मंगलवार, 6 जून 2023

Ex Indian cricket player वेंकटेश प्रसाद ने लिया गंगा आरती का लुत्फ



Varanasi (dil india live).  भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी वेंकटेश प्रसाद दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की दैनिक आरती में सह पत्नी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने मां गंगा का वैदिक रीति से पूजन किया व आरती देख मंत्रमुग्ध हुए। आरती के दौरान कभी सेल्फी तो कभी वीडियो बनाते वेंकटेश नजर आए। भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी वेंकटेश प्रसाद अपनी तेज़ व धारदार गेंदबाजी के लिए जाने जाते है। वेंकटेश प्रसाद साथ ही गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा, कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी, सचिव हनुमान यादव ने अंगवस्त्रम मोमेंटो व प्रसाद से स्वागत किया। मां गंगा की आरती में जैसे हीं  श्रद्धालुओं को पता चला की हमारे बीच भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी मौजूद है तो तस्वीरें खिंचवाने की होड़ सी लग गई। 

वेंकटेश प्रसाद की बात करें तो वह अपनी खतरनाक गेंदबाजी से भारतीय फैंस के दिलों में हैं। वेंकटेश प्रसाद के करियर की बात करें तो उन्होंने 33 टेस्ट मैच में 96 विकेट झटके थे। वहीं, 161 वनडे में 196 विकेट हासिल किए थे। इंग्लैंड के खिलाफ 1996 में वेंकटेश ने बर्मिंघम में पहला टेस्ट खेला था।

सोमवार, 5 जून 2023

Patrakar Sangh में पत्रकारों के लिए आयुर्वेद चिकित्सा शिविर कल


Varanasi (dil india live)। काशी पत्रकार संघ द्वारा संचालित वाराणसी प्रेस क्लब की ओर से मंगलवार को पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न एक बजे तक पराड़कर स्मृति भवन में आयुर्वेद चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया है। जिसमें पत्रकारों के साथ ही उनके परिजनों को चिकित्सा सेवाएं दी जाएंगी। स्वास्थ्य शिविर में जनरल फिजीशियंस व बाल रोग विशेषज्ञ सहित अन्य चिकित्सक अपनी सेवाएं देंगं। शिविर में गठिया रोग, ह्रदय रोग, मधुमेह रोग, बाल रोग तथा मौसमी बीमारियों से पीड़ितों को परामर्श के साथ दवाइयां वितरित की जाएंगी। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी डॉ॰ भावना द्विवेदी होंगी। शिविर में भाग लेने वाले हर सदस्यों को आयुष कीट का भी वितरण किया जाएगा।

रविवार, 4 जून 2023

Ex MP bsp इलियास आज़मी का निधन


delhi (dil india live)। बहुजन समाज पार्टी से शाहाबाद लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद रहे इलियास आज़मी का दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल में निधन (इन्तेक़ाल) हो गया। यह जानकारी उनके बड़े  बेटे पूर्व सांसद प्रत्याशी अरशद सिद्दीकी ने दी। उनके निधन कि खबर से परिवार समेत तमाम सियासी हलकों में अफसोस कि लहर दौड़ गई। अस्पताल से लेकर घर तक लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। उन्हें संभवत कल सुपुर्द ख़ाक किया जाएगा।

Kabir jyanti पर शुरू हुआ ‘ताना-बाना कार्यक्रम

किसान हमारा पेट भरता है बुनकर हमारा तन ढंकता है



Varanasi (dil india live). कबीर जयंती पर शहर भर में अनेक आयोजन किए जा रहे हैं इसी क्रम में कबीर का ताना-बाना कार्यक्रम भी हो रहा है जो 11 जून तक चलेगा। कबीर जन्मोत्सव समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के संदर्भ में फादर आनन्द, फजलुर्रहमान अंसारी, मनीष शर्मा और श्रेया ने बताया कि यह महत्वपूर्ण आयोजन कबीर की परंपरा को याद करते हुए मुख्यतः बुनकर समाज की समस्याओं पर केंद्रित है। आयोजन के पहले दिन नाटी इमली स्थित बुनकर बस्ती में मुख्य वक्ता के रूप में ‘बुनकर साझा मंच' के फजलुर्रहमान अंसारी, ‘बुनकर उद्योग मण्डल' के जुबैर आदिल, ‘मां गंगा निषादराज सेवा समिति' के हरिश्चंद्र बिंद और मेहनतकश पत्रिका की श्रेया रहीं। कार्यक्रम में सरदार हाफिज भोलू, बुल्लू राजा, प्रेमलता इत्यादि शामिल रहीं। फजलुर्रहमान ने कहा कि कबीर केवल संत महात्मा ही नहीं थे, बल्कि मूलतः वे बुनकर थे। आज कबीर के नाम पर दुनिया भर में भारत की और बनारस की पहचान है, लेकिन उनकी परम्परा का वाहक बुनकर समाज आज भयावह स्थितियों में जी रहा है। उसमें पलायन बढ़ रहा है, लेकिन उन्हें बांटने के लिए हिन्दू बुनकरों का एक समुदाय खड़ा कर उन्हें बाँटने और साम्प्रदायिकता की राजनीति  की जा रही है। ज़ुबैर आदिल ने कहा कि कबीर ने सदैव सद्भाव और भाईचारे की बात की। ‘ऐसी वाणी बोलिये मन का आपा खोया।  औरन को शीतल करे , आपहु शीतल होए।। ’ का उदाहरण देकर उन्होंने कहा कि हमें अपने काम से जुड़कर अपने ईमान पर रहना चाहिए और सबके साथ समान व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार बुनकरी में किसको कुशल बनाने की बात करती है? हम बुनकर के बच्चे तो पुश्तैनी एक हुनर के साथ विकसित हुए हैं। हरिश्चंद्र बिंद ने कहा कि हम मल्लाहों को नदी के जीवों की पहचान करना और नदी की गहराई नापना कोई वैज्ञानिक नहीं सिखा सकता। हम अनुभव के ज्ञान से सच्चा ज्ञान जानते हैं। ठीक उसी तरह बुनकर को धागा और कपड़े के बारे में कोई किताब नहीं सिखा सकती। सरकारें हमें तोड़कर कौन-सा स्किल सिखाएंगी। श्रेया ने कहा सरकारें बुनकरी उद्योग को छोटा और बीमार उद्योग प्रचारित कर बड़े कॉरपोरेट घरानों को खड़ा करना चाहती है और बुनकरों को कमज़ोर करना चाहती है। सरकार बुनकरों को क्या सब्सिडी देगी। बुनकरों को जानबूझकर कमज़ोर करके उन्हें सब्सिडी का मोहताज कर सरकार कॉरपोरेट को कई एकड़ ज़मीन यूँ ही दे देती है। यह समझना होगा कि असल सब्सिडी तो कॉरपोरेट को मिल रही है। देखा जाय तो बुनकरी उद्योग सर्वाधिक स्वनिर्भर उद्योग है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं मान्या चित्रा सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि हमारी बुनियादी ज़रूरत दरअसल कौन पैदा करता है? किसान अन्न उपजाकर हमारा पेट भरता है और बुनकर कपड़ा बुनकर हमारा तन ढंकता है। बुनकरों के पास बुनकरी की शिक्षा पुस्तैनी है। वे पहले से ही शिक्षित हैं और उन्हें ज्ञानी माना जाना चाहिए। लेकिन समाज में उन्हें उपेक्षा की दृष्टिकोण से देखा जाता है। आज बुनकरी को बर्बाद कर दिया गया है। हमें तय करना है कि हम किसके साथ खड़े हों। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्याश्रम की चित्रा ने और संचालन कम्युनिस्ट फ्रंट के मनीष शर्मा ने किया।

 लाइलाज नहीं रहा शिशुओं के जन्मजात टेढ़े पंजे

 • विश्व क्लबफुट दिवस पर हुआ जागरुकता कार्यक्रम

 



Varanasi (dil india live) । शिशुओं के जन्मजात टेढ़े पंजे (क्लबफुट) की विकृति अब लाइलाज नहीं रही। समय से उपचार होने पर यह पूरी तरह ठीक हो जाती है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत इसके उपचार की सुविधा उपलब्ध है। विश्व क्लबफुट दिवस पर शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में व अनुष्का फाउण्डेशन के सहयोग से पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. आरके सिंह ने उक्त विचार व्यक्त किया। 

डा. आरके सिंह ने कहा कि क्लबफुट इलाज के लिए पोंसेटी पद्धति के विकासकर्ता डॉ इग्नासियो पोंसेटी के जन्मदिन 3 जून को हर वर्ष ‘विश्व क्लब फुट दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि टेढ़े पंजे की समस्या एक जन्मजात विसंगति है। ऐसे बच्चों के पंजे जन्म के बाद अंदर की ओर मुड़े होते हैं। किसी बच्चे का दोनों पैर तो किसी बच्चे का एक पैर भी अंदर की ओर मुड़ा हुआ हो सकता है। अगर समय से उपचार हो तो ऐसे बच्चे पूरी तरह ठीक हो सकते हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ. एके मौर्या ने कहा कि आरबीएसके के तहत ऐसे बच्चों के उपचार की सुविधा उपलब्ध है। ऐसे नवजात बच्चों का उपचार जितनी जल्द शुरू हो उतना ही प्रभावी परिणाम आते है। इस इलाज में बच्चों के पंजों में 4-6 सप्ताह तक प्लास्टर लगाया जाता है। इसके पश्चात पंजे के पिछले हिस्से में एक मामूली चीरा लगाकर पुनः प्लास्टर लगा दिया जाता है। इस प्लास्टर को भी 21 दिन बाद काट दिया जाता है और बच्चे के पैरों में ब्रेस (विशेष रूप से तैयार किये गये जूते) पहनाये जाते है। तीन से -पांच वर्ष में ऐसे बच्चे पूरी तरह सामान्य हो जाते हैं। इस अवसर पर अनुष्का फाउण्डेशन के शाखा प्रबंधक भूपेश सिंह ने बताया कि अनुष्का फाउण्डेशन के सहयोग से बीते चार वर्षो में क्लबफुट पीड़ित 276 बच्चों का उपचार किया जा चुका है। दो सौ बच्चे अब सामान्य रूप से चलने लगे हैं। शेष का उपचार जारी है। फाउण्डेशन की प्रोग्राम एक्जक्यूटिव नेहल कपूर ने बताया कि पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय के कक्ष संख्या 108 में प्रत्येक शनिवार, शिवप्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय के कक्ष संख्या 11 में प्रत्येक बुधवार व बीएचयू के सरसुन्दर लाल चिकित्सालय के कक्ष संख्या 11 में प्रत्येक गुरूवार को क्लबफुट पीड़ित बच्चों के उपचार के लिए कैम्प लगता है। पीड़ित बच्चों के अभिभावक इसका लाभ उठा सकते हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में क्लबफुट इलाज की पोंसेटी पद्धति के विकासकर्ता डॉ इग्नासियो पोंसेटी का जन्मदिन केक काटकर मनाया गया। इस अवसर पर बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। समारोह में डॉ. सुशील अग्रवाल, डॉ.केके बरनवाल, डॉ. ब्रजेश सिंह के अलावा आरबीएसके की टीम व अन्य स्वास्थ्यकर्मी शामिल थे।

चुनकुनी-चौबेपुर, से अपने चार वर्ष की बेटी श्रद्धा के साथ कार्यक्रम में शामिल सुजाता विश्वकर्मा ने बताया कि उसकी बेटी के एक पैर का पंजा  अंदर की ओर जन्मजात मुड़ा हुआ था। प्लास्टर लगाकर उपचार यहां किया गया। अब श्रद्धा सामान्य रूप से चलने लगी है।

गर्म खीर से स्नान कर शंभूभगत ने किया कराहा पूजन


Varanasi (dil india live). वाराणसी 3 जून हरहुआ के काजी सराय गांव में कराहा पूजन का आयोजन शनिवार को किया गया। कराहा पूजन में शंभू भगत ने गरम खीर से स्नान किया। इस मौके पर पंडित अशोक दुबे द्वारा हवन पूजन संपन्न कराया। पूजा के संयोजक पराऊ पाल ने बताया कि कराहा पूजा पशुओं की बीमारी, किसानों की अच्छी फसल के लिए किया गया। इस मौके पर संतोष पहलवान , वीरेंद्र धर्मेंद्र , प्यारेलाल , नीरज पहलवान , शमशेर इत्यादि लोग मौजूद थे

शनिवार, 3 जून 2023

Lic Orissa Train Accident पीड़ितों को देगी राहत

ओडिशा ट्रेन हादसा पीड़ितों को जल्दी मिलेगी बीमे की रकम


Orissa (dil india live ). देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी Lic का कहना है कि दावों का तेजी से निपटारा किया जाएगा ताकि पीड़ित परिवारों को जल्दी से जल्दी वित्तीय राहत मिल सके। वे रजिस्टर्ड डेथ सर्टिफिकेट के बजाय रेलवे, पुलिस या किसी भी स्टेट या केंद्रीय एजेंसी द्वारा पब्लिश मृतकों की लिस्ट दिखाकर बीमे की राशि का दावा कर सकते हैं। इसे ही प्रूफ ऑफ डेथ माना जाएगा। साथ ही बीमे की रकम के दावों से जुड़े सवालों के लिए डिविजनल और ब्रांच लेवल पर स्पेशल हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है। ये डेस्क दावेदारों को मदद भी मुहैया करेंगी।

एलआईसी के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने आज एक बयान में ये घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि मुसीबत में एलआईसी पॉलिसीज और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना के दावेदारों के लिए ये राहत दी गई है। इस बात के भी प्रयास किए जा रहे हैं कि प्रभावित परिवारों के दावों को जल्दी से जल्दी सेटल किया जा सके। दावेदार समीप के ब्रांच, डिविजन या कस्टमर जोन्स में संपर्क कर सकते हैं। साथ ही वे मदद के लिए कंपनी के कॉल सेंटर में भी संपर्क कर सकते हैं जिसका नंबर 02268276827 है।

कहना ग़लत नहीं है कि मुसीबत की इस घड़ी में एलआईसी कि यह पहल काबिले तारीफ है।

आधी रात को गूंजा Happy Christmas, merry Christmas..., कटी केक, गूंजा कैरोल गीत

ओहो प्यारी रात, ओहो न्यारी रात, खुशी की रात आयी... काशी से रोम तक मसीही समुदाय ने की प्रभु यीशु के जन्म की अगवानी   मंगलवार की आधी रात को फि...