दिया डासना मंदिर के महंत के खिलाफ ज्ञापन, कहा देश की शांति-धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का हुआ उल्लंघन
Varanasi (dil India live).। डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगंबर हज़रत मोहम्मद (स.) की शान में की गुस्ताख़ी से मुस्लिम समाज ही नहीं सभी इंसाफ पसंद लोगों में आक्रोश है। बयान के कारण धर्मनिरपेक्ष देश में अशांति फैलने का आरोप लगाते हुए बनारस के मुस्लिम धर्मगुरुओं व समुदाय के सदर काजी व मुफ्ती-ए-बनारस अहले सुन्नत बुधवार को जिला मुख्यालय पहुंचे। इस दौरान सदर काजी-ए-शहर मौलाना हसीन अहमद हबीबी, मुफ्ती-ए-बनारस अहले सुन्नत मौलाना मोईनुद्दीन अहमद फारुकी प्यारे मियां ने जिलाधिकारी के नाम संबोधित ज्ञापन उनकी अनुपस्थिति में एडीएम सिटी को सौंपा और कार्रवाई की मांग की।
इस ज्ञापन में यति नरसिंहानंद द्वारा दिए गए बयान को कानूनी परिधि में दंडनीय अपराध बताते हुए, भारतीय दंड संहिता की धाराओं और आईटी एक्ट के तहत उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की गई। धर्मगुरुओं का कहना है कि यति नरसिंहानंद के बयान ने धार्मिक भावनाओं को अनावश्यक रूप से आहत किया है और यह देश की शांति और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। उनके अनुसार, "दशहरे पर रावण के बजाय पैगंबर का दहन करना चाहिए" जैसी आपत्तिजनक भाषा देश के सामुदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकती है।
इसलिए, इस मामले में यति नरसिंहानंद और उनके समर्थकों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करते हुए उन्हें दंडित करना अत्यंत आवश्यक है। धर्मगुरुओं ने पुलिस और प्रशासन से इस स्थिति को गंभीरता से लेकर जल्द से जल्द कदम उठाने की मांग की। इस दौरान दर्जनों उलेमा, अधिवक्ता व संभ्रांत नागरिक मौजूद थे।
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