वेतन रोकने से नाराज़ सैकड़ों शिक्षकों ने दिया धरना
Varanasi (dil india live). Varanasi के समस्त ब्लॉक के परिषदीय विद्यालयों के लगभग एक हजार अध्यापकों का एनपीएस के लिए प्रॉन आवंटन न होने पर Varanasi के लेखाधिकारी ने दिसंबर 2022 का वेतन रोकने का आदेश दिया है। इस आदेश से विभिन्न शिक्षक संगठनों में रोष था, इससे नाराज शिक्षकों ने वृहस्पतिवार को प्रातः 10 बजे पहली बार सभी गुट के संगठनों के पदाधिकारियों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरने दिया। देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में अध्यापक अध्यापिकाओं की भीड़ इकट्ठा हो गई। ऐसा मंजर पहली बार दिखाई दिया जिसमें सभी शिक्षक गुट के नेता शामिल रहे। धरने की अध्यक्षता पूर्व माध्यमिक (जूनियर हाईस्कूल) शिक्षक संघ के ज़िला अध्यक्ष विनोद उपाध्याय एवं संचालन जिला महामंत्री रविंद्रनाथ यादव ने किया।
इस अवसर पर शिक्षकों ने कहा कि दिसंबर माह का अगर वेतन का भुक्तान समस्त शिक्षकों का नहीं किया जाता है तो शिक्षक आर पार की लड़ाई लड़ेंगे, अब लेखाधिकारी की मनमानी नहीं चलेगी। जब एनपीएस स्वेच्छा से है तो शिक्षकों पर दबाव और वेतन रोकना कहां से न्यायसंगत है। जबकि कोर्ट का आदेश है कि कर्मचारियों का वेतन बिना प्रॉन के भी न रोका जाए। धरने दे रहे शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों ने बीएसए वाराणसी डॉ अरविंद कुमार पाठक को धरना प्रदर्शन के दौरान जब ज्ञापन सौंपा तो बीएसए ने आश्वासन दिया कि किसी का भी वेतन नहीं रुकेगा,और तत्काल मुख्य कोषाधिकारी को वेतन देने के लिए पत्र जारी किया, तब जाकर 6 घंटे से धरना दे रहे शिक्षकों ने धरना समाप्त किया।
धरना में मुख्यरूप से उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ के विनोद कुमार उपाध्याय, रविंद्रनाथ यादव, दुर्गा प्रसाद सिंह, विशिष्ट बीटीसी टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष यशोवर्धन त्रिपाठी, अटेवा के ज़िला महामंत्री बी एन यादव, जिला सहसंयोजक एहतेशामुल हक, ज़िला संगठन मंत्री ज़फ़र अंसारी, सहसंयोजक प्रमोद कुमार पटेल, जिला मंत्री अजय यादव, शकील अंसारी, प्राथमिक शिक्षक संघ से ज्योति भूषण त्रिपाठी, शैलेंद्र विक्रम सिंह, राजीव सिंह, मनीष कुशवाहा, महेंद्र बहादुर सिंह, शैलेंद्र पांडेय के अतिरिक्त इमरान खान, आरती देवी, सादिया तबस्सुम, डा अखिलेश यादव, प्रमोद उपाध्याय, अखिलेश सिंह, अब्दुर्रहमान, महबूब आलम, आमरा जमाल, नाहिद फातिमा, बेबी फातिमा, नौशाद अमान, बाकर ज़हीर, अजमेरी बानो, रुखसाना बेगम, चिराग अंसारी, रईस अहमद, सफीउर्रहमान, मुहम्मद फैसल महजबीं सैकड़ों की संख्या में शिक्षक शामिल थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें