सोमवार, 30 सितंबर 2024

DAV PG College में हुआ विनिवेश जागरूकता कार्यक्रम

विद्यार्थियों को एक्सपर्ट ने दिए सुरक्षित निवेश के टिप्स


Varanasi (dil India live). डीएवी पीजी कॉलेज के वाणिज्य विभाग के तत्वावधान में सोमवार को विनिवेश जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। मार्केट विशेषज्ञ प्रणय पंचोली ने विद्यार्थियों को बचत के साथ साथ निवेश के सुरक्षित तरीकों से अवगत कराया। महाविद्यालय के स्व.पीएन सिंह यादव स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम में एक्सपर्ट प्रणय पंचोली ने बताया की जीवन मे यदि सुख और सुकून दोनों चाहिए तो अपने आर्थिक लक्ष्य निर्धारित करने होंगे। इसके लिए कम उम्र से ही फाइनेंसियल प्लानिंग करना होगा, विद्यार्थी जीवन में अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखकर हम बड़े आर्थिक लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है।


प्रणय पंचोली ने बताया की बड़े आर्थिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बहुत सारे साधन मौजूद है जिनमें म्यूच्यूअल फण्ड, शेयर, एफडी, जमीन, स्वर्णाभूषण आदि शामिल है। हालाँकि निवेश में जोखिम की संभावना को देखते हुए किसी मार्केट विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही निवेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल बाजार में विनिवेश के नाम पर कई तरह के जालसाज भी है जिनसे सतर्क रहने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रबंधक अजीत कुमार सिंह यादव, कार्यकारी प्राचार्य प्रो. सत्यगोपाल ने भी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। स्वागत उपाचार्य डॉ. राहुल एवं धन्यवाद ज्ञापन विभागाध्यक्ष प्रो. विजय नाथ दुबे ने दिया। संचालन एवं संयोजन डॉ. तरु सिंह ने किया। इस मौके पर डॉ. संजय कुमार साह, साक्षी चौधरी, डॉ. ऋचा गुप्ता, डॉ. रश्मि त्रिपाठी, डॉ. प्रियंका बहल, डॉ. शान्तनु सौरभ, डॉ. श्रुति अग्रवाल, डॉ. सत्यार्थ बाँधल, डॉ. सोनल कपूर, गोपाल चौरसिया आदि प्राध्यापक सहित कर्मचारी एवं विद्यार्थी शामिल रहे।

सभी मस्लकों के उलेमा आएं एक मंच पर, दिया इत्तेहाद पर ज़ोर



Varanasi (dil India live). जामा मस्जिद नदेसर में मुत्ताहिदा उलमा कौंसिल बनारस के ज़ेरे एहतमाम तमाम मस्लकों के उलमा-ए-किराम का इसलाहे मुआशरा व इत्तेहाद ए उम्मत के आयोजन में एकजुट दिखाई दिए। आयोजन में कौंसिल के उलमा-ए-किराम ने अपने अपने मौज़ूवात पर खिताब किया। इज्लास की सदारत क़ौसिल के मौलाना हारून रशीद नक़्शेबंदी कर रहे थे तो ख़िताब मौलाना अहसन जमील मदनी, मुफ्ती अब्दुल बातिन नोमानी, मौलाना सैयद ज़फरुल हुसैनी ने प्रोग्राम में क़ौसिल के शामिल उलमा ए किराम के अहम मौज़ुवात, इत्तेहाद ए उम्मत पर जोर दिया। कहां कि आज वक्त की ज़रूरत है की हम सब एक प्लेटफार्म पर आएं। आयोजन में शुक्रिया मौलाना इश्तियाक अली ने किया।

उलमा ए किराम के मुफ़ीद कलिमात से मिल्लत को फ़ैज़ेआब हासिल हुआ,  मस्जिद के इमाम व ख़तीब मौलाना आसिफ़ ने क़ौसिल के अग़राज मक़ासिद और क़ौम मिल्लत की ज़रूरत और क़ौसिल की कार्यक्रदगी और क़ौसिल का तार्रुफ करवाते हुए निज़ामत फ़रमाई। जलसा सद्र हज़रत मौलाना हारून रशीद नक़्शेबंदी ने दुआएं कर प्रोग्राम का समापन किया। कौंसिल मस्जिद के इमाम व ख़तीब व मस्जिद कमेटी के तमाम ज़िमेदारानों खूसूसी मोहम्मद असलम, व तमाम मस्लक के हाज़िरीने मस्जिद तमाम मस्लक के उलमा-ए-किराम और तमाम सामेएइन और राब्ता कमेटी के साथियों का तहेदिल से शुक्रिया अदा करतीं है  जिनकी कोशिशों से यह प्रोग्राम बहुत कामयाब रहा। जिसमें कमेटी के ज़िम्मेदारों से मनाज़िर हुसैन, नदीम अहमद, फ़ैसल एक़बाल, आकिब, इरफान, आबिद, शौकत अली, कैफ़ी, शमशाद व अन्य बहुत से साथियों ने शिरकत किया व ज़िम्मेदारियों का निर्वाह किया।

Varanasi PNU CLUB के अनिल लालवानी अध्यक्ष निर्वाचित, सचिव बने धर्मेंद्र मिश्रा

पीएनयू क्लब के चुनाव में धर्मेंद्र ने दर्ज की बड़ी जीत

7 डेलीगेट्स भी चुनाव जीते


Varanasi (dil India live). वाराणसी के प्रतिष्ठित PNU क्लब के चुनाव में गहमागहमी के बीच अनिल लालवानी ने अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की तो उनके साथ सचिव पद पर धर्मेंद्र मिश्रा ने चुनाव जीतकर परचम लहराया। इसके अलावा कमेटी के सात सदस्यों ने भी बड़े अंतर से जीत दर्ज की। चुनाव में कुल 835 सदस्यों में से 361 सदस्यों ने मताधिकार का प्रयोग किया।चुनाव में अध्यक्ष पद पर अनिल कुमार लालवानी और देव प्रमोद अग्रवाल में कांटे की टक्कर रही। वाराणसी में पीएनयू क्लब के वार्षिक चुनाव के बाद अध्यक्ष और सचिव समेत कार्यकारिणी पदों पर रविवार को चुनाव हुए। अध्यक्ष और सचिव के लिए दो-दो प्रत्याशी मैदान में थे, वहीं कार्यकारिणी सदस्य पर पर 14 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। पीएनयू क्लब में मतदान के बाद मतों की गिनती शुरू होकर देर रात तक पूरी हो गई। कड़ी पुलिस सुरक्षा और पुख्ता इंतजाम के बीच चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। वर्ष 2024-25 के लिए गठित नई कार्यकारिणी के लिए चुनाव में कुल 835 सदस्यों में से 361 सदस्यों ने मताधिकार का प्रयोग किया।चुनाव में अध्यक्ष पद पर अनिल कुमार लालवानी और देव प्रमोद अग्रवाल में कांटे की टक्कर रही।

वहीं दूसरी ओर सचिव पद पर गुरूदीप सिंह टीटू और धर्मेंद्र मिश्रा मैदान में रहे। चुनाव को लेकर दिनभर गहमागहमी चलती रही और अंत में परिणाम आने पर जीत दर्ज करने वाले खेमें में खुशी की लहर दौड़ गई।

बता दें कि प्रभु नारायण सिंह यूनियन क्लब की स्थापना वर्ष 1937 में तत्कालीन काशी नरेश स्व.डॉ. विभूति नारायण सिंह ने की थी। वर्तमान में कुंवर अनंत नारायण सिंह क्लब के पैटर्न हैं, इस पद पर वह स्थायी सदस्य हैं।


रविवार, 29 सितंबर 2024

लोकतंत्र आईसीयू , संस्थाएं और समाज बीमार: रूपरेखा

तीनों नये कानून लोकतंत्र विरोधी सीमा आजाद 



Varanasi (dil India live)। नागरिक समाज वाराणसी द्वारा भगत सिंह की 117 वीं जयंती पर "लोकतंत्र की चुनौतियां एवं नए भारत का निर्माण" विषय पर पराड़कर भवन, मैदागिन में सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार की शुरुआत में जनगीतकार युद्धेश ने "मिल जुल गड़े चला नया हिंदुस्तान", "ये ताना बाना बदलेगा" आदि गानों के माध्यम से जोशीला माहौल बनाया। इसके बाद प्रज्ञा ने पितृसत्ता पर एक बेहतरीन नाटक प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन विनय द्वारा किया गया और कार्यक्रम की शुरुआत में ट्रेड यूनियन एक्टिविस्ट रहें वी के सिंह ने की। उन्होंने बताया कि प्रोग्राम में घरेलू कामगार महिलाओं, बीएचयू के प्रोफेसरों, बुनकर समाज, किसान नेताओं, ट्रेड यूनियन नेताओं समेत तमाम तरह के लोग जो बनारस का प्रतिनिधित्व करते है। यह देश और समय फासीवादियों का नही है, बल्कि यह देश यहां के मेहनतकश तबको का, जनता का है। उन्होंने कहा कि यह दौर कितना भी भयानक क्यों न हो जाय लड़ने वाले हमेशा रहेंगे। फासीवाद कितना भी बढ़ जाय लेकिन आशा हमेशा रहेगी। 


मुख्य वक्ता लखनऊ  विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो रूप रेखा वर्मा ने कहा कि बुल्डोजर राज में 90 प्रतिशत घर मुसलमानों के गिराए जा रहे हैं। यह सरकार बांटने वाली सरकार है। मुस्लिमों में भी शिया और सुन्नी को बांट रहे, ब्राह्मण और ठाकुर को बांट रहें। उन्होंने कहा कि बीएचयू में आईआईटी बीएचयू के रेप के मामले में धरना हुआ जो सराहनीय है और उसके बाद आंदोलन करने वालों पर केस हुआ और आरोपियों को बेल मिली। उन्होंने बताया कि लोकतंत्र की आत्मा है कि जनता उसके केंद्र में होगी यानी जनता अपनी बात कह सकेगी, अपनी असहमति ज़ाहिर कर सकेगी और लोकतांत्रिक तरीकों का हनन होने पर धरना प्रदर्शन भी कर सकती है। सरकार के साथ जनता को भी अपने इन हकों को समझना होगा और जवाब मांगने की हिम्मत करनी होगी। यदि यह तीन शर्तें पूरी नहीं होती है तो लोकतंत्र मजबूत कभी नहीं हो सकता। 2014 से पहले भी लोकतंत्र कमज़ोर था लेकिन हम बिना खतरे के उनकी आलोचना कर सकते थे। जो अब नहीं है। अब लोगों पर देशद्रोह का इल्ज़ाम लगा दिया जाता है। लोकतंत्र इस समय आईसीयू में है, लोकतंत्र के सभी संस्थाएं और समाज बीमार है। अधिकार मांगने वाले लोगों को न सिर्फ़ जेल में डाला जा रहा है बल्कि अब ऐसे सभी लोगों को देशद्रोह के जाल में भी फंसा रही है। यूपी में नया धर्मांतरण कानून आया है जो बहुत खतरनाक है। शरजील इमाम, गुलफिशा तमाम सालों से जेल में पड़े हुए हैं। दूसरी तरफ़ निज़ाम खुलेआम चोर उचक्कों बलात्कारियों का समर्थन कर रही है। गुजरात सरकार ने हाल में सुप्रीम कोर्ट में अपील की है बिल्किस बानो के बलात्कारियों की रिहाई के लिए, क्या किसी देश में सरकार खुद बलात्कारियों की तरफ़ से अपील दायर करती है ?

इस समय लोकतंत्र चूर चूर हो चुका है, उसको बचाना नहीं, उसको पुनर्स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि सिर्फ़ सेमिनार करने से काम नहीं चलेगा, हमें लगातार वंचित वर्गों के बीच जा कर उनके जीवन की समस्याओं के बारे में बात करते हुए उनको जागरूक करने की ज़रूरत है, तभी हम नया भारत बना पाएंगे। आज़ाद और हिंसा मुक्त समाज बनाने के लिए काम करना होगा। जो गलत इतिहास और नफरत हमारे मन में भरा गया है उसके लिए हमें साधारण भाषा में लिखना होगा और लोगों के बीच जाना होगा। 


विशिष्ट वक्ता के तौर पर पीयूसीएल की उत्तर प्रदेश अध्यक्ष सीमा आज़ाद ने अपनी बात शुरू करते हुए कहा कि आज लोकतंत्र के सारे स्तंभों को ताक पर रख दिया गया है। न्यायपालिका, जो एक स्तंभ अभी तक बचा हुआ था, अब उसको भी ताक पर रख दिया गया है। लखनऊ एनआईए कोर्ट के बारे में उन्होंने बताया कि उनके ऑर्डर पढ़ कर ही उनका मुस्लिम विरोधी और जनता विरोधी चरित्र समझा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि फासीवाद इसी लोकतंत्र में लिपटा हुआ ही आया है। यह देश रेप की घटनाओं से भरा पड़ा है, जिसमें पुलिस और सरकार के रोल को देखें तो वे हमेशा बलात्कारियों के समर्थन में रहा है, जैसे हाथरस, गोहरी का मामला। यह स्थिति अब सामान्य बात हो चुकी है। अल्पसंख्यकों के बारे में उन्होंने बताया कि लिंचिंग की घटनाएं लगभग रोज़ हो रही है, उनको डराने के लिए तमाम गैरकानूनी काम किए जा रहे है जैसे बुल्डोजर चलाना। फासीवाद केवल सत्ता का एकरीधारी रूप नहीं बल्कि जनता के एक तबके को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने का काम करता है। कानून व्यवस्था के बारे में उन्होंने बताया कि तीन नए कानून पूरी तरह से लोकतंत्र विरोधी है। जिसमें एफआईआर का मौलिक अधिकार छीन लिया गया है। लिंचिंग पर नए कानून में धर्म के आधार पर मार देने की बात ही नहीं की गई है। इन कानूनों ने फासीवाद का क्रूर चेहरा सामने ला दिया है। देश के प्राकृतिक संपदा को लूटा जा रहा है, आदिवासियों को जबरन हटाया जा रहा है। वहां सेनाओं के कैंप लगाए जा रहे है। इस समय महिलाओं, आदिवासियों, किसानों आदि सभी समूहों को एक दूसरे के साथ एकजुटता ज़ाहिर करने की जरूरत है। जब तक यह नहीं होता है, हम लोकतंत्र को सही मायने में स्थापित नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि जाति, धर्म, ये सब बंटवारे दिखावटी हैं, असल बंटवारा लोकतंत्र छीनने वाले और बचाने वालों के बीच है। आखिर में, कितना भी दमन हो, लड़ने वाले हमेशा आगे आते रहेंगे। समाज को आगे ले जाने वाली शक्तियां ही जीतती है, इसलिए निश्चय ही हमारी ही जीत होगी। 



अध्यक्षता करते हुए डॉ मोहम्मद आरिफ ने कहा कि नया भारत भाजपा आरएसएस सरकार कैसा बनाना चाहती है और हम लोग कैसा बनाना चाहते हैं, उसके बीच का फ़र्क हमें साफ़ होना चाहिए। लोकतंत्र में लोक की भूमिका को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। वैज्ञानिक चेतना अब खत्म की जा रही है। नई शिक्षा नीति 2020 के ज़रिए भी ये किया जा रहा है। कानून सत्ता पर कब्ज़ा करने वालो के लिए है, और जनता को दबाने के लिए है। उन्होंने समझाया कि लोकतंत्र को बचाने के लिए सड़क पर जाना होगा, लड़ाई अब सड़क और सरकार के बीच में है, इसमें तय हमें करना है। एक कॉमन प्लेटफार्म पर हमें आना होगा। सबको एकजुट हो एक साथ आना होगा। हम लड़ेंगे, जीतेंगे और लोकतंत्र को बचाएंगे।


कार्यक्रम में वाराणसी सहित पूर्वांचल के अन्य जिलों के शिक्षाविद, सामाजिक-राजनैतिक कार्यकर्ता एवं चिंतक मौजूद रहे।

आधारभूत संरचना की कमी से जूझ रहे हैं पूर्वांचल के अधिकांश क्रीड़ांगन एवं व्यायामशालाएँ: दिलीप कुमार सिंह


Ghazipur (dil India live)। स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर में पूर्व शोध प्रबन्ध प्रस्तुत संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी महाविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ तथा विभागीय शोध समिति के तत्वावधान में महाविद्यालय के सेमिनार हाल में सम्पन्न हुई, जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी व छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे। उक्त संगोष्ठी मे विज्ञान संकाय के शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद विषय के शोधार्थी दिलीप कुमार सिंह ने अपने शोध प्रबंध   शीर्षक "पूर्वाञ्चल के व्यायामशालाओं एवं क्रीड़ागनों की वर्तमान स्थिति का सर्वेक्षणात्मक अध्ययन" नामक विषय पर शोध प्रबन्ध व उसकी विषय वस्तु प्रस्तुत करते हुए कहा कि व्यायामशालाओं और क्रीड़ांगनों का महत्व केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ये समाज के समग्र विकास और आर्थिक उन्नति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, हालांकि पूर्वांचल  क्षेत्र की व्यायामशालाओं एवं क्रीड़ांगनों की वर्तमान स्थिति में कई चुनौतियाँ हैं। यहाँ के अधिकतर क्रीड़ांगन एवं व्यायामशालाएँ आधारभूत संरचना की कमी से जूझ रहे हैं। हालाँकि, कुछ क्षेत्रों में सुधार के प्रयास जारी हैं, जैसे कि कुछ नए स्टेडियमों का निर्माण और मौजूदा सुविधाओं का नवीनीकरण किया गया है। खेलों को प्रोत्साहन देने और स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं, लेकिन अभी भी संसाधनों और सुविधाओं की स्थिति संतोषजनक नहीं है। प्रस्तुतिकरण के बाद विभागीय शोध समिति, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ व प्राध्यापकों तथा शोध छात्र-छात्राओं द्वारा शोध पर विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे गए जिनका शोधार्थी दिलीप कुमार सिंह ने संतुष्टिपूर्ण एवं उचित उत्तर दिया। तत्पश्चात समिति के चेयरमैन व महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने शोध प्रबन्ध को विश्वविद्यालय में जमा करने की संस्तुति प्रदान किया। इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफे० (डॉ०) जी० सिंह , मुख्य नियंता प्रोफेसर (डॉ०)एस० डी० सिंह परिहार, शोध निर्देशक डॉ० अनुराग सिंह एवं शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद  विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० लवजी सिंह, डॉ० ओमदेव सिंह गौतम, प्रोफे० (डॉ०) अरुण कुमार यादव, डॉ० रामदुलारे, डॉ० कृष्ण कुमार पटेल, डॉ० अमरजीत सिंह, प्रोफे०(डॉ०) सत्येंद्र नाथ सिंह, डॉ० योगेश कुमार, डॉ०शिवशंकर यादव, डॉ० कमलेश, रणविजय सिंह, प्रदीप सिंह, एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा शोध छात्र छात्रएं आदि उपस्थित रहे। अंत में अनुसंधान एवं विकास प्रोकोष्ठ के संयोजक प्रोफे०(डॉ०) जी० सिंह ने  सभी का आभार व्यक्त किया।

Priyanka Gandhi ने भाजपा पर बोला हमला, बोली जम्मू-कश्मीर की जनता से उनके बुनियादी अधिकार छीने गए


Jammu (dil India live)। जम्मू-कश्मीर के बिशनाह में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने भाजपा पर जोरदार हमला बोला। प्रियंका गांधी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता से उनके बुनियादी अधिकार छीने गए। युवाओं को बेरोजगारी में धकेला गया। जनता से लोकशाही छीनकर तानाशाही थोपी गई। प्रदेश के सारे संसाधन 'मित्रों' पर लुटाए गए। इससे नाराज प्रदेश की जनता भाजपा को सबक सिखाने जा रही है। 

INDIA की सरकार जम्मू-कश्मीर की पहचान और स्वाभिमान को लौटाने के साथ उनके अधिकारों को मजबूत करेगी। इस दौरान भारी जनसमूह उमड़ा हुआ था।

गृहस्थ जीवन में भी संत थे त्रिभुवन नाथ मिश्र


Varanasi (dil India live)। स्व. त्रिभुवन नाथ मित्र गृहस्थ जीवन में भी संत थे। 21 जून, 2024 को संकट मोचन मन्दिर से दर्शन करने के बाद निकलते समय उनका संकट मोचन पुरानी गली में तबीयत खराब हो गयी और इलाज के दौरान द्वादशी तिथि को निधन हो गया। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के धर्म विज्ञान संकाय में ज्योतिष विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर रहे स्वर्गीय पंडित शारदा प्रसाद मिश्र ज्योतिषाचार्य के बड़े पुत्र स्वर्गीय त्रिभुवन नाथ मिश्र भी अपने पिता की तरह सनातन संस्कृति में रचे बसे रहे और गृहस्थ जीवन में रहकर भी पूरी तरह से संत का जीवन जिए। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद सेंट्रल हिंदू बॉयज स्कूल, कमच्छा  एवं सारनाथ स्थित इंटर कॉलेज में कुछ दिनों तक विज्ञान और गणित विषय में अध्यापन किया। वह संस्कृत विद्या के भी ज्ञानी थे उन्होंने शास्त्रीय और आचार्य की शिक्षा प्राप्त भी की थी।  प्रातः काल 4:30 बजे उठना गंगा स्नान करना और सीधे श्री संकट मोचन मंदिर पहुंचकर हनुमान जी के चरणों में श्री रामचरितमानस का पाठ, राम नाम संकीर्तन करने के साथ-साथ सनातन संस्कृति को प्रचारित प्रसारित करने में उनका पूरा जीवन समर्पित रहा। घर में भी एक संत की तरह जीवन यापन करना किसी चीज की लालसा नहीं जो मिल जाए उसी में ही संतुष्टि उनकी रहती थी। गाय की सेवा करना भी उनके जीवन का एक लक्ष्य था। साथ ही मन में किसी तरह की मान प्रतिष्ठा सम्मान पाने की इच्छा नहीं। हमेशा भगवत चरणों में उनका मन लगा रहता था। उनके पुत्र रामयश मिश्र बताते हैं कि शास्त्री जी के नाम से प्रसिद्ध हमारे पिताजी बहुत अच्छे तैराक थे। श्री रामचरितमानस का वह प्रतिदिन पाठ किया करते थे और मानस का उनके जीवन में पूरी तरह से प्रभाव था। श्री रामचरितमानस पढ़ते पढ़ते उन्होंने अपना पूरा जीवन ही मानसमय बना लिया। वह कहा भी करते थे की श्री रामचरितमानस को अपने जीवन में उतार लो कभी किसी चीज का कष्ट नहीं होगा हमेशा जीवन सुखी रहेगा। आज हमारे पिताजी हम लोगों के बीच नहीं है लेकिन उनकी हर बातें आज स्मृति में आ रही है और यही लग रहा है कि वह मेरे पिताजी हमारे आसपास ही कहीं है। पिताजी हमारे गृहस्थ जीवन में रहकर भी एक संत थे और संत का गुण  उनके जीवन में रचा बसा था।


शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...