शुक्रवार, 6 दिसंबर 2024

6 December UP में रहा हाई अलर्ट, बाबरी मस्जिद की शहादत पर बंद रहा बनारस में मुस्लिम कारोबार

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्ण ढंग से अदा हुई जुमे की नमाज

विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के बाहर संवेदनशीलता को देखते हुए ब्लैक कमांडो के जवान रहें मुस्तैद


Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। बाबरी मस्जिद की शहादत पर शुक्रवार को शहर के मुस्लिमों ने न सिर्फ अपना कारोबार बंद रखा, बल्कि अमनों मिल्लत की दुआएं भी मांगी। जुमा होने की वजह से भी मस्जिदों में नमाजियों की खचाखच भीड़ थी। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने पहले ही अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया था। इसके चलते ज्ञानवापी शाही मस्जिद, मस्जिद नवाब टोंक यूपी कालेज, आलमगीर मस्जिद धरहरा, खाकी शाह मस्जिद शिवाला, बुलाकी शहीद मस्जिद अस्सी, मस्जिद ईदगाह लाट सरैया समेत तमाम मस्जिदों के पास खड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखी गई।


उधर काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के बाहर संवेदनशीलता को देखते हुए ब्लैक कमांडो के जवान रहें मुस्तैद रहे। समाचार लिखे जाने तक शहर में शांति व्यवस्था कायम थी। प्रमुख मुस्लिम बाजार दालमंडी, नई सड़क, कपड़ा मार्किट, बेनियाबाग, सरायहड़हा, भीखाशाह गली, नारियल बाजार, छत्तातले, घुघरानी गली, कच्ची सराय, चाहमामा, कोदई चौकी, चौक, बजरडीहा आदि इलाकों की दुकानों के शटर भी नही उठें। इन इलाकों में लोग वर्ष 1992 से लगातार मस्जिद शहीद किये जाने के गम में अपना- अपना करोबार बंद रखते है।

पहले इसके लिए बाकायदा आलमीन सोसायटी बंद की अपील करती थी। शिवाला में अध्यक्ष परवेज कादिर खाँ की अगुवाई में धरना दिया जाता था। घरों और मस्जिदों में दुआ ख्वानी होती थी। हालॉकि अब इसके लिए न तो कोई अपील होती है और न ही कोई ऐलान बावजूद इसके स्वेच्छा से सभी अपने करोबार को बंद रखते है। मुल्क में अमन, मिल्लत और बाबरी मस्जिद के लिए दुआएं मांगी गई। इस मौके पर प्रमुख मुस्लिम इलाको में बंदी की अपील वाली तख्तिया लगा दी गई। जिस पर लिखा था कि आज बनारस बंद है दुकाने नहीं खुलेंगी। एक अनुमान के मुताबिक बंदी से तकरीबन 25-35 करोड़ से ज्यादा का टर्न ओवर प्रभावित होता है।


इसलिए बंद हुआ धरना

कुछ वर्ष पूर्व तक आलमीन सोसायटी की ओर से शिवाला पर धरना प्रदर्शन किया जाता था और बनारस बंद की अपील जाती थी, मगर कुछ वर्ष पूर्व अमनो-मिल्लत बनाये रखने के लिए यह आयोजन बंद हो गया, मगर बनारस के मुस्लिम अपना कारोबार बंद करके अपने गम का शांतिपूर्ण इजहार करते आ रहे है। बंदी के चलते हड़हा सराय का बिसातबाने का कारोबार, बेनिया का प्लास्टिक, नई सड़क का कपड़ा व्यवसाय, दालमंडी का इलेक्ट्रनिक पार्ट्स, रेडीमेड, होजरी समेत तमाम करोबार बंद रहा है। दुकानों के शटर तक नहीं खुले। उधर समाचार लिखे जाने तक जुमे की नमाज सभी मस्जिदों में शांति पूर्वक सम्पन्न हो गई थी।


PM Modi से देखिए क्या खास अपील कर रहे हैं शाही इमाम

इंसाफ करें, बहुत हो चुका, जामा मस्जिद में नमाज के दौरान देश के हालात पर रो पड़े इमाम बुखारी


New Delhi (dil India live)। दिल्ली जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी अचानक फफक पड़े और इस दौरान प्रधानमंत्री से खास अपील की। दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम ने कहा, "हम जिस हालत में 1947 में खड़े थे.उससे भी बदतर हालात में हम अब भी खड़े हैं।

देश आगे किस तरफ जाएगा? ये कोई नहीं जानता है।"

शाही इमाम बुखारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के मुसलमान से बात करें। उन्होंने कहा, "पीएम मोदी बातचीत के लिए तीन हिंदू और तीन मुसलमानों को बुलाएं। पीएम मोदी साहब बहुत हो चुका है. आप जिस कुर्सी पर बैठे हैं. आप इंसाफ करें। मुसलमानों के दिलों को जीतें। जो छोटे-छोटे छुटभइय्या लोग देश के माहौल को खराब कर रहे हैं. उन्हें रोकिये, मैं अपने नौजवानों से कहूंगा। आप सब्र कीजिए,

बुखारी की तरफ से यह अपील ऐसे समय में की गई है, जबकि संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा में चार की मौत हो गई। वहीं, देश के कुछ हिस्सों में मस्जिद के सर्वे को लेकर अदालतों में याचिका दाखिल की गई है।

सैयद अहमद बुखारी ने कहा, "एएसआई ने हमें बताया है कि दिल्ली जामा मस्जिद के सर्वें का हमारा कोई इरादा नहीं है, लेकिन संभल-अजमेर और दूसरी जगह पर जो सर्वे हो रहा है, उस पर सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए। ये सब बाते देश के लिए अच्छी नहीं हैं। मैं यही कहता हूँ कि लम्हों ने खता की, सदियों ने सज़ा पाई… आखिर कब तक देश ऐसा चलेगा. हिन्दू मुस्लिम, मंदिर मस्जिद कब तक चलेगा।"

जिला अदालत के आदेश पर 24 नवंबर को संभल के कोट गर्वी इलाके में मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किए जाने के बाद संभल में हिंसा हुई थी। जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग घायल हो गए थे। जिले में तभी से स्थिति तनावपूर्ण है।

बुधवार, 4 दिसंबर 2024

Varanasi में दंगा नियंत्रण डील का police के जवानों ने किया अभ्यास

  • Mohd Rizwan 







Varanasi (dil India live)। पुलिस लाइन में आज राइट ड्रिल यानी दंगा नियंत्रण डील का पुलिस के जवानों ने अभ्यास किया। राइट ड्रिल का नेतृत्व कैंट एसीपी विदुष सक्सेना कर रहे थे। यह प्रशिक्षण पुलिस के जवानों को दंगाइयों से निपटने के लिए दिया जाता है। इस ड्रिल में पुलिस कर्मियों को दंगाइयों से निपटने के लिए कई तरह के तरीके सिखाए जाते हैं। इस दौरान राइट ड्रिल के माध्यम से दंगाइयों से निपटने के लिए रणनीति बनाने और उचित उपकरणों का सही प्रयोग करने का पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया।

मंगलवार, 3 दिसंबर 2024

रैन बसेरा देगा ठंड में मुसाफिरों को राहत, किया गया शुरुआत


Bhadhi (dil India live)। नगर पालिका परिषद की ओर से मंगलवार रेलवे स्टेशन आरक्षण केंद्र स्थित रैन बसेरा स्थापित कराया गया। रैन बसेरा में 13 पुरुष व 7 महिलाओं के लिए अलग अलग रहने की व्यवस्था की गई है। ठंड को देखते हुए गद्दा रजाई की व्यवस्था के साथ ठहरने वालो के लिए पेयजल आदि की व्यवस्था की गई है। रैन बसेरा की शुरुआत के अवसर पर चेयरमैन पति डाक्टर अतहर अंसारी ने कहा कि रैन बसेरा ठंड में मुसाफिरों को राहत देगा। इस मौके पर अधिकारियों व चेयरमैन पति डाक्टर अतहर अंसारी का सभासदो ने भव्य स्वागत किया। डाक्टर अतहर व ईओ धर्मराज सिंह ने रैन बसेरा का फिता काट कर आगाज़ किया। ईओ ने कहा कि ठंड को देखते हुए शासन रैन बसेरा स्थापित कराने को लेकर गम्भीर है। आज नगर पालिका परिषद की ओर से रैन बसेरा स्थापित कराया दिया गया है रैन बसेरा में ठंड से बचने के लिए समुचित रजाई गद्दा व कम्बल रखवाया गया है। रैन बसेरा में सेनेटाइजर, दवाएं हैंडवाश आदि की व्यवस्था भी की गयी है। इस दौरान मिथलेश कुमार, जितेंद्र यादव, अरविंद मौर्य, अमित कुमार, अलाऊद्दीन आदि उपस्थित थे।

AI सीखकर देश सेवा करने की कि गई अपील

जामिया इस्लामिया इशातुल उलूम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वर्कशॉप

  • Mohd Rizwan 

Mumbai (dil India live)। अक्कलकुआ स्थित जामिया इस्लामिया इशातुल उलूम के दारुल क़ुरआन ऑडिटोरियम में AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में जामिया के तमाम कॉलेज एवं संस्थानों के छात्र-छात्राओं को AI के जरिए पढ़ाई एवं रोजगार पर चर्चा की गई। हैदराबाद से आई एआई बडी की टीम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तमाम पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी।

सत्र का शुभारंभ जामिया के प्रोवोस्ट प्रोफेसर (डॉ.) अकील अली सैय्यद ने किया। इसके बाद उन्होंने एआई बडी टीम के सदस्यों का परिचय कराते हुए बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ईश्वर द्वारा प्रदान किए गए दिमाग से ही विकसित किया गया है। लिहाजा इसके बारे में जानना और इसके काम करने के तरीके को समझना बेहद दिलचस्प होगा। आप इसके रचनात्मक पहलू पर ध्यान देंगे और उसका इस्तेमाल करेंगे तो देश, समाज और खुद का भला कर पाएंगे। जबकि नकारात्मक सोच के साथ इसका इस्तेमाल करेंगे तो सभी के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। ठीक उसी तरह से, जैसे आग का सही इस्तेमाल किया तो आज इंसान स्वादिष्ट भोजन से लेकर हाड़ कंपाती सर्दियों में पानी गर्म करके नहाने तक कई तरह से इसके फायदे उठा रहा है, लेकिन नकारात्मक सोच वालों की तो कोई सीमा ही नहीं है।

शाहबाज सैय्यद ने कहा कि इंसान के लिए तकनीक का इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता रहा है। दुनिया में वो समाज पीछे रह गया जो तकनीक का इस्तेमाल नहीं कर सका। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल करके हम अपने समाज और देश की तरक्की में योगदान दे सकते हैं। तकनीक का इस्तेमाल कैसे करना है। इससे कितने तरह के फायदे पाए जा सकते हैं, इन तमाम पहलओं पर विस्तार से एमए हकीम सिद्दीकी ने बात की। उन्होंने मानवता की सेवा और समाज के उत्थान में सहयोग देने के साथ अपनी स्किल्स बढ़ाने के लिए एआई के बारे में जानने और इसके बेहतर प्रयोग पर बल दिया। इंसानी फितरत पर बात करते हुए कहा कि हर शख्स तरक्की चाहता है। दिमागी घोड़े सभी दौड़ाते हैं, लेकिन कामयाबी उसे ही मिलती है, जो सोच के साथ मेहनत और मशक्कत भी करता है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए कई तरह के काम बेहद कम समय में बड़ी ही कुशलता के साथ पूरे हो रहे हैं। कॉरपोरेट सेक्टर के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक मुफ्त और बेहतर सेक्रेटरी साबित हो रहा है। चैट जीपीटी व इस तरह के अन्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म कैसे काम करते हैं इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डाटा प्रोसेसिंग एवं एनालिसिस के जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस काम करता है। इस पर कई दशक से काम चल रहा था और आज भी काम चल ही रहा है। शिक्षा एवं चिकित्सा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बहुत ही कारगर साबित हुआ है। यह टेक्स्ट, वीडियो, इमेज और ऑडियो यानी हर तरह के डाटा का बखूबी इस्तेमाल करता है। उन्होंने बताया कि डाटा सुरक्षा को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं, लेकिन हकीकत ये है कि वैश्विक कंपनियों का डाटा सेक्यूरिटी सिस्टम बहुत ही विश्वसनीय है।

एआई बडी टीम के अदनान ने कहा कि अगर देश के युवा एआई पावर यूजर बन जाएं यानी एआई का बेहतर इस्तेमाल करने लगें तो देश की तरक्की में काफी योगदान दे सकते हैं। बतादें कि हैदराबाद की एआई बडी की टीम देशभर में मुफ्त एआई जागरूकता शिविर लगाकर लोगों को इस नई टेक्नॉलॉजी के बारे में जानकारी देने का काम कर रही है। टीम के विशेषज्ञों ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए कई तरह के रचनात्मक काम किए जा रहे हैं। इसका सदुपयोग करते हुए हम सभी को देश और समाज की तरक्की में योगदान देना चाहिए। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जागरूकता कार्यक्रम के तहत तीन दिवसीय वर्कशॉप के पहले दिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की विशेषता और क्षमता के अलावा इसके विकास के विभिन्न पहलुओं का भी जिक्र किया गया। पहले दिन के सत्र के बाद जामिया इस्लामिया इशातुल उलूम के प्रोवोस्ट प्रोफेसर अकील अली सैय्यद ने सभी मेहमानों को धन्यवाद कहा, साथ ही उन्होंने इस सत्र में शिरकत करने वाले तमाम छात्र-छात्राओं से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का रचनात्मक कार्यों में उपयोग करते हुए खुद की तरक्की के साथ देश और समाज की तरक्की में योगदान देने की अपील की। इस सत्र में जामिया के दीनियात सेक्शन के अलावा इंजीनियरिंग कॉलेज, आईटीआई, फॉर्मेसी कॉलेज, जामिया कॉलेज ऑफ लॉ, जामिया कॉलेज ऑफ एजूकेशन और अहमद गरीब यूनानी मेडिकल कॉलेज एवं अस्सलाम हास्पिटल समेत मौलाना अबुल कलाम आज़ाद रेजिडेंशियल उर्दू हाई स्कूल एवं जूनियर कॉलेज के भी तमाम स्टूडेंट्स के साथ ही शिक्षक एवं अन्य स्टाफ मौजूद रहे।

सोमवार, 2 दिसंबर 2024

फाईन आर्ट्स डिपार्टमेंट में हुई संगीत, नृत्य एवं चित्रकला प्रतियोगिता

विद्यापीठ के ललित कला विभाग में जुटे प्रशिक्षु कलाकार, दिखाई अपने कला की दीवानगी 


Varanasi (dil India live)। संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सरकार एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संयुक्त तत्वावधान में तानसेन संगीत समारोह के 100 वें वर्ष के अवसर पर सोमवार को संगीत नृत्य एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। काशी विद्यापीठ के ललित कला विभाग एवं संगीत विभाग में आयोजित प्रतियोगिता में 100 प्रशिक्षु कलाकारों ने भाग लिया। 

प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं तानसेन के जीवन पर आधारित आकृतियां में रंग ब्रश एवं रेखाओं से आकार देने का प्रयास किया है। साथ ही संगीत के क्षेत्र में तानसेन के योगदान को दर्शाने का प्रयास किया है। इस मौके पर नृत्य प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है, जिसमें छात्रों ने कथक, भारत नाट्यम, समूह एवं युगल नृत्य माध्यम से अपने प्रतिभा का परिचय दिया।


इस प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में अंशुमान महाराज, रुद्र शंकर मिश्रा रहे। कार्यक्रम का संचालन ललिता शर्मा ने किया। संगीत विभाग में एकल गायन एवं वादन प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें सितार प्रतियोगिता में चार एवं  गायन प्रतियोगिता में 18 प्रतिभागियों ने भाग लिया। निर्णायक मण्डल में प्रो. संजय वर्मा, डॉ. अपर्णा शुक्ला रहे। कार्यक्रम का संचालन विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता घोष ने किया। इस अवसर पर डॉ. सुनील कुमार विश्वकर्मा, डॉ. शत्रुघ्न प्रसाद, डॉ. रामराज, डॉ. मदन प्रसाद गुप्ता, एस. एंजेला, प्रवीण प्रकाश हिमांशु, अर्जुन यादव आदि उपस्थित रहे। 


प्रतियोगिताओं में ललित कला विभाग, गंगापुर परिसर, शक्ति नगर परिसर, इंस्टिट्यूट ऑफ फाइन आर्ट गंगापुर, दुर्गा चरन गर्ल्स इंटर कॉलेज सोनारपुरा, बंगाली टोला इंटर कॉलेज पांडेय हवेली, डॉ. शशिकांत महाविद्यालय बरियासनपुर, सेंट्रल हिंदु गर्ल्स स्कूल कमच्छा, महादेव पी.जी. कॉलेज बरीयासनपुर एवं जीवनदीप पब्लिक स्कूल, सनबीम वरुणा, बसंत कन्या इंटर स्कूल कमच्छा, नव साधना कला केंद्र वाराणसी के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

Athar Jamal lari: संभल हिंसा की जांच उत्तर प्रदेश सरकार नहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित आयोग से कराया जाए

इस जांच कमेटी से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं 


Varanasi (dil India live)। संभल हिंसा की जांच उत्तर प्रदेश सरकार करा रही है। जांच जिस कमेटी से कराया जा रहा है उस पर हम सबको विश्वास नहीं है। जांच सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान जज द्वारा गठित आयोग द्वारा ही होना चाहिए और उसमें सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान जज को भी शामिल किया जाना चाहिए तभी ईमानदारी की जांच हो सकती है। नहीं तो यह जांच भी सरकार के पक्ष में ही जाएगी, इसलिए हम इस जांच कमेटी से सहमत नहीं है। निष्पक्ष जांच के लिए यह जरूरी है की सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित  आयोग द्वारा ही जांच हो तभी निष्पक्ष जांच हो पाएगी। वरना इस जांच का भी वही हश्र होगा जो इसके पहले तमाम न्यायिक जांच का हुआ है। 

 अतहर जमाल लारी

(पूर्व सांसद प्रत्याशी, वाराणसी लोकसभा)