- mohd Rizwan
इससे पहले हजरत रहीम शाह बाबा रहमतुल्लाह अलैह के उर्स का आगाज कुरानख्वानी से हुआ। जोहर की नमाज के बाद महफिल-ए-समां का आयोजन किया गया। शाम को चादरपोशी और मगरिब की नमाज के बाद मीलाद शरीफ हुआ। मीलाद शरीफ में बड़ी तादाद में अकीदतमंद शामिल हुए। शाम को तकरीर और लंगर भी चला। सुबह से देर रात तक बाबा के दर पर फातिहा पढ़ने वालों का हुजूम जुटा हुआ था। इसमें हिन्दू मुस्लिम सभी शामिल थे।
उर्स के आखिरी दिन बाबा के गुस्ल शरीफ के साथ बाबा के आस्ताने पर सरकारी चादर चढ़ाने के लिए चादर गागर का जुलूस औरंगाबाद से निकल कर विभिन्न रास्तों से होकर बाबा के दर पहुंचा, जहां पर हुजूम के साथ बाबा को सरकारी चादर पोशी कि गई।
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