रविवार, 1 जून 2025

Varanasi main Bakrid को लेकर कमिश्नरेट पुलिस अलर्ट

संवेदनशील इलाकों, सोशल मीडिया पर बढ़ी निगरानी

पीस कमेटी की बैठक हुई सम्पन्न

 

Sarfaraz Ahmad 

Varanasi (dil India live)। जैतपुरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक होटल में आगामी बकरीद के मद्देनजर पीस कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। चेतगंज के सहायक पुलिस आयुक्त गौरव कुमार की अध्यक्षता में हुई मीटिंग का मुख्य उद्देश्य त्योहार को सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में मनाने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने को लेकर समुदाय के बीच समन्वय स्थापित करना था।

बैठक में सहायक पुलिस आयुक्त ने क्षेत्र के संभ्रांत नागरिकों, धर्मगुरुओं, समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों से संवाद करते हुए उनकी समस्याएं सुनीं और त्वरित समाधान का भरोसा दिलाया। उन्होंने सभी से अपील की कि शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए बकरीद को शांतिपूर्वक और स्वच्छता के साथ मनाएं।

उन्होंने विशेष रूप से कुर्बानी के बाद जानवरों के अवशेष को खुले में फेंकने से परहेज करने और नगर निगम द्वारा लगाए गए कूड़ेदान कंटेनरों में ही डालने का आग्रह किया। खुले में कुर्बानी, खून बहाना या मांस को सार्वजनिक रूप से लेकर चलने से बचने की सलाह दी गई। साफ-सफाई को लेकर प्रशासन पूरी तरह सजग है, लेकिन नागरिक सहयोग भी जरूरी बताया गया।

यातायात व्यवस्था को लेकर भी सुझाव साझा किए गए और नागरिकों से अनुरोध किया गया कि त्योहार के दौरान सहयोग करें ताकि मार्ग अवरुद्ध न हों और आपसी व्यवस्था बनी रहे। नागरिकों ने भी पानी, बिजली, साफ-सफाई जैसे बुनियादी मुद्दों को बैठक में उठाया, जिस पर समाधान का आश्वासन दिया गया।

एसीपी ने सोशल मीडिया पर अफवाहों से सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि बिना सत्यापन के कोई भी जानकारी साझा न करें। सभी धर्मों का सम्मान करना हमारी सांस्कृतिक पहचान है और इसे बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। बैठक में थाना जैतपुरा के चौकी प्रभारी, दारोगा, उपनिरीक्षक, कांस्टेबल सहित समाज सेवा सोसायटी के वालंटियर, स्थानीय सभासद एवं बड़ी संख्या में क्षेत्रीय संभ्रांत नागरिक उपस्थित रहे।

पीस कमेटी की बैठक में बोलते फरीद अहमद अंसारी 

लक्सा थाने में पीस कमेटी की बैठक 

थाना लक्सा में थाना प्रभारी दया राम की अध्यक्षता व वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता फरीद अहमद अंसारी के संचालन में पीस कमेटी की बैठक हुई। बैठक में इलाके के संभ्रांत नागरिकों ने शिरकत किया। वक्ताओं ने पुलिस को भरोसा दिलाया कि आपसी सहयोग और सौहार्द की जो बनारसी परम्परा और गंगा जमुनी तहज़ीब है उसे बरकरार रखा जाएगा। आगामी त्योहार शांति और भाईचारे के साथ बिना किसी नयी परम्परा को कायम किए मनाया जाएगा।


Hazrat Lathshahi Baba के उर्स में अकीदतमंदों का उमड़ा जनसैलाब

उर्स के दौरान हिंदू मुस्लिम दोनों वर्गों ने लुटाई अकीदत, चढ़ाई चादर 


Sarfaraz Ahmad 

Varanasi (dil india live). सर्किट हाउस स्थित hazrat Syed mukhtar ali shah उर्फ लाटशाही शहीद बाबा (रह.) के तीन दिवसीय उर्स में शनिवार को अकीदत का सैलाब उमड़ पड़ा। बाबा के आस्ताने पर जहां एक ओर सूफियाना कलाम गूंज रहा था, वहीं दूसरी ओर सर्किट हाउस के पीछे झूला,चरखी आदि पर बच्चों का हुजूम मस्ती करता दिखाई दिया। सैकड़ों कि तादाद में सजी अस्थाई दुकानें लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। उर्स में आए हुए तमाम लोगों का हुजूम फातेहा पढ़ने के बाद खरीददारी करके लौटता दिखाई दिया। उर्स के दौरान हिंदू मुस्लिम दोनों वर्गों ने बाबा के दर पर जहां अकीदत लुटाई वहीं चादर चढ़ाकर तमाम लोगों ने फातेहा पढ़ा और मन्नतें व मुराद मांगी।


उर्स में सुबह से देर रात तक जायरीन का हुजूम 

बाबा के उर्स में सुबह से देर रात तक जायरीन का हुजूम फातेहा पढ़ने और बाबा कि जियारत के लिए उमड़ा हुआ था। आलम ये था कि सर्किट हाउस, कचहरी आदि के आसपास सड़क पर पांव रखने तक की भी जगह नहीं थी। इससे पूर्व शाम को उल्फत बीबी के अहाते से चादर-गागर का जुलूस निकला, जो कदीमी रास्ते से होता हुआ बाबा के आस्ताने पर पहुंचा। यहां बाबा की मजार पर चादरपोशी कर अकीदतमंदों ने मुल्क की सलामती व खुशहाली की दुआ मांगी। सूफी मोहम्मद जाफर हसनी ने उर्स में आए हुए लोगों का खैरमकदम किया।


तीन दिवसीय उर्स के दौरान कुरानख्वानी, तकरीर व नातिया मुशायरे व लंगर का दौर समाचार लिखे जाने तक चलता रहा। उर्स के मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों संग बंगाल, बिहार, हरिद्वार, दिल्ली, अजमेर सहित पूर्वाचल भर से हजारों अकीदतमंदों ने बाबा के दर पर हाजिरी लगाकर दुआएं मांगी। समाचार लिखे जाने तक उर्स अपने शबाब पर था।

शनिवार, 31 मई 2025

Hazrat Ibrahim की सुन्नत है ईदे कुर्बां

बक़रीद की तैयारियों में जुटे लोग, बकरा मंडी गुलज़ार 

सात जून को मनाईं जाएगी बक़रीद 

  • Sarfaraz Ahmad/ Mohd Rizwan 

varanasi (dilindialive)। देश-दुनिया में 07 jun को ईदुल अजहा यानी बकरीद का त्योहार पूरी अकीदत के साथ मनाया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। देर रात तक बकरो और सेवईयो की खरीदारी bakharid के मुक़द्दस पर्व को देखते हुए हो रही है। बकरीद के दिन को कुर्बानी और त्याग के दिन के रूप में याद किया जाता है। इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के मुताबिक, कुर्बानी का त्योहार बकरीद रमजान के दो महीने बाद आता हैं। इस्लाम धर्म में बकरीद तीन दिन होती है, आमतौर पर बक़रीद पर छोटे-बड़े जानवरों की कुर्बानी दी जाती है।


इस दिन जानवर को अल्लाह की राह में जहां कुर्बान कर दिया जाता हैं। वहीं काबा में ज़ायरीन हज के अरकान मुकम्मल कर रहे होते हैं। उधर बकरों की खरीद के साथ ही खोवा, सेवई, मेवा, प्याज,अदरक आदि की भी खरीदारी देर रात तक होती है, दरअसल कुर्बानी के साथ ही घरों में लज़ीज सेवईयां भी बनती है। इसकी तैयारियां ख्वातीन देर रात से ही करती हैं। शहर के बेनियाबाग, रेवड़ी तालाब, बड़ी बाजार, सरैया, कोनिया, लल्लापुरा, बजरडीहा आदि इलाकों में जानवरों की खरीदारी फरोख्त शुरू हो गई है। अभी शुरुआत है बेनियाबाग बकरा मंडी में तमाम लोग रेट लगाते, पुश्त टटोलते देखें जा रहे हैं। 

bakharid की ये कहानी ख़ास कहानी 

बकरीद पैगम्बर हजरत इब्राहिम की सुन्नत है। दरअसल खुदा ने हजरत इब्राहिम का इम्तिहान लेने के लिए ख्वाब में हुक्म दिया कि इब्राहिम अपनी सबसे अजीज चीज़ रब के लिए कुर्बानी दें। हजरत इब्राहिम के लिए सबसे अजीज उनका बेटे हजरत इस्माइल थे, जिसकी कुर्बानी के लिए वे रब की रज़ा के लिए तैयार हो गए। उन्हे कुर्बानी के लिए ले भी गये मगर ऐन कुर्बानी से पहले रब ने हजरत इस्माईल की जगह ये कहते हुए जेबाह के लिए दुम्बा भेज दिया कि वो हज़रत इब्राहिम का इम्तेहान ले रहे थे और इम्तेहान में वो पास हो गये, तभी से कुर्बानी का पर्व मनाया जाता है।


इस साल ये है तैयारी

इस साल 07 जुलाई को पूरे देश में बकरीद का पर्व मनाया जाएगा। ईदगाहों और प्रमुख मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की विशेष नमाज का टाइम टेबल जारी हो चुका है।सुबह 6 बजे से लेकर 10.30 बजे तक ईदुल अजहा की नमाज अदा की जाएगी। दुनिया भर के मुसलमान ईद की तरह कुर्बानी पर भी गरीबों का खास ख्याल रखते हैं। कुर्बानी के सामान का तीन हिस्सा बांटकर एक हिस्सा गरीबों को दिया जाता है। दो हिस्सों में एक खुद के लिए और दूसरा हिस्सा दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए रखा जाता है। मुसलमानों का विश्वास है कि पैगंबर हजरत इब्राहिम की कठिन परीक्षा ली गई। अल्लाह ने उनको अपने बेटे पैगम्बर हजरत इस्माइल की कुर्बानी देने को कहा जिसमें वो पास हो गये।

Ganga main डूबते युवक को NDRF ने बचाया

एनडीआरएफ कर्मियों की बहादुरी और तत्परता की लोगों ने दी मिसाल

  • Sarfaraz Ahmad 

Varanasi (dil India live). आज प्रातः काशी के मान मंदिर घाट पर स्नान कर रहे आर्यन सिंह, निवासी शिवपुर, वाराणसी, स्नान के दौरान अचानक गहरे पानी की ओर बह गए और डूबने लगे। इस घटना के दौरान घाट पर उपस्थित लोगों में हड़कंप मच गया। लोग बचाव के लिए राहत की राह देखने लगे की उसी समय गंगा नदी में नियमित जल पेट्रोलिंग कर रही 11 वीं वाहिनी, एनडीआरएफ की टीम सतर्कता और तत्परता के साथ मौके पर मौजूद थी। उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के नेतृत्व में 11 वीं वाहिनी, एनडीआरएफ की टीम घटना स्थल पर तैनात एनडीआरएफ के साहसी और उच्च प्रशिक्षित बचावकर्मी, जो गंगा नदी में नियमित पेट्रोलिंग कर रहे थे, ने बिना किसी विलंब के नदी में छलांग लगाई। त्वरित प्रतिक्रिया और उत्कृष्ट तकनीकी कौशल का परिचय देते हुए उन्होंने डूबते हुए युवक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इस दौरान वहां मौजूद तमाम लोगों ने एनडीआरएफ कर्मियों और उनकी पूरी टीम को बधाई दी और उनकी बहादुरी को सलाम किया।

Varanasi main Hazrat Laat Shahi Baba के उर्स में जुटे लोग

तीन दिवसीय उर्स के दूसरे रोज मन्नतें व मुराद मांगने उमड़ा हुजूम 

Varanasi (dil India live)। सर्किट हाउस स्थित हज़रत सैय्यद मुख्तार अली शाह शहीद उर्फ लाटशाही बाबा (रह.) का तीन दिवसीय उर्स शुक्रवार को फजर की नमाज के बाद शुरू हो गया साथ। उर्स के दौरान बाबा के दर पर अकीदत का सैलाब उमड़ा हुआ था। शनिवार की रात से रविवार की सुबह तक जायरीन बाबा के दर पर अपनी अकीदत लुटाते दिखाई देंगे। जुमेरात को शुरू हुए उर्स में जुटे को दूसरे दिन आलम यह था कि सर्किट हाउस में फातेहा, मन्नत व मुराद मांगने लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था। 

आज चढ़ेगी सरकारी चादर

शनिवार शाम को सूफी जाफर हसनी के उल्फत बीबी के हाता सिथत दौलतखाने से चादर-गागर का जुलूस निकलेगा, जो कदीमी रास्ते से होता हुआ बाबा के आस्ताने पर पहुंचेगा। मगरिब की नमाज़ के बाद बाबा की मजार पर चादरपोशी कर तमाम अकीदतमंद मुल्क की सलामती व खुशहाली की दुआएं मांगेंगे। तीन दिवसीय उर्स के दौरान कुरानख्वानी, फातेहा व लंगर का दौर दूसरे दिन भी चलता रहा। 

बाबा चेतसिंह के थे सिपहसालार 


सूफी जाफर की मानें तो हज़रत लाटशाही शहीद बाबा (रह.) का असली नाम सैय्यद मुख्तार अली शाह था। बाबा फतेहपुर के रहने वाले थे। हज़रत लाटशाही बाबा सन् 1742 में बनारस आए। आप काशी नरेश के शिवपुर परगना के शहर काजी बनाएं गये। राजा चेतसिंह ने बाबा के इंसाफ और बहादुरी के चलते अपनी सल्तनत में सिपहसालार बनाया। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ 1782, 1784 व 1786 में राजा चेतसिंह की ओर से जंग लड़ी। जंग में अंग्रेजों ने अपनी हार मानते हुए संधि की। इसके बाद अंग्रेजों की ओर से दूसरा गवर्नर भेजा गया। 1798 में उसने धोखे से जंग छेड़ दी। इस जंग में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए सैय्यद मुख्तार अली शाह लाटशाही बाबा शहीद हो गए। राजा चेतसिंह की ओर से उन्हें लार्ड गवर्नर नियुक्त होने के कारण इनका नाम बाद में लाटशाही बाबा पड़ गया। डाक्टर हम्ज़ा की मानें तो आज बाबा को मानने वाले देश दुनिया में फैले हुए हैं। उर्स के दौरान बाबा से अकीदत रखने वाले देश के कोने कोने से कचहरी, अर्दली बाजार व पक्की बाजार पहुंचते हैं। उर्स के दौरान इन इलाकों के तक़रीबन सभी घरों में मेहमान उमड़ते हैं। बनारस के वरुणापार का कोई देश के किसी भी इलाके में रहता हो मगर उर्स के बहाने वो बनारस खींचा चला आता है।

शुक्रवार, 30 मई 2025

Kaba main Hajj के अय्याम से पहले Kashi समेत 16 जिलों में दुआख्वानी

इसरा ने कराया हज संग मुल्क में अमन और मिल्लत की दुआएं 


Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). मुक़द्दस हज का अय्याम शुरू होने वाला है। इसलिए (ISSRA) वाराणसी द्वारा इज्तेमाई दुआख्वानी का आयोजन आज जुमे को पूर्वांचल के 16 जिलों में एक साथ इज्तेमाई दुआख्वानी की गई। वाराणसी में मुख्य केन्द्र शाही जामा मस्जिद बादशाह बाग में पूरे हिन्दुस्तान से नहीं बल्कि सारी दुनिया से काबा पहुँचे हुए हाजियों की सेहत व हज बखैरियत मुकम्मल होने और मुल्क में अमनों अमान खुशहाली के लिए इज्तेमाई दुआख्यानी मौलाना हसीन अहमद हबीबी की सदारत में सकुशल सम्पन्न हुई। आज बाद नमाज जुमा अपनी अपनी मस्जिदों में पेश इमामों ने पूर्वांचल के जिलों में एक साथ सारी दुनिया से पहुंचे हुए हज जायरीन की सेहत बखैरियत हज मुकम्मल होने व कुबूल होने एवं अपने मुल्क सकुशल वापसी की रब से दुआएं की गई। साथ ही साथ मुल्क में अमन व मिल्लत व खुशहाली के लिए भी इज्तेमाई दुआएं अल्लाह तआला की बारगाह में हाथ उठाकर की गई। अल्लाह तआला से खुसुसी तौर से दुआएं की गई कि मुल्क में अमनो-अमान, आपसी भाईचारे को बरकरार रखते हुए पूरी सादगी के साथ सारे त्यौहार सकुशल सम्पन्न करें ताकि गंगा-जमुनी तहजीब के लिए मशहूर शहर बनारस की अपनी खासियत बरकरार रहे और अल्लाह तआला हम सबकों को ऐसी सद्बुद्धि दें कि हम अपने-अपने कर्तव्यों को समझते हुए प्रशासन का पूर्ण सहयोग दें। जिससे बनारस सहित पूरे उ०प्र० व देश में अमनो अमान व खुशहाली कायम रहे। 


इसरा के जनरल सेक्रेटरी हाजी फारुख खां ने बताया कि सभी जिलों में इज्तेमाई दुआ के इस प्रोग्राम को कामयाब बनाने के लिए हर जिले में इसरा (ISSRA) ने अपने प्रतिनिधियों को नियुक्त किया था। जिन्होंने इस दुआ के प्रोग्राम को काययाब बनाने में अपना प्रशसनीय सहयोग प्रदान कर सफल बनाया। उनमें क्रमश बनारस में डॉ० महबूब, इम्तियाज अहमद, हाजी नौशाद, मो० फिरोज, मुख्तार अहमद, सेराज, मो० शाहरूख, जब्बार तो जौनपुर में मोहम्मद शकील, फैजान खलील, गाजीपुर मकसूद अंसारी, इमरान, अनवार अहमद, बलिया में डाक्टर मो अरशद अंसारी, मोहम्मद सरफराज, चंदौली में मो शाहीद, सोनभद्र में हाजी रिजवान, नफीस, महताब आलम व हाजी ताहिर, भदोही में इजहार खान, बाबू, मऊ में सरफराज अहमद, सलीम अहमद, सलाउद्दीन, गोरखपुर में मो. पप्पू, मो. नदीम, इलाहाबाद में मोहम्मद अजहरूद्दीन व महफूज सिद्दीकी, प्रतापगढ़ में महमूद खान, कौशाम्बी में दाउद अहमद, मिर्जापुर में गुलाम रब्बानी, कुशीनगर में हाजी लियाकत अली, सिद्धार्थनगर में मोहम्मद अली, महराजगंज में अहमद हुसैन आदि शामिल थे। 

जिनमें मुख्य मस्जिदे इस प्रकार है- मस्जिद दायम खाँ पक्की बाजार के पेश इमाम मौलाना मुबारक, मस्जिद हाता उल्फत बीबी के पेश मौलाना कारी साकिब, गफूरी मस्जिद कचहरी के पेश इमाम हाफिज मुबारक, मस्जिद लाटशाही बाबा के पेश हाफिज हबीबुल्लाह, शाही मस्जिद बादशाह बाग के पेश इमाम मौलाना हसीन हबीबी मोहम्मदी जामा मस्जिद नगर के पेश इमाम मौलाना शफीक आलम, नरी मस्जिद नरिया वाराणसी, तारा मस्जिद कड़ी मौलाना नरुददीन साहब, जामा मजिस्द कूड़ी बाजार मौलाना जलील, बडी जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना जियाउल हक, ईदगाह बोलापुर के पेश इमाम हाफिज जमालुद्दीन, के मस्जिद मीरा शाह बाबा हबीबपुरा, चेतगंज के पेश इमाम मौलाना मुहम्मद नईम साहब, मस्जिद सलामत अली पितरकुण्डा के पेश इमाम मौलाना सफीक साहब, मस्जिद काले खाँ के पेश इमाम मौलाना हाजी अब्दुल हादी खाँ साहब, मस्जिद लाल सहतूत औरंगाबाद के पेश इमाम हाजी अश्फाक, छोटी मस्जिद पानी टंकी के पेश इमाम मौलाना निजामुद्दीन, जुमा मस्जिद सदर बाजार के पेश इमाम रूखसार अहमद, जामा मस्जिद राजा बाजार के पेश इमाम मौलाना मजहरूल हक, जामा मस्जिद खाजापुरा गड़ही के पेश इमाम हाजी मौलाना युनूस साहब, मस्जिद आशिक माशूक सिगरा के पेश इमाम मौलाना कमालुद्दीन साहब, जामा मस्जिद काश्मीरीगज खोजवा के पेश इमाम मौलाना मुहम्मद वाहिद रजा, मस्जिद जलालीपुरा के पेश इमाम मौलाना मुहम्मद उमर बड़ी मस्जिद छत्ता तले के पेश इमाम मौलाना कारी साजिद, मस्जिद पिपलानी कटरा के पेश इमाम मौलाना इस्लामुद्दीन। धानापुर चन्दौली के जुमा मस्जिद के पेश इमाम हाफिज इलियास शम्स, जामा मस्जिद चकिया चंदौली के पेश इमाम, बडी जामा मस्जिद बड़गवां चंदौली के पेश इमाम हाफिज मकबूल, जुमा मस्जिद सतपोखरी दुलहीपुर के पेश इमाम जैनुल आब्दीन, जामा मस्जिद चहनियों कारी ऐनुल हक, जुमा मस्जिद बड़ागांव के पेश इमाम हाजी सेराजुद्दीन, नगरा बलिया मदीना मस्जिद के पेश इमाम मौलाना नसीम, बडी मस्जिद गुदड़ी बाजार बलिया के पेश इमाम मौलाना अजहर, मस्जिद विशुनीपुर के पेश इमाम कारी नौशाद अहमद, बड़ी मस्जिद उमरगंज के पेश इमाम मौलाना मोहम्मद आजम, जामा मस्जिद बेल्थरा रोड के पेश इमाम मौलाना मंजूर, मस्जिद कामिल शाह रहमतुल्ला अलैह के पेश इमाम वलीदपुर, मऊ में शाही मस्जिद कोपागंज के पेश इमाम मौलाना मोहम्मद नजीर शाह, जौनपुर में शाही बड़ी मस्जिद के पेश इमाम मुफ्ती मौलाना फैसल, जामा मस्जिद बदरूल इस्लाम शाहगंज जौनपुर के पेश इमाम मौलाना हमजा, जामा मस्जिद मोहम्मदाबाद आजमगढ़ के पेश इमाम हाफिज शाहजहां, जुमा मस्जिद महराजगंज मौलाना मोइनुद्दीन, अस्करगंज, गोखपुर के पेश इमाम मौलाना अनीस, जामा मस्जिद कुशीनगर के पेश इमाम हाजी लियाकत अली, मस्जिद स्टेशन रोड प्रतापगढ़ के पेश इमाम मौलाना रियाजुल हसन कासमी, जुमा मस्जिद ओबरा के पेश इमाम कारी मोहम्मद असलम, भदोही, जामा मस्जिद कल्लन शाह तकिया के पेश इमाम हाफिज अच्छे मियां व गाजीपुर जामा मस्जिद समेत इन सभी 16 जिलों की सभी मस्जिदों में हज के साथ ही पूरे मुल्क में खुशहाली एवं अमन और मिल्लत की दुआएं मांगी गई। दुआख्वानी के मौके पर मोहम्मद इम्तियाज, हाजी नौशाद, सेराज अहमद, मुख्तार, मोहम्मद फिरोज, अलहम अंसारी, सेराज अहमद आजाद, मौलाना शाबान, मोहम्मद असलम, मोहम्मद युसूफ, रेयाज, निजाम, हाजी शमसुद्दीन, हाजी करीमुद्दीन, मुख्तार अहमद, मो० शफीक, राजू हाजी शुऐब, तथा इसरा के पदाधिकारीगण एवं सदस्यगण मौजूद थे। 

Sikh community ने मनाया 5 वें Guru गुरू अरजन देव का शहीदी दिवस

शबद तेरा कीया मीठा लागै, हरि नाम पदारथ नानक मांगै...

Varanasi (dil India live). श्री गुरू अरजन देव जी का शहीदी दिवस 30 मई को श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस दौरान बताया गया कि सिक्खों के पाँचवे गुरु श्री गुरू अरजन देव की शहादत संसार के इतिहास में अद्वितीय है। सब्र, संतोष, शांति के पूज्य, सहनशीलता और अकालपुरख का भांणा (ईश्वर की रजा) मानने का दृढ़ विश्वास इस शहादत से शिखर तक पहुँचाता है। जालिम और जुल्म का टाकरा गुरूदेव ने जिस सब्र से किया, निःसन्देह इसकी मिसाल कहीं नहीं मिलती। इसी आधार पर ही सिक्ख शहीदियों ने संसार के इतिहास में महान स्थान प्राप्त किया है।


इस वर्ष भी श्री गुरू अरजन देव जी महाराज का 419 वां शहीदी दिवस दिन शुक्रवार जेठ सुदी चौथ 30.05.2025 को गुरुद्वारा गुरूबाग, वाराणसी में बड़ी ही श्रद्वा-भाव एवं सादगी से मनाया गया। जिसमें पंथ के महान रागी जत्थे भाई जगजीत सिंह बबीहा एवं भाई नरिन्दर सिंह (हजूरी रागी जत्था गुरुद्वारा, गुरूबाग) वाले ने शबद तेरा कीया मीठा लागै, हरि नाम पदारथ नानक मांगै एवं जपियो जिनि अरजन देव गुरू, फिर संकट जोनि गरब नहि आयो। संगत को गुरुवाणी कीर्तन व गुरमत विचारों से निहाल किया।

गुरुवार से ही शुरू हुआ था अरदास


गुरूवार शाम से ही गुरुद्वारे में अरदास शुरू हो गया था। शाम का दीवान गुरुद्वारा, गुरूबाग सायं 7:00 बजे से 8:00 बजे तक भाई नरिन्दर सिंह हजूरी रागी गुरुद्वारा, गुरुबाग एवं 8:00 बजे से 9:30 बजे तक भाई जगजीत सिंह बबीहा पंथ के महान रागी जत्थे कीर्तन किया, अरदास उपरान्त गुरू का लंगर चला। 30/05/2025 दिनः शुक्रवार प्रातः 10:00 बजे से 11:00 बजे तक सिख परिवार की बच्चियों एवं 11:00 बजे से 12:00 बजे तक भाई नरिन्दर सिंह हजूरी रागी गुरुद्वारा, गुरूबाग तथा 12:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक भाई जगजीत सिंह बबीहा पंथ के महान रागी जत्थे ने कीर्तन किया।अरदास उपरान्त गुरू का लंगर। छबील सेवा (प्रातः 9:30 बजे से) गुरुद्वारा गुरूबाग वाराणसी, गुरूद्वारा बड़ीसंगत नीचीबाग के अलावा शहर में जगह-जगह (गुरूद्वारा भीम नगर, नदेसर (Opposite कोहली मोटर्स), कैंट स्टेशन नियर हनुमान मंदिर, मालवीय मार्केट लहुराबीर, लाजपत नगर मलदहिया, अशोक नगर सिगरा, शास्त्री नगर, महमूरगंज नियर पेट्रोलपम्प, चौकाघाट, कबीर चौरा, गुरूद्वारा BLW, गाँधी नगर सिगरा, भेलूपुर में ठण्डे मीठे जल की छबील लगाई गयी, इसमें हजारों संख्या में लोगो ने शर्बत ग्रहण किया। भारी संख्या में संगत ने गुरूघर में हाजिरी भरकर गुरूघर की खुशियाँ प्राप्त की। गुरुद्वारे के मुख्य ग्रन्थी भाई रंजीत सिंह ने गुरूघर मे उपस्थित सभी संगत को धन्यवाद प्रदान किया।