रविवार, 22 जनवरी 2023

Sambhavna Kala Manch का art exhibition

कार्यशाला के जरिए Sambhavna Kala Manch ने Dr rajkumar singh को किया याद






Ghazipur (dil india live).  संभावना कला मंच के शिल्पी व डॉ. एम.ए. अंसारी इण्टर कालेज, यूसुफपुर के कला शिक्षक डॉ. राज कुमार सिंह को समर्पित श्रद्धांजलि सभा व चित्रकला कार्यशाला का आयोजन शहीद पार्क मुहम्मदाबाद में आयोजित किया गया। राज कुमार सिंह वो सख्सियत थें जिनके कला शिक्षक के रूप में यूसुफपुर आने के बाद चित्रकला के क्षेत्र में एक लहर दौड़ गई। राज कुमार ने कई बच्चों को जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के थे उनको आगे पढ़ने को प्रेरित किया और उनको उनकी फीस से लेकर ब्रश और पेपर तक कि व्यवस्था करते थें। आज उनके पढ़ाये हुए कई छात्र-छात्राएं कला के क्षेत में बहुत उचाईयो को छू रहे हैं। कई बी.एच. यू., विद्या पीठ, वाराणसी, इलाहाबाद, लखनऊ, दिल्ली, मुम्बई, शांतिनिकेतन, कलकत्ता के विश्वविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, कुछ केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय तो कुछ विश्व अस्तर पर स्वतंत्र कलाकार के रूप में अपने कला के माध्यम से मुहम्मदाबाद का परचम लहरा रहे हैं। राज कुमार सिंह ने राजीव गुप्ता, पंकज शर्मा, सुधीर सिंह व ऋषि कुमार के साथ मिलकर 2006 में सम्भावना कला मंच की स्थापना की व इस मंच ने अपनी पहली राष्ट्रीय स्तर की कला प्रदर्शनी 2008 में शहीद पार्क मुहम्मदाबाद में आयोजित की। उसके बाद यह कला यात्रा अनवरत चलती रही। राज कुमार सिंह कुछ दिनों से कैंसर होने की वजह से अस्वस्थ चल रहे थे। जिसकी वजह से पिछले 9 जनवरी को इनका स्वर्गवास हो गया। यह अस्वस्थ होने के बावजूद हमेशा कला के बारे में ही सोचते थे। एक कहावत है कि कवि, कलाकार, गुरु कभी मरते नहीं। उसी प्रकार राज कुमार जी ने जो कला की बीच बो कर गए हैं, जो अनवरत फलता-फूलता रहेगा। ऐसे महान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके कलाकार शिक्षक की श्रद्धांजलि सभा में सम्भावना कला मंच के सभी कलाकारों के साथ-साथ डॉ. एम.ए. अंसारी इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य, सभी शिक्षक गण, माध्यमिक शिक्षक संघ, गाजीपुर के सभी सदस्यों ने राज कुमार सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि सभा में वाराणसी से आये श्री जगत नारायण सिंह ने बताया कि राज कुमार जी अपने सभी कार्यों में शिक्षण कार्य को सबसे आगे रखते थे। अपना अधिक समय कला शिक्षा व छात्रों को देते थे। जिससे आज उनके कलाकारों की एक फौज सम्भावना कला मंच के रूप में कार्य कर रहे हैं। डॉ. एम.ए. अंसारी इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य सुजीत कुमार जी ने राज कुमार जी के कला क्षेत्र के जीवनी पर प्रकाश डाला। गोरखपुर से आये जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह ने बताया कि राज कुमार सिंह ने कला कम्यून और सम्भावना कला मंच की स्थापना करके अपने कर्तव्यों को पूरा कर दिया है। बस अब जरूरत है इसे आगे बढ़ते रहने की। सम्भावना कला मंच के सह-संयोजक राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि राज कुमार सर की याद में अब प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी को उनको श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर चित्रकला कार्यशाला व प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। अध्यक्षता पूर्व प्रधानाचार्य श्री आलोक श्रीवास्तव जी ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में बताया कि राज कुमार सिंह कब राजू बन गए ये पता ही नहीं चला। सम्भावना कला मंच के बनाने में मेरी एक मार्गदर्शक की भूमिका रही। मैंने राज कुमार को अपने छात्रों को फर्श से अर्श तक पहुँछाते देखा है। दिन-रात एक करते देखा है। राजेश राय 'पिन्टू' ने एक कविता की लिखी हुई लाइन- "जाने कितने तारे तुमने जमीन पर उतरे" के माध्यम से बताया कि ये जो उनके बच्चे जो अभी चित्र बना रहे हैं और जो भी कला शिक्षा के लिये इस शहर से बाहर पढ़ाई कर रहे हैं और सम्भावना कला मंच के कलाकार ये सभी वही तारें हैं जो हमेशा खुले आकाश में हमेशा चमकते रहेंगे। इस श्रद्धांजलि सभा में पूर्व प्रवक्ता सुरेश राय, पूर्व ब्लाक प्रमुख रामायण सिंह यादव, डॉ. जफर असलम, समाज सेवी डॉ. फतेह मुहम्मद, मोती प्रधान, जन संस्कृति मंच के साथी अशोक जी, कला कम्यून बलिया से आये बन्टू जी,  नगीना सिंह, कवि अहकम जी, डॉ. वशीम अख्तर जी, आनंदी त्रिपाठी, गोपाल यादव जी, महिला महाविद्यालय, गाजीपुर की प्राचार्या सविता भारद्वाज, संतन राम, निरंजन जी, श्री राम विलाश यादव, शगीर अहमद, बृजेश कुमार, पंकज शर्मा, सुधीर सिंह, आशीष, अभिषेक राय आदि गणमान्य बुद्धिजीवियों ने राज कुमार जी के जीवनी पर प्रकाश डाला। इस श्रद्धांजलि सभा के साथ-साथ श्रद्धांजलि तौर पर एक चित्रकला कार्यशाला का भी आयोजन किया गया था जिसमें लगभग 50-55 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया था जो राज कुमार सिंह को एक कलाकार के रूप में सच्ची श्रद्धांजलि थी। इस सभा में इनकी पूर्व छात्र श्वेता राय, ऋषि कुमार, शिवांशी शर्मा, रीति सिंह, कृष्ण कुमार पासवान, उत्कर्ष, सुनील जायसवाल, प्रभात सिंह, बृजेश सिंह, कान्हा सिंह, शोभा विश्वकर्मा, चन्दन यादव, जेया एहसान, राहुल यादव आदि उपस्थित थे। सभा का संचालन डॉ. एम.ए. अंसारी इण्टर कालेज के अध्यापक विनय तिवारी ने व धन्यवाद प्रधानाचार्य सुजीत कुमार ने किया।

कोई टिप्पणी नहीं:

फूलों की खेती और उससे बने उत्पाद आर्थिक दृष्टि से अत्यंत लाभकारी-भक्ति विजय शुक्ला

Sarfaraz Ahmad  Varanasi (dil India live). फूलों की बढ़ती मांग और ग्रामीण किसानों तथा महिलाओं में फूलों की खेती के प्रति रुचि को देखते हुए, ...