गुरुवार, 3 अक्तूबर 2024

Shaheed Hasan Nasrullah की याद में वाराणसी में कई जगहों पर हुई मजलिस

जुल्म फिर जुल्म है जब हद से बढ़ता है तो मिट जाता है...फरमान हैदर


Varanasi (dil India live). रबीउल अव्वल के आखिरी जुमेरात को शहर भर में शिया समुदाय ने शहीद हसन नसरुल्ला की याद में मजलिसों का जहां आयोजन किया वहीं दुआखानी का भी एहतमाम किया गया।दरगाहे फातमान में मजलिस को खिताब करते हुए शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने कहा की जुल्म फिर जुल्म है जब हद से बढ़ता है तो मिट जाता है। सच्चा इंसान वो है जो जुल्म के खिलाफ आवाज उठाएं और मजलूमों की हिमायत करे। मजलिस में जिन शायरों ने कलाम पेश किए तफसीर जौनपुरी, हैदर मोलाई, साहब बनारसी, अंसार बनारसी आदि ने अपने कलाम से लोगों को फैजयाब किया। 
इस अवसर पर दूसरी मजलिस को मौलाना जमीरूल हसन रिजवी ने खिताब किया इसी तरह सदर इमामबाड़ा लाट सरैया, चौहट्टन लाल खां पठानी टोला, बाजरडीहा, रामनगर आदि शिया बहुल इलाकों में भी मजलिस और दुआ खानी करके शहीद हसन नसरुल्ला को याद किया गया।

जामा मस्जिद में एहतेजाजी जलसा कल

मरकज़ी शिया जामा मस्जिद, दारानगर में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद अपराह्न 1 बजे एक एहतेजाजी जलसे का आयोजन किया गया है जिसमें इस्राएल द्वारा लेबनान पर हमला करके सैय्यद हसन नसरुल्लाह को शहीद करने के खिलाफ उलेमा तक़रीर पेश करेंगे एवं अपना विरोध दर्ज कराएंगे। यह जानकारी मुनाजिर हुसैन मंजू ने दी है।

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