देखी व्यवस्था, बेतरतीब खड़े वाहनों को कराया दुरुस्त, जाम से दिलाईं निजात
मोहम्मद रिजवान
यहाँ नारी शिक्षा की अग्रदूत प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर रैली का भी आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। यूनियन के संयोजक सुरेश राठौर ने भी पहुंचकर कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि माता सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका, कवियत्री व समाजसेविका थी, जिनका लक्ष्य बालिकाओं को शिक्षित करना रहा। सावित्रीबाई फुले का जन्म तीन जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के एक सैनी परिवार में हुआ था। मात्र नौ साल की आयु में उनकी शादी क्रांतिकारी महात्मा ज्योतिबा फुले से हुई थी। उस वक्त ज्योतिबा फुले मात्र 13 साल के थे। माता सावित्रीबाई फुले को बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए समाज का बड़ा विरोध झेलना पड़ा था। 18 वीं सदी की बात करें तो उस समय महिलाओं का स्कूल जाना भी पाप समझा जाता था। ऐसे समय में सावित्रीबाई फुले ने जो कर दिखाया, वह कोई साधारण उपलब्धि नहीं थी। उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर 1848 में बालिकाओं के लिए प्रथम विद्यालय की स्थापना की।
कार्यक्रम का संचालन सपना ने किया। इस मौके पर ने किया इस मौक़े रेनू, सरोज, अनिल, सुरेश राठौर, गुड़िया, रोशनी, कोमल, सपना, काजल, सविता, रेशमा, सपना, रेखा, सगीता, दीक्षा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
Ajmer (dil India live). सुल्तानुल हिंद, सरकार ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह (ग़रीब नवाज़) का उर्स अजमेर में शुरू हो चुका है। ख्वाजा के उर्स पर देश दुनिया के जायरीन जुटना शुरू हो गये हैं। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के जायरीन का जत्था 6 रजब को चादर चढ़ाने अजमेर दरगाह पहुंचेगा। दरगाह में पहला कुल शरीफ आज मध्यरात्रि सम्पन्न हो गया। कुल शरीफ में लोगों का मजमा उमड़ा हुआ था।
इससे पहले उर्स के खास मौके पर हजारों किलोमीटर नंगे पैर पैदल चल कर आए कलंदरों का जत्था भी ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पहुंचा। गेगल टोल प्लाजा के पास सर्वधर्म एकता समिति के अध्यक्ष सैय्यद खुश्तर चिश्ती ने कलंदरों का स्वागत किया। कलंदर घूघरा स्थित रोशन अली शाह पीर की दरगाह होते हुए गरीब नवाज के चिल्ले पर पहुंचे। इस दौरान कलंदरों ने हैरतअंगेज कारनामे दिखाए। उर्स के मौके पर छड़ियों का जुलूस बैंड बाजे ढोल ढमाकों के साथ निकला। इसमें देश के कई राज्यों से मलंग कलंदर और जायरीन पैदल दरगाह पहुंचे। दोपहर 3 बजे गंज स्थित उस्मानी चिल्ला से जुलूस रवाना होकर सूफी सेन्ट स्कूल के सामने से होकर ऋषि घाटी पहुंचे। यहां से उस्मानी मोइनुद्दीन गुदड़ी शाह खानकाह के सज्जादानशीन हजरत इमाम हसन गुदड़ी शाह बाबा पंचम की अध्यक्षता में दरगाह शरीफ में प्रवेश किया। दिल्ली के महरौली में इकट्ठा होकर आए कलंदरों ने अजमेर में जुलूस के दौरान एक से बढ़कर एक करतब दिखाए।
किसी कलंदर ने चाकू से अपनी आंख का हिस्सा बाहर निकाला तो किसी ने अपनी जीभ के आर पार लोहे का सरिया कर दिया। कोई छाती पर तलवार घुसाते हुए नजर आया तो किसी ने गले के अंदर लोहे का सरिया आर पार कर दिया। यह सभी हैरत अंगेज करतब देख तमाम लोग चौंक पड़े। यहां देश के कोने-कोने से मलंगों, बाबाओं की ओर से लाई हुई छड़िया व झंडे आस्ताना के दरवाजे पर लगाए गए। छड़ी के जुलूस के दौरान दरगाह और दिल्ली गेट के आसपास के व्यापारियों ने अपने स्तर पर मलंगों और जरिए का माला पहनकर स्वागत किया। किसी ने चाय कॉफी की व्यवस्था की तो किसी ने नाश्ते की व्यवस्था कलंदरों के लिए की।
कोलकाता से आए सकावत अली ने बताया कि कई साल पहले एक अग्निकांड में उनके दोनों हाथ झुलस गए थे। चिकित्सकों ने उपचार के दौरान हाथों में जहर फैलने के कारण उसके दोनों हाथों की कलाई काट दी थी। उसके बाद से ही वह बॉम्बे की लोकल ट्रेन में खाने पीने का सामान बेच कर परिवार का भरण पोषण करते हैं और घर में बीवी बच्चे सभी हैं। वह पिछले 14 साल से इसी तरीके से मोटरसाइकिल चला कर करीब 2000 किलोमीटर बाइक चलाते हुए ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स में कलंदरों के साथ आते हैं।
बैडमिंटन में रेड, ग्रीन, ब्लू और यलो हाउस की टीमों ने भाग लिया। इसमें ब्लू और ग्रीन हाउस ने फाइनल में जगह बनाई। बैडमिंटन में अम्मार और अजीम ने बेहतरीन खेल का मुजाहिरा करते हुए फाइनल में प्रवेश किया। रस्साकशी ब्व्याज में चारों हाउस ने भाग लिया। इसमें ब्लू हाउस विजेता रहा। विजेता टीम में अम्मार, अजीम, आकिब, समद, अमीर हमजा आदि रहे।
खो-खो में चारो हाउस ने भाग लिया। इसमें सभी टीमों ने जोश के साथ भाग लिया। रेड हाउस को हराकर ग्रीन हाउस की टीम विजेता रही। विजेता टीम में मुस्फिरा, लिबा, लायबा, मुनैमा, अतिया, अफीफा, अलविया, रिजा हसीन, मरियम, शफक, रिहाब, अलविया सिद्दीकी, इल्मा रिजवान शामिल रहीं। रस्साकशी गर्लस में ग्रीन हाउस फाइनल में पहुंची। जबकि यलो और रेड में गुरुवार को मुकाबला होगा। कबड्डी जूनियर में रेड और ग्रीन के बीच फाइनल खेला गया। इसमें रेड हाउस ने ग्रीन को पटखनली देकर फाइनल जीत लिया।
मैदान के साथ ही इंडडोर गेम्स में भी बच्चों ने अपनी प्रतिभा दिखाई। सिंगिंग प्रतियोगिता में आरजू रेड हाउस से पहले स्थान, मुनीबा द्वितीय स्थान पर रही।
Varanasi। देश में रजब का चाँद नज़र आ गया है। शबे मेराज 26 जनवरी बरोज इतवार को होगी। बनारस में इश्तेमाई रुयते हेलाल कमेटी ने शबे मेराज का ऐलान किया है। कमेटी के संयोजक ने इसकी पुष्टि करते हुए 26 जनवरी को शबे मेराज होने का ऐलान किया है।
उधर सदर शहर काजी मौलाना हसीन अहमद हबीबी ने प्रेस नोट में कहा कि बनारस में धुंध होने के चलते चांद देखे जाने की पुष्टि नहीं हुई है, मगर आसपास के कई हिस्सों में चांद दिखाई दिया है इसलिए ऐलान किया जाता है कि रजब की एक तारीख दो जनवरी को होगी और सरकार ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह का उर्स 7 जनवरी 6 रजब को मनाया जाएगा।