बुधवार, 24 मई 2023

Bunkar barbaad हो जाएंगे अगर पुरानी फ्लैट रेट बिजली नहीं मिली

बिजली की बढ़ी दर सरकार से कम करने की उठी मांग



Varanasi (Dil india live). बुधवार को बिजली की बढ़ी हुई फ्लैट रेट को सरकार से कम करने की मांग को लेकर इन दिनों बुनकर आंदोलन कि राह पर हैं।

इसी क्रम में आज जलालीपुरा में बुनकर एकता जागरूक मंच के प्रयास से बनारस के बुनकर बिरादराना तंजीम के सरदार, महतो साहबान और उनके काबिना और बुनकर संगठनों के साथ एक अहम बैठक हुई, जिसमें कई मुहल्ले से बुनकर शामिल हुए। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि फ्लैट रेट बिजली की जो बढ़ी हुई नई लिस्ट आई है उसको लेकर पूरा बुनकर समाज चिंतित और घबराया हुआ है। जहां एक मशीन की फ्लैट रेट 75/ रुपया देना होता था अब बिजली विभाग 2 HP के कनेक्शन के हिसाब से एक मशीन वाले बुनकरों से लगभग दो हजार वसूल रहा है। यही वजह है कि तमाम पावरलूम बुनकरों की बिजली काटी जा रही है, साथ ही साथ बुनकरों का जमकर शोषण किया जा रहा है। इन तमाम मुद्दों पर सभी तंजीम के सरदार साहबान और बुनकर संगठन के लोगो ने इन तमाम मुद्दों पर गंभीरता से विचार विमर्श कर आगे की रणनीति तय की। निर्णय लिया गया कि सरकार से बात कर फिर से वही पुरानी फ्लैट रेट बिजली की व्यवस्था की मांग की जाएगी। मीटिंग में मऊ से शामिल होने आए बुनकर समिति के अध्यक्ष अबू बकर अंसारी ने कहा की 2006 से उत्तर प्रदेश की सरकार पावरलूम बुनकरों की बदहाली को देखते हुए हम बुनकरों के अथक प्रयास से सरकार ने इस कुटीर उद्योग को बचाने के लिए 65/ प्रति लूम 130/ HP के हिसाब से हम बुनकरों को अपनी अपनी जीविका चलाने के लिए और इस कुटीर उद्योग को बचाने के लिए ये फ्लैट रेट व्यवस्था दी। जिसकी वजह से कपड़ा को बुनने वाले बुनकरों की वजह से पूरी दुनिया में भारत कि एक अलग पहचान बनी और पूरे विश्व में हिंदुस्तान सबसे ज्यादा कपड़ा सप्लायर देश बना। अब न जाने किसकी नजर इस कुटीर उद्योग पर पड़ गई की फ्लैट रेट की नई नई शासनादेश जारी होने लगे जिसकी वजह से पूरे उत्तर प्रदेश का बुनकर समाज बदहाल और परेशान हो गया। बुनकर अपने अपने शहरो से दूसरे प्रदेशों में पलायन करने लगे। न जाने सरकार की क्या मंशा है की बुनकरों के साथ इस तरह का सौतेला व्यवहार कर रही है, हम सबको वही पुरानी फ्लैट रेट बिजली चाहिए ये हम सब सरकार से मांग करते है। इस मौके पर वाराणसी वस्त्र बुनकर संघ के अध्यक्ष राकेश कांत ने कहा की आज पूरे उत्तर प्रदेश में बुनकारी लाइन में जितना मुस्लिम है उतना ही हम हिंदू भाई शामिल है, हम सब एक दूसरे के साथ मिल कर इस ताने बाने के कारोबार को करते है और लोगो को रोजगार देते है। हम सबका ये बुनकर समाज आत्मनिर्भर समाज है जैसा कि हमारे प्रधान मंत्री कहते है आत्मनिर्भर बनाना तो हमारा बुनकर समाज आत्मनिर्भर है और उस समाज को जो फ्लैट रेट बिजली सरकार दे रही थी उस फ्लैट रेट को तीस गुना बढ़ा दिया, जब कि दुनिया में किसी भी वस्तु पर या किसी भी रोजगार पर सरकार इतना ज्यादा बढ़ोतरी नहीं करती कुछ लोगो की वजह से हम बुनकरों के कारोबार को समाप्त करने की साजिश रची जा रही है जिसे हम सब कतई कामयाब होने नही देंगे। 

बनारस के सभी बुनकर तंजीमों के सरदार साहबान ने कहा की हम सब की तंजीम लगातार सरकार के संपर्क में है और जो नई बिजली की फ्लैट रेट आई है उसको खत्म कर के वही पुरानी फ्लैट रेट व्यवस्था लागू करे और बिजली विभाग द्वारा को बुनकरों की बिजली काट कर उनका शोषण किया जा रहा है उन अधिकारियों के ऊपर कार्यवाही किया जाए ये मांग पूरा बुनकर तंजीम मा0 मुख्य मंत्री जी से करता है । जो हमारी बुनकारी की कला है उसको बचाने के लिए हम सब को पूरा यकीन है की मा0 मुख्यमंत्री जी हम बुनकरों की कला को समाप्त होने नही देंगे हम सब बुनकर कपड़ो पर भारी मात्रा में GST सरकार को देते है जिससे देश की विकास में योगदान बुनकर समाज जो योगदान है वो और ज्यादा हो उसके लिए इस कुटीर उद्योग को मा0 मुख्यमंत्री जी जरूर बचाएंगे और हम लोगो की मांगों को जरूर पूरा करेंगे । मीटिंग की सदारत हाजी गुड्डू सरदार ने की । निजामत आफताब आलम बबलू ने किया।  

मीटिंग में तंजीम बवानी, बाईसी, चौतीस, चौदहो, बारहो व पांचों सहित सभी तंजीम के सरदार साहबान महतो साहबान और काबीना के साथ मौजूद मऊ से अबू बकर अंसारी, राकेश कांत राय, हाजी ओकास अंसारी पार्षद पति, बिस्मिल्ला अंसारी, शैलेश सिंह, ज्वाला सिंह, संजय प्रधान, अफरोज अंसारी, अब्दुल रब अंसारी, नसरुद्दीन, अली हसन, हाजी बाबू, बाबू लाल किंग, गुलशन अली पार्षद, बेलाल अंसारी पार्षद, रमजान अली पार्षद, तुफैल अंसारी पार्षद, कल्लू, रमजान अली, हाजी रहमतुल्ला, इद्रीस अंसारी, अकील अंसारी, जुबैर अदील, अखलाक, इकबाल अंसारी, हाजी मुमताज, अकरम अंसारी, गुड्डू सरदार, पार्षद डाक्टर इम्तियाजुद्दीन, हकीम महतो, जलालुद्दीन, जिशान, हाजी बहाउद्दीन, बेलाल अंसारी, लालू, मो. फारूक, हाजी रहमतुल्ला, नुरुल ऐन, अनारू, इकबाल अहमद सहित सैकड़ों बुनकर मौजूद थे।

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