्ल अदा करता है इस महीने में वो मज़हबी टैक्स ज़कात और फितरा देकर गरीबों-मिसकीनों की ईद कराता है।अल्लाह ने हदीस में फरमया है कि सिवाए रोज़े के कि रोज़ा मेरे लिये है इसकी जज़ा मैं खुद दूंगा। बंदा अपनी ख्वाहिश और खाने को सिर्फ मेरी वजह से तर्क करता है। यह महीना नेकी का महीना है इस महीने से इंसान नेकी करके अपनी बुनियाद मजबूत करता है। ऐ मेरे पाक परवर दिगारे आलम, तू अपने हबीब के सदके में हम सबको रोज़ा रखने, दीगर इबादत करने, और हक की जिंदगी जीने की तौफीक दे ..आमीन।

महिलाएं कठिन कार्य करने में सक्षम : प्रो. निर्मला एस. मौर्या

शास्त्र और शिक्षा के समन्वय से महिला कल्याण: प्रो. हरेराम

नेक कार्य करने के लिए कोई मुहुर्त नहीं: ज्वाइंट सीपी सुभाष दुबे




वाराणसी (dil India ive)। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि जहां चाह वहां राह है। हम कोई भी काम करते हैं तो वहां कोई न कोई राह निकल ही आता है। आज के दौर में कठिन से कठिन कार्य करने के लिए महिलाएं पूरी तरह से सक्षम हैं। हर सफल पुरुष के पीछे एक नारी ही होती है। कहा कि किसी परिवार में यदि मां शिक्षित होती है तो दो परिवार शिक्षित होता है। पिता यदि शिक्षित होता है तो एक परिवार शिक्षित होता है। रविवार को वे सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पाणिनी भवन सभागार में विश्वविद्यालय और दीक्षा महिला कल्याण शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संस्था के छठवें स्थापना दिवस व पुरस्कार वितरण समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थी।

 उन्होंने कहा कि कहा कि आज के बदलते परिवेश में शिक्षा की जो स्थिति है, उसमें बच्चा पढ़ना नहीं चाहता है और गुरु पढ़ना नहीं चाहते हैं। इसको बदलने की जरुरत है। भगवान भी अपने गुरु को प्रणाम करते हैं। सही मायने में देखा जाय तो हमारी पहली गुरु मां ही होती है। गर्भ में भी रह कर बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं। हमने तो महिलाओं को गर्भ संस्कार भी कराया। महिलाओं को बताया कि गर्भावस्था में कैसे रहना चाहिए। कहा कि मेरी पांचवीं पुस्तक महिला सशक्तिकरण पर आ रही है। उन्होंने दो पंक्तियों- कोई न समझे अबला हमको हम सृष्टि की नारी है... के साथ समापन किया।

अध्यक्षता करते हुए सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बहुत ही सरल तरीके से शास्त्र और शिक्षा को महिला के कल्याण जोड़ते हुए बताया कि किस तरह से हमारे शास्त्रों में नारी को देवी का दर्जा दिया गया है और उनकी उपस्थिति को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। भारत के अंदर पौराणिक काल में महिलाओं को श्रेष्ठ दर्जा प्राप्त था, क्योंकि वे अपने अधिकारों को लेकर सजग रही। उन्होंने दीक्षा महिला कल्याण शोध संस्थान के कार्यों की सराहना की और कहा कि हर किसी को महिलाओं और बेटियों के उद्थान के लिए कार्य करना चाहिए।

 विशिष्ट अतिथि ज्वाइंट सीपी कमिश्नरेट वाराणसी आईपीएस सुभाष दुबे ने कहा कि नेक कार्य करने के लिए कोई मुहुर्त नहीं होता है। निश्चित रुप से समाज के जो कमजोर तबके के बच्चों को संस्था शिक्षा की ओर प्रेरित कर रही है। इससे ज्यादा पुण्य कार्य और कुछ नहीं हो सकता है। अच्छा कार्य करने का जब संकल्प लेते हैं तभी आप जीवन में सफल हो सकते हैं। कहा कि जब जागो तभी सबेरा। कहा गया है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। संगोष्ठी को डाॅ. आरके चैधरी, दीपक बजाज, ई. अशोक यादव, डाॅ. विजय यादव, प्रमिता सिंह, डाॅ. सोमनाथ सिंह और पंकज राजहंस ने भी संबोधित किया। स्वागत संस्था की अध्यक्ष संतोषी शुक्ला और संचालन नेहा तिवारी ने किया।

 बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम ने मोहा अतिथियों मन

इसके पहले कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर की। इसके पश्चात् नन्हें-मुन्हें बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। कार्यक्रम अतुल्य भारत, गल्र्स एजुकेशन और स्वालंबन पर केन्द्रीत रही। जिसमें बच्चों ने नृत्य और नाटक की प्रस्तुति के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। बच्चों की प्रस्तुति को देखकर अतिथियों ने उनकी खुब सराहना की।

 अव्वल बच्चों को किया गया पुरस्कृत

स्थापना दिवस के अवसर पर संस्था ने तीन विद्यालयों में कक्षा तीन से पांच के बच्चों के बीच चित्रकला और छह से आठ के बीच सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया था। जिसमें चिल्ड्रेन एकेडमी लहुराबीर से चित्रकला प्रतियोगिता में कक्षा तीन से लीजा अजीज अंसारी, अन्वी सिंह और श्रुति पाण्डेय, चार से समृद्धि, तनीषा, अक्षत और कक्षा पांच से वैभव, तनीषा और अंकिता ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार सामान्य ज्ञान में कक्षा छह से नमन, आरव, उज्ज्वल, कक्षा सात सूर्यांश, अवनीष, जान्हवी और कक्षा आठ से रिद्धिमा, इशिरा और अंश प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्राप्त किये। डीएवी इंटर काॅलेज सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में कक्षा छह से नमन, श्रेष्ठ, प्रतिभा, कक्षा सात अब्दुल, अंकित, यश और कक्षा आठ से चैतन्या, निखिल और उज्ज्वल प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे। चिल्ड्रेन एकेडमी कमच्छा से चित्रकला कक्षा तीन में आराध्या, अमिरा, सार्थक, कक्षा चार में सगुन, इशिता, रिषिता और कक्षा पांच में आयशा, अब्दुल और मोहक क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे। सामान्य ज्ञान में कक्षा छह से प्रथम स्थान पर सिद्धांत, द्वितीय स्थान पर रूपांगी और दिशा तथा तृतीय स्थान पर श्रद्धा रही। कक्षा सात में प्रथम स्थान पर अर्नव, द्वितीय स्थान पर ईशी व मोहम्मद अनस तथा तृतीय स्थान पर अब्दुल्लाह सादिया रही। कक्षा आठ में प्रथम विराट, द्वितीय तनिष्का सेन और तीसरे स्थान का पुरस्कार प्रकृति और निखिल को प्राप्त हुआ।

 सामाजिक क्षेत्र के लोगों का भी सम्मान

इस दौरान सामाजिक क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देेने वाले लोगों का भी सम्मान हुआ। जिसमें दुर्जेन्द्र पाण्डेय, नागेन्द्र पाल, मुकेश सिंह, आशुतोष सिंह, राजन तिवारी, श्रद्धा पाण्डेय, डाॅ. सुधीर यादव, डाॅ. राम सिंह, डाॅ. राज यादव, सर्वेश पाण्डेय, ममता राय, सोनम जायसवाल, शोभा चैरसिया, श्वेता श्रीवास्तव, उपेन्द्र जायसवाल, दिलीप खन्ना, दीपू शुक्ला, ऋषिकांत सिंह, नेहा तिवारी, मनोज गुप्ता, अभिषेक मिश्रा, सोनू, ज्योति गुप्ता, डीवी भट्टाचार्या, कोमल गुप्ता, शालिनी गोस्वामी और डाॅ. राजलक्ष्मी को विशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया गया।

रोज़ा इफ्तार दावत में अमन की दुआएं



वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। सिगरा के गुलाब बाग में इफ्तेखार अहमद के यहा सामूहिक रोजा इफ्तार दावत का एहतराम नूरानी माहौल में हुआ। इस दौरान मस्जिदों से जैसे ही अज़ान की सदाएं... अल्लाह हो अकबर, अल्लाह, फिजा में बुलंद हुई तमाम रोजेदारों ने खजूर और पानी से रोज़ा इफ्तार शुरू किया। इस दौरान कई लज़ीज़ इफ्तारी दस्तरखान पर सजाया गया जिसका रोजेदारों ने लुत्फ उठाया। रोज़ा इफ्तार में मुल्क में अमन, मिल्लत व देश की तरक्की की दुआएं मांगी गई।

 इस मौके पर आफताब अहमद,  हाजी बदरूद्दीन, जकी अहमद, इरफान अहमद, इब्राहिम खान, डॉक्टर जुबेर, डॉक्टर बख्तियार, बबलू चुनरी, अरशद मेराज, इरशाद खान, रियाज अहमद, युवा व्यासाई तिरंगी तस्बीह वालें अल्तमश अहमद अंसारी आदि सैकड़ों लोग मौजूद थे। रोज़ा इफ्तार के बाद नमाज भी वहां जमात से अदा की गई।

रविवार, 24 अप्रैल 2022

सुभासपा संगठन को करेगा और मजबूत

नवनिर्वाचित पदाधिकारियो का हुआ स्वागत समारोह 



वाराणसी 24 अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। सारनाथ के लोहिया नगर वाराणसी कार्यालय पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के द्वारा नव निर्वाचित बनारस जिले के प्रदेश स्तरीय नेताओं का स्वागत व अभिनंदन महानगर वाराणसी द्वार किया गया। नेतृत्व महानगर प्रभारी जागेश्वर राजभर ने किया। 

नवनियुक्त प्रदेश प्रवक्ता शाशि प्रताप सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष महिला मंच वंदना सिंह, प्रदेश महासचिव विनोद सिंह टीटी, छोटेलाल वाराणसी, राकेश गोंद आदि लोगों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। प्रदेश प्रवक्ता शशि प्रताप सिंह ने कहा कि भारतीय समाज पार्टी संगठन को जड़ से मजबूत करने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए संगठन को करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शशिप्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश में हिंदू मुसलमान की सौहार्द बिगड़ने की कहानी शुरू हो गई है। एक तरफ अजान को लेकर एक तरफ भगवान के मंदिर में हनुमान चालीसा को लेकर तू तू मैं मैं का खेल चल रहा है। यह अशोभनीय है, सबका धर्म है सब का विचार है सब का अपना सिद्धांत है।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से जागेश्वर राजभर प्रभारी महानगर, दशरथ राजभर, छपन्न राजभर, दिनेश देव राजभर, रानी तिवारी, सोना राजभर, संतोष प्रजापति, बिनोद प्रजापति, सुनील पटेल, अरविंद सिंह आदि मौजूद थे।

रमज़ान का पैग़ाम : मौलाना साकीबुल क़ादरी

 रोजेदारों के लिए समुद्र की मछलियां भी करती हैं दुआएं


वाराणसी २४ अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। फरमाने रसूल (स.) है कि रमजान अल्लाह का महीना है और उसका बदला भी रब ही देंगा। यही वजह है कि रमजान का रोज़ा बंदा केवल रब की रज़ा के लिए ही रखता है। रोज़ा वो इबादत है जो दिखाई नहीं देती बल्कि उसका पता या तो रब जानता है या फिर रोज़ा रखने वाला।

रमजान में जब एक मोमिन रोज़ा रखने की नियत करता है तो वो खुद ब खुद गुनाहों से बचता दिखायी देता हैं। उसे दूसरों की तकलीफ़ का पता भूखे प्यासे रहकर रोज़ा रखने पर कहीं ज्यादा होता है।रमजान का अन्य महीनों पर फजीलत हासिल है। हजरत अबू हुरैरा (रजि.) के अनुसार रसूल अकरम (स.) ने इरशाद फरमाया, कि माहे रमजान में पांच चीजें विशेष तौर पर दी गयी है, जो पहली उम्मतों को नहीं मिली थी। पहला रोजेदार के मुंह की महक अल्लाह को मुश्क से ज्यादा पसंद है। दूसरे रोजेदार के लिए समुद्र की मछलियां भी दुआ करती हैं और इफ्तार के समय तक दुआ में व्यस्त रहती हैं। तीसरे जन्नत हर दिन उनके लिए आरास्ता की जाती है। अल्लाह फरमाता है कि करीब है कि मेरे नेक बंदे दुनिया की तकलीफेंअपने ऊपर से फेंक कर तेरी तरफ आवें। चौथे इस माह में शैतान कैद कर दिये जाते हैं और पांचवें रमजान की आखिरी रात में रोजेदारों के लिए मगफिरत की जाती है। सहाबा ने अर्ज किया कि शबे मगफिरत शबे कद्र है। फरमाया- नहीं, ये दस्तूर है कि मजदूर का काम खत्म होने के वक्त मजदूरी दी जाती है। हजरत इबादा (रजि) कहते हैं कि एक बार अल्लाह के रसूल (स.) ने रमजान उल मुबारक के करीब इरशाद फरमाया कि रमजान का महीना आ गया है, जो बड़ी बरकतवाला है। हक तआला इसमें तुम्हारी तरफ मुतव्ज्जो होते हैं और अपनी रहमते खास नाजिल फरमाते हैं। गलतियों को माफ फरमाते हैं। दुआ को कबूल करते हैं। बदनसीब है वो लोग जो इस माह में भी अल्लाह की रहमत से महरूम रहे, रोज़ा नहीं रखा, तरावीह नहीं पढ़ी, इबादत में रातों को जागे नहीं।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...